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रतनपुर किला।
रायपुर. मध्यप्रदेश से अलग होकर 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया था। राज्य का पौराणिक नाम तो कौशल राज्य है, जो भगवान श्रीराम की ननिहाल कहा जाता है। इसे छत्तीसगढ़ नाम 300 साल पहले यहां के गोंड जनजाति के शासनकाल के दौरान मिला था। गोंड राजाओं के यहां 36 किले थे। किलों को गढ़ भी कहा जाता है। इसी कारण इस क्षेत्र का नाम छत्तीसगढ़ पड़ा। छत्तीसगढ़ के नाम को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। पूर्व में अलग-अलग जगह इस नाम का उल्लेख हुआ है। इस बात के भी प्रमाण मिले हैं कि लगभग 500 साल पहले 14वीं शताब्दी में साहित्यकार भी अपनी रचनाओं में छत्तीसगढ़ का प्रयोग किया करते थे। इतिहासविद डॉ. रमेंद्र नाथ मिश्र ने बताया कि सन 1497 में पहली बार छत्तीसगढ़ शब्द का प्रयोग खैरागढ़ के कवि दलरामराव ने किया। इसका जिक्र भोपाल के रहने वाले प्रोफेसर हीरालाल शुक्ल की किताब में भी मिलता है। दलरामराव ने अपनी कविता में लिखा था- लक्ष्मीनिधि राय सुनो चित्त दै, नृप कोउ न ढाल अड़ैया रही। छत्तीसगढ़ गाढ़े जहां बड़े गड़ोई जान, सेवा स्वामिन को रहे सकें ऐंड़ को मान। तिनमें दक्षिन कोसज देसा, जहं हरि ओतु केसरी बेसा, तासु मध्य छत्तीसगढ़ पावन। पहली बार सरकारी दस्तावेजों में छत्तीसगढ़ शब्द का जिक्र सन् 1820 में मिलता है। इतिहासविद डॉ हेमू यदू ने बताया कि तब के अंग्रेज अधिकारी एग्न्यू की रिपोर्ट में उसने इस क्षेत्र को छत्तीसगढ़ प्रोविंस लिखा। इसे बाद में छत्तीसगढ़ प्रांत कहा गया। यह रिपोर्ट पारिवारिक जनगणना की थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक तब के छत्तीसगढ़ में 1 लाख 6 सौ तिरपन परिवार रहा करते थे। भोपाल के रहने वाले प्रोफेसर हीरालाल शुक्ल की किताब के मुताबिक रामायण काल से सत्रहवीं शताब्दी तक इस इलाके को कौशल या दक्षिण कौशल के तौर पर जाना जाता था। 1664 में गंगाधर मिश्र ने कोशलानंदम् महाकाव्य लिखा था। इसमें एक श्लोक में दक्षिण लिखा गया था - पुराणपठिता भूमिरियं दक्षिण कोशला, युगांतरेषू भूपानामेष दुर्गसनातन: इन पंक्तियों में दुर्ग यानि किलों का जिक्र है। इन्हें कुछ सालों बाद गढ़ कहा गया। गोंड जनजाति के शासन में इनकी संख्या 36 थी। वरिष्ठ पत्रकार बसंत तिवारी की किताब में इतिहासकार कनिंघम की बातों का जिक्र मिलता है। इसके मुताबिक कलचुरी वंश के चेदीराजा यहां के मूल निवासी थे। इस क्षेत्र का नाम चेदिदेश हुआ करता था। छत्तीसगढ़ राज्य के आंदोलन से जुड़ी छत्तीसगढ़ समाज पार्टी कि किताब में भी राज्य के नाम का जिक्र है। इस किताब के मुताबिक 15वीं श्ताब्दी में छत्तीसगढ़ नाम बोला-सुना जाने लगा था। छत्तीसगढ़ नाम को लेकर यह भी कहा गया है कि प्रदेश के 18-18 गढ़ शिवनाथ नदी के उत्तर और दक्षिण में स्थित थे, जिनपर कल्चुरी राजाओं का कब्जा था, इन्हीं की वजह से यह नाम मिला। 2000 में जब राज्य का गठन किया गया तब देश को छत्तीसगढ़ 26 वें राज्य के रूप में मिला। छत्तीसगढ़ के 36 किले उत्तर और दक्षिा में थे 18-18 गढ़ रतनपुर राज्य के अधीनस्थ 18 गढ़: रतनपुर, विजयपुर, पंडर भट्टा, पेंड्रा, केन्दा, बिलासपुर, खरौद,
मदनपुर (चांपा), कोटगढ़, कोसगई (छुरी), लाफागढ़ (चैतुरगढ़), उपरोड़ागढ़, मातिनगढ़, करकट्टी-कंड्री, मारो, नवागढ़, सेमरिया। चैतुरगढ़, रतनपुर में किलों के साक्ष्य विषयसूची
छत्तीसगढ़ी भाषा के भागीरथ कवि कौन है?इसे सुनेंरोकें25] छत्तीसगढ़ी भाषा के भागीरथी कवि है – उत्तर – कपिलनाथ कश्यप। उस भीषण नरसंहार में कितने लोगों की बलि चढ़ी?मोबाइल को QR Code पर केन्द्रित करें।…
शिवायन किसकी रचना है? छत्तीसगढ़ी की प्रथम समीक्षात्मक रचना डॉ॰ विनय कुमार पाठक की “छत्तीसगढ़ी साहित्य अऊ साहित्यकार” है।…छत्तीसगढ़ के प्रमुख साहित्यकार एवं उनकी रचनाएँ इस प्रकार हैं:
सुरता के सोन किरण किसकी रचना है? इसे सुनेंरोकेंलखनलाल गुप्त : जन्म 1 जुलाई 1933 बिलासपुर में, कृतियां – छत्तीसगढ़ी उपन्यास ‘चंदा अमरित बरसाईस’, ‘संझौती के बेरा’, निबंध संग्रह ‘सोन पान’, ‘गोठ बात’, छत्तीसगढ़ी बाल साहित्य ‘हाथी घोड़ा पालकी’, आत्म कथा ‘सुरता के सोन किरन’ आदि। छत्तीसगढ़ी भाषा का उद्भव विकास ग्रंथ के लेखक कौन है?इसे सुनेंरोकें”छत्तीसगढ़ी भाषा का उद्विकास” डॉ. नरेंद्र देव वर्मा द्वारा रचित और “रचना प्रकाशन” द्वारा १९७९ में प्रकाशित है। छत्तीसगढ़ी भाषा और साहित्य के संपादक कौन हैं?इसे सुनेंरोकेंछत्तीसगढ़ी के उत्कर्ष को नया आयाम दिया – पं. सुन्दरलाल शर्मा, लोचन प्रसाद पांडेय, मुकुटधर पांडेय, नरसिंह दास वैष्णव, बंशीधर पांडेय, शुकलाल पांडेय ने। छत्तीसगढ़ शब्द में गढ़ का क्या अर्थ है अपनी समझ के आधार पर उत्तर लिखिए? इसे सुनेंरोकेंगढ़ शब्द गढ़ शब्द का अर्थ खाई युक्त किला होता है किन्तु छत्तीसगढ़ में गढ़ शब्द का प्रयोग किले के अतिरिक्त राज्य या जिलों के लिये भी किया जाता था। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि जहाँ भी राजा अपनी राजधानी बना लेता था उस स्थान के साथ गढ़ शब्द का प्रयोग होने लगता था। हमर कतका सुंदर गांव किसकी रचना है? इसे सुनेंरोकेंHamar Katka Sundar Gao CG Poetry Authore lt. Pyare Lal Gupta Jee. हम लेथन राम के नावा।। साहित्यकार एवं इतिहासविद् श्री प्यारेलाल गुप्ता जी का जन्म सन् 1948 में रतरपुर में हुआ था। छत्तीसगढ़ के किस स्थान पर कौन सा विश्व प्रसिद्ध है?इसे सुनेंरोकेंयहां पर भारत का सबसे बड़ा ताप विद्युत गृह एवं एल्युमीनियम का कारखाना स्थित है। बस्तर जिले में स्थित बैलाडीला की खदानें विश्व प्रसिद्ध हैं। यहां का लोहा जापान को निर्यात किया जाता है। छत्तीसगढ़ी दानलीला किसकी कृति है?इसे सुनेंरोकेंदानलीला / सुंदरलाल शर्मा – कविता कोश छत्तीसगढ़ी भाषा की लोक गाथा फुलबासन में किसकी कथा है? इसे सुनेंरोकेंAnswer. ‘फूलबासन’ में रामायण काल की गाथा का वर्णन है। जब सीता लक्ष्मण से कहती हैं कि उन्होंने अपने सपने में फूलबासन नामक एक फूल देखा है, तुम उसे इसी तरह मेरे लिए ले आओगे तो मैं तुम्हारा उपकार जिंदगी भर नहीं भूलूंगी। जनपदीय भाषा साहित्य छत्तीसगढ़ के संपादक का नाम क्या है? इसे सुनेंरोकेंअरूणेश निरन क्षेत्रीय भाषाएँ, हिन्दी से अंतर्संबंध, अंतर्विरोध और क्षेत्रीय आधुनिकता लेख छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रयोगकर्ताओं की संख्या अवधी भाषाओं की संख्या से कहीं अधिक है, इस अर्थ में यह बोलियों के स्तर को पार कर भाषा के रूप में पहुँचती है। छत्तीसगढ़ में गढ़ शब्द का क्या अर्थ है?गढ़ शब्द गढ़ शब्द का अर्थ खाई युक्त किला होता है किन्तु छत्तीसगढ़ में गढ़ शब्द का प्रयोग किले के अतिरिक्त राज्य या जिलों के लिये भी किया जाता था। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि जहाँ भी राजा अपनी राजधानी बना लेता था उस स्थान के साथ गढ़ शब्द का प्रयोग होने लगता था।
छत्तीसगढ़ शब्द का क्या अर्थ है?पहले यह मध्य प्रदेश के अन्तर्गत था। डॉ॰ हीरालाल के मतानुसार छत्तीसगढ़ 'चेदीशगढ़' का अपभ्रंश हो सकता है। कहते हैं किसी समय इस क्षेत्र में 36 गढ़ थे, इसीलिये इसका नाम छत्तीसगढ़ पड़ा।
छत्तीसगढ़ का पुराना नाम क्या है?Q. छत्तीसगढ़ का पुराना नाम क्या था? Notes: छत्तीसगढ़ को पहले दक्षिण कोसल के नाम से जाना जाता है।
छत्तीसगढ़ के बारे में कैसे लिखें?ध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ 1 नवंबर 2000 को भारत का एक नया राज्य बना। छत्तीसगढ़ का कुल क्षेत्र 135,191 वर्ग किमी है जो कि मध्य प्रदेश का सिर्फ 30 प्रतिशत है। इस नए राज्य की मांग सन् 1924 में रायपुर जिला कांग्रेस की बैठक से उठी थी, जहां अलग छत्तीसगढ़ राज्य बनाने का विचार रखा गया था।
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