इसे सुनेंरोकेंछिपकली की त्वचा में जहर होता है। यदि वह खाने-पीने वाली किसी चीज में गिर जाए और वह आग पर पक जाए तो उस पके हुए खाद्य पदार्थ में जहर घुल सकता है। यह जानलेवा भी हो सकता है। ऐसा होने पर व्यक्ति को उल्टियां होने लगती हैं। Show
इसे सुनेंरोकेंक्या छिपकली जहरीली होती है – Kya chipkali me jahar hota hai घरों में पाई जाने वाली छिपकलियां बिलकुल भी जहरीली नहीं होती है और इनके काटने पर कोई गंभीर समस्या नहीं होती। हालांकि, हर जंतु की तरह छिपकली के काटने से भी घाव में इन्फेक्शन होने का खतरा होता है, इसीलिए इसके लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। पढ़ना: फंसा हुआ धन कैसे मिलेगा? घर पर छिपकलियों से कैसे छुटकारा पाएं?तो हम आपके लिए इन छिपकलियों से छुटकारा पाने के लिए कुछ सरल घरेलू उपचार लेकर हैं, जो कि उन्हें मारे बिना ही संभव है.
छिपकली की पूंछ काटने से क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंछिपकली की पूंछ में पुनरुदभवन या (Regeneration) की विशेष क्षमता पाई जाती है। जिसके कारण उसकी पूँछ कटने के बाद दोबारा आ जाती है। जब छिपकली की पूँछ कटती है तो खून नहीं निकलता बल्कि खून का थक्का बन जाता है और वहां पुनरुदभवन वाली कोशिकाएं आकर उभार बना लेती हैं और फिर दोबारा उसी स्थान पर पूँछ आ जाती है। छिपकली के काटने पर क्या करना चाहिए क्या इससे जान जाने का खतरा रहता है?इसे सुनेंरोकेंजहां छिपकली नें काटा हो उस जगह को गर्म पानी में 20 मिनट तक डुबो कर रखें इससे इंफैक्शन नहीं होगी। जख्म को अच्छी तरह साफ करने के बाद इस पर कोई एंटीबायोटिक क्रीम लगाएं। डॉक्टर की सलाह से टेटनेस का इंजैक्शन लगवाना बहुत जरूरी है। घाव पर सूजन आ जाए तो उस पर बर्फ की सिकाई करें लेकिन जख्म के ऊपर बर्फ नहीं लगानी चाहिए। पढ़ना: डी फार्मा करने से कौन सी नौकरी मिलती है? छिपकली काटने के बाद क्या करना चाहिए?इसे सुनेंरोकेंतुरंत इलाज करने के लिए आप अपना सकते हैं कुछ घरेलू इलाज। छिपकली के काटने पर तुरंत काटे हुए स्थान पर डेटॉल साबुन लगाकर पानी से धोना चाहिए। इससे जहर नहीं फैलेगा। कई बार ज्यादा जोर से काटने पर छिपकली का दांत भी जख्म में रह सकता है। छिपकली की पूंछ कटने के बाद भी क्यों हिलती रहती है? इसे सुनेंरोकेंकटने से उनमें खून की कमी नहीं होती इससे उसे कोई खून की कमी नहीं होती। और दूसरी महत्वपूर्ण बात यह कि उस पूंछ में चूंकि कुछ समय तक संचरण बना रहता है इसलिए वो कटी पूँछ कुछ देर हिलती है, इससे शत्रु को छिपकली के होने का भ्रम हो जाता है और वो इस आपातकालीन स्थिति से बच निकलती है। छिपकली पैर के नीचे आ जाए तो क्या होता है?इसे सुनेंरोकेंदाएं पैर व दाईं एड़ी पर छिपकली गिरना यानी यात्रा से लाभ मिलता है. बाएं पैर या बाईं एड़ी पर गिरने से बीमारी या घर में कलह होगी तथा दुख होगा. दाएं पैर के तलवे पर छिपकली गिरने का मतलब ऐश्वर्य की प्राप्ति है. जबकि बाएं पैर के तलवे पर गिरने पर व्यापार में नुकसान उठाना पड़ता है. पढ़ना: विंडोज एक्सेसरीज क्या है इन हिंदी? बिचखोपड़ा के काटने से क्या होता है?इसे सुनेंरोकेंमैंने तो बचपन में ये कहानी भी सुनी है कि सांप का काटा तो पानी मांग भी लेता है। लेकिन, विषखोपड़ा का काटा हुआ पानी नहीं मांगता है। खासतौर पर अगर विषखोपड़ा ने काटने के बाद पेशाब कर दिया है तो इंसान का बचना नामुमकिन है। लेकिन, असल बात तो यह है कि विषखोपड़ा जरा भी जहरीला नहीं है। शायद ही कोई ऐसा घर होगा, जहां छिपकलियां नही रहती हों। हर घर में छिपकलियां पायी जाती हैं। कुछ घरों में एक दो छिपकलियां होती हैं तो किसी-किसी घर में लगता है छिपकलियों का पूरा खानदान रहता है। हालांकि छिपकलियां हर मौसम में घर में पायी जाती हैं, लेकिन गर्मी के दिनों में कुछ ज्यादा ही दिखाई देती हैं। छिपकलियों का जहर इंसानों के लिए बहुत घातक होता है। ऐसा माना जाता है कि इसके जहर के प्रभाव में आने से सही इलाज नहीं मिल पाने पर इंसान की तुरंत मृत्यु भी हो जाती है। रात में सही इलाज मिलना होता है मुश्किल:गर्मी के मौसम में ज्यादातर घरों में लोग फर्श पर ही बिस्तर डालकर सो जाते हैं, ताकि थोड़ी तो राहत मिले। ऐसे में उन्हें छिपकलियों के आतंक का सामना करना पड़ता है। छिपकलियों के काटने पर सही समय पर इलाज मिलने पर इंसान की जान बच जाती है, लेकिन रात के समय में सही इलाज का मिल पाना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं, ताकि छिपकलियों के काटने पर आप अपना इलाज खुद ही कर सकें। अपनाएं ये तरीके:*- जिस स्थान पर आपको छिपकली काटती है, उस स्थान को साफ पानी और डेटॉल साबुन या लिक्विड से अच्छी तरह साफ करें। ऐसा करने से जहर ज्यादा नहीं फैल पाता है। *- छिपकलियों के दांत छोटे होते हैं और जब वह जोर से काटती हैं तो उनके कुछ दांत जख्म वाली जगह पर ही रह जाते हैं। इसलिए अपने जख्म की जांच अच्छी तरह करें और अगर ऐसा कुछ दिखता है तो उसे तुरंत निकाल दें। *- जख्म गहरा होने पर खून तेजी से निकलता है, ऐसे में जख्म वाले हिस्से को ज्यादा हिलाना-डुलाना नहीं चाहिए। ऐसा करने पर खून और तेजी से निकलने लगता है। *- घाव को साफ करने के लिए भूलकर भी किसी ऐसी चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जिससे त्वचा को नुकसान पहुंचे। अल्कोहल और हाइड्रोजन पैराक्साइड भी इन्ही में से एक है। *- छिपकली के काटे जाने के बाद घाव वाली जगह को गुनगुने पानी में डालकर रखें। ऐसा करने से इन्फेक्शन ज्यादा नहीं फैलता है। *- काटे गए स्थान को साफ करने के बाद वहां कोई एंटीबायोटिक क्रीम लगाना ना भूलें। *- सुबह उठते ही डॉक्टर की सलाह लेना नहीं भूलना चाहिए। अगर जरूरी हो तो टिटनेस की सुई भी लगवा लें। *- छिपकली के काटने की वजह से अगर जख्म के आस-पास सूजन हो जाए तो बर्फ से उसकी सेकाई करें, लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि बर्फ जख्म वाली जगह पर ना लगे। *- जख्म पर भूलकर भी पट्टी नहीं बांधनी चाहिए। ऐसा करने से जख्म गलने लगता है जबकि खुला छोड़ने से हवा लगती रहती है और जल्दी सूखने की उम्मीद होती है। क्या छिपकली का काटना हानिकारक है?घरों में पाई जाने वाली छिपकलियां बिलकुल भी जहरीली नहीं होती है और इनके काटने पर कोई गंभीर समस्या नहीं होती। हालांकि, हर जंतु की तरह छिपकली के काटने से भी घाव में इन्फेक्शन होने का खतरा होता है, इसीलिए इसके लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।
छिपकली का जहर कितना खतरनाक होता है?भारत में छिपकलियों की कोई भी प्रजाति जहरीली नहीं है, लेकिन उनकी त्वचा में जहर जरूर होता है। यही कारण है कि छिपकलियों के काटने से जहर नहीं फैलता। जब यह किसी खाने-पीने की चीज (दूध, सब्जी आदि) में गिर जाती है तो वह जहरीला हो जाता है। दुनिया में छिपकलियों की 3200 प्रजातियां हैं।
क्या छिपकली के शरीर में जहर होता है?भारत में पाई जाने वाली छिपकलियों की 1500 प्रजातियों में से कोई भी जहरीली नहीं होती. इनके शरीर में ना तो कोई विश ग्रंथि होती है और ना तो इनकी बाहर की कोई त्वचा में जहर होता है. विश्व भर में पाई जाने वाली 6000 छिपकलियों की प्रजातियों में से केवल गिला मॉन्सटर और मैक्सिकन बीडेड है. जो बहुत जहरीली होती है.
|