Show नीलम रत्न अत्यंत ही लाभदायक है | शनि ग्रह का आशीर्वाद प्रदान करने वाला नीलम रत्न , एक जीवन परिवर्तक रत्न है | नीलम रत्न आपको देव-तुल्य सुख प्रदान करने में सक्षम है | इसके लाभ दायक प्रवृत्ति के कारण नीलम रत्न एक सबसे ज़्यादा धारण किया जाने वाले रत्नो में से एक है | नीलम रत्न की कीमत मूल रूप से इसकी गुणवत्ता पर आधारित है। गुणवत्ता का आंकलन नीलम की निम्न गुणों पर निर्भर है: रंग पारदर्शिता (प्रांजलता /अन्य विशुद्धि का अभाव) चमक तराशने की उत्तमता कृत्रिम उपायों का इस्तेमाल (ट्रीटमेंट) नीलम का उद्गम स्थान रंग :नीलम का रंग नीले रंग का पर्याय है | नीलम का रंग शुद्ध नीला होना चाहिए | अक्सर नीलम के रंग में मटमैलापन या कालापन देखा जाता है | इससे नीलम की कीमत पर प्रभाव होता है | नीलम का अच्छा नीला रंग से नीलम की कीमत बढ़ती है | दूसरी ओर बदरंग नीलम जिनमे बैंगनी, मटमैला, कालापन का प्रभाव होता है , नीलम की कीमत को गिराता है | इस तरह के रंग वाले नीलम ज्योतिष प्रभाव के लिए भी उचित नहीं माने जाते | बदरंग नीलम बाजार में Rs 500 - 600 प्रति रत्ती के रेट पर भी मिल जाते हैं | परन्तु ना ही ये ज्योतिष कार्य के लिए उपयोगी हैं और ना ही आभूषणों के लिए | अच्छा नीले रंग के नीलम की कीमत तकरीबन Rs. 4,000 रत्ती से शुरू होती है | पारदर्शिता :अगर रत्न में पारदर्शिता नहीं है तो वह रत्न नहीं केवल पत्थर है। ये प्रकृति का चमत्कार ही है की पत्थरो में से कुछ गिने चुने ही रत्न बन्न पाते है | ये रत्न अपने अंदर प्रकृति की शक्ति को समाये रहते हैं और ऊर्जा हस्तांतरण करने में सक्षम होते है। पारदर्शिता नीलम का विशेष गुण है | अन्य धातु एवं खनिज विशुद्धता के कारण नीलम में पारदर्शिता की कमी आती है | पारदर्शिता नीलम की शुद्धता का द्योतक है। अपारदर्शी (निष्प्रभ) नीलम की कीमत बहुत ही कम् होती है क्युकी जानकार व्यक्ति के लिए ऐसा नीलम किसी काम का नहीं होता | जानकारी के अभाव में ही इस प्रकार का नीलम खरीद लिया जाता है | ऐसे निष्प्रभ नीलम की कीमत बमुश्किल Rs 200 - 300 प्रति रत्ती होती है | अगर पत्थर का कुछ अच्छा नीला रंग भी हो तो कीमत Rs. 500 - 900 रूपए प्रति रत्ती तक हो सकता है | ज्योतिषये इस्तेमाल के लिए इस प्रकार के नीलम से परहेज करें | चमक :रत्न की चमक से नीलम की गुणवत्ता कई गुना बढ़ जाती है | कई बार अच्छा रंग एवं पारदर्शिता के बावजूद नीलम में फीकापन रहता है। अच्छी गुणवत्ता के नीलम में ही चमक पायी जाती है। चमक के अभाव में नीलम बेजान सा प्रतीत होता है | वहीँ अगर नीलम में चमक है तोह उसकी द्रव्यता से रत्न मनमोहक भी लगता है और ज्योतिष प्रभाव के लिए उच्च भी होता है। अच्छा रंग, अच्छी पारदर्शिता और चमक के साथ नीलम की कीमत कम् से कम् Rs. 6,000 प्रति रत्ती से शुरू होती है | इन् तीनो गुणों के बढ़ने के साथ ही नीलम की कीमत बढ़ती रहती है | समरूपता (तराशने की उत्तमता):नीलम में अच्छा रंग , अच्छी पारदर्शिता , अच्छी चमक हो परन्तु अगर उसकी समरूपता ठीक नहीं है तो कीमत पर असर पड़ता है | अच्छी समरूपता देने के लिए रत्न को जटिल उपायों से तराशा जाता है | तराशने के दौरान रत्न का वज़न कम् होता रहता है | ऊर्जा के सही प्रवाह के लिए अच्छी समरूपता आवश्यक है | टेढ़ापन, गट्ठापन, छिछलापन अथवा रत्न की नोक का मध्य में ना होना , समरूपता की कमी को दर्शाता है | समरूपता न होने से रत्न के कीमत गिर जाती है | आभूषण के लिए इस प्रकार के नीलम उचित हैं क्योकि एक बार जेवर में लगने के बाद रत्न केवल ऊपर से ही दिखाई पड़ेगा और उसका टेढ़ापन देख पाना मुश्किल होगा | परन्तु ज्योतिष के लिए समरूप नीलम रत्न ही धारण किये जाते है ताकि ऊर्जा का अविरल प्रवाह रहे | अच्छी गुणवत्ता का समरूप नीलम की शुरुआत लगभग Rs. 9,000 रत्ती से होती है। कृत्रिम उपायों का इस्तेमाल (ट्रीटमेंट):कम गुणवत्ता वाले रत्न को आमतौर पर कृत्रिम उपायों से निखारा जाता है | समय के साथ कुछ ऐसे तकनीक उत्पन्न हो चुकी है जिसमे एक खराब क्वालिटी के नीलम को भी एक श्रेष्ठ नीलम जैसा लगने वाला बना सकते है। इन कृत्रिम उपायों (ट्रीटमेंट्स) में उच्च ताप, उच्च दबाव, रसायन एवं डाई का प्रयोग किया जाता है | ऐसे रत्न बिलकुल भी उपयोगी नहीं माने जाते | अक्सर ट्रीटेड रत्नो को असली बताकर बेच दिया जाता है | ऐसे प्रयोजनों से साव धान रहे | रत्न खरीदते समय रत्न-प्रयोगशाला द्वारा प्रमाणित रत्न ही लें | नीलम का उद्गम स्थान :नीलम का उद्गम स्थान नीलम की कीमत को कई गुना बढ़ा या घटा सकता है। कश्मीरी नीलम के नाम से नीलम की कीमत Rs. 50,000 रत्ती और इससे भी कई गुना ज़्यादा हो सकती है। इसके पीछे बोहत सी भ्रांतिया भी हैं | उद्गम अच्छा या बुरा नहीं होता | कुछ क्षेत्र में अच्छे रत्नो के पाए जाने का अनुपात अच्छा होता है | ऐसे क्षेत्रों में ज़्यादा रत्न निकाले जाने लगते हैं और धीरे धीरे क्षेत्र का नाम बाजार में फ़ैल जाता है। समय के साथ अनुपात में कमी आने लगती है
और कोई और स्थान मिलता है जिसका अनुपात पिछले क्षेत्र से अच्छा होता है।आमतौर पे गलती तब होती है जब लोग गुणवत्ता से पहले उद्गम पर ध्यान दते है। ऐसा ज़रूरी नहीं की हर कश्मीरी नीलम बहुत अच्छा हो | या फिर हर सिलोनी नीलम बिना ट्रीटमेंट के हो | रत्न की पहचान उसकी अपनी क्वालिटी है | मशहूर हीरा कोहिनूर किसी बहुत जानी मानी खान से नहीं निकला है पर कोहिनूर की अपनी पहचान है |अक्सर ख़राब क्वालिटी के रत्नो को ट्रीटमेंट करके अच्छा दिखाने की कोशिश की जाती है। ट्रीटमेंट वाले नीलम रत्न का उद्गम चाहे कश्मीर हो या
श्रीलंका, उसे सही नहीं माना जायेगा |आज के समय में सीलोन ,श्रीलंका का नीलम सबसे श्रेष्ठ मानते हैं | कश्मीर का नीलम बहुत अच्छा माना जाता था पर अब कश्मीरी खाने पिछले कई दशकों से बंद हो चुकी है | बाजार में मिलने वाला कश्मीरी नीलम या तो इस्तेमाल किये हुए कश्मीरी नीलम हैं या फिर वह कश्मीरी नीलम है ही नहीं | नीलम का पुनः उपयोग: पहने जा चुके नीलम या फिर आभूषण से निकाले गए नीलम कम दाम में उपलब्ध हो जाते हैं। नीलम का पुनः उपयोग ज्योतिष में वर्जित है।ज्योतिष अनुसार कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा उतारा हुआ रत्न धारण नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से रत्न का दुष्प्रभाव उत्पन्न होने की आशंका रहती है। किन्तु बाजार में उतरे-पहने रत्नो की खरीद-फरोख्त बहुत ही आम बात है। अक्सर जोहरी पुराने रत्नो को खरीद लेते हैं या फिर अपने ही बेचे हुए रत्नो को कुछ कीमत काट के वापस भी ले लेते हैं।ये पुराने रत्नो की खरीद-बेच का सिलसिला चलता रहता है। परन्तु जो ग्राहक इन रत्नो को ज्योतिष उपाए के लिए पहनते हैं उनके लिए ये हानिकारक घटना-चक्र है।ध्यान रहे की आप इस्तेमाल किये हुए रत्नो से बचें। इसका एक आसान तरीका ये है की आप कभी ऐसे दुकानदार या जोहरी से रत्न न लें जो स्वयं आपसे रत्न वापिस लेने को तत्पर हो। शुरुआत में यह योजना सुनने में ग्राहक को रोमांचक लगती है। ग्राहक को यही लगता है की काम पूरा होने पर रत्न को वापस कर देंगे और कुछ राशि वापस मिल जाएगी।परन्तु जो व्यक्ति आपसे पुराना रत्न लेगा, उसने पहले भी किसी से पुराना ही लिया होगा और आपको भी पुराना रत्न ही मिलेगा।ऐसे उतारे हुए रत्नो से तो कोई फल ही प्राप्त नहीं होगा। जिस उद्देश्य से पहन रहे है वह उद्देश्य ही पूर्ण नहीं होगा, तो फिर ऐसा रत्न लेके क्या फायदा ?सतर्क रहे और बिना इस्तेमाल किया हुआ रत्न ही लें | और सही प्रक्रिया से रत्न धारण करें ताकि इसका सम्पूर्ण फल प्राप्त हो और पहनने का उद्देश्य पूरा हो। Buy Blue Sapphire Now Personalised Gemstone Consultation Shubh Gems has a team of Gemstone / Healing Experts who guide you to choose the most suitable Gemstone based on your Birth-chart in Vedic Astrology. Have Query ? शुद्ध नीलम की कीमत कितनी है?इसकी कीमत 1,000 रु कैरेट से लेकर 100,000 रु कैरेट तक हो सकती है! अच्छे प्रभाव के लिए कम से कम 3,000 रु कैरेट तक का नीलम धारण करना चाहिए !
नीलम रत्न कितने कैरेट का पहनना चाहिए?नीलम को दाहिने हाथ की बीच वाली ऊंगली में 4 से 6 कैरेट का सोने या पंच धातु से बनी अंगूठी में पहनना चाहिए। इससे भाग्य में वृद्धि होती है और शनि के दुष्प्रभावों से भी मुक्ति मिलती है। नीलम को शनि की दशा में पहनना शुभ माना जाता है। हालांकि बिना किसी ज्योतिषी से सलाह के इसे नहीं पहनना चाहिए।
नीलम की अंगूठी कितने कैरेट की होती है?नीलम अंगूठी का आदर्श वजन 4 से 5 कैरेट के बीच होना चाहिए।
नीलम कौन से भाव में पहने?वैदिक ज्योतिष के मुताबिक यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह चौथे, पांचवें, दसवें या फिर 11वें भाव में विराजमान हो तो ऐसे व्यक्ति को नीलम धारण चाहिए। इसके अलावा शनि षष्ठेश या अष्टमेश के साथ स्थित हो तो भी नीलम पहनना अत्यंत शुभ माना गया है।
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