हम यहां इस झूठ की बात नहीं करेंगे:- यूरोपवासी आर्यवंशी, भारत की सभ्यता सर्वाधिक प्राचीन नहीं, भारत के आदि मानव जंगली और मांसाहारी थे, भारत में ऐतिहासिक सामग्री का अभाव, भारत के राजवंशों के वर्णन अतिरंजित है, यूनानियों का सेंड्रोकोट्टस ही चन्द्रगुप्त मौर्य है, भारतीय काल-गणना अतिरंजित और अवैज्ञानिक, भारत कभी एक राष्ट्र के रूप में रहा ही नहीं, अंग्रेजों ने ही एकछत्र शासन किया। Show
चित्र : सारंग क्षीरसागर भारतीय इतिहास के ऐसे कई रहस्य अभी उजागर होना अभी बाकी हैं, जो इतिहास में नहीं पढ़ाए जाते या कि जिनके बारे में इतिहासकारों में मतभेद हैं। दरअसल, भारत के इतिहास को फिर से लिखे जाने की आवश्यकता है, क्योंकि वर्तमान में पाठ्यपुस्तकों में जो इतिहास पढ़ाया जाता है वह या तो अधूरा है या वह सत्य से बहुत दूर है। यह भी कहा जा सकता है कि वह एकतरफा लिखा गया इतिहास है। दरअसल, इतिहास जैसा है उसे वैसा ही प्रकट किया जाना चाहिए। यहां हम यह नहीं कह रहे हैं कि हम जो बता रहे हैं वह सत्य है या कि हम एक झूठ को स्थापित करने का कार्य कर रहे हैं। यहां सिर्फ सवाल उठाए जा रहे हैं जिनके उत्तर कभी संस्तुष्ट करने वाले नहीं रहे। जिस देश के लोग अपने इतिहास को अच्छे से नहीं जानते या जिस देश के लोग अपने इतिहास को लेकर भ्रम की स्थिति में रहते हैं उनमें कभी भी अपने देश के प्रति वैसे भक्ति नहीं रहेगी, जैसी होना चाहिए। उस देश में मतभेद इस स्तर पर बढ़ते हैं कि वे मनभेद और हिंसा तक फैल जाते हैं। जिस राजनीतिज्ञ को अपने देश के समाज और इतिहास की अच्छे से जानकारी नहीं होगी तो स्वाभाविक रूप से ही वह समाज में प्रचलित धारणा या अफवाह को ही सच मानकर कार्य करेगा जिससे समाज में असंतोष ही फैलेगा। हालांकि यहां लिखी गई बातें सत्य ही हो यह जरूरी नहीं, लेकिन इस पर खुले दिमाग से और सभी साक्ष्य और स्रोत के साथ विचार-विमर्श किया जाए तो निश्चित ही कम से कम यह समझ तो बढ़ेगी ही कि सबसे जरूरी है वह भारतीयता जो सदियों से चली आ रही परंपरा की पोषक है। हम किसी भी धर्म, जाति या समाज के हों लेकिन हम भारतीय हैं यह तो तय है और जो हिस्सा भारत से अलग हो गया वह भी सदियों से भारतीय थे और हैं, यह भी तय है। वे भले ही अपने पूर्वजों के इतिहास को नष्ट करके एक नए सिद्धांत को गढ़ लें लेकिन इससे वे भी ज्यादा समय तक जिंदा रहेंगे इसकी कोई गारंटी नहीं। स्थानीय इतिहास को नष्ट करने वाले उन विचारधारा और लोगों के गुलाम होते हैं जो उन पर लादी जाती रही है। अंतत: गुलाम बनाने वाले वे लोग गुलामों के इतिहास के साथ गुलामों को भी नष्ट करने के उपाय खोज ही लेते हैं। भारत पिछले सैंकड़ों सालों से गुलाम और दीनहीन रहा इसके बारे में अब लोग जानना नहीं चाहते कि गुलामी के काल में क्या क्या हुआ जिसके परिणाम हम आज तक झेल रहे हैं। यह सही है कि अतीत के बुरे वक्त को भुलकर नए भविष्य को गढ़ना चाहिए लेकिन यह भी उतना ही सही है कि जो लोग अतीत से सीख नहीं लेते वह अपना भविष्य बिगाड़ लेते हैं। वर्तमान को जानकर लगता है कि हमने अतीत से सीख नहीं ली। खैर... आओ जानते हैं इतिहास पहला झूठ...
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Login Register now for special offers +91 Home > Hindi > कक्षा 8 > History > Chapter > कैसे, कब और कहाँ > इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास क... इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास को अंग्रेजों से भिन्न रूप से कितने काल-खण्डों में बाँटा है?लिखित उत्तर Solution : तीन काल-खण्डों में—(1) प्राचीन काल, (2) मध्यकाल, (3) आधुनिक काल। संबंधित वीडियो432599557 700 4.0 K 2:45 भिन्न `2/(x^(2)-1)` को आंशिक भिन्नों के रूप में लिखने पर सही उत्तर होगा: 408040569 1.2 K 5.3 K 2:15 बिंदु `(1,4)` कौन से चतुर्थांश में है : 320058831 0 3.1 K 6:14 यह ज्ञात है की महाविद्यालय के छात्रों में से 60 % छात्रावास में रहते है और 40 % छात्रावास में नहीं रहते है । पूर्ववर्ती वर्ष से परिणाम सूचित करते है की छात्रावास में रहने वाले छात्रों में से30 % छात्रों में से 20 % छात्रों ने A ग्रेड लिए। वर्ष के अंत में महाविद्यालय के एक छात्र को यादृच्छया चुना गया और पाया गया की उसे A ग्रेड मिला है । इस बात की क्या प्रायिकता है की वह छात्रावास में रहने वाला है ? 441541036 0 8.0 K 4:07 एक धातु के बेलन को, जिसका व्यास 8 से.मी. और ऊँचाई 90 से. मी. है, गलाकर 12 से. मी. व्यास वाले कितने गोले बनाए जा सकते हैं ? 334964374 1.8 K 6.9 K 5:41 वह समतल, जो बिन्दुओ `(-3,-3,4)` तथा (3,7,6) को मिलाने वाले रेखाखण्ड का लंबसमद्विभाजक करता है, निम्न में से किस एक बिंदु से होकर जाता है? 441540741 100 3.8 K 2:04 संख्या 1001 को द्विआधारी प्रणाली से दशमलव प्रणाली में बदलिये। Show More Comments Add a public comment... Follow Us: Popular Chapters by Class: Class 6 AlgebraBasic Geometrical IdeasData HandlingDecimalsFractions Class 7 Algebraic ExpressionsComparing QuantitiesCongruence of TrianglesData HandlingExponents and Powers Class 8 Algebraic Expressions and IdentitiesComparing QuantitiesCubes and Cube RootsData HandlingDirect and Inverse Proportions Class 9 Areas of Parallelograms and TrianglesCirclesCoordinate GeometryHerons FormulaIntroduction to Euclids Geometry Class 10 Areas Related to CirclesArithmetic ProgressionsCirclesCoordinate GeometryIntroduction to Trigonometry Class 11 Binomial TheoremComplex Numbers and Quadratic EquationsConic SectionsIntroduction to Three Dimensional GeometryLimits and Derivatives Class 12 Application of DerivativesApplication of IntegralsContinuity and DifferentiabilityDeterminantsDifferential Equations Privacy PolicyTerms And Conditions Disclosure PolicyContact Us क्या इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास को विभाजित किया है?भारतीय इतिहास को कितने काल खंडों में बांटा गया है? भारत के इतिहास को इतिहासकारों ने तीन हिस्सों में बांटा है. हा दोस्तों भारत के इतिहास का वर्गीकरण में तीन हिस्सों में किया जाता है.
इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास को संक्षिप्त उत्तर में कैसे विभाजित किया है?अंग्रेजों द्वारा सुझाए गए वर्गीकरण से अलग हटकर इतिहासकार भारतीय इतिहास को आमतौर पर 'प्राचीन', 'मध्यकालीन', तथा 'आधुनिक' काल में बाँटकर देखते हैं।
इतिहासकारों ने इतिहास को कितने भागों में विभाजित किया है?इतिहास के भाग : प्राचीन काल इतिहास (Ancient History) मध्यकालीन इतिहास (Midevable History) आधुनिक इतिहास (Morden History)
भारतीय इतिहास को कितने भागों में विभाजित किया गया है?सामान्यतः इतिहास के अध्ययन को तीन भागों में बाँटा जाता है- प्राचीनकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल।
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