सावन के महीने में कुछ चीजों का सेवन वर्जित होता है। यह एक धार्मिक मान्यता है। इन मान्यताओं का उद्देश्य सेहत को बेहतर बनाए रखना होता है। Show हरी सब्जियां : सावन के महीने में हरी पत्तेदार सब्जियां नहीं खानी चाहिए। इस महीने में पत्तेदार सब्जियां शरीर में वात को बढ़ाती है। इसके अलावा मानसून के दिनों में कीडों का संक्रमण अधिक होता है। बैंगन : सावन के महीने में बैंगन नहीं खाया जाता। बरसात के दिनों में बैंगन में कीड़ों का प्रभाव अधिक होता है। दूध : सावन के महीने में दूध, डेयरी प्रॉडक्ट का सेवन नहीं करना चाहिए। इन दिनों गाय भैंस चारे के साथ बारिश की संक्रमित चीजें भी खा लेती हैं इससे उनका दूध विषैला हो जाता है। इसीलिए सावन मास में दूध शिव जी को तो अर्पित होता है पर सेवन नहीं किया जाता। Updated: | Fri, 27 Jul 2018 06:51 PM (IST) नई दिल्ली। भगवान शिव को सावन का महीना बहुत प्रिय है और इस महीने में पूजा करने वालों पर भगवान शिव की खास कृपा बनी रहती है। शास्त्रों में भी सावन में सात्विक भोजन करने की सलाह दी गई है। तभी तो इस महीने में बहुत से लोग प्याज, लहसुन से लेकर मांस, मदिरा का सेवन बंद कर देते हैं। इन चीजों के अलावा और भी चीजें हैं जिन्हें सावन में नहीं खाना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जियां यूं तो हरी सब्जियां सेहत के लिए काफी गुणगारी होती है लेकिन सावन में इनसे दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। सावन में सब्जी में पित्त बढ़ाने वाले तत्व की मात्रा बढ़ जाती है। इसलिए सब्जी गुणकारी नहीं रह जाता है। यही कारण है कि सावन में साग खाना वर्जित माना गया है। दूसरा कारण यह भी है कि इन दिनों कीट-पतंगों की संख्या बढ़ जाती है और साग के साथ घास-फूस भी उग आते हैं जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। बैंगन बैंगन को भी सावन में खाना उचित नहीं माना गया है। इसका धार्मिक कारण यह है कि बैंगन को शास्त्रों में अशुद्ध कहा गया है। यही वजह है कि कार्तिक महीने में भी कार्तिक मास का व्रत रखने वाले व्यक्ति बैंगन नहीं खाते हैं।वैज्ञानिक कारण यह है कि सावन में बैंगन में कीड़े अधिक लगते हैं। ऐसे में बैंगन का स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए सावन में बैंगन खाने की मनाही है। दूध सावन में संभव हो तो दूध का सेवन न करें। यही बात बताने के लिए सावन में शिव जी का दूध से अभिषेक करने की परंपरा शुरू हुई। वैज्ञानिक मत के अनुसार इन दिनों दूध पित्त बढ़ाने का काम करता है। अगर दूध का सेवन करना हो तो खूब उबालकर प्रयोग में लाएं। कच्चा दूध प्रयोग में नहीं लाएं। सावन में दूध से दही बनाकर सेवन कर सकते हैं। लेकिन भाद्रपद मास में दही से परहेज रखना चाहिए क्योंकि भाद्रपद में दही सेहत के लिए हानिकारक होता है। कढ़ी सावन के दौरान कढ़ी भी खाने की मनाही होती है। कहा जाता है कि कढ़ी में प्याज और दूध से बनने वाली ही का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसे नहीं खाना चाहिए। Posted By:
सावन के महीने में दूध पीने के लिए मना किया जाता है। मांस-मछली पर तो पूरी तरह से पाबंदी लगा दी जाती है। लेकिन क्या आपको इसका कारण मालूम है कि ऐसा क्यों... बोल बम, बोल बम... ये नारे आजकल आपको सड़क पर केसरिया रंग के कपड़े पहने लोग लगाते हुए मिल जाएंगे। सावन का महीना शुरू हो जाने के साथ ही सड़क पर बोल बम के नारे लगने शुरू हो जाते हैं। सावन का महीना शुरू होने का मतलब है कि कुछ खाने-पीने की चीजों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाना। इसलिए तो सावन के महीने में नॉनवेज का बाजार थोड़ा सा ठप्प पड़ जाता है। नॉन वेज के अलावा ग्रीन वेजीटेबल्स और बैंगन जैसी सब्जियां खाने पर भी पाबंदी लगा दी जाती हैं। यहां तक की दूध पीने के लिए भी मना किया जाता है। लेकिन क्यों? नहीं मालूम ना। चलिए आज इसी पर बात करते हैं और जानते हैं कि क्यों सावन के ही महीने में इन चीजों को खाने के लिए मना किया जाता है। 1हेल्दी दूधदूध बहुत ही हेल्दी होता है और डॉक्टर इसे रोज पीने की सलाह देते हैं। लेकिन सावन में दूध पीने को कहा जाता है। ऐसा क्यों? धार्मिक मान्यता- सावन का महीना भगवान शिव का महीना माना जाता है और इस महीने में हर दिन शिव जी को दूध चढ़ाया जाता है, इसी वजह से इस दौरान दूध पीने से मना किया जाता है। वैज्ञानिक मान्यता- लेकिन साइंटिफिकली भी इस महीने में दूध पीने के लिए मना किया जाता है। क्योंकि इस महीने में बारिश काफी होती है और गाय कीड़े लगे हुए या गली हुई घास-पत्तियां खाती हैं। जिसमें कई सारे कीटाणु होते हैं। ऐसे में दूध उतना हेल्दी नहीं होता जितना सामान्य दिनों में होता है। इसलिए इस महीने में दूध पीने के लिए मना किया जाता है। 2हरी सब्जियांसावन में हरी सब्जियां खाने से भी मना किया जाता है। ऐसा बारिश की वजह से है। बारिश में मच्छर-मक्खियां काफी ज्यादा फैलते हैं। इसके अलावा हरी सब्जियों में कीटाणु और जर्म्स भी काफी होते हैं जो खाने के दौरान हमारे पेट के अंदर चले जाते हैं। जिससे पेट और स्किन की बीमारियां हो जाती हैं। इन बीमारियों से बचे रहने के लिए ही सावन के महीने में हरी सब्जियां नहीं खाने को कहा जाता है। 3मांस-मछलीसावन में मांस-मछली नहीं खाई जाती है। हिंदु धर्म में इसके ना खाने का कट्टरता से पालन किया जाता है और इसके पीछे कई धार्मिक कारण बताए जाते हैं। जबकि साइंटिफिकली मछलियां मानसून के मौसम में इसलिए नहीं खाई जाती है क्योंकि मानसून का समय मछलियों के अंडे देने का समय होता है और ये अंडे मनुष्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। वहीं चिकन और मटन इस मौसम में अच्छी तरह से डाइजेस्ट नहीं होते हैं जिससे पेट खराब हो जाता है। इन सभी कारणों से सावन में मांस-मछली ना खाने को कहा जाता है। 4मसालेदार खानासावन में स्पाइसी मसालेदार खाना भी नहीं खाना चाहिए। क्योंकि मसालों को डाइजेस्ट होने में काफी समय लगता है जिसके कारण आंतों को ज्यादा काम करना पड़ता है, ज्यादा उर्जा खर्च होती है और शरीर में स्फूर्ति नहीं बचती। कई बार मसालेदार भोजन करने से पेट खराब हो जाता है। 5बैंगनसावन में बैंगन ना खाने की सलाह भी दी जाती है। इसके पीछे की धार्मिक वजह यह है ये शिव जी को चढ़ाया जाता है और वैज्ञानिक वजह यह है कि इस मौसम में बैंगन में कीड़े लगने लगते हैं। इसलिए सावन में बैंगन नहीं खाने चाहिए। क्या सावन में बैंगन खा सकते हैं?जब धार्मिक और आध्यात्मिक अवसरों की बात आती है, तो बैगन को अशुभ माना जाता है, इसलिए सावन के पूरे महीने में बैगन खाने से बचना चाहिए. सावन के महीने में शराब पीना अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि शराब में निगेटिव एनर्जी होती है इसलिए इस पावन महीने में शराब पीने से बचना चाहिए.
बैंगन कब नहीं खाना?बैंगन कब नहीं खाना चाहिए
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी, द्वादशी और तेरस के दिन बैंगन खाना मना है.
सावन के महीने में कौन सी सब्जी नहीं खाना चाहिए?सावन के महीने में बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा हरि सब्जियां, मांसाहारी चीजों का सेवन भी करने से बचना चाहिए.
सावन में क्या खाना वर्जित है?श्रावण मास में क्या नहीं खाना चाहिए- what should not be eat in the month of shravan:. हरी पत्तेदार सब्जियां : पत्तेदार सब्जियां पालक, मैथी, लाल भाजी, बथुआ, गोभी, पत्ता गोभी जैसी सब्जियां नहीं खानी चाहिए।. चटपटा भोजन : तेल या मासालेदार भोजन नहीं करना चाहिए। ... . मांस मछली : मच्छी और मांसाहर भोजन नहीं करना चाहिए।. |