अपठित पद्यांश/काव्यांश क्या है?
प्रश्न हल करने की विधि अपठित काव्यांश का प्रश्न हल करते समय निम्नलिखित बिंदु ध्यातव्य हैं:
अपठित काव्यांश 1. निम्नलिखित काव्यांश तथा उन पर आधारित प्रश्नोत्तर ध्यानपूर्वक
पढ़िए। (i) कवि दो क्षण के लिए मिली खुशी पर हँसने के लिए क्यों कह रहा है?
(ii) कविता में संसार की किस वास्तविकता को प्रस्तुत किया गया है?
(iii) धरती का कण-कण कौन-सी गाथा सुनाता रहा है?
(iv) भाव स्पष्ट कीजिए-
(v) उगता डलता रहता सूरज के माध्यम से कवि ने क्या कहना चाहा है?
(i) उपर्युक्त काव्यांश के आधार पर कवि के स्वभाव की किन्हीं दो प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
(ii) कविता में आए मेघ, विदयुत, सागर की गर्जना और ज्वालामुखी किनके प्रतीक हैं? कवि ने उनका संयोजन यहाँ क्यों किया है?
(iii) शूलों के बदले फूलों का किया न मैंने कभी चयन-पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
(iv) 'युग की प्राचीर' से क्या तात्पर्य है? उसे कमजोर क्यों बताया गया है?
(v) किन पंक्तियों का आशय है कि तन मन में दृढनिश्चय का नशा हो तो जीवन मार्ग में बढ़ते रहने से कोई नहीं रोक सकता?
(i) जेठ के महीने में अपने काम में लगा हुआ मजदूर क्या अनुभव कर रहा है?
(ii) उसकी दीन-हीन दशा को कवि ने किस तरह प्रस्तुत किया है?
(iii) उसका पूरा जीवन कैसे बीता है? उसने बड़े से बड़े लोगों को भी अपना कष्ट क्यों नहीं बताया?
(iv) उसने जीवन को कैसे जिया है? उसकी दशा को देखकर कवि को किस बात का आभास होने लगा है?
(v) आशय स्पष्ट कीजिए 'नया इंद्रपद इसके हित ही निश्चित है निस्संशय।
(i) प्रस्तुत काव्यांश में हरित पट किसे कहा गया है।
(ii) कवि अपने देश पर क्यों बलिहारी जाता है?
(iii) कवि अपनी मातृभूमि के जल और वायु की क्या क्या विशेषता बताता है?
(iv) मातृभूमि को ईश्वर का साकार रूप किस आधार पर बताया गया है?
(v) प्रस्तुत कविता का मूल भाव अपने शब्दों में लिखिए।
(i) कवि नारी के आभूषणों को उसके अलंकरण के साधन न मानकर उन्हें किन रूपों में देख रहा है।
(ii) वह नारी को किन दो गरिमाओं से मंडित करा रहा है और क्या कामना कर रहा है?
(iii) वह मुक्त नारी को किन-किन रूपों में प्रतिष्ठित करना चाहता है?
(iv) आशय स्पष्ट कीजिए- नारी मुख की नव किरणों से युग प्रभात हो ज्योतितः
(i) कवि की कविता क्रांति लाने में कैसे सहायक हो सकती है?
(ii) कवि ने किस प्रकार के उथल-पुथल की कल्पना की है?
(iii) आपके विचार से नाश और सत्यानाश में क्या अंतर हो सकता है? कवि उनकी कमना क्यों करता है?
(iv) किसी समाज में फैली जड़ता और रूढ़िवादिता केवल क्रांति से ही दूर हो सकती है। पक्ष या विपक्ष में दो तर्क दीजिए।
(v) काव्यांश से दो मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
(i) 'फूल बोने और काँटे बोने का प्रतीकार्थ क्या है?
(ii) मन किन स्थितियों में अशांत होता है और कैसी स्थितियाँ उसे शांत कर देती हैं।
(iii) संकट आ पड़ने पर मनुष्य का व्यवहार कैसा होना चाहिए और क्यों?
(iv) मन में कटुता कैसे आती है और यह कैसे दूर हो जाती है?
(v) काव्यांश से दो मुहावरे चुनकर वाक्य-प्रयोग कीजिए।
(i) यह काव्यांश किसे संबोधित है? उससे हम क्या पाते हैं?
(ii) प्रत्युपकार' किसे कहते हैं? देश का प्रत्युपकार क्यों नहीं हो सकता?
(iii) शरीर-निर्माण में मातृभूमि का क्या योगदान है?
(iv) अचल विशेषण किसके लिए प्रयुक्त हुआ है और क्यों?
(v) यह कैसे कह सकते हैं कि देश से हमारा संबंध मृत्यु पर्यन्त रहता है?
(i) पिंजड़े के बाहर का संसार निर्मम कैसे है?
(ii) पिंजड़े के भीतर चिड़िया को क्या-क्या सुविधाएँ उपलब्ध हैं?
(iii) कवि चिड़िया को स्वतंत्र जगत् की किन वास्तविकताओं से अवगत कराना चाहता है?
(iv) बाहर सुखों का अभाव और प्राणों का संकट होने पर भी चिड़िया मुक्ति ही क्यों चाहती है?
(v) कविता का संदेश स्पष्ट कीजिए।
(i) अपने मन का राजा' होने के दो लक्षण कविता से चुनकर लिखिए।
(ii) किस पंक्ति में कवि पतझड़ को भी बसंत मान लेता है?
(iii) कविता का केंद्रीय भाव दो-तीन वाक्यों में लिखिए।
(iv) कविता के आधार पर कवि-स्वभाव की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
(v) आशय स्पष्ट कीजिए-कब रोक सकी मुज्कोम चितवन, मदमाते कजरारे घन की।
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