चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलते हैं / चंद्रमा को अरग देने का मंत्र – करवा चौथ तथा संकट चतुर्थी या पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अरग देने का नियम हैं. इसके अलावा भी आप अपनी इच्छा अनुसार चंद्रमा को अरग दे सकते हैं. चंद्रमा को अरग देने से मनुष्य के जीवन में काफी लाभ होते हैं. करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अरग देने से पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता हैं. Show
संकट चतुर्थी आदि दिनों में चंद्रमा को अरग देने से दीर्धायु तथा संतान की प्राप्ति होती हैं. ऐसे काफी अन्य लाभ चंद्रमा को अरग देने से मिलते हैं. लेकिन काफी लोगो को यह नहीं पता होता है. की चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलना हैं. अगर आपको भी नहीं पता है. तो हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलते हैं तथा चंद्रमा को अरग कैसे देते हैं. इसके अलावा चंद्रमा को अरग देने का मंत्र तथा चंद्रमा को अर्घ्य देने के फायदे भी बताने वाले हैं. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलते हैं / चंद्रमा को अरग देने का मंत्रचंद्रमा को अरग देते समय कुछ मंत्र बोलने होते हैं. जिन मंत्रो के बारे में काफी कम लोग जानते होगे. हमने चंद्रमा को अरग देने के कुछ मंत्र नीचे बताए हैं. चंद्रमा को अरग देने का मंत्र
यह मंत्र आप करवा चौथ व्रत के दिन चंद्रमा को अरग देते समय बोल सकते हैं. इसके अलावा आप जब भी चंद्रमा को अरग दे. इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं. चंद्रमा को अरग देने के यह बहुत ही प्रभावशाली मंत्र माने जाते हैं. सूर्य को अर्घ्य देने का मंत्र, तरीका, फायदे, समय / सूर्य को अर्घ्य क्यों देते हैं चंद्रमा को अर्घ्य देने के फायदेऐसा माना जाता है की चांदी के पात्र में थोडा सा जल और दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देने से मनुष्य को अपने जीवन में काफी लाभ मिलते हैं. संध्या समय चंद्रमा को अर्घ्य देने का नियम हैं. नाभि ठीक करने का मंत्र तथा शाबर मंत्र / धरन ठीक करने का मंत्र इस समय चंद्रमा को अर्घ्य देने से हमारे मन में आ रही नकारात्मक विचारो से हमें मुक्ति मिलती हैं. इसके अलावा चंद्रमा को अर्घ्य देने से हमारा स्वास्थ्य अच्छा बना रहता हैं. चंद्रमा को अर्घ्य देने से चंद्र की स्थिति मजबूत बनती हैं. संकट चतुर्थी के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से संतान सुख प्राप्त होता हैं. तथा हमारा दुर्भाग्य भाग्य में परिवर्तन हो जाता हैं. संकट चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने से धन, सुख तथा समृद्धि की प्राप्ति होती हैं. तथा जातक की आर्थिक परेशानी दूर होती हैं. पूजा कब नहीं करनी चाहिए | सुबह कितने बजे उठकर पूजा करनी चाहिए चंद्रमा को अरग कैसे देते हैंचंद्रमा को अरग देने की विधि हमने नीचे बताई हैं.
चांदी का चंद्रमा पहनने के लाभ / चांदी की अंगूठी महिलाओं के लिए पहनने के लाभ निष्कर्षदोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलते हैं तथा चंद्रमा को अरग कैसे देते हैं. इसके अलावा चंद्रमा को अरग देने का मंत्र तथा चंद्रमा को अर्घ्य देने के फायदे भी आपको बताए हैं. हम उम्मीद करते है. की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ है. तो आगे जरुर शेयर करे. दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलते हैं आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद असाध्य रोग ठीक करने का मंत्र | असाध्य रोग दूर करने के टोटके धनदायक शिव मंत्र और जाप विधि | नंदी के कान में क्या बोला जाता है कर्ज मुक्ति रामबाण उपाय | गणेश जी, सूर्यदेवता पूजा कर्ज मुक्ति का रामबाण उपाय चंद्रमा को अर्घ्य देते समय क्या बोलना चाहिए?चंद्रमा को अर्घ्य देते समय "ज्योत्सनापते नमस्तुभ्यं नमस्ते ज्योतिषामपतेः नमस्ते रोहिणिकांतं अर्ध्यं मे प्रतिग्रह्यताम". ये मंत्र बोलें. इसके बाद छलनी से पहले चांद को और फिर पतिदेव का दर्शन करें. फिर दूसरे करवे से पहले पति को पानी पिलाएं और फिर पति के हाथ से उसी करवे से जल पीएं.
चंद्रमा को अरग कैसे दिया जाता है?शास्त्रों के अनुसार, अगर आप चतुर्थी के चंद्रमा को देखते हैं तो आप अपयश के शिकार हो सकते है. इसलिए हमेशा चतुर्थी के चंद्रमा को देखते समय छलनी या किसी जाली वाली चीज का इस्तेमाल किया जाता है. या चंद्रमा को नीचे करके अर्घ्य दिया जाता है. इससे चंद्रमा के सीधे संपर्क से बचाव होता है.
चंद्रमा को अरग देते समय कौन सा मंत्र बोले?चंद्रदेव को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का जप करना चाहिए। अर्घ्य देते समय इस मंत्र के जप करने से घर में सुख व शांति आती है। गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते। गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥
चंद्रमा की पूजा कैसे की जाए?चांद निकलने के बाद पहले करवे में जल भरकर मां गौरी और भगवान गणेश की पूजा करें. इसके बाद चंद्रमा के दर्शन करें और एक छननी में दीपक रखकर अपने पति का चेहरा देखें. अब लोटे के पानी से चंद्र देव को अर्घ्य दें. इसके बाद पति को मिठाई खिलाएं.
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