कलयुग का दूसरा चरण कब शुरू होगा? - kalayug ka doosara charan kab shuroo hoga?

कल्कि अवतार: कलयुग के अंत से पहले दिखने लगेंगे ये लक्षण, पुराणों में है भविष्‍यवाणी

कलयुग का दूसरा चरण कब शुरू होगा? - kalayug ka doosara charan kab shuroo hoga?
भोपालPublished: May 26, 2020 12:26:51 pm

धर्म शास्त्रों में कलयुग के अंत के बारे में भी...

कलयुग का दूसरा चरण कब शुरू होगा? - kalayug ka doosara charan kab shuroo hoga?

These signs will start appearing before the end of Kalyug

आज के दौर में अधिकांश लोग मानव मूल्यों के ह्रास के लिए कलयुग को जिम्मेदार मानते हैं। ऐसे में जब भी कभी इस तरह की बातें सामने आती हैं तो लोग कहते हैं कि ये सारा कलयुग का प्रभाव है। पर क्या आप जानते हैं कि हमारे धर्म शास्त्रों में कलयुग के अंत के बारे में भी कहा गया है।

ऐसे में इस कलयुग का अंत कब होगा, ये बात हर कोई जानना चाहता है। इस संबंध में पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि कलयुग के अंत के संबंध में सनातन धर्म के कई ग्रंथों में इसके लक्षणों के बारें में बताया गया है।

पं. शर्मा के अनुसार ज्योतिष और पौराणिक ग्रंथों में युग का मान अलग-अलग है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार चार युग होते हैं। सत, त्रेता, द्वापर और कलि। कहते हैं कि कलियुग में पाप अपने चरम पर होगा। वर्तमान में कलिकाल अर्थात कलयुग चल रहा है। ग्रंथों में इस युग में क्या-क्या होगा या घटेगा यह स्पष्ट लिखा गया है।

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कलयुग का दूसरा चरण कब शुरू होगा? - kalayug ka doosara charan kab shuroo hoga?
इनमें यह भी लिखा है कि इस युग में जब कहीं भी प्रलय होगी तो सिर्फ हरि कीर्तन ही उस से मनुष्य जाति को बचाएगा। तो आइये जानते है पुराणों में कलियुग का व्याख्यान और ये कि कलियुग में सावधान क्यों रहे?

10 तथ्य जिनका वर्णन पुराणों में विस्तार से है :
पुराणों में लिखा है कि जो व्यक्ति, संगठन या समाज वेद विरुद्ध आचरण कर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता को खंडित करेगा, उसका आने वाले समय में समूल नाश हो जाएगा।

पुराण के जानकार मानते हैं कि जैसे-जैसे कलयुग आगे बढ़ेगा, वैसे-वैसे भारत की गद्दी पर वेद विरोधी लोगों का शासन होने लगेगा। ये ऐसे लोग होंगे, जो जनता से झूठ बोलेंगे और अपने कुतर्कों द्वारा एक-दूसरे की आलोचना करेंगे और जिनका कोई धर्म नहीं होगा। ये सभी विधर्मी होंगे। ये सभी मिलकर भारत को तोड़ेंगे और अंतत: भारत को एक अराजक भूमि बनाकर छोड़ देंगे।

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कलयुग का दूसरा चरण कब शुरू होगा? - kalayug ka doosara charan kab shuroo hoga?

1. भागवत पुराण में लिखा हैं जब सभी वेदों को छोड़कर मनुष्य संस्कारशून्य हो जाएंगे तब ऐसे लोग सत्ता पे काबिज होंगे। ये सबके सब परले सिरे के झूठे, अधार्मिक और स्वल्प दान करने वाले होंगे, दूसरे की स्त्री और धन हथिया लेने में ये सदा उत्सुक रहेंगे। न तो इन्हें बढ़ते देर लगेगी और न घटते। इनकी शक्ति और आयु थोड़ी होगी। राजा के वेश में ये म्लेच्‍छ ही होंगे।”

छोटी बातों को लेकर ही ये क्रोध के मारे आग-बबूला हो जाएंगे| वे लूट-खसोटकर अपनी प्रजा का खून चूसेंगे। जब ऐसा शासन होगा तो देश की प्रजा में भी वैसा ही स्वभाव, आचरण, भाषण की वृद्धि हो जाएगी। राजा लोग तो उनका शोषण करेंगे ही, आपस में वे भी एक-दूसरे को उत्पीड़ित करेंगे और अंतत: सबके सब नष्ट हो जाएंगे।

2. भविष्योत्तर पुराण अनुसार ब्रह्माजी ने कहा- हे नारद! भयंकर कलियुग के आने पर मनुष्य का आचरण दुष्ट हो जाएगा और योगी भी दुष्ट चित्त वाले होंगे। संसार में परस्पर विरोध फैल जाएगा और विशेषकर राजाओं में चरित्रहीनता आ जाएगी। देश-देश और गांव-गांव में कष्ट बढ़ जाएंगे। संतजन दुःखी होंगे।

अपने धर्म को छोड़कर लोग दूसरे धर्म का आश्रय लेंगे। देवताओं का देवत्व भी नष्ट हो जाएगा और उनका आशीर्वाद भी नहीं रहेगा। मनुष्यों की बुद्धि धर्म से विपरीत चलती जाएगी।

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3. महर्षि व्यासजी के अनुसार कलयुग में मनुष्यों में वर्ण और आश्रम संबंधी प्रवृति नहीं होगी। वेदों का पालन कोई नहीं करेगा। कलयुग में विवाह को धर्म नहीं माना जाएगा। शिष्य गुरु के अधीन नहीं रहेंगे। पुत्र भी अपने धर्म का पालन नहीं करेंगे। कोई किसी भी कुल में पैदा क्यूं न हुआ हो, जो बलवान होगा वही कलयुग में सबका स्वामी होगा। सभी वर्णों के लोग कन्या बेचकर निर्वाह करेंगे। कलयुग में जो भी किसी का वचन होगा वही शास्त्र माना जाएगा।

4. कलयुग में थोड़े से धन से मनुष्यों में बड़ा घमंड होगा। स्त्रियों को अपने केशों पर ही रूपवती होने का गर्व होगा। कलयुग में स्त्रियां धनहीन पति को त्याग देंगी उस समय धनवान पुरुष ही स्त्रियों का स्वामी होगा। जो अधिक देगा उसे ही मनुष्य अपना स्वामी मानेंगे। उस समय लोग प्रभुता के ही कारण संबंध रखेंगे।

5. द्रव्यराशी घर बनाने में ही समाप्त हो जाएगी इससे दान-पुण्य के काम नहीं होंगे और बुद्धि धन के संग्रह में ही लगी रहेगी। सारा धन उपभोग में ही समाप्त हो जाएगा। कलयुग की स्त्रियां अपनी इच्छा के अनुसार आचरण करेंगी हाव-भाव विलास में ही उनका मन लगा रहेगा। अन्याय से धन पैदा करने वाले पुरुषो में उनकी आसक्ति होगी। कलयुग में सब लोग सदा सबके लिए समानता का दावा करेंगे।

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6. कलयुग की प्रजा बाढ़ और सूखे के भय से व्याकुल रहेगी। सबके नेत्र आकाश की ओर लगे रहेंगे। वर्षा न होने से मनुष्य तपस्वी लोगो की तरह फल मूल व् पत्ते खाकर और कितने ही आत्मघात कर लेंगे। कलयुग में सदा अकाल ही पड़ता रहेगा। सब लोग हमेशा किसी न किसी कलेशो से घिरे रहेंगे।

किसी-किसी तो थोड़ा सुख भी मिल जाएगा। सब लोग बिना स्नान करे ही भोजन करेंगे। देव पूजा अतिथि-सत्कार श्राद्ध और तर्पण की क्रिया कोई नहीं करेगा। कलयुग की स्त्रियां लोभी, नाटी, अधिक खाने वाली और मंद भाग्य वाली होंगी। गुरुजनों और पति की आज्ञा का पालन नहीं करेंगी तथा पर्दे के भीतर भी नहीं रहेंगी। अपना ही पेट पालेंगी, क्रोध में भरी रहेंगी। देह शुधि की ओर ध्यान नहीं देंगी तथा असत्य और कटु वचन बोलेंगी। इतना ही नहीं, वे दुराचारी पुरुषों से मिलने की अभिलाषा करेंगी।

7. कलयुग आने पर राजा प्रजा की रक्षा न करके बल्कि कर के बहाने प्रजा के ही धन का अपहरण करेंगे। अधम मनुष्य संस्कारहीन होते हुए भी पाखंड का सहारा लेकर लोगों ठगने का काम करेंगे। उस समय पाखंड की अधिकता और अधर्म की वृद्धि होने से लोगो की आयु कम होती चली जाएगी।

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उस समय पांच, छह अथवा सात वर्ष की स्त्री और आठ, नौ, या दस वर्ष के पुरुषों से ही संतान होने लगेंगी। घोर कलयुग आने पर मनुष्य बीस वर्ष तक भी जीवित नहीं रहेंगे। उस समत लोग मंदबुद्धि, व्यर्थ के चिन्ह धारण करने वाले बुरी सोच वाले होंगे।

8. लोग ऋण चुकाए बिना ही हड़प लेंगे और जिसका शास्त्र में कहीं विधान नहीं है ऐसे यज्ञों का अनुष्ठान होगा। मनुष्य अपने को ही पंडित समझेंगे और बिना प्रमाण के ही सब कार्य करेंगे। तारों की ज्योति फीकी पड़ जाएगी, दसों दिशाएं विपरीत होंगी।

पुत्र पिता को व बहुएं सास को काम करने भेजेंगी। कलयुग में समय के साथ-साथ मनुष्य वर्तमान पर विश्वास करने वाले, शास्त्रज्ञान से रहित, दंभी और अज्ञानी होंगे। जब जगत के लोह सर्वभक्षी हो जाएं, स्वंय ही आत्मरक्षा के लिए विवश हो तथा राजा उनकी रक्षा करने में असमर्थ हो जाएंगे तब मनुष्यों में क्रोध-लोभ की अधिकता हो जाएगी।

9. श्रीमद्भागवत के द्वादश स्कंध में कलयुग के धर्म के अंतर्गत श्रीशुकदेवजी परीक्षितजी से कहते हैं, ज्यों-ज्यों घोर कलयुग आता जाएगा, त्यों-त्यों उत्तरोत्तर धर्म, सत्य, पवित्रता, क्षमा, दया, आयु, बल और स्मरणशक्ति का लोप होता जाएगा।

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कलयुग का दूसरा चरण कब शुरू होगा? - kalayug ka doosara charan kab shuroo hoga?

10. कलयुग के अंत के समय बड़े-बड़े भयंकर युद्ध होंगे, भारी वर्षा, प्रचंड आंधी और जोरों की गर्मी पड़ेगी। लोग खेती काट लेंगे, कपड़े चुरा लेंगे, पानी पिने का सामान और पेटियां भी चुरा ले जाएंगे। चोर अपने ही जैसे चोरों की संपत्ति चुराने लगेंगे। हत्यारों की भी हत्या होने लगेगी। लोगों की आयु भी कम होती जाएगी।

यह भी कहा जाता है कि कलियुग में एक समय ऐसा आएगा, जब सभी पुरुष, स्त्रियों के अधीन होकर जीवन व्यतीत करेंगे। पाप का बोलबाला चारों ओर होगा। मनुष्य सात्विक जीवन की जगह तामसी जीवन जीने में विश्वास करेगा।

जब सूख जाएंगी गंगा
कलियुग के पांच हजार साल बाद गंगा नदी सूख जाएगी और पुन: वैकुंठ धाम लौट जाएगी। जब कलियुग के दस हजार वर्ष हो जाएंगे, तब सभी देवी-देवता पृथ्वी छोड़कर अपने धाम लौट जाएंगे। इंसान पूजन-कर्म, व्रत-उपवास और सभी धार्मिक काम करना बंद कर देंगे। एक समय ऐसा आएगा कि जमीन से अन्न उपजना बंद हो जाएगा और पृथ्वी जलमगन हो जाएगी।

इसके बाद कलयुग के अंत में जिस समय कल्कि अवतार अव‍तरित होंगे उस समय मनुष्य की परम आयु केवल 20 या 30 वर्ष होगी। जिस समय कल्कि अवतार आएंगे तब मनुष्य की लम्बाई काफी घट चुकी होगी।

कलयुग के कितने चरण बाकी है?

कलयुग के चार चरण हैं अभी प्रथम चरण चल रहा है। भविष्य पुराण अनुसार कलयुग के चौथे चरण में मनुष्य की आयु केवल 20 वर्ष मात्र होगी । हम इस समय कलयुग के किस चरण में है ? कलियुग हिन्दू वैदिक सनातन धर्म में काल गणना के अन्तर्गत सत्ययुग,त्रेतायुग,द्वापरयुग तथा कलियुग इन चार युगों की अवधारणा की गई है।

कलयुग का दूसरा चरण कब से लगेगा?

विद्वानों का मानना है कि यह प्रथम चरण अभी तक चल रहा है। सूर्य सिद्धांत के अनुसार, कलियुग 18 फरवरी 3102 ईसा पूर्व की मध्य रात्रि यानी 12 बजे से शुरू हुआ।

कलयुग कितनी बार आ चुका है?

कलियुग का प्रारंभ 3102 ईसा पूर्व से हुआ था, जब पांच ग्रह; मंगल, बुध, शुक्र, बृहस्‍पति और शनि, मेष राशि पर 0 डिग्री पर हो गए थे। इसका मतलब 3102+2020= 5122 वर्ष कलियुग के बित चुके हैं और 426882 वर्ष अभी बाकी है। वर्तमान में यह 28वें चतुर्युगी का कृतयुग बीत चुका है और यह कलियुग चल रहा है।

कलयुग के अंतिम चरण में क्या होगा?

कलियुग के अंतिम काल में भगवान विष्णु का कल्कि अवतार होगा। यह अवतार विष्णुयशा नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेगा। भगवान कल्कि सभी अधर्मियों का नाश करेंगे। भगवान कल्कि केवल तीन दिनों में पृथ्वी से समस्त अधर्मियों का नाश कर देंगे और बहुत सालों तक विश्व पर शासन कर धर्म की स्थापना करेंगे।