कन्यादान कविता हमे क्या सीख देती है? - kanyaadaan kavita hame kya seekh detee hai?

‘कन्यादान’ कविता में माँ द्वारा जो सीख दी गई हैं, वे वर्तमान परिस्थितियों में कितनी प्रासंगिक हैं, स्पष्ट कीजिए।

Solution

‘कन्यादान’ कविता में माँ द्वारा अपनी बेटी को जो सीख दी गई है वह उसके अनुभव की उपज है। माँ को दुनियादारी और ससुराल वालों द्वारा किए गए व्यवहार का अनुभव है। उन्हें ध्यान में रखकर भावी जीवन के लिए सीख देती है। आज जब समाज में छल-कपट, शोषण, दहेज प्रथा आदि बुराइयाँ बढ़ी हैं तथा ससुराल में अधिक सजग रहने की जरूरत बढ़ गई है तब माँ द्वारा बेटी को दी गई सीख की प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है।

कन्यादान कविता का उद्देश्य/ संदेश स्पष्ट …

कन्यादान कविता हमे क्या सीख देती है? - kanyaadaan kavita hame kya seekh detee hai?

CBSE, JEE, NEET, NDA

Question Bank, Mock Tests, Exam Papers

NCERT Solutions, Sample Papers, Notes, Videos

कन्यादान कविता का उद्देश्य/ संदेश स्पष्ट कीजिए

  • Posted by Ekta Yadav 4 years, 6 months ago

    • 1 answers

    इस कविता में उस दृश्य का वर्णन है जब एक माँ अपनी बेटी का कन्यादान कर रही है। बेटियाँ ब्याह के बाद पराई हो जाती हैं। जिस बेटी को कोई भी माता पिता बड़े जतन से पाल पोसकर बड़ी करते हैं, वह शादी के बाद दूसरे घर की सदस्य हो जाती है। इसके बाद बेटी अपने माँ बाप के लिए एक मेहमान बन जाती है। इसलिए लड़की के लिए कन्यादान शब्द का प्रयोग किया जाता है। जाहिर है कि जिस संतान को किसी माँ ने इतने जतन से पाल पोस कर बड़ा किया हो, उसे किसी अन्य को सौंपने में गहरी पीड़ा होती है। बच्चे को पालने में माँ को कहीं अधिक दर्द का सामना करना पड़ता है, इसलिए उसे दान करते वक्त लगता है कि वह अपनी आखिरी जमा पूँजी किसी और को सौंप रही हो।

    कन्यादान कविता हमे क्या सीख देती है? - kanyaadaan kavita hame kya seekh detee hai?

    Posted by Prabhjot Singh 1 month ago

    • 1 answers

    Posted by Sakshi .... 3 weeks, 4 days ago

    • 0 answers

    Posted by Kajol Thakur 1 month ago

    • 1 answers

    Posted by Rohit Sharma 1 week, 6 days ago

    • 0 answers

    Posted by Madhav Goel 4 weeks ago

    • 1 answers

    Posted by Harshkumar Jain 3 weeks, 6 days ago

    • 0 answers

    Posted by Kajol Thakur 1 month ago

    • 0 answers

    Posted by Rustam Singh 1 month ago

    • 0 answers

    Posted by Tamanna Garg 4 days, 21 hours ago

    • 0 answers

    Posted by Innocent Girl 🤗🤗🥰...!! 2 days, 3 hours ago

    • 1 answers

    कन्यादान कविता हमे क्या सीख देती है? - kanyaadaan kavita hame kya seekh detee hai?

    myCBSEguide

    Trusted by 1 Crore+ Students

    • Create papers in minutes
    • Print with your name & Logo
    • Download as PDF
    • 5 Lakhs+ Questions
    • Solutions Included
    • Based on CBSE Syllabus
    • Best fit for Schools & Tutors

    कन्यादान कविता हमे क्या सीख देती है? - kanyaadaan kavita hame kya seekh detee hai?

    Test Generator

    Create papers at ₹10/- per paper

    'कन्यादान' के माध्यम से कवि ऋतुराज ने माँ के दर्द और समाज में स्त्री की दशा का मार्मिक चित्रण किया है। समाज कितना भी बदल जाए परंतु स्त्री का स्वरूप वैसा-का-वैसा ही बना हुआ है। वह अपनों के द्वारा सदैव से प्रताड़ित ही की जाती रही है। कन्यादान कविता में कवि ऐसी माँ के रूप को दर्शाता है, जो समाज में स्त्रियों के साथ होने वाले अत्याचारों और प्रताड़नाओं से भली-भांति परिचित है। वह अपनी बेटी को विवाह के पश्चात लीक से हटकर कुछ महत्वपूर्ण सीख देती है। उसके अनुसार उसकी बेटी जीवन के सत्य को भली-भांति नहीं जानती है। लोगों के स्वरूप को उसने अभी समीप से देखा नहीं है। उसकी बेटी उसके लिए अमूल्य निधि के समान है। उसकी रक्षा के लिए वह उसे समझाते हुए कहती है कि लड़की होना परन्तु लड़की जैसा न दिखाई देना क्योंकि उसकी कोमलता का समाज लाभ उठा सकता है। इस कविता में ऋतुराज ने माँ की पीड़ा की बहुत मार्मिक और सजीव अभिव्यक्ति की है।   


    Getting Image
    Please Wait...

    Register now for special offers

    +91

    Home

    >

    English

    >

    Class 10

    >

    Hindi

    >

    Chapter

    >

    Hindi (Course A) Solved Paper 2019

    >

    कन्यादान' कविता का संदेश संक्ष...

    Text Solution

    Solution :  कन्यादान कविता का सन्देश यह है कि हमारे समाज में स्त्रियों के लिए कुछ प्रतिमान स्थापित कर दिए जाते हैं। समाज उनको कमजोर समझता है और अत्याचार करता है। इसलिए अत्याचार के कारण अपने जीवन के प्रति सचेत रहना चाहिए अपने संचित अनुभव के आधार पर माँ कन्यादान के समय अपनी बेटी को शिक्षित कर रही है ताकि समाज में वह एक उच्च सुखी जीवन जी सके और समाज की मानसिकता से वह परिचित हो सके। विवाह पश्चात् लड़की परिवार की केन्द्र बिन्दु होती है अतः लड़की को उसके कर्तव्यों से परिचित करा रही है। साथ ही बताया गया हैं अपनी सुदंरता पर नहीं रोझना चाहिए।

    कन्यादान कविता हमे क्या सीख देती है? - kanyaadaan kavita hame kya seekh detee hai?

    Loading Books

    कन्यादान कविता हमे क्या सीख देती है? - kanyaadaan kavita hame kya seekh detee hai?

    Add a public comment...

    कन्यादान कविता हमे क्या सीख देती है? - kanyaadaan kavita hame kya seekh detee hai?

    Follow Us:

    Popular Chapters by Class:

    कन्यादान कविता क्या संदेश देती है?

    Kanyadan' kavita se kavi kya sandesh dena chahata hain. 'कन्यादान' के माध्यम से कवि ऋतुराज ने माँ के दर्द और समाज में स्त्री की दशा का मार्मिक चित्रण किया है। समाज कितना भी बदल जाए परंतु स्त्री का स्वरूप वैसा-का-वैसा ही बना हुआ है। ... इस कविता में ऋतुराज ने माँ की पीड़ा की बहुत मार्मिक और सजीव अभिव्यक्ति की है।

    कन्यादान कविता से क्या सीख मिलती हैं?

    कन्यादान' कविता में माँ ने बेटी को किन परंपराओं से हटकर जीवन जीने की शिक्षा दी है? माँ ने बेटी को शिक्षा दी कि वह केवल शारीरिक सुंदरता, सुंदर कपड़ों और गहनों की प्राप्ति की ओर ही ध्यान न दे। उसे चाहिए कि वह समाज में आए परिवर्तन को खुली आँखों से देखे और अपने भीतर हिम्मत और साहस को बटोरें।

    कन्यादान कविता का मूल उद्देश्य क्या है?

    'कन्यादान' कविता में माँ द्वारा बेटी को स्त्री के परंपरागत 'आदर्श' रूप से हटकर सीख दी गई है। कवि का मानना है। कि सामाजिक-व्यवस्था द्वारा स्त्रियों के आचरण संबंधी जो प्रतिमान गढ़ लिए जाते हैं वे आदर्श होकर भी बंधन होते हैं। कोमलता' में कमजोरी का उपहास, लड़की जैसा न दिखाई देने में आदर्श का प्रतिकार है।

    कन्यादान कविता के माध्यम से कवि समाज की सभी बेटियों को क्या सीख देना चाहता है?

    कन्यादान कविता में कवि ऐसी माँ के रूप को दर्शाता है, जो समाज में स्त्रियों के साथ होने वाले अत्याचारों और प्रताड़नाओं से भली-भांति परिचित है। वह अपनी बेटी को विवाह के पश्चात लीक से हटकर कुछ महत्वपूर्ण सीख देती है। उसके अनुसार उसकी बेटी जीवन के सत्य को भली-भांति नहीं जानती है।