कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी न किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है - Show (क) इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं? (ख) आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों? (ग) उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए? (क) हम अपने आस-पास के चौराहों पर महान व्यक्तियों की मूर्ति देखते हैं। इस प्रकार की मूर्ति लगाने के कई कारण हो सकते हैं -
(ख) हम अपने इलाके के चौराहे पर महात्मा गाँधी की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे। क्योंकि उन्होंने हमारे देश को आज़ाद करवाने में मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने हिंसा को त्याग कर अहिंसा के पथ को प्रधानता दी। (ग) मूर्ति के प्रति हमारे तथा समाज के अन्य लोगों के कुछ उत्तरदायित्व हैं। हमें मूर्ति का सम्मान करना चाहिए क्योंकि ये मूर्ति किसी सम्माननीय व्यक्ति का प्रतीक है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी प्रकार से मूर्ति का अपमान न हो, मूर्ति की ज़रुरतों को पूरा करना हमारा कर्त्तव्य है। Concept: गद्य (Prose) (Class 10 A) Is there an error in this question or solution? कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी-न-किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है। कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी-न-किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने के पीछे यह उद्देश्य रहता है कि लोग उस व्यक्ति के व्यक्तिव से शिक्षा लें। लोगों में देश के प्रति उत्तरदायित्व की भावना जागृत हो। उस मूर्ति को देखकर लोग भी देश के लिए कुछ करने का दृढ़ संकल्प लें। 183 Views हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा- हालदार साहब पहले मायूस हो गए थे क्योंकि हालदार साहब चौराहे पर लगी नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति को बिना चश्मे के देख नहीं सकते थे। जब से कैप्टन मरा था किसी ने भी नेता जी की मूर्ति पर चश्मा नहीं लगाया था। इसीलिए जब हालदार साहब कस्ये से गुजरने लगे तो उन्होंने ड्राइवर से चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मनाकर दिया था । 893 Views हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा- चौराहे पर नेता जी की मूर्ति पर बच्चे के हाथ से बना सरकंडे का चश्मा देखकर हालदार साहब भावुक हो गए। पहले उन्हें ऐसा लग रहा था कि अब नेता जी की मूर्ति पर चश्मा लगाने वाला कोई नहीं रहा था। इसलिए उन्होंने ड्राइवर को वहाँ रुकने से मना कर दिया था। परंतु जब उन्होंने नेता जी की मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा देखा तो उनका मन भावुक हो गया। उन्होंने नम आँखों से नेता जी की मूर्ति को प्रणाम किया। 786 Views सेनानी न होते हुए भी चश्मे बाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे? चश्मे वाला कोई सेनानी नहीं था और न ही वे देश की फौज में था। फिर भी लोग उसे कैप्टन कहकर बुलाते थे। इसका कारण यह रहा होगा कि चश्मे वाले में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। वह अपनी शक्ति के अनुसार देश के निर्माण में अपना पूरा योगदान देता था। कैप्टन के कस्वे में चौराहे पर नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगी हुई थी। मूर्तिकार उस मूर्ति का चश्मा बनाना भूल गया। कैप्टन ने जब यह देखा तो उसे बड़ा दुःख हुआ। उसके मन में देश के नेताओं के प्रति सम्मान और आदर था। इसीलिए वह जब तक जीवित रहा उसने नेता जी की मूर्ति पर चश्मा लगाकर रखा था। उसकी इसी भावना के कारण लोग उसे कैप्टन कहकर बुलाते थे। 2550 Views आशय स्पष्ट कीजिए- लेखक का उपरोक्त वाक्य से यह आशय है कि लेखक बार-बार यही सोचता है कि उस देश के लोगों का क्या होगा जो अपने देश के लिए सब न्योछावर करने वालों पर हँसते है। देश के लिए अपना घर-परिवार, जवानी, यहाँ तक कि अपने प्राण भी देने वालों पर लोग हँसते हैं। उनका मजाक उड़ाते हैं। दूसरों का मजाक उड़ाने वालों के पास लोग जल्दी इकट्ठे हो जाते हैं जिससे उन्हें अपना सामान बेचने का अवसर मिल जाता है। 1207 Views हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद
में तुरंत रोकने को कहा- हालदार साहब जब चौराहे से गुजरे तो न चाहते हुए भी उनकी नज़र नेता जी की मूर्ति पर चली गई। मूर्ति देखकर उन्हें आश्चर्य हुआ क्योंकि मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा लगा हुआ था। सरकंडे का चश्मा देखकर हालदार साहब को यह उम्मीद हुई कि आज के बच्चे कल को देश के निर्माण में सहायक होंगे और अब उन्हें कभी भी चौराहे पर नेता जी की बिना चश्मे की मूर्ति नहीं देखनी पड़ेगी। 976 Views इस तरह की मूर्ति लगाने का क्या उद्देश्य है?कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी-न-किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने के पीछे यह उद्देश्य रहता है कि लोग उस व्यक्ति के व्यक्तिव से शिक्षा लें। लोगों में देश के प्रति उत्तरदायित्व की भावना जागृत हो। उस मूर्ति को देखकर लोग भी देश के लिए कुछ करने का दृढ़ संकल्प लें।
नेताजी की मूर्ति लगवाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं अपने शब्दों में लिखिए?इससे नेता जी की मूर्ति चौराहे पर लगाने का उद्देश्य पूरा हो गया था। अर्थात लोगों के मन में उनके प्रति सम्मान की भावना थी और लोगों नेताजी जी मूर्ति को चश्मा विहीन नहीं देख सकते थे। 'नेताजी का चश्मा' पाठ के अंत में हालदार साहब की प्रसन्नता का कारण क्या है ? पाठ के आधार पर बताइए।
7 आप से किसी महापुरुष की मूर्ति लगाने के लिए कहा जाए तो आप किसकी मूर्ति लगाएंगे और क्यों?Answer: हम महात्मा गाँधी की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे। क्योंकि उन्होंने हमारे देश को आज़ाद करवाने में मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने हिंसा को त्याग कर अहिंसा के पथ को प्रधानता दी।
आप अपने इलाके के चौराहे पर किसी व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहिए और क्यों?कैप्टन मर गया । (ग) कैप्टन बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगा देता था। (क) इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं? (ख) आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों ? (ग) उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?
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