अगर बच्चों को सांस लेने में परेशानी है, तो उनके लिए सबसे बेहतर और सबसे खराब खाद्य पदार्थअस्थमा एक सांस से जुड़ी समस्या है, जिसमें श्वास नली में सूजन आ जाती है और वो सिकुड़ जाती है व ज़्यादा बलगम बनने लगता है। ऐसी स्थिति में सांस लेने में मुश्किल होती है, खांसी होती है, सांस लेते समय घरघराहट की आवाज़ आती है और सांस फूलने लगती है। जहां कुछ बच्चों में यह समस्या कम होती है, वही कुछ में गंभीर और पुरानी हो जाती है जिससे उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर असर पड़ने लगता है। कई बार तो अस्थमा के अटैक की वजह से जान भी जा सकती है। Show
अस्थमा के इन लक्षणों को रोका तो नहीं जा सकता लेकिन इसे सिर्फ समय के साथ और इनहेलर का इस्तेमाल कर के ही काबू में किया जा सकता है। जिन बच्चों को सांस लेने में परेशानी होती है और घरघराहट की आवाज़ आती है, उनकी डाइट के बारे में जानकारी होना भी बहुत ज़रूरी है। तो आइए, उन संकेतों और लक्षणों के बारे में जानते हैं, जिनका सही इलाज होना ज़रूरी है। अस्थमा कई प्रकार का होता है:-
लक्षणअस्थमा के लक्षण हर बच्चे में अलग-अलग नज़र आ सकते हैं। कुछ को बार-बार अस्थमा का दौरा पड़ सकता है, तो कुछ में ये लक्षण तय वक्त (जैसे कसरत करते समय) पर नज़र आ सकते हैं। अस्थमा के संकेत और लक्षण में शामिल हैं:
श्वास से जुड़ी समस्याओं को सुधारने में मदद करने वाले खाद्य पदार्थऐसा कोई खास खाद्य पदार्थ तो नहीं है जिससे अस्थमा को ठीक किया जा सके लेकिन बच्चे की डाइट में पर्याप्त बदलाव कर के इसके लक्षणों को कम करने में ज़रूर मदद मिल सकती है। आहार विशेषज्ञों (डायटीशियन) के मुताबिक, जिन बच्चों को अस्थमा की समस्या है, उनके लिए पौष्टिक और अलग-अलग तरह का डाइट प्लान काफ़ी फ़ायदेमंद हो सकता है। डाइट और अस्थमा के लक्षणों के बीच के रिश्ते को अच्छे तरीके से जानने के लिए फ़ूड लॉग (जिसमें बच्चे के खाने की दिनचर्या लिखी जाए) बनाना भी बहुत ज़रूरी है। यह भी देखा गया है कि अस्थमा से पीड़ित बच्चे जिनका वज़न ज़्यादा होता है, उन्हें अस्पताल में भर्ती होने पर ठीक होने में ज़्यादा समय लगता है। इसलिए सही वज़न बनाए रखने के लिए बच्चों को सेहतमंद डाइट देना बहुत ज़रूरी है। जिन बच्चों को सांस में परेशानी है उनके लिए सही और गलत खाने की चीज़ों की लिस्ट नीचे दी गई है।सही खाद्य पदार्थ
नुकसानदेह खाना
निष्कर्षजैसा कि ऊपर बताया गया है कि अस्थमा का कोई पक्का इलाज नहीं है, लेकिन फिर भी बच्चों को एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर तरह तरह के फल और सब्जियां खिलाने से बार-बार होने वाले अस्थमा अटैक और एलर्जी से होने वाले अटैक से बचा जा सकता है। आप बच्चों की डाइट के बारे में डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं। बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो तो क्या करना चाहिए?बच्चे को यदि सांस लेने में दिक्कत होती है और वह रुक -रुककर स्तनपान कर पाता है। साथ ही उसे जुकाम, खांसी और निमोनिया अधिक होता है तो तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। यह बच्चे के दिल में छेद होने के लक्षण हैं। ऐसे बच्चों का अब बिना चीरफाड़ किए नई पद्धति से इलाज संभव है।
बच्चे को सांस लेने में दिक्कत कब होती है?किसी भी तरह के इन्फेक्शन (Infection) की वजह से बच्चों को सांस में तकलीफ होने लगती है. 2 साल से कम उम्र के बच्चों में हल्की सर्दी भी कई बार गंभीर समस्या बन जाती है. सर्दी के वजह से बच्चे की नाक बहने लगती है, गले में कफ, खांसी और बुखार भी आ सकता है.
सांस लेने में दिक्कत क्यों होती है?आपके फेफड़ों (lungs) या हवा के रास्ते (airways) के साथ समस्या अचानक सांस का फूलना अस्थमा का हमला (asthma attack) हो सकता है। इसका मतलब है आपके सांस लेने के रास्ते सिकुड़ सकते हैं और आप ज़्यादा कफ (phlegm) का निर्माण कर सकते हैं जो आपके लिए सांस लेने में कठिनाई (wheeze) और खांसी (caugh) का कारण बन सकता है।
सांस लेने में दिक्कत के क्या लक्षण है?सांस लेने में दिक्कत
सांस लेने में असामान्य दिक्कत धमनियों में रुकावट होने का परिणाम हो सकती है। धमनी में रुकावट रक्त को बहने से रोक सकती हैं जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है। सिर्फ सीने में दर्द ही हार्ट अटैक का संकेत नहीं होता, चक्कर आना, सीने में जकड़न और सांस लेने में दिक्कत भी लक्षण हो सकते हैं।
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