Q. भारत और बांग्लादेश के बीच फर्रखा बाँध विवाद किस नदी के जल बंटवारे को लेकर है? Show
क्या है भारत और बांग्लादेश के बीच बहनेवाली तीस्ता नदी का पूरा विवाद?क्या है भारत और बांग्लादेश के बीच बहनेवाली तीस्ता नदी का पूरा विवाद? 4 अक्टूबर 2019 भारत और बांग्लादेश के बीच बहने वाली तीस्ता नदी के पानी को लेकर दोनों देशों में विवाद रहा है. शेख़ हसीना के इस दौरे में क्या इस मसले के सुलझने की राह निकलेगी. वैसे दोनों देशों के बीच कुल 54 नदियां बहती हैं. दोनों देशों के अधिकारियों ने बीबीसी को ये संकेत दिया है कि हो सकता है इस बार इन नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर कोई बात बन सकती है और अगर ये हुआ तो हो सकता है इससे तीस्ता जल बंटवारे का मसला भविष्य में सुलझाना आसान हो जाएगा. (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.) सबसे ज्यादा देखे गएनई दिल्लीः अभी हाल ही में विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला (Harsh V. Shringla) ने कहा कि भारत तीस्ता जल समझैता (Teesta Water Dispute) जल्द से जल्द करने को लेकर प्रतिबद्ध है. उनका यह बयान ऐसे मौके पर आया जब यह कन्फर्म हुआ कि प्रधानमंत्री ने 26 मार्च को बांग्लादेश (Bangladesh) की स्वतंत्रता के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. कोरोना के कारण दुनिया भर में लगी रोक के 15 महीने बाद यह पीएम मोदी (PM Modi) का पहला विदेश दौरा होने वाला है, जिसके लिए सुरक्षात्मक और कूटनीतिक तौर पर सारी तैयारियां पुख्ता हैं. बांग्लादेश (Bangladesh) को है उम्मीद वह कहते हैं कि हमें पूरा विश्वास है कि तीस्ता समझौते पर हस्ताक्षर हो जाएंगे क्योंकि एक से अधिक प्रधानमंत्री ने इस पर भरोसा दिया है. ये समझौता हो ही चुका था, लेकिन फिर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. उम्मीदों के साए में यह सवाल यक्ष प्रश्न की तरह सामने आ जाता है कि तीस्ता विवाद (Teesta Water Dispute) और इससे संबंधित समझौता क्या है? सवाल यह भी है कि बांग्लादेश (Bangladesh) के लिए यह इतना महत्व क्यों रखता है और यह भी कि वह इस मामले में भारत से क्या चाहता है? सबसे पहले, क्या है तीस्ता? सिक्किम और पश्चिम बंगाल (West Bengal) से बहती हुई यह बांग्लादेश (Bangladesh) में प्रवेश करती है और ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है. इस नदी की पूरी लम्बाई 315 किमी है. बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली यह नदी भारत के साथ ही बांग्लादेश (Bangladesh) की समृद्धि की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण नदी है. बांग्लादेश (Bangladesh) का करीब 14 फीसदी इलाका सिंचाई के लिए इसी नदी के पानी पर निर्भर है और बांग्लादेश (Bangladesh) की 7.3 फीसदी आबादी को इस नदी के माध्यम से प्रत्यक्ष रोजगार मिलता है. नदी में विवाद कहां से आया बताया जाता है कि तब राजा ने नदी के बड़े हिस्से पर नियंत्रण अंग्रेजों को सौंप दिया था. बांग्लादेश (Bangladesh) के आजाद होने के 12 साल बाद 1983 में दोनों देशों के बीच समझौता हुआ. पानी का 36% हिस्सा बांग्लादेश (Bangladesh) और बाकी भारत के खाते में आया, लेकिन पिछले 18 साल से बांग्लादेश (Bangladesh) इस पर दोबारा विचार करना चाहता है. यह भी पढ़िएः पीएम मोदी की बांग्लादेश यात्रा: वे पांच अहम मुद्दे जिन पर हो सकती है बात बांग्लादेश (Bangladesh) की समस्या क्या है? पश्चिम बंगाल (West Bengal) सरकार यह कहती आई है कि वह अपने बैराज से तीस्ता का ज्यादा पानी बांग्लादेश (Bangladesh) को नहीं दे सकती. बांग्लादेश (Bangladesh) का करीब 14 फीसदी इलाका सिंचाई के लिए इसी नदी के पानी पर निर्भर है और रोजगार का बड़ा जरिया भी. भारत की आजादी के बाद तीस्ता विवाद (Teesta Water Dispute) इसके बाद कई पहलुओं पर विचार किया गया और जिसके बाद भारत के क्षेत्र को देखते हुए सीमा आयोग ने तीस्ता का बड़ा हिस्सा भारत को सौंपा था, आगामी सालों तक यही स्थिति बनी रही. जब आजाद हुआ बांग्लादेश (Bangladesh) इसके बाद गंगा समझौते के बाद दूसरी नदियों के अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की एक साझा समिति गठित की गई थी, इस समिति ने तीस्ता को अहमियत दी और 2000 में इस पर समझौते का एक प्रारूप सामने रखा था. यह दीगर है कि 2010 में दोनों देशों ने समझौते के अंतिम प्रारूप को मंजूरी दे दी थी और इसके एक साल बाद 2011 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ढाका दौरे के दौरान दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्व के बीच इस नदी के पानी के बंटवारे के एक नए फार्मूले पर सहमति भी बनी थी. लेकिन पश्चिम बंगाल (West Bengal) के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तब विरोध किया जिसके कारण हस्ताक्षर नहीं किया जा सका. ये भी पढ़ें- सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा-मेडिकल फिटनेस मनमाना और तर्कहीन क्या पीएम मोदी (PM Modi) हस्ताक्षर करेंगें? यह भी कहा जा रहा है कि बांग्लादेश (Bangladesh) तीस्ता को लेकर 50-50 की मांग कर रहा है, लेकिन ऐसी स्थिति भारतीय लिहाज से कितनी ठीक होगी? यही सवाल समझौते की राह पर रोड़ा है. लेकिन, जिस तरह से विदेश सचिव के बयान में तीस्ता समझौता को लेकर प्रतिबद्धता की बात कही गई है, क्या पीएम मोदी (PM Modi) इस बार की ढाका यात्रा में इस पर हस्ताक्षर कर देंगें. इसका जवाब 26-27 मार्च की तारीख ही देगी. Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप. भारत और बांग्लादेश के बीच कौन सी नदियों के जल को लेकर विवाद है?तीस्ता नदी:
भारत और बांग्लादेश के बीच इस नदी के जल को साझा करने को लेकर विवाद है।
भारत और बांग्लादेश के बीच कौन सी नदी बहती है?मुहुरी नदी भारत और बांग्लादेश के बीच एक अंतरराष्ट्रीय नदी है। इसे अंतरराष्ट्रीय एशियन नदी भी कहा जाता है त्रिपुरा में बढ़ते हुए, यह बांग्लादेश में बहती है और बेहते बेहते बंगाल की खाड़ी में अंदर चली जाती । मुहुरी को लिटिल फेनी भी कहा जाता है।
उस नदी का नाम क्या है जो भारत और बांग्लादेश के बीच विवाद का कारण है?तीस्ता नदी को लेकर भारत और बांग्लादेश के बीच विवाद नदी से पानी के बंटवारे को लेकर है। तीस्ता नदी एक 315 किमी (196 मील) लंबी नदी है जो पूर्वी हिमालय में उगती है, जो बांग्लादेश के माध्यम से भारतीय राज्यों सिक्किम और पश्चिम बंगाल से होकर बहती है और बंगाल की खाड़ी में प्रवेश करती है।
भारत और बांग्लादेश के बीच गंगा जल बंटवारे का समझौता कब हुआ?गंगा जल संधि पर 1996 में हस्ताक्षर किये जाने के बाद इस तरह का यह पहला समझौता है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस बात का जिक्र किया कि भारत और बांग्लादेश 54 नदियों को साझा करते हैं तथा तीस्ता जल बंटवारा समझौते का शीघ्र समाधान करने का आग्रह किया।
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