फर्स्ट आने के लिए क्या करना चाहिए? - pharst aane ke lie kya karana chaahie?

हमारे आस पास कभी भी किसी  को चोट लगने या बीमार होने की घटना हो सकती है। ऐसे में कई बार हमारी एक छोटी सी मदद उनकी जिंदगी बचा सकती है। 

किसी को चोट लगने, उनके घायल होने या बीमार पड़ने पर हम अक्सर समझ नहीं पाते कि उनकी जान बचाने के लिए हमें क्या करना चाहिए। इसीलिए फर्स्ट एड हर किसी को सीखना बेहद जरूरी है। फर्स्ट एड वो तरीका होता है जिससे हम डॉक्टर के आने से पहले किसी को ट्रीटमेंट दे सकते हैं और जान बचा सकते हैं। 

फर्स्ट एड का मतलब है डॉक्टर के आने और ट्रीटमेंट की शुरुआत होने से पहले दी जाने वाली मेडिकल सुविधा। ये स्किल हर किसी के लिए सीखना बेहद जरूरी है। 

फर्स्ट एड किट की जरूरत आपको कभी भी और कहीं भी पड़ सकती है, चाहे आपके आसपास किसी को मधुमक्खी ने काटा हो या किसी को कोई गंभीर चोट लग गई हो, डॉक्टर के पास ले जाने से पहले उसका खून रोकने या  जलन से आराम दिलाने के लिए फर्स्ट एड का इस्तेमाल किया जाता है।

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Table of Contents

फर्स्ट आने के लिए क्या करना चाहिए? - pharst aane ke lie kya karana chaahie?

  • इमरजेंसी के दौरान 3 स्टेप्स
  • खतरे की आशंका की जांच करें
  • मेडिकल हेल्प के लिए जल्द से जल्द कॉल करें
  • मदद करें
  • घाव के लिए फर्स्ट एड बैंडेज
  • जलने की स्थिति में फर्स्ट एड
  • नाक से खून बहने के लिए फर्स्ट एड
  • हार्ट अटैक के लिए फर्स्ट एड
  • बच्चों के लिए फर्स्ट एड किट

इमरजेंसी के दौरान 3 स्टेप्स

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किसी भी मेडिकल इमरजेंसी की सिचुएशन में आपको यह तीन बातें याद रखना बेहद जरूरी है। यह तीन बेसिक कदम है जो आपको किसी को फर्स्ट एड देते समय ध्यान में रखने चाहिए।

1. खतरे की आशंका की जांच करें

अगर आप किसी एक्सीडेंट या ऐसी जगह पर हैं, जहां आसपास खतरा हो सकता है तो सबसे पहले उस खतरे की आशंका को सही तरीके से जांच लें। देखें कहीं आसपास आग लगने, छत के गिरने या हिंसा करने वाले लोगों की मौजूदगी तो नहीं है।

खुद को किसी खतरे में ना डालें और सबसे पहले आप उस खतरे से बाहर निकलकर मदद के लिए कॉल करें। घायल या बीमार हुए व्यक्ति की कंडीशन समझने की कोशिश करें। जब तक कि उनकी जान बचाना वजह ना हो उन्हें उनकी जगह से ना हिलाएं।

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2. मेडिकल हेल्प के लिए जल्द से जल्द कॉल करें

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कोई भी कदम उठाने से पहले इमरजेंसी मेडिकल केयर नंबर पर जरूर कॉल करें। अगर आपके एरिया में ऐसा कोई एक नंबर नहीं है तो आसपास के किसी हॉस्पिटल में कॉल करें और उन्हें घटना और जगह के बारे में सही जानकारी दें। अगर आप इस दुर्घटना में अकेले हैं तो खुद ही कॉल करें।

3. मदद करें

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अगर आप खुद सुरक्षित हैं और जब तक प्रोफेशनल सहायता नहीं आ जाती, तब तक किसी घायल व्यक्ति की मदद कर सकते हैं तो आगे बढ़कर मदद करें। वह जिस परिस्थिति में है उन्हें अधिक से अधिक आराम पहुंचाने की कोशिश करें। जरूरत पड़ने पर उन्हें गर्म कंबल दें और उन्हें शांत रखने की कोशिश करें। अगर आपको फर्स्ट एड स्किल आते हैं तो उन्हें खतरे से बाहर निकालने की कोशिश करें।

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अगर आपको ऐसे कोई स्किल नहीं आते हैं तो भी आप उन्हें शांत रखने और खतरे से सुरक्षित रखने की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन एक बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि किसी और की मदद करने के साथ ही आपको खुद का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है।

घाव के लिए फर्स्ट एड बैंडेज

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बहुत से मामलों में आप किसी छोटी मोटी चोट या कटे हुए हिस्से को ढकने के लिए चिपकने वाले बैंडेज का प्रयोग करते हैं। लेकिन अगर घाव बड़ा है तो आपको उस पर पट्टी बांधने की जरूरत पड़ेगी। पट्टी बांधते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

  • चोट या घाव वाले हिस्से को स्थिरता से एक जगह पर रखें।
  • धीरे लेकिन मजबूत हाथों से बैंडेज को हाथ पैर या चोट लगे हिस्से पर बांधें जिससे कि चोट वाला हिस्सा पूरी तरह से ढक जाए।
  • इसके बाद बैंडेज को चिपकने वाले  टेप या सेफ्टी पिन से सुरक्षित कर दें।
  • ध्यान रखें यह बैंडेज चोट पर मजबूती से टिके होना चाहिए लेकिन इतना भी टाइट नहीं होना चाहिए कि उस इससे से खून का संचार ही बंद हो जाए।

जलने की स्थिति में फर्स्ट एड

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अगर आपको यह समझ में आ रहा है कि कोई व्यक्ति थर्ड डिग्री बर्न हुआ है तो तुरंत डॉक्टर या मेडिकल फेसिलिटीज को संपर्क करें। यह समझने के लिए देखें कि:

  • शरीर का बड़ा हिस्सा जला है
  • बर्न व्यक्ति के चेहरे, हाथ, पैर, प्राइवेट हिस्सों और पीठ पर हैं
  • व्यक्ति बिजली या केमिकल से जला है

ऐसी स्थिति में डॉक्टर और हेल्थ प्रोफेशनल द्वारा ही ट्रीटमेंट करवाना सबसे समझदारी भरा स्टेप है

लेकिन अगर कोई व्यक्ति थोड़ा बहुत जल जाए या उसे माइनर बर्न हो तो ऐसी स्थिति में उस जले हुए हिस्से पर 15 मिनट तक ठंडा पानी डालते रहे। ध्यान रखें कि जले हुए हिस्से पर बर्फ का प्रयोग ना करें। यह फायदा और अधिक नुकसान कर सकता है।

पानी डालने के बाद उस पर  मेडिकल स्टोर में मिलने वाली जले पर लगाने वाली दवाई लगा सकते हैं। इंफेक्शन से बचाने के लिए शुरुआत में इसे ढीले कपड़े से ढक कर रख सकते हैं। इसके बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उनके द्वारा बताए गए सभी कदम उठाएं।

नाक से खून बहने के लिए फर्स्ट एड

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  • जब आप किसी ऐसे व्यक्ति को फर्स्ट एड दे रहे जिनकी नाक से खून बह रहा हो तो उनसे कहे कि वो: 
  • बैठ जाए और अपना सिर आगे की तरफ झुकाए।
  • अब अपने अंगूठे और उंगली की मदद से उनके नॉस्ट्रिल्स यानी नाक के छेद ओं को  बंद कर दें।
  • करीब 5 मिनट तक प्रेशर के साथ नॉस्ट्रिल को बंद रखें।
  • अब चेक करें कि उनके नाक से खून आना बंद हुआ या नहीं।
  • नॉस्ट्रिल्स को दबाकर बंद करने की प्रक्रिया वह खुद  भी कर सकते हैं या आप भी उनके लिए कर सकते हैं।
  • अगर नाक से खून बहना 20 मिनट तक बंद नहीं हुआ तो डॉक्टर से संपर्क करें।

हार्ट अटैक के लिए फर्स्ट एड

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अगर आपको ऐसा लग रहा है कि किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आ रहा है तो तुरंत उन्हें बैठने के लिए कहे उनके कपड़ों को ढीला करें और उन्हें रिलैक्स करने की कोशिश करें। इसके साथ ही उन्हें एक एस्प्रिन चबाने के लिए दें। अगर उन्हें पहले से ही दिल से जुड़ी कोई समस्या है और उन्हें डॉक्टर ने नाइट्रोग्लिसरीन दी है तो उन्हें नाइट्रोग्लिसरीन तुरंत दें।

उन्हें डॉक्टर के आने तक ज्यादा से ज्यादा रिलैक्स कराने की कोशिश करें। अगर व्यक्ति बेहोश हो गया है तो उसे सीपीआर दें और होश में लाने की कोशिश करें। सीपीआर फर्स्ट एड का एक तरीका है जो व्यक्ति को होश में लाने और उसकी सांस लौटाने में मददगार होता है। इसे माउथ टू माउथ ब्रीदिंग भी कहा जाता है।

बच्चों के लिए फर्स्ट एड किट

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छोटे बच्चों को अक्सर फर्स्ट एड की जरूरत पड़ जाती है, क्योंकि वह कई बार खेलते कूदते समय गिरते हैं और खुद को घायल कर लेते हैं। ऐसे में अपने बच्चे के लिए अपने घर, कार और पर्स में बेहद जरूरी दवाएं जरूर रखें। इनमें ले चोट पर लगाने की क्रीम, थर्मामीटर और डॉक्टर द्वारा दी गई बच्चे की दवाएं हो यह भी जरूरी है कि आप इस किट को ऐसी जगह पर रखें, जहां बच्चे ना पहुंच पाए। वर्ना यह फर्स्ट एड किट की दुर्घटना की वजह बन जाएगी।

हम सभी को अपने और अपने आसपास के लोगों के प्रति संवेदनशील होना बेहद जरूरी है। इसी संवेदनशीलता का हिस्सा है कि जब कोई बीमार या घायल हो तो हम उसकी मदद के लिए आगे आए। 

लेकिन इससे भी जरूरी है कि हम अपनी  सुरक्षा का भी ध्यान रखें। किसी की मदद करते समय ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि आप ब्लड, उल्टी या किसी भी किस्म के शारीरिक फ्लूड के कांटेक्ट में ना आए, बिना ग्लव्स पहने किसी भी व्यक्ति के घाव को ना छुए किसी की मदद करने के बाद अपने घर आकर हाथों को साबुन  से अच्छे से धोएं।

हम उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपके काम आएगी ऐसे ही स्टोरीज के लिए पढ़ते रहिए idiva हिंदी।


क्लास में फर्स्ट आने के लिए क्या करें?

क्लास में टॉप कैसे करे और कैसे एक टोपर बने ?.
क्लास में ध्यान दे जो पढाया जाये ... .
क्लास में टॉप करने के लिए टाइम टेबल बनाये ... .
नोट्स बनाके पढाई करे अच्छे मार्क्स के लिए ... .
एग्जाम शुरू होने से पहले पढाई शुरू करे ... .
पढाई से ध्यान हटाने वाली चीजों से दूर रहे.

टॉपर कैसे याद करते हैं?

टॉपर बनने के लिए बेस्ट 20 टिप्स.
नियमित तय घंटे पढ़ाई करें.
नया सीखना/समझना.
स्मार्ट स्टडी करें.
नोट्स तैयार करें.
हर टॉपिक को कांसेप्टवाइज समझें.
रीवीजन करें.
प्रश्न पूछने में कभी संकोच न करें.
मॉक टेस्ट/मॉडल पेपर सॉल्व करें.

बिना पढ़े टॉपर कैसे करें?

बिना पढ़े टॉपर कैसे बने?.
2.1 1. पुराने प्रश्न पत्रों को हल करने का प्रयास करें.
2.2 2. पढ़ाई कम करें लेकिन सही से करें.
2.3 3. सिलेबस को समझने की कोशिश करें न कि उसे याद करने की.
2.4 4. मन को एकाग्र करें.
2.5 5. केवल महत्वपूर्ण प्रश्न याद रखें.
2.6 6. स्टडी रोजाना करें.
2.7 7. ... .
2.8 8..

लाइफ में टॉप कैसे करें?

हर टॉपर अपनी लाइफ में कुछ खास बातों का पालन करता है, जिनकी वजह से वह खुद को दूसरों से अलग साबित करता रहता है. जानिए कुछ ऐसे खास टिप्स, जिनकी मदद से आप भी टॉपर बन सकते हैं (How To Become Topper). 1- नियमित तौर पर क्लास अटेंड करें और सभी विषयों पर बराबर फोकस करें. साथ ही टीचर द्वारा बताई जा रही हर बात को ध्यान से सुनें.