विषयसूची डरा मका कर क्या किसी को सही रास्ते पर लाया &ा सकता है मेरे संग की औरतें पाठ के आ ार पर लिखिए?इसे सुनेंरोकेंAnswer: लेखिका के अनुसार एक बार उनके घर में चोर घुस आया था। उस पर चोर की ही बदकिस्मती थी कि वह लेखिका की दादी माँ के कमरे में घुस गया। उनकी दादी माँ ने यह जानते हुए भी कि वह चोर है उसको न डराया न धमकाया बल्कि सहजता पूर्वक उसे सुधार दिया। लेखिका की नानी ने अपनी पुत्री के लिए वर खोजने का दायित्व किसे सौंपा और क्यों?इसे सुनेंरोकेंउत्तर: लेखिका की नानी ने अपनी बेटी के लिए स्वतंत्रता सेनानी वर खोजने का दायित्व अपने पति के मित्र स्वतंत्रता-सेनानी प्यारे लाल शर्मा को सौंपा क्योंकि उन्हें भरोसा था कि प्यारे लाल जी उनकी इच्छा अवश्य पूरी कर पायेंगे। रेणु स्कूल से लौटते समय गाड़ी में क्यों नहीं बैठती थी? इसे सुनेंरोकेंलेखिका की बहन रेणु अपने मन की मालिक खुद थी। उसे स्कूल से लौटते समय गाड़ी में आना पसंद नहीं था। इसलिए वह पसीने से तरबतर होकर भी पैदल घर आती थी। मेरे संग की औरतें पाठ के आधार पर लि खि ए कि जीवन में कैसे इंसानों को अधि क श्रद्धा भाव से देखा जाता है?इसे सुनेंरोकेंAnswer: जो इंसान सदैव सत्य बोले, ईमानदारी से अपना जीवन व्यतीत करे, दृढ़ निश्चयी हो, दूसरों की बातों की गोपनीयता को दूसरों पर प्रकट न करे, जो सबके साथ समान व्यवहार करे, समाज की भलाई के लिए कार्यरत रहे तथा अपने कर्त्तव्यों से विमुख न हो, ऐसे मनुष्य को श्रद्धा भाव से देखा जाता है। िेखिका मदृ िु ा गगग अपने साथ की ककन औरतों से प्रभाववत थी और क्यों?इसे सुनेंरोकेंलेखिका की मां सुंदर व्यक्तित्व की स्वामिनी थी। वे एक नाजुक-मिजाज औरत थीं। ईमानदारी, निष्पक्षता एवं सच्चाई सभी को प्रभावित करती थी। घर के सभी सदस्य उनकी सलाह का सम्मान करते थे। लेखिका की नानी को किसका बेहद शौक था? इसे सुनेंरोकेंAnswer. ✎… ‘मेरे संग की औरतें’ पाठ में लेखिका मृदुला गर्ग की नानी भले ही एक पर्दानशी, पारंपरिक सोच-विचार, रीति-रिवाजों को मारने वाली कम पढ़ी-लिखी महिला थीं। लेकिन उनके मन में अपने देश के आजादी को पाने का जुनून और शौक था। लेखिका के नाना जी शादी के तुरंत बाद कहाँ पढ़ने चले गए थे?इसे सुनेंरोकेंपहले इतना ही जाना कि मेरी नानी, पारंपरिक, अनपढ़, परदानशीं’ औरत थीं, जिनके पति शादी के तुरंत बाद उन्हें छोड़कर बैरिस्ट्री पढ़ने विलायत चले गए थे। लेखिका मृदुला गर्ग अपनी नानी के व्यक्तित्व से क्यों प्रभावित थी?इसे सुनेंरोकेंलेखिका की नानी अपने पति के जीवन में किसी भी प्रकार का दखल नहीं देती थीं। लेकिन वह घर की चारदीवारी में भी रहकर अपने ढ़ंग से जीवन जीती थीं। जब लेखिका की माँ की शादी की बात आई तो उनकी नानी ने अपनी बात बड़े ही अधिकार से मनवा लीं। इसलिए लेखिका अपनी नानी के व्यक्तित्व से प्रभावित थीं। |