NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 9 कबीर की साखियाँ are part of NCERT Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 9 कबीर की साखियाँ. Show NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 9 कबीर की साखियाँप्रश्न-अभ्यास Question 1: Question 2: Question 3: Question 4: Question 5: Question 6: 1. आपा और आत्मविश्वास – आपा का अर्थ है अहंकार जबकि आत्मविश्वास का अर्थ है अपने ऊपर विश्वास। Question 7: Question 8: भाषा की बात Question 1: NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant
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We hope the NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9 कबीर की साखियाँ help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9 कबीर की साखियाँ, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. कबीर के दोहे हिंदी में class 8?कबीर के दोहे Summary in Hindi. ऐसी बानी बोलिए, मन का आपा खोय। औरन को सीतल करै, आपहुँ सीतल होय ॥ ... . साँच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप। जाके हिरदै साँच है, ताके हिरदै आप ॥ ... . बड़ा भया तो क्या भया, जैसे पेड़ खजूर। पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर।। ... . दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करै न कोय।. कबीर दास जी के 10 दोहे?कबीर के 10 बेहतरीन दोहे : देते हैं जिंदगी का असली ज्ञान. मैं जानूँ मन मरि गया, मरि के हुआ भूत | ... . भक्त मरे क्या रोइये, जो अपने घर जाय | ... . मैं मेरा घर जालिया, लिया पलीता हाथ | ... . शब्द विचारी जो चले, गुरुमुख होय निहाल | ... . जब लग आश शरीर की, मिरतक हुआ न जाय | ... . मन को मिरतक देखि के, मति माने विश्वास | ... . कबीर मिरतक देखकर, मति धरो विश्वास |. कबीर की साखियाँ लिखिए?जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान। मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान॥ किसी साधु की जाति या धर्म से किसी को कोई मतलब नहीं होना चाहिए, बल्कि उसके ज्ञान से मतलब होना चाहिए।
प्रश्न 5 कबीर की साखियाँ आज भी किस प्रकार प्रासंगिक हैं उदाहरण द्वारा स्पष्ट करें?कबीर जी ने उस समय में अपनी साखियों में जो शिक्षाएँ दी हैं यदि उन्हें देखा जाए, तो वह आज के समाज में आज भी सही बैठती हैं। उस समय के समाज में अज्ञानता, जातिया तथा धार्मिक भेदभाव, क्रोध, हिंसा आदि सामाजिक बुराइयाँ विद्यमान थी। कबीर ने उन बुराइयों पर अपनी साखियों के माध्यम से प्रहार किया और समाज को चेताने का प्रयास किया।
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