गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का महत्व क्या है? - gurutvaakarshan ke saarvatrik niyam ka mahatv kya hai?

गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्व है?


गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के महत्व:
(i) गुरुत्वाकर्षण का नियम पृथ्वी का सही-सही द्रव्यमान ज्ञात करने में सहायता करता है।
(ii) गुरुत्वाकर्षण का नियम का उपयोग सूर्य, चन्द्रमा और ग्रहों के द्रव्यमान ज्ञात करने में किया जाता है।
(iii) गुरुत्वाकर्षण का प्रमुख अनुप्रयोग युग्मतारों (double stars) के द्रव्यमानों का आंकलन करता है।
(iv) गुरुत्वकर्षण का नियम नए तारों तथा ग्रहों की खोज करने में सहायता करता है।
युग्म-तारा, उनके द्रव्यमान केंद्र के सामान्य केंद्र के चारों ओर परिक्रमा करते हुए तारों का युग्म (pair of stars) होता है। तारे की गति में अनियमितता (अथवा परिवर्तनशीलता) अस्थिरता या डगमगाहट (wobbling) कहलाती है और तारा स्वयं डांवाडोल या अस्थिर (wobble) कहलाता है।

1774 Views


यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा?

2159 Views


पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है छोटा है या बराबर है? बताइए क्यों?


न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार, यदि एक वस्तु किसी दूसरी वस्तु के ऊपर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु के ऊपर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु पहली वस्तु के ऊपर बराबर और विपरीत बल लगाती है। जब पृथ्वी, चंद्रमा के ऊपर आकर्षण बल लगाती है, तो विपरीत दिशा में, चंद्रमा भी पृथ्वी के ऊपर बराबर बल लगाता है।

808 Views


पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच के गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6x1024kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4x106m है)।


दिया है,
वस्तु का द्रव्यमान (m) = 1 kg
पृथ्वी का द्रव्यमान (M) =  6 x 1024kg
पृथ्वी का अर्धव्यास (R) = 6.4 x 106m
पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच के गुरुत्वीय बल का परिमाण,

गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का महत्व क्या है? - gurutvaakarshan ke saarvatrik niyam ka mahatv kya hai?

570 Views


यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर क्यों नहीं करती?


चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है। जब कभी भी किसी वस्तु पर बल लगाता है, तो उसमें त्वरण उतपन्न करता है।

गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का महत्व क्या है? - gurutvaakarshan ke saarvatrik niyam ka mahatv kya hai?

अत: वस्तु में उतपन्न त्वरण, उसके द्रव्यमान के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
चंद्रमा का द्रव्यमान कम होता है और पृथ्वी का द्रव्यमान बहुत अधिक है। इसलिए, चंद्रमा तथा पृथ्वी के बीच लगा हुआ गुरुत्वाकर्षण बल, चंद्रमा में उसके द्रव्यमान के कारण बहुत कम (नगण्य) त्वरण उतपन्न करता है। चंद्रमा में उतपन्न अधिक त्वरण के कारण, हम देख सकते हैं कि चंद्रमा, पृथ्वी की तरफ गति कर रहा है। पृथ्वी में उतपन्न त्वरण कम है जिससे पृथ्वी का विस्थापन लगभग शून्य है। इस कारण हम पृथ्वी को चंद्रमा की तरफ गति करते हुए नहीं देखते हैं।

2378 Views


सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हलकी वस्तु के मुकाबले में तेज़ी से क्यों है गिरती?


वस्तु पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल, 

गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का महत्व क्या है? - gurutvaakarshan ke saarvatrik niyam ka mahatv kya hai?

गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का महत्व क्या है? - gurutvaakarshan ke saarvatrik niyam ka mahatv kya hai?

हम देखते हैं, F ∝ m परन्तु g, m पर निर्भर नहीं करता
अत: सभी गिरती हुई वस्तुओं के लिए त्वरण समान होगा। इसलिए एक भारी वस्तु, हलकी वस्तु की तुलना में तेज़ी से नहीं गिरती।

715 Views


गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइए इसका क्या महत्व है?

(i) गुरुत्वाकर्षण का नियम पृथ्वी का सही-सही द्रव्यमान ज्ञात करने में सहायता करता है। (ii) गुरुत्वाकर्षण का नियम का उपयोग सूर्य, चन्द्रमा और ग्रहों के द्रव्यमान ज्ञात करने में किया जाता है। (iii) गुरुत्वाकर्षण का प्रमुख अनुप्रयोग युग्मतारों (double stars) के द्रव्यमानों का आंकलन करता है।

गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम क्या है उदाहरण द्वारा समझाइए?

Solution : गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम-विश्व का प्रत्येक पिंड अन्य पिंड को एक बल से आकर्षित करता है, जो दोनों पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनकी बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह बल दोनों पिंडों को मिलाने वाली रेखा की दिशा में लगता है।

गुरुत्वाकर्षण के सर्वाधिक नियम क्या है?

न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम (newton's law of gravitation): किन्हीं दो पिंडो के बीच कार्य करने वाला आकर्षण बल पिंडो के द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है.

गुरुत्वाकर्षण नियतांक क्या है in Hindi?

गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मान G का मान कणों की प्रकृति, द्रव्यमान, माध्यम तथा ताप एवं समय आदि पर निर्भर नहीं करता है। इसी कारण से इसे सार्वत्रिक नियतांक G कहते हैं। प्रयोग द्वारा गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मान 6.67 × 10-11 न्यूटन-मीटर2/किग्रा2 प्राप्त किया गया है। यह एक अदिश राशि है।