विद्यालय के अंदर और बाहर के ज्ञान में गहरा जुड़ा है कैसे? - vidyaalay ke andar aur baahar ke gyaan mein gahara juda hai kaise?

विद्यालय के अंदर और बाहर के ज्ञान में गहरा जुड़ा है कैसे? - vidyaalay ke andar aur baahar ke gyaan mein gahara juda hai kaise?

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Knowledge और School” अर्थात “ज्ञान और विद्यालय” के विषय में बताने जा रहे हैं. वैसे इनमे कई अंतर होते है और कहीं न कहीं ये दोनों एक दूसरे से जुड़े भी होते हैं. लेकिन इनमे जो अंतर पाए जाते हैं, जिनके द्वारा ये एक दूसरे से अलग सिद्ध होते हैं. उन्हें आज हम आपको बताने की कोशिश करेंगे. आज हम आपको बताएंगे कि “ज्ञान और विद्यालय क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

विद्यालय के अंदर और बाहर के ज्ञान में गहरा जुड़ा है कैसे? - vidyaalay ke andar aur baahar ke gyaan mein gahara juda hai kaise?

  • ज्ञान क्या है | What is knowledge in Hindi !!
  • विद्यालय क्या है | What is school in Hindi !!
  • Difference between Knowledge and School in Hindi | ज्ञान और विद्यालय में क्या अंतर है !!

ज्ञान क्या है | What is knowledge in Hindi !!

ज्ञान को English में “knowledge” के रूप में जाना जाता है. ये एक इनफॉर्मल एक्सपीरियंस होता है. जो हम अपने जीवन के कई उतार चढ़ाव और शिक्षा द्वारा पाते हैं. ज्ञान का दूसरा अर्थ किसी व्यक्ति की चीज़ों की परिचितता और जागरूकता से भी होता है. फिर वो किसी भी विषय से जुड़ा हो सकता है जैसे कि: व्यक्ति, स्थान, घटनाओं, विचारों, मुद्दों की जागरूकता, आदि। ज्ञान पाने का सबसे अच्छा स्थान एक स्कूल साधन शिक्षा है, स्कूल में शिक्षक द्वारा शिक्षा के जरिये ज्ञान बांटा जाता है.

विद्यालय के अंदर और बाहर के ज्ञान में गहरा जुड़ा है कैसे? - vidyaalay ke andar aur baahar ke gyaan mein gahara juda hai kaise?

विद्यालय क्या है | What is school in Hindi !!

विद्यालय वो स्थान है जहाँ शिक्षा प्रदान की जाती है. यदि आसान भाषा में समझाया जाये तो “विद्यालय एक ऐसी संस्था है जहाँ पर छात्र के शारीरिक, मानसिक, बौधिक एवं नैतिक गुणों विकास किया जाता है.” इसे आंग्ल भाषा में ‘स्कूल’ शब्द से सम्बोधित किया जाता है. जिस शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द ‘Skohla’या ‘Skhole’ से हुई थी. जिसका अर्थ अवकाश है. वैसे तो ये थोड़ा विचित्र है लेकिन पहले यूनान में अवकाश के स्थलों को ही विद्यालय के नाम से संबोधित किया जाता था.

पहले वहां के लोग अवकाश काल को ही ‘आत्म -विकास’ समझते थे, जिसका अभ्यास वो अवकाश नामक स्थान पर ही किया करते थे लेकिन बाद में यहां नियमों के साथ पाठ्यक्रम का ज्ञान दिया जाने लगा. फिर इन्हे स्कूल कहा जाने लगा.

# विद्यालय में पाठ्यक्रम के अनुसार ज्ञान दिया जाता है. जबकि ज्ञान खुद में एक इनफॉर्मल एक्सपीरियंस होता है. जो हम अपने जीवन के कई उतार चढ़ाव और शिक्षा द्वारा प्राप्त करते हैं.

# विद्यालय में ज्ञान शिक्षक द्वारा दिया जाता है.

# ज्ञान को विद्यालय से अवश्य प्राप्त किया जाता है लेकिन ज्ञान को पाने का केवल विद्यालय एक मात्र उपाय नहीं है. ज्ञान को और भी तरह से प्राप्त किया जाता है.

# ज्ञान हम छोटी छोटी बातों, जानकारियों द्वारा भी प्राप्त कर सकते हैं जबकि स्कूल एक स्थल है जहाँ एक उद्देश्य के साथ निश्चित पाठ्यक्रम का ज्ञान प्रदान किया जाता है.

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Ankita Shukla

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विद्यालय के अंदर और बहार के ज्ञान में गहरा जुड़ा है कैसे?

(school and out of school knowledge) विद्यालय की परिधि के बाहर भी ज्ञान प्राप्ति के अनेक अवसर उपलब्ध हैं। जैसे दूरस्थ शिक्षा व मुक्त विद्यालय या विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदत्त ज्ञान, किसी ज्ञानी श्रेष्ठ पुरुष की संगति में प्राप्त ज्ञान, विभिन्न संचार माध्यमों द्वारा प्राप्त ज्ञान आदि।

विद्यालय से क्या समझते हैं विद्यालय की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए?

विद्यालय की विशेषताएं (Vidyalaya ki visheshta).
विद्यालय समाज द्वारा निर्मित संस्था है।.
विद्यालय एक विशिष्ट वातावरण है जिसमें बालकों के वांछित विकास के लिए विशिष्ट गुणों, क्रियाओं तथा व्यवसायों की व्यवस्था की जाती है।.
विद्यालय समाज का लघुरूप है जिसका उद्देश्य समाज द्वारा मान्य व्यवहार व कार्य की शिक्षा देना है।.

विद्यालय से आप क्या समझते हैं?

विद्यालय वह स्थान है, जहाँ शिक्षा ग्रहण की जाती है। "विद्यालय एक ऐसी संस्था है, जहाँ बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं नैतिक गुणों का विकास होता है। ' विद्यालय' शब्द के लिए आंग्ल भाषा में 'स्कूल' शब्द का प्रयोग होता है, जिसकी उत्पत्ति ग्रीक शब्द 'Skohla' या 'Skhole' से हुई है, जिससे तात्पर्य है- 'अवकाश'।

घर और विद्यालय में क्या अंतर है बताइए?

घर जिस कार्य को प्रारम्भिक स्तर पर एवं साधारण ढंग से करता है उसी कार्य को विद्यालय वैज्ञानिक ढंग से तथा उच्च स्तर पर करता है। घर एवं विद्यालय के इस परस्पर सहयोग को व्यक्त करते हुए जैक्स ने लिखा है कि “घर बालक की प्रथम पाठशाला है। और पाठशाला वास्तव में घर का विस्तार है।