ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह का अपना एक विशेष महत्व होता है। साथ ही हर ग्रह अपना असर मानव जीवन के ऊपर छोड़ता है। यहां हम बात करने जा रहे हैं गुरु बृहस्पति ग्रह की, जिनको ज्योतिष में देवताओं का गुरु कहा जाता है। साथ ही गुरु ग्रह जन्मकुंडली में पति- पत्नी, बड़े भाई का प्रतिनिधित्व करते हैं। यदि जन्मकुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति सही न हो तो व्यक्ति को नौकरी तथा विवाह आदि में परेशानी का सामना करना पड़ता है। Show आपको हम आज बताने जा रहे हैं अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर या अशुभ हो तो उसको जीवन में क्या परेशानियां आने लगती हैं और उसके उपाय क्या हैं। गुरु कमजोर होने से जीवन में आने लगती हैं ये परेशानियां: लोकप्रिय खबरें 30 साल बाद शनि ग्रह गोचर करके बनाएंगे विशेष राजयोग, 2023 में इन राशियों को आकस्मिक धनलाभ के साथ उन्नति के प्रबल योग Weight Chart: उम्र के हिसाब से कितना होना चाहिए आपका वजन? देखें परफेक्ट बॉडी के लिए ये सिंपल चार्ट Delhi Mayor: आसानी से AAP को मेयर की कुर्सी नहीं देगी बीजेपी, बदली रणनीति! अब कर सकती है यह काम सर्दी में इन 5 सब्जियों को भूलकर भी फ्रिज में नहीं रखें, बॉडी में ज़हर की तरह करती हैं असर, जानिए कैसे Also Read जुलाई में शनि देव के गोचर करते ही इन राशियों को मिलेगी साढ़ेसाती से मुक्ति, तरक्की के खुलेंगे नए रास्ते करें ये उपाय: 1- बृहस्पतिवार के दिन सुबह स्नानादि कर पवित्र हो जाएं। फिर पीले रंग के वस्त्र पहनें। इसके बाद भगवान बृहस्पति देव के मंदिर जाकर केले के पेड़ की पूजा करें। पूजा करते हुए केले के पेड़ पर हल्दी, गुड़ और चने की दाल चढ़ाएं। साथ ही हल्दी वाला जल अर्पित करें। संभव हो तो केले के पेड़ के पास बैठकर बृहस्पतिवार व्रत कथा का पाठ भी करें। 2- बृहस्पतिवार के व्रत रखें। भगवान बृहस्पति देव की उपासना करें। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। 3-नहाने के पानी में हल्दी डालकर, उस पानी से नहाएं। कहा जाता है कि इस आसान उपाय को करने से बहुत जल्द भगवान बृहस्पति की कृपा प्राप्त की जा सकती है। 4- बृहस्पति देव का रंग पीला माना जाता है। कहते हैं कि बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग का ज्याद-से-ज्यादा उपयोग किया जाना चाहिए। जैसे – पीले रंग के कपड़े पहनें। पीले रंग के कपड़े दान करें। सौरमंडल के प्रमुख ग्रहों में से एक है बृहस्पति ग्रह, जिसको गुरु का स्थान प्राप्त है। ज्योतिष के अनुसार गुरु को शिक्षा का कारक कहा जाता है। कुंडली में मजबूत बृहस्पति के साथ धन और बुद्धि आती है। यह व्यक्ति को उच्च ज्ञान, शिक्षा, बुद्धि, और भाग्य देता है। बृहस्पति जीवन के क्षेत्रों में विस्तार का कारण बनता है। जहां मंगल आपको एक सुंदर साथी से शादी करने में मदद कर सकता है, वहीं बृहस्पति की उपस्थिति शादी को बनाए रखने में मदद करती है। बृहस्पति को सभी ग्रहों में सबसे अधिक लाभकारी माना जाता है। हालांकि, कभी-कभी, यह नीच या क्रूर ग्रहों के प्रभाव के कारण प्रतिकूल प्रभाव भी ला सकता है। भारत के शीर्ष ज्योतिषियों से ऑनलाइन परामर्श करने के लिए यहां क्लिक करें!
वैदिक ज्योतिष मे बृहस्पति का महत्वहिंदू ज्योतिष में गुरु को धनु और मीन का स्वामी कहा जाता है। मकर इसकी नीच राशि मानी गई है। कुंडली में गुरु के सकारात्मक होने पर जातक का व्यक्तित्व मनमोहक और आकर्षक होता है। जातक जीवन में उच्च शिक्षा प्राप्त करता है और उसके अंदर तार्किक और उदारवादी विचार जन्म लेते हैं। उसके जीवन में धन लाभ होता है। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ती है और वैवाहिक जीवन सुखी रहता है। शनि या केतु के साथ बृहस्पति का संबंध सबसे बुरा माना जाता है क्योंकि आपने चाहे कितनी भी सफलता या प्रसिद्धि हासिल कर लें लेकिन सब कुछ बिना किसी समय के शून्य पर आ जाएगा। यही कारण है कि जन्म कुंडली में बृहस्पति के स्थान को जानना अति महत्वपूर्ण है, और आप बृहस्पति के कमजोर स्थिति में होने और उसके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष उपाय कर सकते हैं। कुंडली ➔ कुंडली मिलान ➔ कुंडली दोष ➔ कुंडली के योग ➔ कुंडली में लगन भाव ➔ कुंडली दशा ➔ कुंडली के भाव में कमजोर बृहस्पति के प्रभाव और उपायप्रथम भाव: जब कोई ग्रह कमजोर या बलहीन हो जाता है, तो उसकी शुभता कम हो जाती है और निर्दिष्ट ग्रह पूर्ण परिणाम देने में असमर्थ हो जाता है। जब पहले घर में बृहस्पति कमजोर हो जाता है, तो जातक में आत्मविश्वास की कमी होती है। व्यक्ति निर्णय लेने में असमर्थ हो जाता है। कमजोर बृहस्पति ज्ञान को कम करता है। व्यक्ति राजा से रंक बन जाता है और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। उपाय
द्वितीय भाव: यदि बृहस्पति दूसरे भाव में कमजोर है, तो जातक को मातृ संपत्ति से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि बृहस्पति इस घर में मौजूद है, तो मूल परिवार का विनाश हो सकता है या परिवार को परेशानियां दे सकता है। वह कड़ी मेहनत से ही लाभ प्राप्त कर सकता है। परिवार में कलह बना रहेगा। उपाय
तृतीय भाव: जब बृहस्पति तीसरे घर में कमजोर होता है, तो भाई-बहन से संबंध खराब रहते हैं। जातक थोड़ा आलसी हो सकता है। भाग्य आपका साथ देना बंद कर सकता है। परियोजनाओं को अमल में लाने में समय लगेगा। साहस में कमी रहेगी, व्यक्ति को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। उपाय
चतुर्थ भाव: यदि बृहस्पति चौथे घर में कमजोर है, तो परिवार की खुशी प्रभावित होगी। जातक विनाश का कारण बन सकता है। कई बार, अपनी मूर्खता की वजह से वह अपने लिए गलत काम कर सकते हैं। जातक जिद्दी हो सकता है। वह अपने ही परिजनों या दोस्तों को परेशान कर सकता है। वह अपने विचारों के कारण परेशान हो सकता है। शराब या किसी तरह के नशे के कारण जातक को बदनामी झेलनी पड़ सकती है। उपाय
पंचम भाव: यदि बृहस्पति पांचवें घर में कमजोर है, तो बच्चों की स्थिति प्रभावित होगी। जातक धर्म के नाम पर धन कमा सकता है या भोजन या दान ले सकता है, जातक संतानहीन हो सकता है। उसकी अपनी हरकतें उसे आहत कर सकती हैं। उपाय
छठें भाव: छठे भाव में बृहस्पति की उपस्थिति के कारण जातक गरीबी और दुर्बलता का सामना कर सकता है। जातक को अधिक खर्च करने की आदत होगी। जातक को 34 वर्ष की आयु में भाग्य के उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। उपाय
सप्तम भाव: सातवें घर में बृहस्पति के अशुभ प्रभाव के कारण जातक को पार्टनर का सहयोग नहीं मिल सकता है। किसी ना किसी वजह से बच्चे आपको परेशान भी करेंगे। किसी से कर्ज लेने के कारण भी बच्चे परेशान हो सकते हैं। जातक को बुढ़ापे में समस्या का सामना करना पड़ सकता है। पैसा होने के बावजूद मेहनत कम नहीं होगी। परिश्रम करने से भोजन प्राप्त होगा। जातक को किसी की सहायता नहीं मिलेगी। उपाय
अष्टम भाव: कुंडली के आठवें घर में कमजोर बृहस्पति आपके धन को प्रभावित कर सकता है। आपको वित्तीय क्षेत्र में समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जातक एक ऋणी होगा, भले ही उसके पास पैसा हो। वह गरीब और कायर हो सकता है। उपाय
नवम भाव: जन्मचार्ट के नवम भाव में कमजोर बृहस्पति व्यक्ति को नास्तिक बना सकता है। वह गरीब हो सकता है। उसे दुख का सामना करना पड़ सकता है। वह धर्म के प्रति विरोध का भाव रख सकता है। अपनी बुरी आदतों और कर्मों के कारण वह कर्ज में डूब सकता है और अपने धन को नष्ट कर सकता है। उपाय
दशम भाव: जब बृहस्पति दसवें घर में प्रभावित होता है, तो जातक का वित्तीय क्षेत्र प्रभावित होगा, वह अपने काम के बारे में परेशान हो सकता है। परिवार का सुख प्रभावित होगा। उपाय
ग्यारहवां भाव: जातक की कुंडली के ग्यारहवें घर में कमजोर बृहस्पति धन को प्रभावित कर सकता है। जातक को अपने पैसे का लाभ नहीं मिल सकता है। जातक को बहन और चाची से खुशी नहीं मिल सकती। उसकी पूर्ण शक्ति व्यर्थ है, उसके पिता के बिना। वह बुरे चरित्र का हो सकता है और समाज में मानहानि का सामना करना पड़ सकता है। उपाय
बारहवां भाव: कुंडली के बारहवें भाव में कमजोर बृहस्पति के कारण जातक को अपने पास मौजूद सभी चीजों का सुख नहीं मिल पाता है। चाहने पर भी उसे कोई मदद नहीं मिलती। उपाय
कमजोर बृहस्पति के दुष्प्रभाव को दूर करने के उपाय
बृहस्पति का वैदिक मंत्र - ऊॅँ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्बिभाति क्रतुमज्जनेषु। यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।। बृहस्पति का तांत्रिक मंत्र - 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।' बृहस्पति का बीज मंत्र - ॐ बृं बृहस्पतये नम:।' नोट - कमजोर बृहस्पति को मजबूत बनाने के लिए किए जा रहे उपायों को यदि आप गुरुवार के दिन, गुरु के नक्षत्र (पुनर्वसु, विशाखा, पूर्व-भाद्रपद) एवं गुरु की होरा में करते हैं, तो यह अधिक फलदायी होते हैं। बृहस्पति को मजबूत करने के लिए क्या करना चाहिए?कुंडली में बृहस्पति को मजबूत बनाने के लिए आप कुछ (Thursday Upay) उपाय कर सकते हैं.. पीले रंग कपड़े पहनें अगर किसी की कुंडली में बृहस्पति कमजोर है तो उसे गरुवार का व्रत करना चाहिए. ... . मंत्र का जाप करें ... . दान करें ... . व्रत रखें ... . पुखराज पहनें ... . केले की जड़ का पूजन करें ... . पीले रंग की मिठाई खाएं ... . बड़ों का सम्मान करें. कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो तो क्या करें?- बृहस्पति के दिन चने की दाल, आम, केला हल्दी और सोना जैसी पीली चीजों का दान कीजिए. इस दिन घर पर भगवान सत्यनारायण और देवी लक्ष्मी की पूजा या कथा का आयोजन करना भी शुभ फलदायी होता है. वहीं, अगर स्वास्थ्य संबंधी परेशानी है तो केले के पेड़ में गुरुवार के दिन जल चढ़ाएं और पूजा अर्चना करें, इससे भी बहुत लाभ होता है.
खराब बृहस्पति को कैसे ठीक करें?उपाय : यदि आपका गुरु अशुभ या कमजोर है तो आप नित्य पीपल में जल चढ़ाएं, सदा सत्य बोलें और अपने आचरण को शुद्ध रखें तो गुरु शुभ फल देने लगेगा। इसके अलावा गुरु को शुभ करने के लिए सदा पिता, दादा और गुरु का आदर कर उनके पैर छुएं। गुरु बनाएं। इसके अलावा अन्य अचूक उपाय यह कि गुरुवार के दिन पीली वस्तु का सेवन करें।
बृहस्पति ग्रह कमजोर होने से क्या होता है?गुरु दोष होने से या गुरु ग्रह के कमजोर होने के कारण व्यक्ति को शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई होती है. 2. दुर्बल गुरु ग्रह के कारण व्यक्ति को धन के अभाव से भी जूझना पड़ सकता है. ऐसे लोगों को कार्यों में बड़े लोगों का सहयोग नहीं मिल पाता है.
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