बेटियों की बाल लीला देखकर लेखक को क्या हुआ? - betiyon kee baal leela dekhakar lekhak ko kya hua?

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 3 हिमालय की बेटियाँ Textbook Exercise Questions and Answers.

RBSE Class 7 Hindi Solutions Vasant Chapter 3 हिमालय की बेटियाँ

RBSE Class 7 Hindi हिमालय की बेटियाँ Textbook Questions and Answers

लेख से -

प्रश्न 1.
नदियों को माँ मानने की परम्परा हमारे यहाँ काफी पुरानी है। लेकिन लेखक नागार्जन उन्हें और किन रूपों में देखते हैं?
उत्तर :
नदियों को हमारे यहाँ माँ रूप में तो माना ही गया है लेकिन लेखक नागार्जुन ने उन्हें बेटियों, प्रेयसी व बहिन के रूप में भी देखा है।

प्रश्न 2.
सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गई
उत्तर :
सिंधु और ब्रह्मपुत्र हिमालय की दो ऐसी पावन नदियाँ हैं जो दयाल हिमालय के पिघले हुए दिल की एक-एक बूंद से निर्मित हुई हैं। इनका रूप विशाल और विराट है। जब ये आगे बढ़ती हैं तो इनमें कुछ और छोटी-छोटी नदियाँ भी मिलती जाती हैं। इनका रूप इतना लुभावना है कि सौभाग्यशाली समुद्र को भी पर्वतराज हिमालय की इन दो बेटियों का हाथ पकड़ने का श्रेय मिला है। 

बेटियों की बाल लीला देखकर लेखक को क्या हुआ? - betiyon kee baal leela dekhakar lekhak ko kya hua?

प्रश्न 3.
काका कालेलकर ने नदियों को लोक माता क्यों कहा है?
उत्तर :
नदियाँ हमें अपने अमृतरूपी जल से जीवन प्रदान करती हैं। खेतों की सिंचाई कर हमें अनाज, साग-सब्जी देती हैं। परोक्ष रूप में हमारा पालन-पोषण करती हैं। नदियों के शीतल जल में स्नान कर हम अपनी थकान दूर करते हैं। नदियों के जल से बिजली बनाई जाती है। इसके साथ ही नदियाँ कल-कारखानों से निकलने वाले गन्दे रसायन पदार्थों को अपने आँचल में समेट लेती हैं। इस प्रकार हर तरह से नदियाँ हमारा कल्याण करती हैं। यह कल्याण करने की भावना 'माता' में ही हो सकती है। इसलिए नदियों को 'लोक माता' कहा गया है। 

प्रश्न 4.
हिमालय की यात्रा में लेखक ने किन-किन की प्रशंसा की है?
उत्तर :
हिमालय की यात्रा में लेखक ने हिमालय से निकलने वाली नदियों, बर्फीली चोटियों, वहाँ पर पाये जाने वाले वृक्षों, विशाल मैदानों, सागर तथा अद्भुत हिमालय आदि की प्रशंसा की है। 

लेख से आगे - 

प्रश्न 1.
नदियों और हिमालय पर अनेक कवियों ने कविताएँ लिखी हैं। उन कविताओं का चयन कर उनकी तुलना पाठ में निहित नदियों के वर्णन से कीजिए।
उत्तर :
नोट-अपने अध्यापक महोदय की सहायता से स्वयं कीजिये। 

प्रश्न 2.
गोपाल सिंह नेपाली की कविता 'हिमालय और हम' रामधारीसिंह 'दिनकर' की कविता 'हिमालय' तथा जयशंकर प्रसाद की कविता 'हिमालय के आँगन में' पढ़िए और तुलना कीजिए।
उत्तर :
[नोट-अपने अध्यापक महोदय की सहायता से स्वयं कीजिये।] 

बेटियों की बाल लीला देखकर लेखक को क्या हुआ? - betiyon kee baal leela dekhakar lekhak ko kya hua?

प्रश्न 3.
यह लेख 1947 में लिखा गया था। तब से हिमालय मे निकलने वाली नदियों में क्या-क्या बदलाव आए हैं?
उत्तर :
1947 में और उसके बाद के समय तक नदियों का जल पवित्र और नीरोगता प्रदान करने वाला स्वास्थ्यवर्धक था। लेकिन आजादी के बाद मानव की स्वार्थी प्रवृत्ति, जनसंख्या वृद्धि आदि के कारण नदियों में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती चली गयी। मल-मूत्र, गन्दे पानी, कल-कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट नदियों में बहाये जाने लगे। परिणामस्वरूप नदियों की पवित्रता खत्म होने लगी। स्वार्थी मानव प्रवृत्ति ने इनके मार्ग में भी बदलाव ला दिया। 

प्रश्न 4.
अपने संस्कृत शिक्षक से पूछिए कि कालिदास ने हिमालय को देवात्मा क्यों कहा है?
उत्तर :
कालिदास ने हिमालय को देवात्मा इसलिए कहा है, क्योंकि उन्होंने अपने काव्य 'मेघदूत' में कुबेर की नगरी अल्कापुरी को कैलाश मानसरोवर के निकट स्थित बताया है। कैलाश पर्वत पर भगवान शिव का निवास माना जाता है। वह भी हिमालय पर ही स्थित है। इसके अलावा अनेक ऋषियों-मुनियों और योगियों की तपस्थली भी हिमालय की गुफाएँ ही रही हैं। 

अनुमान और कल्पना - 

प्रश्न 1.
लेखक ने हिमालय से निकलने वाली नदियों को ममता भरी आँखों से देखते हुए उन्हें हिमालय की बेटियाँ कहा है। आप उन्हें क्या कहना चाहेंगे? नदियों की सुरक्षा के लिए कौन-कौनसे कार्य हो रहे हैं? जानकारी प्राप्त करें और सुझाव दें।
उत्तर :
लेखक ने नदियों को हिमालय का बाटया कहा ह , यह कथन सही है। हम भी उन्हें हिमालय की बेटियाँ ही कहेंगे। वर्तमान में नदियों की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित कार्य किये जा रहे हैं - (1) नदियों की सफाई के काम, (2) नदियों के कटाव-रक्षण के कार्य, (3) सिंचाई सुविधाओं के कार्य तथा (4) परिवहन के कार्य। भारत सरकार ने गंगा नदी की स्वच्छता के लिए 'नमामि गंगे' योजना प्रारम्भ की है। हमारा सुझाव है कि गंगा आदि सभी नदियों को हर तरह की गन्दगी से मुक्त रखने के उपाय किये जावें। 

बेटियों की बाल लीला देखकर लेखक को क्या हुआ? - betiyon kee baal leela dekhakar lekhak ko kya hua?

प्रश्न 2.
नदियों से होने वाले लाभों के विषय में चर्चा कीजिए और इस विषय पर बीस पंक्तियों का एक निबन्ध लिखिए।
उत्तर :
छात्र कक्षा में चर्चा करें - (1) नदियों से पेयजल की प्राप्ति, (2) नदियों से सिंचाई सुविधा, (3) नदियों पर बाँध बनाकर विद्युत उत्पादन तथा (4) नदी-मार्ग से जलयानों एवं परिवहन सुविधाओं का संचालन। - नदियों पर चर्चा करके निबन्ध स्वयं लिखिए।

भाषा की बात - 

प्रश्न 1.
अपनी बात कहते हुए लेखक ने अनेक समानताएँ प्रस्तुत की हैं। ऐसी तुलना से अर्थ अधिक स्पष्ट एवं सुन्दर बन जाता है।
उदाहरण -
(क) संभ्रांत महिला की भाँति वे प्रतीत होती थीं।
(ख) माँ और दादी, मौसी और मामी की गोद की तरह उनकी धारा में डुबकियाँ लगाया करता। 

अन्य पाठों से ऐसे पाँच तुलनात्मक प्रयोग निकालकर कक्षा में सुनाइए और उन सुंदर प्रयोगों को कॉपी में भी लिखिए।
उत्तर : 

  1. दादी माँ शापभ्रष्ट देवी-सी लगीं। 
  2. बच्चे ऐसे सुन्दर थे जैसे सोने के सुन्दर खिलौने। 
  3. लाल कण बनावट में बालूशाही की तरह ही होते हैं।
  4. बस्ते से आँवले जैसे कंचे निकालते हुए उसने कहा"बुरे कंचे हैं, है न?" 
  5. संध्या को स्वप्न की भाँति गुजार देते हैं।

बेटियों की बाल लीला देखकर लेखक को क्या हुआ? - betiyon kee baal leela dekhakar lekhak ko kya hua?

प्रश्न 2.
निर्जीव वस्तुओं को मानव-संबंधी नाम देने से निर्जीव वस्तुएँ भी मानो जीवित हो उठती हैं। लेखक ने इस पाठ में कई स्थानों पर ऐसे प्रयोग किए हैं, जैसे -
(क) परंतु इस बार जब मैं हिमालय के कंधे पर चढ़ा तो वे कुछ और रूप में सामने थीं।
(ख) काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा

पाठ से इसी तरह के और उदाहरण दूँढ़िए।
उत्तर : 

  1. बूढ़ा हिमालय अपनी इन नटखट बेटियों के लिए कितना सिर धुनता होगा? 
  2. हिमालय की छोटी-बड़ी सभी बेटियाँ आँखों के सामने नाचने लगीं। 
  3. हिमालय को ससुर और समुद्र को उसका दामाद कहने में भी कुछ झिझक नहीं होती। 
  4. बेतवा नदी को प्रेम का प्रतिदान देते जाना, तुम्हारी वह प्रेयसी तुम्हें पाकर अवश्य ही प्रसन्न होगी। 

प्रश्न 3.
पिछली कक्षा में आप विशेषण और उसके भेदों से परिचय प्राप्त कर चुके हैं। नीचे दिए गए विशेषण और विशेष्य (संज्ञा) का मिलान कीजिए -

बेटियों की बाल लीला देखकर लेखक को क्या हुआ? - betiyon kee baal leela dekhakar lekhak ko kya hua?

उत्तर : 

  • संभ्रांत - महिला 
  • चंचल - नदियाँ 
  • समतल - आँगन 
  • घना - जंगल 
  • मूसलाधार - वर्षा 

प्रश्न 4.
द्वंद्व समास के दोनों पद प्रधान होते हैं। इस समास में 'और' शब्द का लोप हो जाता है, जैसे-राजारानी द्वंद्व समास है जिसका अर्थ है राजा और रानी। पाठ में कई स्थानों पर द्वंद्व समासों का प्रयोग किया गया है। इन्हें खोजकर वर्णमाला क्रम (शब्दकोश-शैली) में लिखिए।
उत्तर :
पाठ में आए अन्य द्वन्द्व समास के उदाहरण -
वर्णमाला क्रम (शब्दकोश शैली) में -
छोटी - बड़ी (छोटी और बड़ी)
दुबली - पतली (दुबली और पतली)
भाव - भंगी (भाव और भंगी)
माँ - बाप (माँ और बाप) 

बेटियों की बाल लीला देखकर लेखक को क्या हुआ? - betiyon kee baal leela dekhakar lekhak ko kya hua?

प्रश्न 5.
नदी को उलटा लिखने से दीन होता है जिसका अर्थ होता है गरीब। आप भी पाँच ऐसे शब्द लिखिए जिसे उलटा लिखने पर सार्थक शब्द बन जाए। प्रत्येक शब्द के आगे संज्ञा का नाम भी लिखिए, जैसे - नदीदीन (भाववाचक संज्ञा)।
उत्तर :
याद - दया (भाववाचक संज्ञा)
भला - लाभ (भाववाचक संज्ञा)
धारा - राधा (व्यक्तिवाचक संज्ञा)
नव - वन (जातिवाचक संज्ञा)
राज - जरा (भाववाचक संज्ञा) 

प्रश्न 6.
समय के साथ भाषा बदलती है, शब्द बदलते हैं और उनके रूप बदलते हैं, जैसे-बेतवा नदी के नाम का दूसरा रूप 'वेत्रवती' है। नीचे दिए गए शब्दों में से ढूँढ़ कर इन नामों के अन्य रूप लिखिए
सतलुज रोपड़। विपाशा वितस्ता
झेलम चिनाब। रूपपुर शतद्रुम
अजमेर बनारस। अजयमेरु वाराणसी
उत्तर :
सतलुज - शतद्रुम
रोपड़ - रूपपुर
झेलम - वितस्ता
चिनाब - विपाशा
अजमेर - अजयमेरु
बनारस। - वाराणसी

बेटियों की बाल लीला देखकर लेखक को क्या हुआ? - betiyon kee baal leela dekhakar lekhak ko kya hua?

प्रश्न 7.
'उनके खयाल में शायद ही यह बात आ सके। कि बूढ़े हिमालय की गोद में बच्चियाँ बनकर ये कैसे खेला करती हैं।'
उपर्युक्त पंक्ति में 'ही' के प्रयोग की ओर ध्यान दीजिए। 'ही' वाला वाक्य नकारात्मक अर्थ दे रहा है। इसीलिए 'ही' वाले वाक्य में कही गई बात को हम ऐसे भी कह सकते हैं-उनके खयाल में शायद यह बात न आ सके।
इसी प्रकार नकारात्मक प्रश्नवाचक वाक्य कई बार 'नहीं' के अर्थ में इस्तेमाल नहीं होते हैं, जैसे-महात्मा गाँधी को कौन नहीं जानता? दोनों प्रकार के वाक्यों के समान तीन-तीन उदाहरण सोचिए और इस दृष्टि से उनका विश्लेषण कीजिए।
उत्तर :

बेटियों की बाल लीला देखकर लेखक को क्या हुआ? - betiyon kee baal leela dekhakar lekhak ko kya hua?

RBSE Class 7 Hindi हिमालय की बेटियाँ Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
'हिमालय की बेटियाँ' पाठ के लेखक हैं -
(क) यतीश अग्रवाल
(ख) जैनेन्द्र कुमार
(ग) शिवप्रसाद सिंह
(घ) नागार्जुन।
उत्तर :
(घ) नागार्जुन। 

प्रश्न 2.
हिमालय की चढ़ाई पर चढ़कर जब लेखक ने नदियों को देखा तो वे लगीं -
(क) दुबली-पतली
(ख) लम्बी-चौड़ी
(ग) फैलावं लिए हुए
(घ) सपाट बहते हुए।
उत्तर :
(क) दुबली-पतली 

बेटियों की बाल लीला देखकर लेखक को क्या हुआ? - betiyon kee baal leela dekhakar lekhak ko kya hua?

प्रश्न 3.
लेखक ने नदियों और हिमालय का रिश्ता बताया है -
(क) नाना-नातिन का
(ख) ससुर-बहू का
(ग) पिता-पुत्री का
(घ) भाई-बहिन का।
उत्तर :
(ग) पिता-पुत्री का 

प्रश्न 4.
काका कालेलकर ने नदियों को कहकर पुकारा है -
(क) लोक-कथा
(ख) लोक-गाथा
(ग) लोकमाता
(घ) लोक विधा।
उत्तर :
(ग) लोकमाता

रिक्त स्थानों की पूर्ति -

प्रश्न 5.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिए गये सही शब्दों से कीजिए -
(क) यही सतलुज मैदानों में उतर कर .............. कैसे हो जाती है? (विशाल/लघु)
(ख) हिमालय की इन दो बेटियों का हाथ पकड़ने का ................... मिला। (सौभाग्य/श्रेय)
(ग) हिमालय की गोद में .................. बनकर ये कैसे खेला करती हैं? (पुत्रियाँ/बच्चियाँ)
उत्तर :
(क) विशाल
(ख) श्रेय
(ग) बच्चियाँ 

बेटियों की बाल लीला देखकर लेखक को क्या हुआ? - betiyon kee baal leela dekhakar lekhak ko kya hua?

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -

प्रश्न 6.
हिमालय के कंधे पर कौन चढ़ा था?
उत्तर :
हिमालय के कंधे पर लेखक चढ़ा था। 

प्रश्न 7.
पाठ में बूढ़ा बाप किसे कहा गया है?
उत्तर :
बूढ़ा बाप हिमालय को कहा गया है।

प्रश्न 8.
लेखक ने सतलुज को क्या माना है?
उत्तर :
लेखक ने सतलुज को बहन माना है। 

प्रश्न 9.
सिन्धु व ब्रह्मपुत्र को किस नाम से पुकारा जाता
उत्तर :
सिन्धु व ब्रह्मपुत्र को महानदों के नाम से पुकारा जाता है।

प्रश्न 10.
'सरसब्ज उपत्यकाएँ' से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
'सरसब्ज उपत्यकाएँ' से तात्पर्य हरी-भरी घाटियों से है। 

प्रश्न 11.
नदियाँ दूर से देखने पर कैसी प्रतीत होती थीं?
उत्तर :
नदियाँ दूर से देखने पर सम्भ्रान्त महिला की भाँति प्रतीत होती थीं। 

बेटियों की बाल लीला देखकर लेखक को क्या हुआ? - betiyon kee baal leela dekhakar lekhak ko kya hua?

प्रश्न 12.
लेखक ने किस नदी को बहिन कहा है?
उत्तर :
लेखक ने सतलुज नदी को बहिन कहा है। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न -

प्रश्न 13.
लेखक ने नटखट बेटियाँ किन्हें कहा है?
उत्तर :
लेखक ने हिमालय की गोद से निकलने वाली गंगा, यमुना, सतलुज, सिंधु, ब्रह्मपुत्र आदि नदियों को नटखट बेटियाँ कहा है। 

प्रश्न 14.
लेखक ने समुद्र को सौभाग्यशाली क्यों कहा है?
उत्तर :
लेखक ने समुद्र को सौभाग्यशाली इसलिए कहा है, क्योंकि उसे हिमालय की सिन्धु और ब्रह्मपुत्र दो बेटियों का हाथ पकड़ने का श्रेय मिला है। 

प्रश्न 15.
लेखक सतलुज के किनारे जाकर क्यों बैठ गया था?
उत्तर :
तिब्बत की यात्रा के दौरान एक दिन लेखक का मन उचट गया था और तबियत कुछ ढीली हो गयी थी। इसलिए वह सतलुज के किनारे जाकर बैठ गया था। 

निबन्धात्मक प्रश्न -

प्रश्न 16.
'हिमालय की बेटियाँ' पाठ का उद्देश्य क्या
उत्तर :
'हिमालय की बेटियाँ' पाठ के माध्यम से लेखक ने हिमालय से निकलने वाली नदियों के नाम, उद्गम स्थल और उनके परिवर्तित होने वाले रूप से हमें परिचित करवाना चाहा है। साथ ही मानवीय सम्बन्धों के आधार पर हिमालय और नदियों के बीच पिता-पुत्रियों का नाता बताया है। 

बेटियों की बाल लीला देखकर लेखक को क्या हुआ? - betiyon kee baal leela dekhakar lekhak ko kya hua?

प्रश्न 17.
लेखक ने हिमालय को ससुर और समुद्र को दामाद क्यों कहा है?
उत्तर :
नदियाँ हिमालय से निकलती हैं। इसी कारण लेखक ने हिमालय को नदियों का पिता कहा है। दूसरी ओर नदियाँ हिमालय से निकलकर समतल मैदान में दौड़ती हुई समुद्र से जा मिलती हैं। इसलिए लेखक ने हिमालय को ससुर और समुद्र को दामाद कहा है। 

गद्यांश पर आधारित प्रश्न - 

प्रश्न 18.
निम्नलिखित गद्यांशों को पढकर दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
1. इस बार जब मैं हिमालय के कंधे पर चढ़ा तो वे कुछ और रूप में सामने थीं। मैं हैरान था कि यही दुबलीपतली गंगा, यही यमुना, यही सतलुज समतल मैदानों में उतरकर विशाल कैसे हो जाती हैं! इनका उछलना और कूदना, खिलखिलाकर लगातार हँसते जाना, इनकी यह भाव-भंगी, इनका यह उल्लास कहाँ गायब हो जाता है मैदान में जाकर? किसी लड़की को जब मैं देखता हूँ, किसी कली पर जब मेरा ध्यान अटक जाता है, तब भी इतना कौतुहल और विस्मय नहीं होता, जितना कि इन बेटियों की बाललीला देखकर!। 

प्रश्न
(क) यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
(ख) रेखांकित शब्दों के अर्थ लिखिए।
(ग) किनका उछलना-कूदना लेखक को अच्छा लगता है?
(घ) लेखक को किनकी बाल-लीला देखकर आश्चर्य होता है?
उत्तर :
(क) यह गद्यांश 'हिमालय की बीटया' पाठ स लिया गया है।
(ख) कौतूहल-जिज्ञासा। विस्मय-हैरानी।
(ग) लेखक को गंगा, यमुना, सतलुज आदि नदियों का उछलना-कूदना अच्छा लगता है।
(घ) लेखक को गंगा, यमुना और सतलुज नदियों की बाल-लीला को देखकर आश्चर्य होता है।

बेटियों की बाल लीला देखकर लेखक को क्या हुआ? - betiyon kee baal leela dekhakar lekhak ko kya hua?

2. कहाँ ये भागी जा रही हैं? वह कौन लक्ष्य है जिसने इन्हें बेचैन कर रखा है? अपने महान पिता का विराट प्रेम पाकर भी अगर उनका हृदय अतृप्त ही है तो वह कौन होगा जो इनकी प्यास मिटा सकेगा। बरफ़ जली नंगी पहाड़ियाँ, छोटे-छोटे पौधों से भरी घाटियाँ, बंधुर अधित्यकाएँ, सरसब्ज उपत्यकाएँ-ऐसा है इनका लीला निकेतन! खेलते-खेलते जब ये जरा दूर निकल जाती हैं तो देवदार, चीड़, सरो, चिनार, सफ़ेदा, कैल के जंगलों में पहुँचकर शायद इन्हें बीती बातें याद करने का मौका मिल जाता होगा। कौन जाने, बुड्डा हिमालय अपनी इन नटखट बेटियों के लिए कितना सिर धुनता होगा! 

प्रश्न
(क) यह गद्यांश जिस पाठ से लिया गया है, उसका नाम लिखिए।
(ख) इसमें 'महान पिता' किसे बताया गया है?
(ग) हिमालय की नटखट बेटियाँ किन्हें बताया गया है?
(घ) नदियों का लीला-निकेतन किसे बताया गया है?
उत्तर :
(क) पाठ का नाम है-हिमालय की बेटियाँ।
(ख) इसमें हिमालय को 'महान पिता' बताया गया है।
(ग) गंगा, यमुना आदि नदियों को हिमालय की नटखट बेटियाँ बताया गया है।
(घ) हिमालय की पहाड़ियों, घाटियों तथा अधित्यकाउपत्यकाओं को नदियों का लीला-निकेतन बताया गया है।

3. जिन्होंने मैदानों में ही इन नदियों को देखा होगा, उनके खयाल में शायद ही यह बात आ सके कि बूढे हिमालय की गोद में बच्चियाँ बनकर ये कैसे खेला करती हैं। माँबाप की गोद में नंग-धडंग होकर खेलने वाली इन बालिकाओं का रूप पहाड़ी आदमियों के लिए आकर्षक भले न हो, लेकिन मुझे तो ऐसा लुभावना प्रतीत हुआ वह रूप कि हिमालय को ससुर और समुद्र को उसका दामाद कहने में कुछ भी झिझक नहीं होती है। 

प्रश्न :
(क) उक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ख) लेखक को किनका रूप लुभावना लगता है?
(ग) माँ-बाप की गोद में कौन खेलती हैं?
(घ) लेखक को क्या कहने में झिझक नहीं होती है?
उत्तर :
(क) शीर्षक-हिमालय की बेटियाँ।
(ख) लेखक को पहाड़ी भागों में कल-कलकर बहने वाली नदियों का रूप लुभावना लगता है।
(ग) माँ-बाप की गोद में नदियाँ रूपी बच्चियाँ खेलती हैं।
(घ) लेखक को हिमालय को ससुर और समुद्र को उसका दामाद कहने में झिझक नहीं होती है।

बेटियों की बाल लीला देखकर लेखक को क्या हुआ? - betiyon kee baal leela dekhakar lekhak ko kya hua?

4. काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है। किंतु माता बनने से पहले यदि हम इन्हें बेटियों के रूप में देख लें तो क्या हर्ज है? और थोड़ा आगे चलिए...इन्हीं में अगर हम प्रेयसी की भावना करें तो कैसा रहेगा? ममता का एक और भी धागा है, जिसे हम इनके साथ जोड़ सकते हैं। बहन का स्थान कितने कवियों ने इन नदियों को दिया है। एक दिन मेरी भी ऐसी भावना हुई थी। 

प्रश्न :
(क) यह गद्यांश जिस पाठ से लिया गया है, इसके लेखक का नाम बताइये।
(ख) लेखक ने नदियों को किस रूप में देखने की बात की है?
(ग) कवियों ने नदियों को कौन-सा-स्थान दिया है?
(घ) नदियों को लोकमाता किसने कहा है?
उत्तर :
(क) पाठ के लेखक का नाम है-नागार्जुन।
(ख) लेखक ने नदियों को बेटी, माँ, बहिन और प्रेयसी रूप में देखने की बात की है।
(ग) कवियों ने नदियों को बहन का स्थान दिया है।
(घ) काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है।

हिमालय की बेटियाँ Summary in Hindi 

पाठ-सार - 'हिमालय की बेटियाँ' निबन्ध में नागार्जुन ने हिमालय से निकलने वाली नदियों के बारे में बताया है। लेखक ने इनके सौन्दर्य के प्रति आकर्षित होकर हिमालय को पिता और नदियों को बेटियों के रिश्तों में बाधा है।