कंप्यूटर वायरस क्या है इससे बचने के तरीके लिखिए - kampyootar vaayaras kya hai isase bachane ke tareeke likhie

क्या आप जानने को इच्छुक हैं की कम्प्यूटर वायरस क्या है (Computer Virus in Hindi)? Computer का इस्तेमाल करना तो सभी लोगों को आता है और जो लोग computer का इस्तेमाल करते हैं उन्होंने virus का नाम जरुर सुना होगा.

वायरस (Virus in Hindi), ये नाम Internet की दुनिया में बहुत ही परिचित नाम है. इसके साथ ये बहुत ही डरावना नाम भी है क्यूंकि ये आपके Computer और दुसरे electronic gadgets के लिए बहुत ही हानिकारक है. यानि की यदि ये एक बार system के भीतर घुस जाये तब ये उसे ख़राब भी कर सकता है और साथ में आपके data को नष्ट भी कर सकता है.

ठीक जैसे हमारे स्वास्थ्य के लिए Virus ठीक नहीं है और ये हमारे शरीर में कई बीमारी फैलाते है ठीक उसी तरह से ये Virus भी Computer System में कई नुकशान पहुंचाते हैं. इसलिए इनके विषय में जानकारी रखने में सभी computer users की भलाई है.

Computer Virus इन हिंदी के बारे में बहुत लोगों को कुछ न कुछ पता भी होगा की वो क्या है और क्या करता है. लेकिन ऐसे भी बहुत से लोग हैं जिन्होंने virus का नाम तो सुना होगा लेकिन virus आपके computer में क्या कर सकते हैं ये उन्हें पता नहीं होगा.

इसलिए आज मैं इस लेख में आपको वायरस क्या होता है और वायरस को ख़त्म करने का तरीका के बारे में बताने वाली हूँ. उम्मीद है की ये लेख पढ़कर आपको बहुत कुछ जानने को मिलेगा.

कंप्यूटर वायरस क्या है – What is Computer Virus in Hindi

What is Computer Virus in Hindi

Computer Virus एक छोटा software प्रोग्राम है जिसे आपके computer के operation को और computer के data को delete करने या फिर हानी पहुचने के लिये बनाया गया है.

Computer virus हमारे जानकारी के बिना ही System को इस तरह ख़राब कर सकते हैं जिसे ठीक कर पाना हमारे बस की बात नहीं होती. computer बहुत सारे software programs से ही चलता है बिना किसी program के computer काम नहीं कर सकता है.

Software programs computer को सही तरह से काम करने के लिए बनाये जाते हैं और कुछ program computer के काम को बिगाड़ने के लिए भी बनाये जाते हैं.

Computer का अविष्कार इंसान ने किया, computer को चलने के लिए उसके program को इंसान ने ही बनाया और जैसा की मैंने कहा की virus भी एक छोटा program है उसे भी इंसान ही बनाया है. Computer virus natural नहीं है ये अपने आप से नहीं बनते, इसे भी programmers ही जान बुझ कर बनाते हैं ताकि वो दुसरे computers को ख़राब कर सकें.

या हम ये भी भी कह सकते हैं Virus असल में computer programs ही होते हैं जी की productive न होकर destructive होता है. इसका मूल उद्देश्य सहायता पहुँचाने के जगह पर क्ष्यती पहुँचाना होता है.

कंप्यूटर वायरस का इतिहास

Robert Thomas, वो सबसे पहले engineer थे जिन्होंने BBN Technologies में काम करते वक़्त सबसे पहले computer virus को develop किया सन 1971 में.

इस पहले virus का नाम रखा गया “Creeper” virus, और ये एक experimental program था जिसे की Thomas जी खुद किया था ARPANET के mainframes को infect करने के लिए. ये Virus system को infect करने के बाद ये निम्नलिखित message screen पर display करता था, “I’m the creeper: Catch me if you can.”

जिस original wild computer virus को सबसे पहले track किया गया था पुरे computer virus के history में वो था “Elk Cloner.” ये Elk Cloner ने पहले Apple II operating systems को infect किया था वो भी floppy disks के माध्यम से. इस virus को develop किया था Richard Skrenta ने सन 1982 में, जो की उस समय एक teenager था.

माना की computer viruses को prank के हिसाब से design किया गया था, लेकिन इससे ये मालूम पड़ता है की एक malicious program को अगर computer के memory में install कर दिया जायेगा तब ये ऐसे बहुत से काम कर सकता है जो की user को system चलाने से आगे रोक भी सकता है और उनका इन malicious program के ऊपर थोडा भी control नहीं रहेगा. .

इन Malicious Programs को “Computer Virus” का नाम देने वाला सबसे पहला व्यक्ति था Fred Cohen, जिन्होंने सन 1983 में ये नाम रखा था. ये नाम तब सामने आया जब उन्होंने अपने एक academic paper में इन programs का नाम titled किया था “Computer Viruses – Theory and Experiments” जहाँ की उन्होंने इन malicious programs के विषय में पूरी जानकारी लिखी थी जैसे की ये कैसे काम करता है, ये क्या कर सकता है इत्यादि.

कंप्यूटर वायरस क्या कर सकते हैं?

Computer virus, computer में मौजूद data को corrupt या फिर delete कर सकते हैं. आपके hard disk में store किये हुए data को पूरी तरह से ख़तम कर सकते हैं. computer virus e-mail attachments के जरिये दुसरे computers में भी जा कर उनके computers को ख़राब कर देते हैं.

Virus आपके computer की speed को बहुत धीमा कर देता है. ये आपके files और program को नष्ट कर देता है.

Malware क्या है – What is Malware in Hindi

Malware का पूरा नाम है malicious software. ये भी एक software प्रोग्राम है जो computers को हानी पहुचता है. Malicious software का मतलब है ख़राब software जो की बिलकुल भी ठीक नहीं है और एक बार ये आपके system में आ गया तो ये आपके system को पूरी तरह से ख़राब कर सकता है.

Malware भी एक virus का नाम है जो आपके system के data को धीरे धीरे ख़तम करने लगता है.

  • Computer और Mobile में Wifi का Password कैसे पता करे
  • Antivirus क्या है और इसके प्रकार
  • हिंदी में टाइप कैसे करे

Malware हमारे computer में आते कहाँ से हैं? malware हमारे system में बहुत सी जगहों से आ सकता हैं और आज के दिन में जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है जो common source है वो है internet.

Internet पर हम रोज कुछ ना कुछ जानकारी हासिल करते हैं. अगर हम वोही जानकारी हासिल करने किसी भी malicious site पर चले गए या कहीं से pirated software, games और movies download कर लिया तो वहां से ही malware online हमारे computer में आ जाते हैं.

ये तो थी online malware हमारे computer में कैसे आ जाते हैं उसके बारे में, अब हम जानेगे की offline malware हमारे computer में कैसे आ जाते हैं.

हम सब अपने computers में Pendrive, CDs, DVDs का इस्तेमाल करते हैं.हम Pendrive और CDs दुसरे जगह से लाकर data लेने के लिए जब अपने computer में कनेक्ट करते हैं तब malware इन सभी चीजों से हमारे computer में आ जाते हैं और हमारे computer के data को नष्ट कर देते हैं.

Malware के प्रकार

Malware तिन प्रकार के होते हैं- Virus, Worms और Trojan horse. ये तीनो अलग हैं इनका काम भी अलग अलग हैं. ये तीनो अलग अलग तरह से आपके computer को ख़राब करते हैं. चलिए हम इन तीनो के बारे में जानते हैं की ये क्या करते हैं.

वायरस क्या होता है – What is Virus in Hindi

Virus आपके computer में मौजूद files और software को corrupt कर सकता है. मान लीजिये आपके system में एक word का document है जिसमे virus आ गया है, तो ये आपके document के data को delete कर देगा या फिर उस document को corrupt कर देगा जिससे आपको उससे कोई information नहीं मिल पायेगा.

या फिर ऐसा भी हो सकता है की ये virus आपके word processing software को ही पूरी तरह से corrupt कर सकता है. ऐसे में अगर आप किसी corrupted file को क्पोय करते हैं या share करते हैं तो ये virus दुसरे computer में जाकर उसके system को भी ख़राब कर देता है.

वायरस के प्रकार

Computer virus एक प्रकार का malware होता है जो की अगर computer के memory में घुस गया तब ये खुद को अपने आप multiply कर सकता है और programs, applications को बदल भी सकता है.

यहाँ computer infect होते हैं जब ये malicious code खुदबखुद replicate होते रहते हैं. यहाँ पर में आप लोगों को इन Computer Viruses के Types के विषय में जानकारी प्रदान करने वाला हूँ.

Boot Sector Virus

इस प्रकार के virus master boot record को infect करते हैं और इन्हें निकाल पाना बहुत ही मुस्किल कार्य होता है और अक्सर इन्हें निकालने में System को Format करना पड़ता है. ये मुख्य रूप से removable media के द्वारा फैलते हैं.

Direct Action Virus

इन्हें non-resident virus भी कहा जाता है, एक बार ये install हो जाने पर ये computer memory में hidden होकर रहता है. ये उन specific type के files के साथ attach होकर रहता है जिन्हें की ये infect करता है. ये user experience और system’s performance को infect नहीं करते हैं.

Resident Virus

Direct action viruses, के तरह ही resident viruses भी computer में install हो जाते हैं. इसके अलावा इन्हें identify करना भी उतना ही मुस्किल काम होता है.

Multipartite Virus

इस प्रकार के virus multiple ways से system को affect कर सकते हैं. ये दोनों boot sector और executable files को एक साथ infect करते हैं.

Polymorphic Virus

इस प्रकार के viruses को identify करना बहुत ही मुस्किल बात है एक traditional anti-virus program के लिए, क्यूंकि ये virus अपने signature pattern को बार बार बदलते हैं जब भी ये खुद को replicate करते हैं.

Overwrite Virus

इस प्रकार के virus सभी files को delete कर देते हैं जिन्हें ये infect करते हैं. इन virus को system से निकालने के लिए user को सभी infected files को delete करना पड़ता है जिससे data loss होता है.

इन virus को पहचानना बहुत ही मुस्किल बात है क्यूंकि ये emails के माध्यम से spread होते हैं.
Spacefiller Virus – इन्हें “Cavity Viruses” भी कहा जाता है. इन्हें यह नाम इसलिए दिया गया है क्यूंकि ये code में स्तिथ सभी spaces को भर देती है इसलिए ये files को नुकशान नहीं पहुंचाती है.

File infectors Virus

कुछ file infector viruses program files के साथ attach होकर आते हैं, जैसे की .com or .exe files. कुछ file infector viruses .sys, .ovl, .prg, and .mnu वाले files को भी infect करते हैं.

ठीक वैसे ही जब कोई particular program भी load होता है वहीँ virus भी अपने आप load हो जाता है. ये virus email के साथ users के computer में आ जाते हैं.

Macro viruses

जैसे की नाम में suggest है ये macro viruses मुख्य रूप से macro language commands को ही target करता है जैसे कुछ applications में जैसे Microsoft Word.

इन macro viruses को कुछ इसप्रकार से designed किया गया है जिससे की ये अपने malicious code को आसानी से genuine macro sequences में add कर देता है.

Overwrite Viruses

ये virus को कुछ ऐसा design किया गया है जिससे की ये खुद को overwrite कर किसी भी file या application data को destroy कर सकता है. ये एक बार attack start करने पर खुद के code को overwrite करने लगता है.

Polymorphic Viruses

इस प्रकार के virus का इस्तमाल ज्यादा cybercriminals किया करते हैं. ये एक ऐसा प्रकार का malware type जो की आसानी से अपनी underlying code को change या mutate कर सकता है और तो और बिना किसी basic functions या features को बदले.

इससे ये किस anti-malware के चपेट में भी नहीं आता है. जब भी कोई anti malware इसे detect करता है तब ये खुद को modify कर देता है जिससे इसे पकड़ पाना बहुत ही मुस्किल हो जाता है.

Resident Viruses

ये virus खुद को computer के memory में implant कर देता है. Basically, infection के लिए original virus program की कोई जरुरत ही नहीं होती है किसी files या program को infect करने के लिए. अगर कभी original virus को delete भी कर देते हैं तब भी इसका एक version memory में store हुआ होता है जो की खुद्बद्खुद activate हो जाता है.

ऐसा तब होता है जब computer OS कुछ applications या functions को load करते हैं. चूँकि ये system के RAM में hidden होता है इसलिए इसे अक्सर कोई भी antivirus या antimalware detect नहीं कर पाते हैं.

Rootkit Viruses

ये rootkit virus एक प्रकार का malware type होता है जो की secretly एक illegal rootkit को install कर देता है infected system में. इससे ये एक दरवाजा खोल देता है attackers के लिए जो की उन्हें system के ऊपर full control प्रदान करते हैं.

इससे attacker बड़ी आसानी से fundamentally किसी program या function को modify या disable कर सकते हैं. ये rootkit virus बड़े आसानी से antivirus software को bypass कर सकते हैं. इन्हें पकड़ने के लिए Rootkit scanner की जरुरत होती है.

System या Boot-record Infectors Viruses

ये Boot-record Infectors executable code को infect करते हैं जिन्हें की disk के specific system areas में पाया जाता है. जैसे की नाम से पता चलता है ये USB thumb drives और DOS boot sector में ज्यादा infect करते हैं.

ये Boot viruses को आजकल ज्यादा देखने को नहीं मिलता है क्यूंकि अभी के system ज्यादा physical storage media पर निर्भर नहीं करते हैं.

What is Worms in Hindi

Worms भी virus की तरह ही होते हैं लेकिन ये अपने आपको multiply करते हैं और अपने आपको ज्यादा से ज्यादा फ़ैलाने की कोशिश करते हैं. जिसका मतलब है की अगर आपके system में worms आ गया तो वो अलग files की बहुत सारे copies बनाना शुरू कर देते हैं जिसके वजह से system slow हो जाता है.

अगर उसी files को हम कॉपी कर दुसरे computer के साथ share करते हैं तो worms वहां भी जाकर files की बहुत सारी copies बनाकर उस computer को भी slow कर देगा.

What is Trojan Horse in Hindi

Trojan Horse एक बहुत ही dangerous malware है. ये malware आपके computer में अपनी पहचान छुपा कर आते हैं.

जैसे मान लीजिये आप internet का इस्तेमाल कर रहे हो और आप किसी site पर visit किये हो वहां आपको कोई add दिखा जैसे की “click here to win smartphone” और आप उस पर click कर दिए तो trojan horse malware आपके computer में उसके जरिये ही आ जायेगा और आपको इसकी खबर भी नहीं होगी और आपका system पूरी तरह से ख़राब कर देगा.

ये बहुत सारे software के रूप में भी internet पर मौजूद रहते हैं आपको लगेगा की वो genuine software है मगर असल में वो एक trojan रहता है जो उस software के अन्दर छुपा हुआ रहता है और एक बार ये आपके computer में आ गए तो ये आपके computer को slow करना शुरू कर देते हैं. उसके साथ ही वो एक दरवाजा खोल देते जिससे और भी तरह तरह के virus और worms आपके computer में आ जाते हैं.

System में Virus Infection के Signs हिंदी में

कैसे जानें की आपका System Virus से infected हैं भी या नहीं. इसीलिए यहाँ में निचे कुछ warning signs के विषय में बताने जा रही हूँ जो की सभी computer users के लिए जानने बहुत जरुरी है –

  • Slower system performance का होना
  • Screen में बार बार Pop-ups का आना
  • Programs का खुदबखुद चलना
  • Files का अपने आप multiplying/duplicating होना
  • नए files और programs का अपने आप computer में install हो जाना
  • Files, folders या programs का अपने आप delete और corrupt हो जाना
  • Hard drive से अजीब सा sound आना

अगर आपके system में ऐसे warnings दिखाए तब आपको जान लेना चाहिए की आपका system virus के द्वारा infect हो सकते हैं. इसलिए जल्द ही एक अच्छा सा antivirus software download कर scan कर लें.

कैसे खुद के System को Viruses और Worms से बचाएँ

यहाँ में आप लोगों को कुछ ऐसे tips देने जा रही हूँ जिससे की आपको इन virus से बचने में आसानी होगी.

क्या करना चाहिए
1. अपने System में हमेशा एक अच्छा सा Antivirus install करें और उसे समय समय पर update करते रहें.

2. कोई भी email यदि आपको उसके sender के विषय में जानकरी नहीं है तब उसे open नहीं करना चाहिए.

3. Unauthorized Websites से कुछ भी download न करें जैसे की MP3, Movies, Software इत्यादि.

4. सभी Downloaded चीज़ों को अच्छे से scan करवाएं. क्यूंकि इनमें virus होने के ज्यादा संभावनाएं होती है.

5. Removable Media जैसे की pendrive, disks को स्कैन करने के बाद ही इस्तमाल करें.

6. यदि आप किसी भी website पर visit करते हो तो आप एक चीज का ध्यान रहे की वो एक popular और registered website हो और ऐसी किसी भी link पर click ना करें जिससे बाद में आपको परेशानी का सामना करना पड़े.

क्या नहीं करना चाहिए
1. कभी भी किसी email attachment को न खोलें जिसे अगर आपको उस sender के विषय में जानकरी नहीं हो.

2. किसी भी unsolicited executable files, documents, spreadsheets, को बिना scan किये खोलने की कोशिश न करें.

3. Untrusted Websites से documents या executable software download न करें.

4. जो Ads आपको लालच देते हो की यहाँ पर click करो और lottery जीतो तो ऐसे adds पर कभी भी click मत करिए. ऐसे ही तरह की लालच हमे e-mails में भी आते हैं तो आप उस mail को भी कभी मत खोलिए क्यूंकि उसमे भी malware के होने का chances ज्यादा रहता है.

वायरस का फुल फॉर्म क्या है?

VIRUS का full form Vital Information Resources Under Seize है। हिंदी में वाइरस का फुल फॉर्म वाइटल इनफार्मेशन रिसोर्सेस अंडर सिज़ है।

वायरस को कैसे ढूंढा जाता है?

वायरस को Anti वाइरस के उपयोग से ढूंढा जाता है।

आज आपने क्या सीखा

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख कंप्यूटर वायरस क्या है – What is Computer Virus in Hindi जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को वायरस के प्रकार के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है.

इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं.

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कंप्यूटर वायरस क्या है इससे बचने के उपाय?

कंप्यूटर वायरस से बचने के उपाय.
वायरस विरोधी प्रोग्रामों (एंटी वायरस प्रोग्राम) का प्रयोग करें।.
नेटवर्क और वेब के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान करते समय पर्याप्त सावधानी बरतें।.
अनजाना ई-मेल न खोलें।.
नेटवर्क पर कार्यक्रमों की साझेदारी कम से कम करें।.

Computer वायरस क्या है?

कम्प्यूटर वायरस या कम्प्यूटर विषाणु एक कंप्यूटर प्रोग्राम (computer program) है जो अपनी अनुलिपि कर सकता है और उपयोगकर्ता की अनुमति के बिना एक कंप्यूटर को संक्रमित कर सकता है और उपयोगकर्ता को इसका पता भी नहीं चलता है।

हम कंप्यूटर वायरस को कैसे रोकते हैं?

कंप्यूटर वायरस को रोकने का तरीका – कंप्यूटर वायरस से बचने के उपाय.
एक प्रीमियम एंटीवायरस का इस्तेमाल करें..
इन्टरनेट से किसी विश्वशनीय वेबसाइट से ही थर्ड पार्टी एप्लीकेशन को डाउनलोड करें..
ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करते रहें..
लुभावने विज्ञापनों पर क्लिक करने से बचें..
अनावश्यक ईमेल में दिए गए फाइल या लिंक को ओपन करने से बचें.

Virus क्या है हम अपने कम्प्यूटर को वायरस से कैसे बचा सकते हैं समझाइये 8?

वैसे वायरस से पूरे तौर से सुरक्षित रखने का कोई एक तरीका नहीं है। ऐसे में इनसे बचाव करने के लिए कंप्यूटर पर सुरक्षा बंदोबस्त पूरे रखते हैंवायरस को सिस्टम में पहचानने के कई तरीके होते हैं जैसे स्क्रीन पर अजीब से डायलॉग दिखना, किसी भी प्रोग्राम का आसानी से इंस्टाल न होना, फाइलों का करप्ट होना।