भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा रेखा की लंबाई - bhaarat aur baanglaadesh ke beech seema rekha kee lambaee

भारत की थल सीमा (लैंड बॉर्डर) की कुल लंबाई 15,106.7 किलोमीटर है जो कुल सात देशों से लगती है। बांग्लादेश के साथ भारत की सीमा उसके किसी भी अन्य पड़ोसी देश से सबसे अधिक है। सीमा पार से घुसपैठ की कोशिश लगातार होती रहती हैं।

भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ हमेशा से सौहार्दपूर्ण रिश्ते चाहता है। अपनी अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखते हुए भारत की कभी भी किसी पड़ोसी मुल्क को दबाने या अपने क्षेत्र विस्तार की महत्वकांक्षा नहीं रही। जब भी हमारे पड़ोसी मुल्कों को हमारी जरूरत पड़ी। भारत ने उदारता दिखाते हुए एक कदम बढ़कर मदद की है। चाहे वो प्राकृतिक आपदा हो, आर्थिक संकट हो, मानवाधिकार उल्लंघन के मामले हो या फिर गृह युद्ध। भारत हमेशा से अमन पसंद और सक्षम पडो़सी की भूमिका में रहा है। लेकिन अगर किसी पड़ोसी मुल्क ने हमारी सीमा लांघी है या हमारे धैर्य की परीक्षा ली है। तो हमने सही वक्त पर सही जवाब भी दिया है। भारत की थल सीमा (लैंड बॉर्डर) की कुल लंबाई 15,106.7 किलोमीटर है जो कुल सात देशों से लगती है। भारत सरकार के मुताबिक ये सात देश हैं-

बांग्लादेश- 4096.7 किमी

चीन- 3488 किमी

पाकिस्तान-3323 किमी

नेपाल- 1751 किमी

म्यांमार-1643 किमी

भूटान- 699 किमी

अफगानिस्तान- 106 किमी

बांग्लादेश के साथ भारत की सीमा उसके किसी भी अन्य पड़ोसी देश से सबसे अधिक है। सीमा पार से घुसपैठ की कोशिश लगातार होती रहती हैं। सरकार ने लोकसभा में बताया कि पिछले दो साल में भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर घुसपैठ के 1,169 मामले सामने आए हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ के 61 मामले सामने आए, भारत-बांग्लादेश सीमा पर 1045 और भारत-नेपाल सीमा पर ऐसे 63 मामले सामने आए। एक प्रश्न के लिखित उत्तर गृह राज्य मंत्री की ओर से कहा गया कि भारत-भूटान, भारत-म्यांमा और भारत-चीन सीमाओं पर घुसपैठ की किसी घटना की रिपोर्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि सीमा पर सुरक्षा कर रहे बलों द्वारा पकड़े गये घुसपैठियों को संबंधित राज्य पुलिस को सौंप दिया गया।

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भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठियों की जानकारी दी

भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई पर राज्यसभा में बोलते हुए गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि 2016 से 2019 तक, 2,548 रिपोर्ट की गई शिकायतें थीं, जबकि पंजीकृत एफआईआर 2,104 थीं। नामजद आरोपी 4,189 थे। जिनमें से, 4,072 को गिरफ्तार किया गया। 1,134 पर आरोप लगाए गए और 212 दोषी साबित हुए।  2016 के बाद से भारत-बांग्लादेश सीमा के पास सीमा पार से घुसपैठ के मामलों की संख्या घट गई है। 2016 में, 656 मामले थे, जिसमें 1,601 लोग थे। 2017 में 456 मामले और 907 गिरफ्तार किए गए।

भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई पर जवाब देते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि 2016 से 2019 तक 2548 शिकायते दर्ज की गई जबकि 2104 एफआईआर दर्ज हुए। नामजद आरोपी 4189 थे। जिनमें से 4072 को गिरफ्तार किया गया। 1134 पर आरोल लगाए गए और 212 दोषी साबित हुए। 2016 के बाद से भारत-बांग्लादेश सीमा के पास से घुसपैठ के मामलों की संख्या घट गई है। 2016 में 656 मामले थे। जिसमें 1601 लोग थे। 2017 में 456 मामले और 907 लोग गिरफ्तार किए गए।

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जमीन अधिग्रहण बाड़ लगाने में बाधा

राज्यसभा में राकेश सिन्हा ने बांग्लादेश की पश्चिम बंगाल से लगी सीमा पर बाड़ लगाने का मुद्दा भी उठाया. साथ ही घुसपैठ करने वालों पर पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के बारे में पूछा। इसके जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि राज्य में बाड़ लगाने के लिए भूमि अधिग्रहण के 33 मामले लंबित हैं। इस वजह से राज्य में सीमा पर बाड़ लगाने में बाधा आ रही है।इसी मामले से जुड़े एक अनुपूरक प्रश्न के उत्तर में  नित्यानंद राय ने कहा कि भारत-बांग्लादेश की करीब 76% सीमा पर बाड़ का काम हो चुका है। जबकि 10 किलोमीटर पर काम जारी है. 319 किलोमीटर की सीमा पर भौगोलिक परिस्थितियों और नदियों का क्षेत्र होने के चलते बाड़ नहीं लगाई जा सकती है. लेकिन यहां संयुक्त सीमा प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से निगरानी रखी जाती है।

अब आते हैं भारत-बांग्लादेश सीमा पर

भारत की बांग्लादेश के साथ 4096.7 किलोमीटर लंबी भूमि सीमा की साझेदारी है। पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा एवं मिजोरम राज्य बांग्लादेश के साथ सीमा की साझेदारी करते हैं।

पश्चिम बंगाल- 2216.70

असम- 263.00

मेघालय- 443.00

त्रिपुरा- 856.00

मिजोरम- 318.00

कुल 4096.70

अक्सर भारत से बांग्लादेश तक खाद्य वस्तुओं, मवेशी, औषधियों और दवाइयों की तस्करी के लिए एक मार्ग के रूप में उपयोग किया जाता है। बांग्लादेश से हजारों अवैध आप्रवासियों ने पिछले कुछ वर्षों में रोजगार की तलाश और अपने जीवन में सुधार के लिए भारत की सीमा में आए हैं।

सुरक्षा और सीमा प्रबंधन

भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा समझौता वर्ष 2015 में लागू हुआ था और 31 जुलाई, 2015 को भूभागीय मानचित्र पर हस्ताक्षर किये गए थे। विदित है कि दोनों देशों के मध्य अब तक सुरक्षा सहयोग से संबंधित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए हैं। इन्ही में से एक है समन्वित सीमा प्रबंधन योजना, जिस पर वर्ष 2011 में हस्ताक्षर किये गए थे एवं इसके तहत सीमा पार अवैध गतिविधियों और अपराधों की जाँच करने तथा भारत-बांग्लादेश सीमा पर शांति बनाए रखने हेतु दोनों सीमा सुरक्षा बलों द्वारा समन्वित प्रयास किये गए।

भारत और बांग्लादेश के मध्य द्विपक्षीय सहयोग की शुरुआत वर्ष 1971 में हो गई थी, जब भारत ने बांग्लादेश राष्ट्र का समर्थन करते हुए अपनी शांति सेना भेजी थी। इसी कारण दोनों के मध्य एक भावनात्मक संबंध भी बना हुआ है। किसी भी देश के लिये यह आवश्यक होता है कि उसके पड़ोसी देशों के साथ उसके रिश्ते अच्छे और मज़बूत रहें, खासकर एशियाई क्षेत्र में जहाँ आतंकवाद के बड़ा खतरा है। बीते वर्ष 2017 की बैठक में भारत और बांग्लादेश के संबंधों को एक नया आयाम दिया गया और कुल 11 समझौतों तथा 24 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गए थे।- अभिनय आकाश

भारत और बांग्लादेश की सीमा कितने किलोमीटर की है?

बांग्लादेश का भारत के साथ कुल सीमा रेखा की लंबाई 4096 km है।

भारत और बांग्लादेश के बीच की सीमा रेखा का नाम क्या है?

रेडक्लिफ़ रेखा ये रेखा भारत से पाकिस्तान और भारत को बांग्लादेश से अलग करती है. इसे Sir Cyril Radcliffe ने साल 1947 में निर्धारित किया था. इसका निर्माण मूलतः भारत और पाकिस्तान को अलग करने के लिए किया गया था. बाद में बांग्लादेश के निर्माण के बाद ये भारत और बांग्लादेश का भी हिस्सा बन गई.

बांग्लादेश की सीमा की लंबाई कितनी है?

भारत-भूटान बॉर्डर की लंबाई भी 699 किलोमीटर है। चीन से लगती सीमा की लंबाई 3488 किलोमीटर है, जबकि बांग्लादेश से लगती सीमा 4096 किलोमीटर लंबी है।

भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा की लम्बाई कितनी है?

भारत की सीमा भारत सरकार के मुताबिक़ ये सात देश हैं, बांग्लादेश (4,096.7 किमी), चीन (3,488 किमी), पाकिस्तान (3,323 किमी), नेपाल (1,751 किमी), म्यांमार (1,643 किमी), भूटान (699 किमी) और अफ़ग़ानिस्तान (106 किमी).