उत्तर :भूमिका में:
भूमंडलीय धरातल पर औसत तापमान लगभग 14ºC के आस-पास होता है, परंतु तापमान के स्थानीय औसत में व्यापक भिन्नता पाई जाती है। मानचित्रों पर क्षैतिज तापक्रमों का वितरण सामान्यतया समताप रेखाओं द्वारा दिखाया जाता है। अधिकांशत: तापक्रमों का क्षैतिज वितरण अक्षांशों द्वारा निर्धारित होता है परंतु अक्षांश ही एकमात्र नियंत्रणकारी कारक नहीं होता। तापक्रम का क्षैतिज वितरण कई अन्य भौतिक कारकों पर भी निर्भर करता है। विषय-वस्तु में:
पृथ्वी के धरातल पर तापक्रम का क्षैतिज वितरण जिन अन्य कारकों पर निर्भर करता है, वे निम्नलिखित हैं- 1. अक्षांश धरातलीय सतह के पास किसी भी स्थान विशेष के वायुमंडल का तापमान उस स्थान पर प्राप्त सूर्यातप की मात्रा पर निर्भर करता है। सामान्य रूप से जितना नीचा अक्षांश होता है उसे उतनी ही अधिक सूर्यातप की मात्रा प्राप्त होती है। इसलिये सूर्यातप की मात्रा भूमध्यरेखा से ध्रुवों की ओर घटती जाती है। 2. सागर तल से ऊँचाई धरातलीय सतह से ऊँचाई के साथ प्रति एक हज़ार मीटर पर 6.5ºC की दर से तापमान में कमी होती जाती है जिसे ‘सामान्य ह्रास दर’ कहते हैं। क्योंकि वायुमंडल पार्थिव विकिरण द्वारा नीचे की परतों में पहले गर्म होता है। इस कारण पूरे विश्व में समान अक्षांशों में सागर तल के क्षेत्रों की अपेक्षा पर्वतीय क्षेत्रों का तापमान कम होता है। 3. समुद्र से दूरी किसी भी स्थान के तापमान को प्रभावित करने वाला अन्य कारक समुद्र से उस स्थान की दूरी है क्योंकि स्थल की अपेक्षा समुद्र धीरे-धीरे गर्म और धीरे-धीरे ठंडा होता है। 4. वायुसंहति तथा महासागरीय धाराएँ स्थलीय और समुद्री पवनों की तरह वायु संहतियाँ और महासागरीय धाराएँ भी तापमान को प्रभावित करती हैं। हम पाते हैं कि कोष्ण वायु संहतियों और गर्म महासागरीय धारा से प्रभावित स्थानों का तापमान अधिक होता है। वहीं, शीत वायु संहतियों और ठंडी महासागरीय धारा के प्रभाव से स्थानों का तापमान कम हो जाता है। 5. मेघ आवरण तापक्रम का वितरण एक समान वाले मेघ आवरण की सघनता, प्रकार और ऊँचाई से भी प्रभावित होता है। यह पृथ्वी के विकिरण बजट को प्रभावित करने वाला सर्वाधिक विविध कारक है। निष्कर्ष
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