जल संसाधन का उपयोग कृषि में सिंचाई के अलावा मनुष्यों, पशुओं और अन्य जीवों के पीने के लिये, शक्ति के उत्पादन गंदे पानी को बहाने, सफाई, घोंघा, मछलीपालन, मनोरंजन, औद्योगिक कार्य एवं सौर परिवहन आदि हेतु किया जाता है। ऊपरी महानदी बेसिन में वर्तमान में जल का उपयोग घरेलू, औद्योगिक कार्य, मत्स्यपालन, शक्ति के उत्पादन एवं मनोरंजन हेतु किया जा रहा है। Show जल संसाधन का मानव के लिये उपयोग :जल एवं मानव का गहरा एवं व्यापक सम्बन्ध है। मनुष्य जल को विभिन्न कार्यों में प्रयोग करता है। जैसे इमारतों, नहरों, घाटी, पुलों, जलघरों, जलकुंडों, नालियों एवं शक्तिघरों आदि के निर्माण में। जल का अन्य उपयोग खाना पकाने, सफाई करने, गर्म पदार्थ को ठंडा करने, वाष्प शक्ति, परिवहन, सिंचाई व मत्स्यपालन आदि कार्यों के लिये किया जाता है। ऊपरी महानदी बेसिन में शहरी क्षेत्रों में औसत 70 लीटर प्रति व्यक्ति एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 40 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन जल का उपयोग किया जाता है। जल का उपयोग :(1) सिंचाई : बेसिन में जल संसाधन विकास की पर्याप्त सम्भावनाएँ हैं। यहाँ उपलब्ध कुल जल राशि का 1,52,277.98 लाख घन मीटर जल सिंचाई कार्यों में उपयोग में लाया जाता है, शेष जल राशि का उपयोग अन्य कार्यों औद्योगिक, मत्स्यपालन आदि में प्रयुक्त होता है। सतही एवं भूगर्भ जल का सर्वाधिक उपयोग रायपुर जिले में होता है। ऊपरी महानदी बेसिन में नदियों के जल को संग्रहित करने हेतु जलाशयों का निर्माण किया गया है, जिससे नहरें निकालकर सिंचाई की जाती हैं। इन नहरों में महानदी मुख्य नहर- मांढर, अभनपुर, लिफ्ट नहरें, भाटापारा एवं लवन शाना नहर, सोदूर एवं महानदी प्रदायक नहर, पैरी लिंक नहरें, प्रमुख हैं, जो मुरूमसिल्ली, दुधावा, रविशंकर सागर, सोंदूर, सिकासार एवं पैरी हाईडेम तथा रूद्री बैराज (खूबचंद बघेल बैराज) से निकाली गई है। इनसे 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है। बेसिन में इनके जल का 26.99 प्रतिशत भाग सिंचाई के लिये प्रयुक्त होता है। इसमें रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, दुर्ग, राजनांदगाँव एवं बस्तर जिले के कांकेर तहसील का क्षेत्र सम्मिलित है। सिंचाई की सुविधा होने से खरीफ एवं रबी फसलों की कृषि की जाती है। यहाँ सिंचाई के अधिक विकास के लिये छोटी-बड़ी सिंचाई परियोजनाएँ निर्मित की गई हैं। इनमें रविशंकर सागर, दुधावा, मुरूमसिल्ली, सिकासार, कोडार, पैरी हाईडेम, हसदेव-बांगो, तादुला-खरखरा एवं सोंदूर बड़ी परियोजना है। केशवनाला, कुम्हारी, पिंड्रावन एवं राजनांदगाँव मध्यम परियोजना एवं रायपुर महासमुंद, सराईपाली, गरियाबंद, बलौदा बाजार, कांकेर छोटी सिंचाई परियोजनाएँ है। इन परियोजनाओं में वास्तविक सिंचाई क्षमता में वृद्धि हुई है। (2) औद्योगिक कार्य : (3) शक्ति संसाधन के रूप में जल का उपयोग : (4) नौ-परिवहन : बेसिन में जल मनोरंज क्षेत्रों में रविशंकर सागर जलाशय, खुड़िया, खूंटाघाट जलाशय, हसदेव-बांगो जलाशय (कोरबा) प्रमुख है। जहाँ नौका विहार, जल आखेट आदि अनेक जल क्रीड़ाओं का प्रबंध किया जाता है। बेसिन में नौ परिवहन हेतु जल उपयोग नगण्य है। जहाँ वर्षभर जल उपलब्ध होता है वहाँ मनोरंजन केंद्र की स्थापना की गई है। (5) मत्स्य पालन : जल का उपयोग प्रतिरूप -ऊपरी महानदी बेसिन में जल का अधिकांश उपयोग नदी, तालाब, कुओं, नलकूपों आदि स्रोतों से बाहर निकालकर घरेलू कार्य, औद्योगिक एवं सिंचाई कार्यों के लिये प्रयुक्त किया जाता है, साथ ही मत्स्यपालन एवं शक्ति एवं मनोरंजन कार्यों के लिये भी आंशिक रूप में प्रयोग होता है। यह कार्य जलाशयों में होता है। वर्तमान में मनोरंजन एक समाजिक एवं आर्थिक आवश्यकता की पूर्ति का माध्यम बन गया है। यह नगरीकरण के साथ बढ़ते जा रहा हैं। जल के उपयोग की समस्याएँ :ऊपरी महानदी बेसिन में जल का विभिन्न कार्यों में उपयोग हो रहा है, जिससे जल का उचित एवं सम्यक उपयोग न होना एक समस्या बन गई है। प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित हैं : कृषि फसलों की सिंचाई के लिये इस प्रकार ऊपरी महानदी बेसिन में जल की उपलब्धता के अनुसार उपयोग क्षेत्र अधिक है जिसके कारण समुचित रूप से जल का सभी क्षेत्रों में आनुपातिक उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसके लिये उचित जलगृह प्रणाली, जल प्रवाह एवं जल की तीव्रता के अनुसार जलाशय आदि का निर्माण कर जल को रोकने एवं जल की गहराई एवं चौड़ाई के आधार पर मार्ग पर जलप्रपात निर्माण आदि की स्थिति के अनुसार, जल का विवेकपूर्ण संग्रहण कर उपयोग किया जा सकता है। जल संसाधन के क्या उपाय उपयोग है?जल संसाधन का मानव के लिये उपयोग :
जैसे इमारतों, नहरों, घाटी, पुलों, जलघरों, जलकुंडों, नालियों एवं शक्तिघरों आदि के निर्माण में। जल का अन्य उपयोग खाना पकाने, सफाई करने, गर्म पदार्थ को ठंडा करने, वाष्प शक्ति, परिवहन, सिंचाई व मत्स्यपालन आदि कार्यों के लिये किया जाता है।
जल का उपयोग क्या है?पानी का सबसे महत्वपूर्ण उपयोग कृषि में है, जो खाने के उत्पाद में महत्वपूर्ण है| कुछ विकासशील देशों ९०% पानी का उपयोग सिंचाई में होता है और अधिक आर्थिक रूप से विकसित देशों में भी बहुत सारा उत्पाद होता है (जैसे अमरीका में, 30% ताजे मिठे जल का उपयोग सिंचाई के लिए होता है)।
संसाधन के क्या उपयोग हैं लिखें?ये प्राकृतिक पर्यावरण जैसे कि वायु, जल, वन और विभिन्न जैव रूपों का निर्माण करते हैं, जो कि मानवीय जीवन एवं विकास हेतु आवश्यक है। इन प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग से मनुष्य ने घरों, भवनों, परिवहन एवं संचार के साधनों, उद्योगों आदि के अपने संसार का निर्माण किया है।
जल संसाधन क्या है वर्णन कीजिए?जल संसाधन पानी के वह स्रोत हैं जो मनुष्य के लिए उपयोगी हों या जिनके उपयोग की सम्भावना हो। पानी के उपयोगों में शामिल हैं कृषि, औद्योगिक, घरेलू, मनोरंजन हेतु और पर्यावरणीय गतिविधियों में। वस्तुतः इन सभी मानवीय उपयोगों में से अधिकतर में ताजे जल की आवश्यकता होती है।
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