अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के क्या लाभ हैं? - antarraashtreey vyaapaar ke kya laabh hain?

आर्थिक आवश्यकताओं की संतुष्टि के साथ-साथ आर्थिक विकास को गतिशील बनाने में भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फलस्वरूप लोगों में अधिक समय तक जीवित रहने विभिन्न आवश्यकताओं को संतुष्ट करने एवं रहन-सहन का स्तर पर को बढ़ाने की इच्छा उत्पन्न होती हैसाथ ही साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार से लोगों में शिक्षा एवं ज्ञान का विस्तार होता है आता है यह कहना ठीक होगा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार आधुनिक युग समृद्धि का विस्तार होता है बल्कि विश्व शांति की स्थापना में भी सहायता मिलती है  !

अंतरराष्ट्रीय व्यापार से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:-

  1.  भौगोलिक तथा प्रादेशिक श्रम विभाजन संभव:- अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फलस्वरूप दो देशों के बीच भौगोलिक एवं प्रादेशिक श्रम विभाजन संभव हो जाता है प्रत्येक देश वही माल तैयार करता है जिसके उत्पादन में उसे अधिकतम प्रकृतिक लाभ होता है तथा उनके उत्पादन लागत न्यूनतम होती है इस प्रकार दोनों देश है ऐसी वस्तुओं के उत्पादन में विशेष जाता प्राप्त कर लेते हैं यह देश अपनी इन वस्तुओं का निर्यात करके विदेशों में ऐसी वस्तु का याद करते हैं जिनके उत्पादन में उनको प्राकृतिक लाभ प्राप्त नहीं होता इन सभी बातों के फल स्वरुप संसार के सभी देशों में उत्पादन अनुकूल परिस्थितियों में होने लगता है और इससे मानव जाति के कल्याण में वृद्धि होती है !

  2.  उपभोक्ताओं को सस्ती वस्तुओं की तरफ- अंतरराष्ट्रीय व्यापार के पास और उपभोक्ताओं को अपेक्षाकृत सस्ती कीमतों पर वस्तुएं प्राप्त हो जाती है इससे उनके रहन-सहन के स्तर में वृद्धि होती है इसके अतिरिक्त विदेशी व्यापार के माध्यम से उपभोक्ताओं को ऐसी वस्तुएं प्राप्त हो जाती है जिनका देश के अंदर उत्पादन नहीं होता है !

  3. प्रकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग- अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्राकृतिक संसाधनों का उत्पादन कार्यों में पूर्ण उपयोग होने लगता है एडम स्मिथ के अनुसार देश की भूमि एवं श्रम का व अतिरिक्त काम मैं आ जाता है जिसकी देश में कोई मान नहीं होती इसके बदले में वह मिल जाता है जिसकी देश में मांग होती है टेबल के अनुसार अंतरराष्ट्रीय व्यापार के कारण उत्पादक शक्तियां देश के प्राकृतिक संसाधनों का खुलकर प्रयोग करती है जिससे अधिकतम लाभ प्राप्त की संभावना रहती है रिकार्डों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फल स्वरुप आंतरिक प्रकृतिक संसाधनों का प्रयोग किया जा सकता है !

  4.  वस्तु तथा सेवाओं की कीमतों में समानता- अंतरराष्ट्रीय व्यापार के द्वारा विभिन्न देशों के उत्पादकों के बीच परस्पर प्रतियोगिता सभी देशों में वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतों में समानता स्थापित हो जाती है इससे सभी देशों को लाभ होता है !

  5. उत्पादन में सुधार- अंतरराष्ट्रीय व्यापार के कारण देश के उद्योगपतियों को सभी विदेशी प्रतियोगिता का सामना करना पड़ता है इसलिए वह सदैव वैज्ञानिक उत्पादन वीडियो के सदस्यों में कमी करके उसमें तैयार करने का प्रयत्न करते हैं इससे देश की संपूर्ण व्यवस्था को लाभ होता है !

  6. औद्योगिकरण का विस्तार- राष्ट्र के माध्यम से विभिन्न तकनीकी ज्ञान का याद कर सकते हैं और इस प्रकार की सहायता मिलती है व्यापार के पिछड़े क्षेत्रों का विकास संभव होता है !

  7.  एकाधिकार प्रवृत्ति पर रोक- अंतरराष्ट्रीय व्यापार के कारण देश में एकाधिकार व्यवसाय नहीं बनने के कारण है क्योंकि उन्हें सदैव विदेशी प्रतियोगिता का भय बना रहता है !

  8. आर्थिक संकट काल में सहायता- बहुत से देशों में पहाड़ा कानपुर का महामारी  युद्ध के कारण गंभीर संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है ऐसी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के द्वारा वह देश वस्त्र दवाइयां आवश्यक वस्तुएं विदेशों से आयात करके संकट का सामना कर सकता है !

  9. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का विकास- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का एक बहुत बड़ा लाभ यह होता है कि इससे विभिन्न देशों में परस्पर सहयोग तथा सद्भावना का विकास होता है अंतरराष्ट्रीय तनाव में कमी आती है देशों के राजनीतिक तथा सांस्कृतिक संबंध अच्छे हो जाते हैं और राजनीतिक अस्थिरता का वातावरण उत्पन्न हो जाता है !

  10. सांस्कृतिक भावनाओं का प्रसारण- अंतरराष्ट्रीय व्यापार के कारण विभिन्न अन्य देशों के संपर्क में आते हैं जिससे वे परस्पर एक दूसरे देशों के सांस्कृतिक मान्यताओं एवं नैतिक परंपराओं से परिचित हो जाते हैं अंतरराष्ट्रीय व्यापार के माध्यम से ही हम नहीं-नहीं भाषाओं एवं आकर्षक निवृत्ति रिवाज सकते हैं अंतरराष्ट्रीय व्यापार के द्वारा केवल विभिन्न देशों के मध्य व्यापारिक संबंध ही नहीं बढ़ते हुए इसके द्वारा में विभिन्न देशों की संस्कृति का ज्ञान भी मिलता है !


अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की हानियां:-


अंतरराष्ट्रीय व्यापार लाभदायक है किंतु फिर भी देश आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं इसका प्रमुख कारण अंतरराष्ट्रीय व्यापार से होने वाली हानियां है जो निम्नलिखित-

  1. विदेशी प्रतियोगिता का प्रतिकूल प्रभाव- अंतरराष्ट्रीय व्यापार के कारण विदेशी उद्योगों को कठोर विदेशी प्रतियोगिता का सामना करना पड़ता है परिणाम स्वरूप देश के नव विकसित उद्योग नष्ट हो जाते हैं और नए उद्योगों की स्थापना नहीं होने पाती है उदाहरणार्थ 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश प्रतियोगिता के कारण अनेक भारतीय उद्योग ठप हो गए थे !

  2. कच्चे माल की समाप्ति- अंतरराष्ट्रीय व्यापार के कारण बहुत से देशों का कच्चा माल मुख्यता है खनिज पदार्थ शीघ्र ही समाप्त हो सकती है इसलिए ऐसे देशों को आगे चलकर भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है !

  3. देश का  एकाकी विकास- अंतरराष्ट्रीय व्यापार के कारण अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भौगोलिक श्रम विभाजन एवं विशेष जाति के आधार पर किया जाता है प्रत्येक देश के 1 वस्तुओं का उत्पादन करता है जिससे उन्हें अधिकतम लाभ प्राप्त होता है इस प्रकार देश में सभी उद्योगों का विकास ना होकर केवल कुछ ही उद्योग धंधे विकसित हो पाते हैं इस प्रकार के एक का की निकासी देश के अनेक साधन बेकार ही पड़े रहते हैं और उनका समुचित दोहन नहीं हो पाता है !

  4. राशिपातन  का भय- अंतरराष्ट्रीय व्यापार में विकसित एवं  उन्नत देश कभी-कभी बिछड़े हुए देशों में अपने माल को बहुत ही कम मूल्य पर बेचना शुरू कर देते हैं और कभी-कभी तो भी अपने माल उत्पादन लागत से भी कम होने पर भेजते हैं इस नीति को राशिपातन कहते हैं !

  5.  उपभोक्ताओं की आदतों पर बुरा प्रभाव- अंतरराष्ट्रीय व्यापार के माध्यम से उपभोक्ताओं को अनेक वस्तुएं सस्ते मूल्य पर मिलने लगती है इसलिए वह उनके आदी हो जाती है किंतु यदि किसी कारणवश उन वस्तुओं का आयात बंद हो जाता है तो इससे उपभोक्ताओं को बहुत कष्ट उठाना पड़ता है !

  6. देश में आवश्यक वस्तुओं की कमी- कभी-कभी अंतरराष्ट्रीय व्यापार के कारण देश में आवश्यक वस्तुओं की कमी उत्पन्न हो जाती है क्योंकि ऐसी वस्तुओं का बड़े पैमाने पर निर्यात किया जाता है !

  7. अंतरराष्ट्रीय द्वेष तथा संघर्ष- इतिहास इस बात का साक्षी है कि राजनीतिक क्षेत्र में गला काट प्रतियोगिता आपसी द्वेष धरना प्रदर्शन करेगा अंतरराष्ट्रीय व्यापार के कारण का उत्पन्न हुए हैं साम्राज्यवाद कमजोर व विकसित देशों का आर्थिक शोषण बहुत कुछ विदेशी व्यापार के परिणाम रहे हैं  !

उपयुक्त विवेचन से स्पष्ट है कि यद्यपि अंतरराष्ट्रीय व्यापार लाभदायक है किंतु इसकी हानियां भी इतनी अधिक है कि मन से देश की अर्थव्यवस्था का बुरी तरह से प्रभावित होने का भय बना रहता है इसलिए प्रत्येक देश को आत्मनिर्भर होना चाहि

अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्या क्या लाभ है?

वैश्विक बाजार आपको राजस्व के नए स्रोत तक पहुंच प्रदान कर सकता है, जो आपके व्यवसाय को अधिक वित्तीय क्षमता दे सकता है। एक बाजार में व्यापार करके, आप जोखिम को कम करते हैं कि घरेलू व्यापार के मुद्दे आपके व्यवसाय पर हो सकते हैं। कारोबार और राजस्व में वृद्धि सुनिश्चित करता है कि आपका व्यवसाय अधिक स्थिर है।

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से आप क्या समझते हैं इसके लाभों की व्याख्या कीजिए?

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं या क्षेत्रों के आर-पार पूंजी, माल और सेवाओं का आदान-प्रदान है।. अधिकांश देशों में, यह सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के महत्त्वपूर्ण अंश का प्रतिनिधित्व करता है।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार के देश कैसे लाभ प्राप्त करते हैं?

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से देशों में आपसी सहयोग और भाईचारा बढ़ता है जिससे विभिन्न देशों के मध्य मैत्रिक संबंध अच्छे बनते हैंअंतरराष्ट्रीय व्यापार सिद्धांतों और वस्तुओं के स्थानांतरण के सिद्धांत पर निर्भर करता है जिससे व्यापार करने वाले देशों को लाभ ही पहुँचता है।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार के गुण और दोष क्या है?

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मुख्यतः अन्तर्राष्ट्रीय विशिष्टीकरण पर निर्भर करता है। लागतों में तुलनात्मक अंतर तथा सापेक्षिक अंतर होने की स्थिति में देश को व्यापार से लाभ प्राप्त होता है। लेकिन यदि लागतों में समान अंतर पाया जाता है तो उस स्थिति में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से कोई लाभ प्राप्त नहीं होगा ।