नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे कि थर्मामीटर क्या है (What is Thermometer) थर्मामीटर कितने प्रकार के होते हैं? इनका उपयोग कहां-कहां किया जाता है? तथा थर्मामीटर कैसे काम करता है? तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों के बारे में जानेंगे। Show
थर्मामीटर (Thermometer)थर्मामीटर या तापमापी इस उपकरण के नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि तापमापी का क्या अर्थ है तापमापी दो शब्दों “ताप” तथा “मापी” ताप का अर्थ है तापमान और मापी का अर्थ है मापन अर्थात् तापमान का मापन करने वाले उपकरण तापमापी कहलाते है। Table of Contents
थर्मामीटर के प्रकार (Type of Thermometer)थर्मामीटर को कार्य क्षमता, बनावट, और मूल्य के अनुसार दो भागों में बांटा गया है। जोकि निम्नलिखित हैं –
मरकरी थर्मामीटरमरकरी थर्मामीटर एक ऐसा थर्मामीटर होता जिसमें मरकरी (इसे पारा कहा जाता है) का उपयोग किया जाता है। इसलिए इसे मरकरी थर्मामीटर कहा जाता है। इसमें कांच की एक ट्यूब का उपयोग किया जाता है इस ट्यूब में मरकरी को भरा जाता है इस ट्यूब पर तापमान अंकित किए जाते हैं जैसे ही तापमान बढ़ता है पारा पिघलकर फैल जाता है। और बढ़ा हुआ तापमान ट्यूब पर प्रदर्शित हो जाता है। इन्हें भी पढ़ें:- एनेलाग मापन यन्त्र क्या होते हैं? (What is Analog measuring Insutruments) यदि तापमान घट जाता है तो ट्यूब में भरा पारा सिकुड़ जाता है जिसे पारा अंकित तापक्रम में घटता हुआ दिखता है। और कम तापमान को प्रदर्शित करता है। Also Read: टैकोमीटर क्या होता है? What is Techometer in hindi. डिजिटल थर्मामीटरडिजिडल थर्मामीटर एक ऐसा उपकरण है जिसको प्लास्टिक से बनाया जाता है। इसमें एक डिस्प्ले का उपयोग किया जाता है जो तापमान प्रदर्शित करता है। जब थर्मामीटर को गर्म स्थान में रखा जाता है तो बढ़ा हुआ तापमान डिस्प्ले में प्रदर्शित होता है। इन्हें भी पढ़ें:- नेटवर्क क्या होता है? | Network kya hota hai? जब थर्मामीटर को ठण्डे स्थान पर रखा जाता है तो घटा हुआ तापमान डिस्प्ले में प्रदर्शित होता है। यह तापमान को डिग्री सेल्सियस में प्रदर्शित करता है। थर्मामीटर का मूल्य (Price of Thermometer)थर्मामीटर का मूल्य उसकी संरचना और कार्यक्षमता पर निर्भर करता है। आमतौर पर उपयोग होने वाले थर्मामीटर का मूल्य 100 रूपए से 20,000 रूपए तक होता है। यदि हम हाईटेक थर्मामीटर की बात करें तो इसका मूल्य 1,00000 रूपए से 150000 तक हो सकता है। डिजिटल और एनालॉग थर्मामीटर की तुलनायदि हम डिजिटल और एनालॉग थर्मामीटर की तुलना करें तो दोनों संरचना और कार्यक्षमता में बहुत ही भिन्न होता है। जोकि निम्नलिखित हैं – इन्हें भी पढ़ें:- पावर स्टेशन पर परिवर्तनीय भार क्या है? | Variable Load on Power Station kya hai? क्रमांकडिजिटल थर्मामीटरएनालाॅग थर्मामीटर1.मूल्य में अधिक होता है।सस्ता होता है।2.प्लास्टिक का बना होता है जिससे डिकाऊ होता है।कांच का बना होता है जिस जल्दी टूट जाता है।3.पढ़ने में आसानी तथा शुद्ध मान देता है।हर कोई आसानी से नहीं पढ़ पाता है।4.इसे लम्बे समय तक प्रयोग किया जा सकता है।यह कम समय में ही उपयोग होना बन्द हो जाता है।डिजिटल और एनालॉग थर्मामीटर में तुलनासावधानियां –थर्मामीटर को उपयोग करते समय कुछ बातों को ध्यान में रखकर प्रयोग किया जाता है वह बातें निम्नलिखित हैं – ताप की अवधारणा (Concept of Temperature): किसी वस्तु का ताप उसकी (Heatness) या ठण्डेपन (Coldness) का मापक होता है अर्थात ताप वह भौतिक राशि होती है, जिसके द्वारा हम छूकर यह ज्ञात कर सकते है कि कोई वस्तु कितनी गर्म या ठण्डी है। तापीय साम्य (Thermal Equilibrium): यदि दो वस्तुएँ X तथा Y परस्पर सम्पर्क में रखी है जिनमें से वस्तु X छूने पर वस्तु Y की अपेक्षा गर्म प्रतीत होती है तो ऊष्मा (Heat) वस्तु X से Y की ओर बहने लगती है और यह ऊष्मा तब तक बहती है जब तक तापमान समान न हो जाए। अर्थात 'ऊष्मा (Heat) का प्रवाह सदैव उच्च ताप वाली वस्तु से निम्न ताप वाली वस्तु की ओर होता है। ताप का मापक्रम (Scale of Temperature): यदि दो वस्तुओ के ताप में अन्तर बहुत कम हो तो वस्तु को केवल छूकर ही इनके ताप का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। अतः इस हेतु ताप का एक मापक्रम या पैमाना (Scale) बनाना आवश्यक होता है। तापमापी (Thermometer)ऐसा यन्त्र जिसमे ताप को मापने के लिए पैमाना (Scale) प्रयुक्त होता है तापमापी कहलाता है। अर्थात वह यन्त्र जो किसी वस्तु का ताप मापता (measure) है, तापमापी कहलाता है।" पदार्थ के विभिन्न भौतिक गुणों में ताप के साथ परिवर्तन होता है अतः तापमापी बनाने हेतु पदार्थ के किसी ऐसे गुण का प्रयोग किया जाता है जो ताप (temperature) पर निर्भर करता हो। जैसे - ताप के साथ किसी द्रव या गैस के आयतन में परिवर्तन, ताप के साथ विघुत प्रतिरोधन (Resistance) में परिवर्तन आदि। भिन्न- भिन्न गुणों को आधार बनाकर अनेको प्रकार के तापमापी बनाये गये है। उदाहरण - द्रव तापमापी, स्थिर आयतन गैस तापमापी तापयुग्म तापमापी, पूर्ण विकिरण तापमापी, प्लेटिनम प्रतिरोध तापमापी आदि। 1 . द्रव तापमापी (Liquid Thermometer): प्रत्येक तापमापी में पदार्थ के किसी ऐसे गुण को चुन लेते है जो ताप के साथ निरन्तर बदलता रहता है अतः द्रव तापमापी में काँच की केशनली में द्रव (एल्कोहॉल या पारा) स्तम्भ की लम्बाई, तापमान मापन के लिए प्रयुक्त होती है।
2 . पारा तापमापी/क्लीनिकल/डॉक्टरी तापमापी (Clinical Thermometer): मानव शरीर का ताप परिवर्तन छोटी परास (Short Range ) में ही होता है अतः मानव शरीर के तापमान को मापने हेतु पारा तापमापी का प्रयोग किया जाता है। पारा तापमापी में न्यूनतम बिन्दु 95oF (35oC ) तथा उच्चतम बिन्दु 110oF (43oC) होता है अर्थात यह तापमापी 95oF से 110oF के बीच कार्य करता है। सिद्धान्त (Principal): द्रव तापमापी या पारा तापमापी में 'उष्मीय प्रसार' (Thermal Expansion) के गुण का प्रयोग किया जाता है। 3 . स्थिर आयतन गैस तापमापी (Constant Volume Gas Thermometer): स्थिर आयतन हाइड्रोजन गैस तापमापी को प्रमाणिक गैस तापमापी माना जाता है। सिद्धान्त (Principal): तापमान में परिवर्तन करने पर स्थिर आयतन पर हाइड्रोजन गैस के दाब (Pressure) में परिवर्तन हो जाता है, यही गुण इस तापमापी का सिद्धान्त है। परास (Range)हाइड्रोजन गैस तापमापी से -200 C से 500 C तक के ताप नापे जा सकते है। उच्च ताप (High temperature) पर हाइड्रोजन विसरण (Diffusion) के द्वारा बाहर निकलने लगती है अतः 500 C से अधिक ताप मापने के लिए (1500 C तक) नाइट्रोजन गैस का उपयोग किया जाता है। -200oC से नीचे (-268oC तक) के ताप मापने हेतु हाइड्रोजन के स्थान पर हीलियम गैस का उपयोग किया जाता है। 4 . प्लेटिनम प्रतिरोध तापमापी (Platinum Resistence Theromometer) : इस तापमापी में ताप परिवर्तन के साथ भौतिक गुण प्रतिरोध (Resistance) में परिवर्तन का उपयोग किया जाता है। सिद्धान्त (Principle): किसी धातु के तार का विघुत प्रतिरोध (Resistance) तार का ताप बढ़ाने पर बढ़ जाता है, यही गुण इस तापमापी का सिद्धान्त है। परास (Range) : इस तापमापी के द्वारा -1200 C तक के ताप मापे जा सकते है। 5 . ताप युग्म तापमापी (Thermo couple Thermometer) : यह तापमापी दो धातुओं से बने ताप युग्म द्वारा माप देता है। सिद्धान्त (Principle) : यह तापमापी 'सीबेक प्रभाव' (Seeback Effect) पर आधारित है। सीबेक प्रभाव (Seeback Effect) : जब दो भिन्न-भिन्न धातु युग्म (ऐंटीमनी व विस्मथ या तांबा व लोहा) के तारों को जोड़कर एक बन्द परिपथ (Closed circuit ) बनाते है तथा दोनों संधियों को भिन्न-भिन्न ताप पर रखते हैं तो परिपथ में एक विघुत वाहक बल उतपन्न हो जाता है जिससे परिपथ में धारा बहने लगती है, इसे 'ताप विघुत धारा' (Thermo Electric current ) कहते है तथा यह प्रभाव सीबेक प्रभाव (Seeback Effect ) कहलाता है। परास (Range ) : इस तापमापी के द्वारा भिन्न -भिन्न धातु युग्मो का प्रयोग करके -200 c से 1600oC तक के ताप मापे जा सकते है। 7 . प्रकाशित उत्तापमापी (Optical Pyrometer): इसके द्वारा अत्यधिक उच्च तापमान मापे जाते है। सिद्धान्त (Principle) : यह उत्तापमापी 'विन के विकिरण संबंधी विस्थापन नियम’' (Wein’s Displacement Law) पर आधारित है अर्थात 'किसी तप्त वस्तु (Hot Body ) से उतसर्जित विकिरण की तरंगदैधर्य πm तथा वस्तु के परम ताप (T ) का गुणनफल सदैव नियत रहता है" λm × T = नियतांक परास (Range): इस तापमापी के द्वारा 800oC से 2700oC तक के ताप मापे जा सकता है। ताप मापन के पैमाने (Scales of Temperature measurement) ताप का मापक्रम बनाने के लिए पदार्थ की ऐसी दो अवस्थाओं को आधार बनाया जाता है जिन्हें सुगमतापूर्वक प्राप्त किया जा सके। गलती हुई बर्फ के ताप को हिमांक (Ice - point) तथा उबलते हुए जल की माप के ताप को भाप बिंदु (Steam Point) कहा जाता है। इन तापो को भिन्न-भिन्न पैमानों पर स्वेच्छा से कुछ आंकिक मान दे दिया जाता है तथा इन मानो के अंतर को डिग्री (degree) कहा जाता है। ताप मापन हेतु कई प्रकार के पैमानों प्रयुक्त किये जाते है जैसे- सेल्सियस, फारेनहाइट, रयूमर, केल्विन, आदि। 1 . सेल्सियस पैमाना (Celcius Scale)
2 . फारेनहाइट पैमाने (Fahrenheit Scale)
3 . रयूमर पैमाना (Reumer Scale)
4 . केल्विन पैमाना (Kelvin Scale)
ताप मापन के विभिन्न पैमानों में संबंध (Relation among different scales of Tempreature Measurement) सेल्सियस, फारेनहाइट, रयूमर तथा केल्विन पैमानों में निम्नलिखित संबंध होता है। C-0/5 = F-32/9 = R-0/4 = K-273/5 परमशून्य ताप (Absolute temperature): भौतिकी में अधिकतम ताप या उच्च ताप (High temperature ) की सीमा नहीं होती है जबकि न्यूनतम ताप (Minimum temperature ) का एक मान निर्धारित किया गया है जिसे परमशून्य ताप (absolute temperature ) कहा जाता है। इस परमशून्य ताप का मान -273 .15 C निर्धारित किया गया है। ऊष्मा स्थानान्तरण (Transmission of Heat)ऊष्मा धारिता (Heat Capacity)
S = Δθ / ΔT विशिष्ट ऊष्मा धारित (Specific Heat Capacity )
ऊष्मा स्थानान्तरण (Transmission of Heat) ताप में अंतर के कारण ऊष्मा का एक वस्तु से दूसरी वस्तु में जाना अथवा एक ही वस्तु में एक स्थान से दूसरी स्थान पर जाना ऊष्मा का स्थानान्तरण कहलाता है। ऊष्मा स्थानान्तरण की मुख्य तीन विधियाँ होती है:
1 . चालन (Conduction): जब किसी वस्तु के भिन्न-भिन्न भागों का ताप भिन्न-भिन्न होता है तो उच्च ताप वाले कण अपने संपर्क में रखे निम्न ताप वाले कणो को ऊष्मा प्रदान क्र देते है फलस्वरूप वस्तु में ऊष्मा उच्च ताप वाले भाग से निम्न ताप वाले भाग की ओर गति करने लगती है। 2 . संवहन (Convection): ऊष्मा स्थानांतरण की ऐसी विधि जिसमे पदार्थ के कण एक-स्थान से दूसरे स्थान की ओर गति करते है, संवहन (convection) कहलाती है। 3 . विकिरण (Radiation): ऊष्मा स्थानांतरण की ऐसी विधि जिसमे किसी माध्यम (Medium) की आवश्यकता नहीं होती विकिरण कहलाती है। किसी गर्म वस्तु के रूप में भी गति करती है, जिसे विकिरण ऊर्जा (Radiation Energy) कहा जाता है जबकि ऊष्मा स्थानंतरण की यह विधि विकिकरण कहलाती है। डॉक्टरी तापमापी की तरफ कितनी होती है?डॉक्टरी थर्मामीटर को केवल मानव शरीर का ताप मापने के लिए ही डिज़ाइन किया गया है। मानव शरीर का ताप सामान्यत: 35°C से कम तथा 42°C से अधिक नहीं होता। यही कारण है कि इस थर्मामीटर का परिसर 35 °C से 42°C है। 10°C से 110°C होता है ( चित्र 4.4 ) ।
तापमापी की रेंज कितनी होती है?गैस तापमापी की तामपान सीमा 268 डिग्री सेल्सियस से 1500 डिग्री सेल्सियस तक होती है। प्लेटिनम प्रतिरोध तापमापी की तापमान सीमा 200 डिग्री सेल्सियस से 1200 डिग्री सेल्सियस तक होती है। चिकित्सकीय तापमापी की तापमान सीमा 96 डिग्री फेरेन्हाईट से 110 डिग्री फेरेन्हाईट तक होती है।
सबसे अच्छा थर्मामीटर कौन सा होता है?यदि आप अपने घर के लिए एक ऐसे थर्मामीटर की तलाश कर रहे हैं, जिसे आसानी से उपयोग कर पाएं, तो डॉ. ट्रस्ट वाटरप्रूफ फ्लैक्सिबल टिप डिजिटल थर्मामीटर एक अच्छा विकल्प है। यह मजबूत डिजाइन और एक लचीली टिप के साथ आता है।
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