डाकू का नाम अंगुलिमाल क्यों पड़ गया था? - daakoo ka naam angulimaal kyon pad gaya tha?

डाकू को अंगुलिमाल क्यों कहते थे?

डाकू अंगुलिमाल मगध राज्य के जंगलों में रहता था। लोगों को लूटना और उनको जान से मार देना उसका काम था। व्यक्ति को भी मार कर उसकी एक ऊंगली काटकर उसकी माला बनाकर पहन लेता था, जिससे उसका नाम अंगुलिमाल हो गया।

अंगुलिमाल डाकू वाल्मीकि कैसे बना?

जब रत्नाकर डाकू को ज्ञान आया तो वह वाल्मीकि बन गए और रामायण की रचना कर दी और अंगुलिमाल डाकू को ज्ञान आया तो वह हिंसा छोड़ अहिंसा के मार्ग पर चलकर अहिंसका कहलाया। सभी लोग जानते हैं अंगुलिमाल एक डाकू था। लोगों की उंगलियां काटकर गले में माला बनाकर पहनता था ताकि उसका दहशत फैले। लोग डरे।

डाकू अंगुलिमाल का असली नाम क्या था?

अंगुलिमाल ने 99 लोगों की हत्याएं की थी यही नहीं आचार्य मणिभद्र के कहने पर ही वह जिनकी हत्याए करता था उनकी उंगलिया काट कर उसको मालाओं में पिरो लेता था, ताकि उगलियां गायब न हो। आचार्य मणिभद्र ने ही उसे अंगुलिमाल का नाम दिया था

अंगुलिमाल का हृदय परिवर्तन कैसे हुआ था?

निर्दोष लोगों की हत्याएं करके अपने आपको बलशाली मानते हो। ' इतना सुनते ही अंगुलिमाल के हाथ से तलवार छूटकर जमीन पर गिर पड़ी। यही वह अद्भुत क्षण था जब अंगुलिमाल के हृदय का रूपांतरण हुआ