इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर तरीकों पर व्यंग्य किया है क्या आप उनके विचार में सहमत है? - is paath mein lekhak ne samoochee shiksha ke kin taur tareekon par vyangy kiya hai kya aap unake vichaar mein sahamat hai?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -

इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है? क्या आप उनके विचार से सहमत हैं?

बड़े भाई साहब ने समूची शिक्षा प्रणाली पर व्यंग्य करते हुए कहा है कि ये शिक्षा अंग्रेजी बोलने, लिखने, पढ़ने पर ज़ोर देती है। आए या न आए पर उस पर बल दिया जाता है।

रटने की प्रणाली पर भी ज़ोर है। अर्थ समझ में आए न आए पर रटकर बच्चा विषय में पास हो जाता है। साथ ही अलजबरा, ज्योमेट्री निरंतर अभ्यास के बाद भी गलत हो जाती है। अपने देश के इतिहास के साथ दूसरे देश के इतिहास को भी पढ़ना पड़ता है जो ज़रूरी नहीं है। छोटे-छोटे विषयों पर लंबे चौड़े निबंध लिखना। ऐसी शिक्षा जो लाभदायक कम और बोझ ज़्यादा हो ठीक नहीं होती है।

Concept: गद्य (Prose) (Class 10 B)

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इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर तरीकों पर व्यंग किया है क्या आप उनके विचारों से सहमत है?

बड़े भाई साहब ने समूची शिक्षा प्रणाली पर व्यंग्य करते हुए कहा है कि ये शिक्षा अंग्रेजी बोलने, लिखने, पढ़ने पर ज़ोर देती है। आए या न आए पर उस पर बल दिया जाता है। रटने की प्रणाली पर भी ज़ोर है। अर्थ समझ में आए न आए पर रटकर बच्चा विषय में पास हो जाता है।

लेखक के अनुसार शिक्षा क्या है?

उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार शिक्षा का अर्थ ज्ञान का प्रयोग करना है। "स्कूल का एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्यभार है- बच्चों को ज्ञान का प्रयोग करना सिखाना।"

बड़े भाई साहब पाठ में शिक्षा प्रणाली का जो रूप बताया गया है वह आज की शिक्षा प्रणाली से कैसे भिन्न है?

1. 'बड़े भाईसाहब' पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा प्रणाली पर व्यंग्य किया है उनके अनुसार वर्तमान शिक्षा प्रणाली में रटंत विद्या पर बल दिया जाता है, व्यावहारिक ज्ञान पर नहीं । अंग्रेजी भाषा पढ़ने पर बहुत अधिक बल दिया जाता है जबकि मातृभाषा हिंदी है । इसके अतिरिक्त अलजबरा और ज्योमेट्री के तर्क उनकी समझ से परे थे ।