पूरे विश्व में बाल्यावस्था को मानव विकास की एक प्राकृतिक अवस्था माना जाता है। वास्तव में हम बाल्यावस्था को जैविक विशेषताओं के आधार पर समझते हैं। छोटे बच्चे अपने जीवन के लिए पूरी तरह बड़ों पर निर्भर रहते हैं। शिशु न तो अपने आप आहार ले सकता है और न ही अपनी देखभाल कर सकता है। यदि नन्हें शिशु को बड़ों की देखभाल के बिना छोड़ दिया जाए तो उसकी मुत्यु स्वाभाविक है। जबकि पशुओं के बच्चे अधिक स्वयं समर्थ होते हैं। शैशवास्था के तुरंत बाद बाल्यावस्था आरम्भ हो जाती है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार बाल्यावस्था बालक का निर्माणकारी काल है। इस अवस्था में बालक व्यक्तिगत सामाजिक और शिक्षा सम्बन्धी बहुत सी आदतों, व्यवहारों, रूचियों तथा इच्छाओं के प्रतिरूप का निर्माण कर लेता है। इस काल में बालकों में आदतों, इच्छाओं, रूचियों के जो भी प्रतिरूप बनते हैं वे लगभग स्थायी रूप धारण कर लेते हैं और उन्हें सरलतापूर्वक रूपान्तिरित नहीं किया जा सकता। सामान्यत: बाल्यावस्था मानव जीवन के लगभग 6 से 12 वर्ष की आयु का वह काल है जिसमें बालक के जीवन में स्थायित्व आने लगता है और वह आगे आने वाले जीवन की तैयारी करता है। बाल्यावस्था की यह आयु शिक्षा आरम्भ करने के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। बाल्यावस्था में जिज्ञासा की प्रवृत्ति बहुत तीव्र हो जाती है। वह अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए माता-पिता व घर के अन्य सदस्यों से प्रश्न पूछता है। यही से बालक जिन विभिन्न विश्वार्मो, विचारों, नियमों, प्रथाओं, परम्पराओं और शिष्टाचार के तरीकों में जीवन व्यतीत करता है, इन सभी से संस्कृति का निर्माण होता है। संस्कृति- साधारण भाषा में संस्कृति का अर्थ सुंदर परिष्कृत रूचिकर कल्याणकारी गुणों से है । इसमें मनुष्य द्धारा सामाजिक सदस्य हाकर उसकी योग्यताऐं व आदतें भी शामिल होती हैैं । बीरस्टीड (Bierstedt) ने कहा है कि आज संस्कृति का क्षेत्र इतना व्यापक है कि इसमें विभिन्न प्रकार के विश्वासों, जनरीतियों, लोकाचारों, पौराणिक गाथाओं, साहित्य, वैज्ञानिक ज्ञान, कानूनों, प्रथाओं संस्कारों, कर्मकाण्डों, शिष्टाचार के तरीकों और सदाचार के नियमों का सम्मिलित रूप दिखार्इ देता है। स्पष्ट है कि संस्कृति की यह विशेषताएं व्यक्ति के निर्माण में योगदान करती है। बाल्यावस्था की विशेषताएंबाल्यावस्था की विशेषताएं क्या है, बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है
Tags: characteristics of childhood in hindi, physical development in childhood in hindi, childhood in hindi, balyavastha ki mukhya visheshtaen, balyavastha ki visheshta, balyavastha ki visheshtaen. बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषताएं क्या है?बाल्यावस्था की एक मुख्य विशेषता बालक में प्रबल जिज्ञासा की प्रकृति का होना है। वह जिन वस्तुओं के संपर्क में आता है, उनके बारे में प्रश्न पूछकर हर प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहता है। वह अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए माता-पिता व घर के अन्य सदस्यों से प्रश्न पूछता है।
बाल विकास की विशेषताएं कौन कौन सी है?1. बाल्यावस्था में शारीरिक व मानसिक विकास में स्थिरता आ जाती है। 2. इस समय बच्चे की मानसिक योग्यताओं में वृद्धि होती है।. वह छोटी-छोटी घटनाओं का वर्णन करने लगता है।. बच्चों में विभिन प्रकार की वस्तुएँ संचित करने की क्षमता विकसित होती है।. बच्चे पढ़ने लिखने व सीखने में रुचि लेते हैं।. बाल्यावस्था की विकासात्मक विशेषताएं क्या है?बाल्यावस्था में बालक में अनेक सामाजिक गुणों का विकास होता है, जैसे- सहयोग, सदभावना, सहनशीलता, आज्ञाकारिता आदि। बाल्यावस्था के आरम्भ में ही बालक में नैतिक गुणों का विकास होने लगता है। बालक में न्यायपूर्ण व्यवहार, ईमानदारी और सामाजिक मूल्यों की समझ का विकास होने लगता है।
पूर्व बाल्यावस्था की विशेषता क्या है?सामान्यतया 2 से 5 वर्ष तक की अवस्था पूर्व बाल्यावस्था की होती है और यह सर्वविदित है कि बालकों के शारीरिक , मानसिक , संवेगात्मक और बौद्धिक विकास की दृष्टि से यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है इसलिए उनके सर्वोत्तम विकास और उनकी संपूर्ण संवृद्धि मुख्य रूप से पोषण की गुणवत्ता , महत्ता और समुचित मात्रा में उपलब्धता पर निर्भर ...
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