अगर आपको तीन बार मांगने के लिए कहा जाए तो आप क्या मांगेंगे - agar aapako teen baar maangane ke lie kaha jae to aap kya maangenge

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Bhagwan Ke Samne Rone Se Kya Hota Hai

भगवान के सामने रोने से क्या होता हैं। नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको भगवान के सामने रोने से क्या होता है। इसके बारे में हमारे शास्त्रों में क्या लिखा है विस्तार से जानकारी देने का प्रयास कर रहे है। भगवान के सामने वही व्यक्ति रोता है। जिसको भगवान पर पूर्ण विश्वास होता है उसके साथ अच्छा होता हैं तब भी वह रोता है।खुशी के आसू जिसे कहते हैं। और यदि वह बहुत दुखी होता है तो भी वह रोता है। वह हर स्थिति में भगवान को याद करता है वह व्यक्ति जानता है कि भगवान देर कर सकते है पर एक दिन जरूर उसकी इच्छा को पूरी करेंगे। जो व्यक्ति भगवान के सामने रोता है, उसका भाग्य बदल जाता है उस पर भगवान की कृपा होने लगती है उस व्यक्ति के साथ चाहे कुछ अच्छा ना भी हो तो भी उसका भगवान पर पूर्ण भरोसा होता है कि भगवान ही उसकी सहायता करेंगे। वह हर दुख में भगवान को याद करता है और सुख में भी भगवान को नहीं भूलता उस व्यक्ति का मन पवित्र होने लगता और उसके अन्दर आध्यात्म का विकास होने लगता है और उसका मन भगवान की भक्ति मे लगने लगता है।

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जब कोई भी व्यक्ति भगवान के सामने जब जाता हैं तो उसका दुख दर्द वह भगवान को बताता है। हमारे मन की हर ऐक बात भगवान जरूर जानते हैं। वह अन्तर्यामी हैं उनसे कुछ नहीं छुपता है। जब किसी व्यक्ति को भगवान के पास जाते हि रोना आता हैं। तो उसे यदी मुसीबतों से जल्दी बाहर निकलना है। तो उसे “भागवत गीता” पढ़ना शुरू कर देना चाहिए। क्योंकि जब कोई दुखी व्यक्ति “भागवत गीता” पढ़ता है तो उसे बहुत जल्दी भगवान उसे सही राह दिखा देंगे। अगर कोई विधि पूर्वक भागवत गीता पढ़ता है। तो उसके जीवन में चमत्कार जरुर होता हैं। आप भगवान की स्तुति करें वो आपके जीवन के बड़े से बड़े संकट को दूर कर देगें।

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः श्री राम जय राम जय जय राम ॐ नमः शिवाय ,, शान्ताकारम भुजगशयनम पद्मनाभम सुरेशं हिं शान्ताकारं भुजग-शयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगन-सदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् लक्ष्मीकान्तं कमल-नयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुं भवभय-हरं सर्वलोकैक-नाथम्,, शान्ताकारं – जिनकी आकृति अतिशय शांत है, वह जो धीर क्षीर गंभीर हैं, जो शांत स्वभाव के हैं। भुजग-शयनं – जो शेषनाग की शैया पर शयन किए हुए हैं (विराजमान हैं) जिनके साथ हमेशा शेषनाग रहता हैं। पद्मनाभं – जिनकी नाभि में कमल है, और उस नाभी कमल से ब्रम्हा जी की उत्पति हुई है। सुरेशं – जो ‍देवताओं के भी ईश्वर और उनकी भगवान शिव भी भक्ति करते है। विश्वाधारं – जो संपूर्ण जगत के आधार हैं, संपूर्ण विश्व जिनकी रचना है, संपूर्ण विश्व उनमें हि समाया हुआ है। गगन-सदृशं – जो आकाश के सदृश सर्वत्र व्याप्त हैं, जो सभी जगह है। मेघवर्ण – नीलमेघ के समान जिनका वर्ण है,जो नीले रंग के है। शुभाङ्गम् – अतिशय सुंदर जिनके संपूर्ण अंग हैं, जो अति मनभावन एवं सुंदर है।जो बहुत हि सुंदर है। लक्ष्मीकान्तं – ऐसे लक्ष्मी के कान्त ( लक्ष्मीपति ) जो भगवान मां लक्ष्मीजी के स्वामी हैं। कमल-नयनं – कमलनेत्र (जिनके नयन कमल के समान सुंदर हैं) जिनके नेत्र बहुत सुंदर है। करुणा मय है। योगिभिर्ध्यानगम्यम् – (योगिभिर – ध्यान – गम्यम्) – जो योगियों द्वारा ध्यान करके प्राप्त किए जाते हैं, (योगी जिनको प्राप्त करने के लिया हमेशा ध्यानमग्न रहते हैं) वन्दे विष्णुं – भगवान श्रीविष्णु को मैं प्रणाम करता हूँ (ऐसे परमब्रम्ह श्री विष्णु को मेरा नमन है) भवभय-हरं – जो जन्म-मरण रूप भय का नाश करने वाले हैं, जो सभी तरह के भय को नाश करने वाले हैं। सर्वलोकैक-नाथम् – जो संपूर्ण लोकों के स्वामी हैं, सभी चराचर जगत के ईश्वर हैं, जो सभी के पूर्वज है। इस जगत के पिता है।

भगवान के सामने रोना चाहिए या नहीं सनातन धर्म को मानने वाले प्रत्येक व्यक्ति का अंतिम लक्ष्य मोक्ष की प्राप्ति होता हैं। हर व्यक्ति चाहता है कि वह जीवित अवस्था में सारे सुख भोगे और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाएं।और भौतिक सुख प्राप्त करने के लिए भगवान से प्रार्थना करना प्रारंभ कर देता हैं। वह चाहता है कि उसे दुनिया की सारी खुशियां मिल जाए। पर हर व्यक्ति को इस बात पर गौर करना चाहिए की भगवान का यह फर्ज होता हैं कि अपने भक्त का पेट भर जाए उनका यह फर्ज नही है की वह आपकी हर इच्छा पूरी करे आपको यदि अपनी ढेर सारी इच्छाओ को पूरा करना है तो उसके अनुसार मेहनत भी करना पड़ेगी। भगवान ने भी इस धरती पर जन्म लिया और अनेक संघर्ष किए इसलिए की सभी व्यक्तियों को किस तरह जीवन जीना है।उन्होंने लोगो को यह बता दिया की जीवन को कैसे जीना चाहिए। इस धरती को मृत्युलोक कहा जाता हैं।

मृत्युलोक पृथ्वी को इसलिए कहा गया हैं।की व्यक्ती यहां पर अलग-अलग योनियों में जन्म लेता है और मरता रहता है।और 84 चोरैयासी लाख योनियां होती हैं। जिसमें से मनुष्य का जन्म बहुत मुश्किलों के बाद बहुत सी योनियों में भटकने के बाद मिलता हैं। खाना पीना बच्चें पैदा करना तो जानवर भी करते हैं। पर मनुष्य का जन्म बहुत से महत्वपूर्ण उपदेशों के लिए होता है। इस धरती पर हम मौज मस्ती करने के लिए नहीं पैदा हुए हैं।इस धरती पर व्यक्ति अपने अच्छे बुरे कर्मों के फल को भोगने के लिए जन्म लेता है।और जो व्यक्ति अच्छे कर्म करता है।और नेकि और भलाई का काम करता है।और भगवान की भक्ति सच्चे मन से करता है तो उसे भगवान की प्राप्ति होती हैं।जो व्यक्ति दूसरों को कोई हानि नहीं पहुंचाता अपनी मेहनत से कमाए धन से अपना और उसके परिवार को पालता है। और इंसान से लेकर किसी भी जीव को हानि नहीं पहुंचाता है। उस व्यक्ति को भगवान की प्राप्ति होती हैं।

इसका मतलब यह नहीं है कि आप पर कोई हमला कर रहे हैं और आप चुपचाप सहन कर ले भगवान ने साथ ही साथ यह भी उपदेश दिया है। की आप पर यदि कोई अत्याचार कर रहा है तो उसके खिलाफ आपको आवाज उठानी चाहिए। अन्याय नहीं सहन करना चाहिए।भगवान कृष्ण ने अर्जुन को युद्ध करने के लिए उपदेश दिया था कि कायर व्यक्ति की तरह जीवन नही जीना चाहिए।यदि अपने साथ कुछ गलत हो रहा हैं। तो उसको सहन करना कायरता होगी। जो ईमानदारी पूर्ण जीवन जीता है इस तरह के व्यक्ति पर भगवान की विशेष कृपा होने लगती है बिना मांगे हि उसके सारे दुख कम होने लगते है उसकी धीरे-धीरे सारी परेशानियां कम होने लगती है वह अपने मन में सदैव अपने इष्ट देव का ध्यान करने लगता है और उसे लगता है कि भगवान मेरे साथ है उसके साथ बूरा होता है तो भी वह भगवान की इच्छा समझता है और अच्छा होता है तो भी वह भगवान की कृपा समझता है। ऐसे व्यक्ति को संसार के सभी लोगों का मन पढ़ने की शक्ति प्राप्त हो जाती है। वह सही और गलत लोगों को आसानी से पहचान जाता है।

और उसका स्वभाव दूसरे लोगों की तुलना मे बहुत हि अलग होता है।वह कभी किसी की बुराई नहीं करता शांत प्रवत्ति का और एक साधारण जीवन जीना पसंद करता है। वह भोग विलासिता की ओर आकर्षित नहीं होता वह सिर्फ जीवन जीने के लिए भगवान से इतना मांगता है कि उसका परिवार खुश रह सके, वह गलत तरीके से धन नहीं कमाने की सोचता है। वह ईमानदारी का जीवन जीता है।छल कपट उसके मन में नही रहता।प्रत्येक व्यक्ति अपने इष्ट देव से प्रार्थना जरूर करता है और जब वह भगवान के मंदिर में जाता है या फिर भगवान की भक्ति करता है तो उसके मन में बहुत से अच्छे बुरे विचार आते है।

और वह अपने दुखो को याद करके अपने आंसुओं को रोक नहीं पाता है वह भगवान के सामने रोने लगता है और यह संकेत बहुत हि शुभ होता है आप अपने दुख भगवान को बता रहें है क्योंकि यदि आप अपने दुख दूसरे लोगों को बताएंगे तो वह आपकी सहायता करने के बदले में आपसे कुछ भी मांग सकता है और आप को उसका जिंदगी भर एहसान मानना पड़ सकता है दुख के समय भगवान हि आपकी सहायता करने के लिए किसी न किसी रूप में आपकी मदद करते हैं। इसलिए भगवान को हमे हमारे दुख बताना चाहिए और भगवान के सामने आप रो भी सकते हैं वो आपके दुख को समझेंगे दुसरे लोगों की तरह आपका मजाक नहीं उड़ाएंगे। भगवान आपके दुखों को दूर करेंगे।

आप के जीवन में कितनी भी बड़ी परेशानी आए आप उसे भगवान को बताएं और सच्ची प्रार्थना करे तो आपको चमत्कारी फायदे होंगे। धार्मिक पुस्तके पढ़ने से जो मन को एकाग्र शक्ति और शांति प्राप्त होगी। जो कभी आपने सोचा भी नहीं होगा।आपकी सारी चिन्ता समाप्त होने लगेगी और मानसिक तनाव दूर होगा।इस दुनिया मे अच्छे बुरे सभी तरह के लोग होते है और जब आप के अच्छे दिन आने वाले होते है जो आपको अच्छे मित्रो की भी प्राप्ति होती है।

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Bhagwan Ke Samne Rone Se Kya Hota Hai

भगवान के सामने जानबूझ कर रोने से क्या होता है Jaanbujh Kar Rone Se Kya Hoga?

आज हम आपको यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि यदि आप भगवान के सामने जानबूझ कर रोते हैं।तो आप के साथ क्या होता हैं।सुख दुख सभी के जीवन में होता हैं।और हम भगवान से प्रार्थना भी करते हैं। जब हमारा दुख असहनीय होता हैं तो हमारी आंखो से आसू अपने आप हि निकलने लगते हैं। कहते हैं कि भगवान की पुजा कोई बेमन से भी करता है तो भी भगवान उस व्यक्ति से खुश हो जाते हैं और उसकी इच्छा पूरी हो जाती हैं। यह इसलिए भगवान करते हैं कि उस व्यक्ति को भगवान की शक्ति पर विश्वास हो सके शुरुवात में यदि आप बेमन नही चाहते हुए भी भगवान की पूजा करते हैं।तो भगवान आपकी मनोकामना तो पूरी कर देंगे। पर यह हर बार नहीं होगा एक या दो बार ऐसा हो सकता हैं।फिर भी आप ने भक्ति पूर्वक भगवान की पूजा नहीं की तो आपकी मनोकामना पूरी होने में समय लग सकता हैं। और यदि आप भगवान के सामने झूठा रोने का नाटक करते हैं।तो भगवान तो अन्तर्यामी हैं वह सब जानते हैं।फिर भी भगवान शिव बहुत भोले हैं।वह अपने भक्त को निराश नहीं करते वे ऐसे भक्तिहीन लोगों की भी मनोकामना पूरी कर देते हैं।आपने देखा हि है।

पौराणिक कथाओं में बहुत से राक्षस भी भगवान की भक्ति करते थे और उनसे वरदान प्राप्त कर लेते थे। भगवान उन राक्षसो के मन की सारी बाते जानते हुए भी वह उनको आशिर्वाद दे देते हैं। आप भगवान से भक्ति मांगेंगे तो आपको भक्ति प्राप्त होगी और धन माँगेगे तो आपको धन मिलेगा जैसी भक्त की इच्छा होती हैं ।भगवान उसे पूरी जरूर करते हैं।आप चाहे झूठा भी रोएंगे तो भी भगवान आपकी सुनेंगे वह यह सोचेंगे कि मेरा भक्त किसी भी तरह मेरे पास आया है उसे वह निराश नहीं करते हैं। भोले नाथ अपने सभी भक्तों का दुख दूर करते हैं। पर यदि आप भगवान विष्णु और दुर्गा मां ,गणेश भगवान को इस तरह मनाने का प्रयास करेंगे तो आप की पहले परीक्षा ली जाएंगी।और आप की मनोकामना आसानी से पूरी नहीं होगी ।आपको चमत्कार तो महसूस होंगे भगवान की भक्ति करने पर आप को भगवान में विश्वास उत्पन्न होगा तब हि आपकी मनोकामना पूरी होगी।आपका लक्ष्य बस एक होना चाहिए कि भगवान मेरे हर दुख को दूर कर देगें। अपना दुख भगवान को जरूर बताएं और सच्ची प्रार्थना करे।

नियमित रूप से पुजा करने वाले को मिलती हैं भगवान की भक्ति Bhakti Kaise Prapt Kare?

इस दुनिया में दो तरह के व्यक्ति हैं।एक तो भगवान पर विश्वास करने वाले और दूसरे वे लोग हैं जो भगवान को नहीं मानते ये वे लोग होते हैं जो सिर्फ उन पर यदि कोई मुसीबत आती है तो भगवान को याद करते हैं।और इन लोगों को दुसरो की खुशी बर्दाश्त नहीं होती हैं।ये दूसरे लोगों से जलते रहते हैं।और जो भगवान की पूजा करते हैं। उनलोगो से भी जलते हैं। कोई व्यक्ति नियमित रूप से भगवान के मंदिर जाता हैं।तो बहुत से लोग उनके बारे में बाते करने लगते हैं कि अरे यह तो दिखावा कर रहा हैं। पर दिखावा करना भी बहुत मुश्किल होता हैं।सामने वाले व्यक्ति की तरह आप सात दिन भी दिखावा नहीं कर पायेंगे।इस तरह की बाते स्वार्थी व्यक्ति हि करते हैं।जो सिर्फ दुख में हि भगवान को याद करते हैं।। पांच मिनिट हि चाहे आप भगवान से प्रार्थना करो इस बीच बहुत जरूरी हो तो हि उठे।आप पूजा कर रहे हैं और किसी का फोन आ गया आप पूजा अधुरी छोड़ कर बातों में लग जाते हैं।यह भगवान का अपमान होता हैं। यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से भगवान की पूजा करने लगता हैं तो उसका भगवान की भक्ति के बिना मन नहीं लगता।जिस तरह जीने के लिए भोजन जरूरी है।

उसी तरह उसका मन भगवान की भक्ति किए बिना किसी भी काम में नही लगता हैं।वह सिर्फ दुख में ही नहीं भगवान को याद करता है।वह तो रोज हि भगवान की भक्ति करता है। जब व्यक्ति नियमित रूप से भगवान को याद करता है तो उसके चारों और एक सकारात्मक ऊर्जा का घेरा बनने लगता हैं और जब भी वह अपने इष्ट देव से प्रार्थना करता है तो दैवीय शक्तियां उसकी और उसके परिवार की रक्षा करने लगती है सुख दुख छोटी बड़ी परेशानीया तो सभी के जीवन में आती रहती है। पर जो व्यक्ति नियमित रूप से भगवान को याद करता है।उसके साथ बुरी दुर्घटनाएं नहीं होती और उसका मानसिक तनाव कम होने लगता है।आप यदि किसी मनोकामना की पूर्ति के लिए भगवान की भक्ति करते है।और फिर भक्ति करना छोड़ देते है।यह गलत तरीका होता है। ऐसा करने पर दैवीय शक्तियों का आप पर कृपा होनी कम हो जाती है।

सुदामा ने भगवान से सिर्फ उनकी भक्ति मांगी थी।बहुत गरीब होने के बावजूद भी वह भगवान से कुछ नहीं मांगते हैं।और जब भगवान उन्हें सम्पूर्ण भौतिक सुख देते है तो सुदामा उनसे यही कहते हैं।की मेरा मन सिर्फ आप में लगा रहें।भौतिक सुख की ओर मेरा मन नहीं जाए। उस समय उनकी आखों से आंसू छलकने लगे थे तो वह प्रेम के भगवान के प्रति प्रेम के आशु थे। जो व्यक्ति की अंतर आत्मा का जब भगवान से मिलन होने लगता हैं। तब होता हैं।भगवान हमारी भक्ति देखते हैं।आप चाहे कितने भी रूपये भगवान के मंदिर में चढ़ा दे। या फिर कितनी हि पूजन सामग्री चढ़ा दे।आपसे भगवान तब हि प्रसन्न होंगे।जब आप मन से पूजा करेंगे।कलयुग में तो भगवान को मनाना बहुत हि आसान है।आप यदि सच्चे मन से भगवान से प्रार्थना करेंगे।तो आप पर दैवीय कृपा होने लगेगी।

मंदिर में रोना Bhagwan Ke Samne Mandir Mein Rona

आप यदि किसी मंदिर मे भगवान के दर्शन करने जाते है और उस मंदिर मे जाते हि आप की आंखों से आंसू छलकने लगते हैं।आप चाहकर भी अपने आंसू नही रोक पाते हैं।और आप की जो भी इच्छा है वह भी आप भगवान से नही बोल पाते है।आपके जीवन में जो भी दुख है वो याद करके रोने लगते है।आप अपने मन की बात नहीं बोल पाते है पर भगवान तो अन्तर्यामी होते है वे तो अपने भक्त का सारा दुख जानते हैं।वे आपके कुछ नहीं बोलने पर भी सब समझ जाते हैं।आपके इष्ट देव के मंदिर मे जाते है तो आप को यह संकेत मिलता है कि अब भगवान हि है।उनकी इच्छा के बिना पत्ता भी नहीं हिल पाता है। मंदिर में स्थापित भगवान की मूर्तियां बहूत हि चमत्कारी होती हैं।

मंदिर में जो मूर्तियां होती हैं उन्हें स्थापित करते समय उन्हें प्राण प्रतिष्ठित किया जाता हैं। अनेक वैदिक और दैवीय मंत्रो और हवन से उस मूर्ति मे प्राण डालें जाते हैं। जिससे भगवान की शक्तियां उस मूर्ती में समाहित हो जाती हैं। संकट के समय जब भक्त किसी मंदिर में जाता हैं तो उसके अन्दर की नकारात्मक शक्तियां बाहर होने लगती हैं।और भगवान से जब वह प्रार्थना करता है तो उसमें सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती हैं।और भगवान अपने भक्त की पुकार जल्दी से सुन लेते हैं।हजारों लोग मन्दिर में भगवान के सामने अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं और दुखी व्यक्ति जब नियमित रूप से या फिर सप्ताह में एक बार यदि मन्दिर जो की उसके घर के आसपास हो जाता हैं तो उसका भाग्य उसका साथ देने लगता हैं।और उसे सफल होने से कोई नहीं रोक पाता है। उसे मान सम्मान और इज्ज़त प्राप्त होती हैं।और सारे दुख दूर हो जाते हैं।

क्या हमे हठ पूर्वक भगवान की भक्ति करना चाहिए Hatpurvak Bhakti Ka Fal?

हमेशा हमारे मन में एक बात खटकती हैं।की क्या हमे भगवान की भक्ति हठ पूर्वक जबरदस्ती करना चाहिए या नहीं तो हम आपकों यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि कोई भी ऐसा कार्य जिसको आपका करने का मन नहीं होता हैं।वह कार्य आपको जबरदस्ती करना चाहिए या नहीं तो हमारे शास्त्रों के अनुसार जो कार्य करने से हमे लाभ प्राप्त होता हैं।वह कार्य हमे जरूर हठ पूर्वक करना चाहिए। उदाहरण के लिए आपका स्वास्थ ठिक रखने के लिए आप को आलस्य आए फिर भी आप को थोड़ा बहुत व्यायाम करना पड़ता हैं। इसी तरह मन को एकाग्र करने के लिए भगवान की भक्ति में मन नहीं लगने पर भी आपकों हठ पूर्वक भगवान की रोज भक्ति करना चाहिए। जब कोई बच्चा छोटा होता हैं।तो उसे हम अच्छे कार्यों को सिखाने के लिए डरा कर लालच देकर केसे भी समझा कर उसको एक अच्छा इंसान बनाने के लिए उसे सिखाते है फिर बच्चे की आदत हो जाती हैं वह अपने आप उन नियमों के अनुसार कार्य करने लगता हैं।उसी तरह यदि आप का मन नहीं होने पर भी आप भगवान की रोज हठ पूर्वक भक्ति करेंगे तो एक दिन ऐसा आयेगा की आपको खुद भगवान की भक्ति किए बिना अच्छा नहीं लगेगा ।और आपकी आदत बन जायेगी ।

जिस तरह जीने के लिए भोजन जरूरी है उसी तरह जीवन भक्ति के बिना अधूरा है। जब हम दैवीय मंत्रों को रोज पढ़ते हैं तो वह हमारे मस्तिष्क में गूंजते रहते हैं।और हम हठ पूर्वक पूजा करते हैं तो शुरू शुरू में आपको अच्छा नही लग सकता हैं।पर आठ दिनों के बाद आपको बहुत अच्छा लगने लगेगा फिर आप को आलस्य नही आयेगा और आपका मन भक्ति में लगने लगेगा। जो कार्य आपको अच्छा नहीं लगता हैं वह कार्य भी आपको अच्छा लगने लगता हैं। बहुत से ऐसे लोग हुए हैं जिनको भगवान पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं होता था पर जब उन्हें किसी ने भक्ति करने का रास्ता बताया तो वह भगवान की भक्ति में इतने डूब गए की उन्होंने सिर्फ भगवान से रिश्ता जोड़ लिया कहा जाता हैं कि स्वामी विवेकानंद जी भी पहले भगवान शिव जी की मूर्ति पर से चूहों को चढ़ते देखते है।तो उनके मन में यह विचार आने लगता हैं।

भगवान अपने उपर इन चूहों को चढ़ते हुए और प्रसाद खाते हुऐ इन चूहों से अपने आपकी रक्षा नही कर पा रहे हैं। तो वे हमारी कैसे रक्षा करेंगे। फिर उनकी मुलाकात उनके गुरू रामकृष्ण परमहंस से हुई और उन्होंने मां काली मां की भक्ति करना प्रारंभ कर दि जिसकी वजह से उन्हें आध्यात्म का ज्ञान हुआ। जब हम कोई भी अच्छा कार्य करने की कोशिश करते हैं तो हमे बहुत हि आलस्य आने लगता हैं। ऐसे कार्य को कुछ दिनों तक हठ पूर्वक करने की जरूरत होती हैं। और भगवान की भक्ति आसानी से नहीं प्राप्त होती हैं। यदि आप भगवान की भक्ति आपका मन नहीं होने पर भी करने का प्रयास करना चाहिए।पहले दिन आप एक मिनिट फिर पांच मिनिट भक्ति करे।फिर धीरे धीरे समय बढ़ाए और धार्मिक पुस्तके पढ़े। जिससे आपका मन पवित्र होने लगेगा। जो कार्य करने से हमारा अच्छा होता हैं वह कार्य हमे जरूर करना चाहिए।

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Bhagwan prarthna sunte hai

घर के मंदिर के सामने रोना Bhagwan Ke Samne Ghar Ke Mandir Mein Rona

हमारे घर में बने पूजा गृह में हम जब भगवान की पूजा करते हैं तो हमे बहुत हि शांती प्राप्त होती हैं।और पूजा करते समय हम अपने दुखों को याद करके भगवान के सामने रोने लगते हैं।क्योंकि हम जानते हैं कि हमारे दुख को भगवान हि कम कर सकते हैं।भगवान आपके मन को देखते हैं। दुनियां में बहुत से लोग ऐसे हैं जो रंग रूप और धन को देखते हैं।किसी से मित्रता करते समय।पर भगवान कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं करते हैं।उनके लिए सब एक समान है।यदि कोई व्यक्ति सच्चे दिल से भगवान से प्रार्थना करता है तो भगवान उसकी इच्छा जरूर पूरी करते हैं।वह किसी भी रूप में आकर उसकी सहायता करते हैं।

सोते समय रोना Bhagwan Ke Samne Sote Samay Rona

जब व्यक्ति बहुत दुखी होता हैं तो वह जब भी भगवान को याद करता है तो उसे रोना आ जाता है। बार बार अपमान होना, दरिद्रता , भाग्य का साथ ना देना , बीमारी से पीड़ित होना , दूसरों पर आश्रित रहना परिवार के लोगों को परेशान देखना ऐसी बहुत सी अनेक बाते होती हैं जिनकी वजह से लोग घबरा जाते हैं।और भगवान से प्रार्थना करते समयउन्हें रोना आ जाता हैं।सोते समय रोना आप जब सोने जाते हैं तब आप भगवान से प्रार्थना करते हुए रोने लगते हैं।आप को ऐसा लगता हैं।की भगवान आप की कोई इच्छा भगवान पूरी नहीं कर रहे हैं।आप भगवान पर विश्वास करते हैं।पर आप के जीवन कुछ भी अच्छा नहीं हों रहा हैं।और आपने हर संभव प्रयास कर लिए तो भी आपकी इच्छा पूरी नहीं हो रहि है।भौतिक सुख की यदि आप कामना करते है।की आप के पास सभी सुख सुविधा हो तो आपको मेहनत तो करना हि पड़ेगी।साथ हि साथ संतोष भी रखना जरूरी है। आप पर भगवान तब हि अपनी कृपा बरसायेगे जब आप का मन निर्मल होने लगेगा क्योंकि भगवान नही चाहते हैं कि उनका भक्त गलत रास्ते पर जाएं पहले वह आपकी परीक्षा लेते हैं कि यदि में अपने भक्त की इच्छा को पूरा नहीं करूंगा तो क्या यह फिर भी मुझसे प्रार्थना करेगा और यदि आप बीच में हि हार मान लेते हैं तो भगवान समझ जाते हैं।की यह भक्त इच्छा पूरी होने पर भूल जायेगा।कभी कभी ऐसा होता हैं कि आप जब बहुत दुखी होते हैं तो आप मन्नते मान लेते हैं और आप की इच्छा पूरी होने पर आप मन्नतो को पूरा नहीं कर पाते हैं। जो की सही बात नहीं है।आप को अपनी मन्नत पूरी करना चाहिए।और यदि आप मन्नत पूरी नहीं कर सकते हैं तो घर से हि भगवान की भक्ति करे।

आधी रात को रोना Bhagwan ke Samne Adhi Raat Ko Rona

जब कोई भगवान का भक्त भगवान को याद करते हुए आधी रात को रोने लगता हैं। तो आपको यह संकेत मिलता हैं। कि आपका भगवान से कनेक्शन जुड़ चुका हैं।भगवान आपके मन कि हर बात जानते हैं।और आप जिस कारण परेशान हैं। वह सब जानते हैं। ऐसे व्यक्ति को भगवान की भक्ति प्राप्त करने के लिए नियमित पूजा करने का नियम बनाना चाहिए। जिससे उसे भगवान की दिव्य शक्तियां प्राप्त होने लगेगी। और उसका दुर्भाग्य सौभाग्य में बदलने लगेगा। आप किसी का बुरा नही करते हैं। पर यदि आप के साथ कोई गलत करेगा तो उसे उसके कर्मों की सज़ा जरूर मिलेंगी । चाहें आप उसे माफ करदो पर भगवान उस व्यक्ति को कभी नहीं माफ करेंगे। ऐसा आप के सामने होने लगेगा।

सुबह रोना Bhagwan Se Samne Subah Rona

सुबह सुबह जब आप की नींद खुलती हैं। और आप भगवान को याद करके रोने लगते हैं।तो यह आपके जीवन से बहुत जल्दी कष्ट दूर होने का संकेत आपको मिलता हैं। आप अपने इष्ट देव को किसी भी हालत में ना भूले भगवान अपने हर भक्त की पुकार सुनते हैं।और वह समय आने पर उनका दुख भी जरूर दूर करते हैं।आपकी इच्छा पूरी होने में समय लग सकता हैं। पर आपकी इच्छा जरूर पूरी होगी।आपको विश्वास बनाए रखने की जरूरत है। धार्मिक पुस्तक पढ़ते समय रोना जब आप भगवान की धार्मिक पुस्तक पढ़ते हैं।और भाव विहोर होकर हमारी आंखो से आसू निकलने लगते हैं तो यह आपको संकेत मिलता हैं कि जो धार्मिक पुस्तक आप पढ़ रहे हैं।उससे आपका जीवन बदलने वाला है।आपको नियमित रूप से धार्मिक पुस्तके पढ़ने की आदत बनाना चाहिए चाहे आप पांच मिनिट ही पढ़े।आप जब रोज धार्मिक पुस्तक पढ़ने लगेंगे। तो आप में सकारात्मक शक्तियों का संचार होने लगेगा और आप की सारी चिंताएं समाप्त हो जायेगी।आपको ऐसा सुख प्राप्त होगा जो आपने कभी भी नहीं महसूस किया होगा।

माला जप करते हुए रोना Bhagwan Ke Samne Mala Jap Karte Rona

यदि आप माला जाप करते हुए आपको रोना आ जाता हैं तो आपको यह संकेत मिलता हैं कि आप की प्रार्थना भगवान ने सुन ली है।आप जिस तरह से भगवान को प्रसन्न करने का प्रयास कर रहे हैं। वह सफल हो रहा हैं। आपकों यह संकेत मिलता हैं कि आप पर देवीय कृपा होने वाली है।आप यदि किसी का अच्छा चाहेंगे तो आपकी प्रार्थना करने से आपके तो दुख दूर होंगे हि पर दूसरों के दुख भी दूर होने लगेंगे। आप किसी भी मंत्र का जाप करते हैं। वह करते जाय।

खुशी में रोना Bhagwan ke Samne Khushi Mein Rona

जब हम बहुत खुश होते हैं। और भगवान को याद करते हुए हम भाव विभोर होते हुए रोने लगते हैं तो आपको यह संकेत मिलता हैं कि आप का भगवान से सच्चा कनेक्शन जुड़ गया हैं।अब भगवान आपके साथ हमेशा रहेंगे। आप का विश्वास बहुत बढ़ने लगेगा और आपके अंदर का भय समाप्त हो जायेगा।आप जो भी कार्य करेंगे आप को उसमें सफलता मिलेगी।

दुख में रोना Bhagwan Ke Samne Dukh Mein Rona

दुख हर व्यक्ति की जिन्दगी में जरूर आता हैं।और सभी उस समय भगवान को जरूर याद करते हैं। उस समय व्यक्ति भगवान से अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए बहुत मन्नते भी मान लेता है।और उसकी जब इच्छा पूरी हो जाती हैं।तो वह उस मन्नत को पूरा करने में सोचता है कि बाद में मन्नत पूरी कर लेंगे और टालता जाता हैं। जब उसके जीवन में फिर दुख आता हैं तो उसे यह बात मन में जरुर आती हैं।की मेने जो मन्नत मानी थी वह अभी तक पूरी नहीं की। और शायद इसी वजह से मेरे जीवन में भगवान ने दुख दिया है। पर भगवान किसी को दुख नहीं देते चाहे आप मन्नत पूरी करे या ना करें।क्योंकि उनको भक्तों की कमी नहीं है।वे तो सभी के दुख दूर करते हैं।आप यदि कोई मन्नत किसी कारण वश पूरी ना कर पाए तो यह कदापि ना सोचे क्योंकि भगवान सभी के साथ अच्छा हि करते हैं वह किसी के साथ बूरा नहीं करते ऐसे भाव मन में रखें।और भगवान की भक्ति करते जाएं। और जो सके तो ज्यादा दूर की मन्नते नहीं ले जहा आपका जाना मुश्किल हो।अपने आस पास के मंदिर की मन्नत हि मांगे जिससे आप उन्हें जल्दी पूरा कर सकें।

भगवान शिव के सामने रोना Bhagwan Shiv Ke Samne Rona

भगवान शिव के सामने या मंदिर में यदि आप जाते हैं और आपको रोना आ जाता हैं।भगवान शिव बहुत भोले हैं वो आप की प्रार्थना जरूर सुनते हैं। भगवान शिव यदी आपके इष्ट देव है। तो आपको उनकी नियमित रूप से भक्ति करना चाहिए। जब आप नियमित रूप से भगवान को याद करेंगे तो वह आपकी सहायता जरुर करेंगे।और आपके दुख धीरे धीरे कम होने लगेंगे। भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देव है वह अपने भक्तों का मन नहीं देखते वह देवों को भी वरदान दे देते है और दानव को भी बस वह यह देखते हैं कि उनका भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए क्या कर रहा है।भोले नाथ की पूजा यदि आप प्रत्येक सोमवार को जल अर्पित करें और उनसे प्रार्थना करना प्रारंभ करे तो आपको बहुत लाभ प्राप्त होगा। रुद्राष्टकम का पाठ करें।

भगवान विष्णु के सामने रोना Vishnu Bhagwan Ke Samne Rona

भगवान विष्णु अपने भक्त की बहुत कठिन परीक्षा लेते हैं। और उनका हर भक्त उनसे अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करता है।और उन्हें प्रसन्न करने के हजारों प्रयास करता है। पर प्रारंभ में भगवान विष्णु उनकी बहुत परीक्षा लेते हैं और जब भक्त उनकी परीक्षा में पास हो जाते हैं तो उनकी बात हि अलग होती हैं।भगवान अपने भक्तों को तीनों लोक का सुख देते हैं।भगवान विष्णु अपने भक्त का मन निर्मल बना देते हैं। उनके भक्त के मन से लोभ,कामक्रोध सब समाप्त हो जाता हैं।भगवान विष्णु ने अपने राम अवतार में और कृष्ण अवतार में अपने भक्तों के दुख दूर करने के लिए जन्म लिया और जो भक्त सच्चे मन से यदि इस समय भी उनकी भक्ति करता है तो उसे उनकी शक्तियों का अहसास जरूर होता हैं।

बस मन में भगवान के प्रति सच्चा विश्वास होना चाहिए।मीरा और तुलसी दास जी और जयदेव जैसे भक्तों का जन्म हुऐ ने ज्यादा समय नहीं बीता है। उन्हें भगवान जो भक्ति प्रदान की थी वह तो हम सभी जानते हैं।मीरा ने भगवान का नाम लेकर जहर पी लिया था।और भगवान के चमत्कार से मीरा को जहर का बिल्कुल भी असर नहीं हुआ। आज भी लोगों की मन्नते भगवान पूरी करते हैं।भगवान के मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रहती हैं।भगवान के सहारे व्यक्ति यदि अकेला भी होता हैं तो उसे यह विश्वास होता हैं कि मेरी भगवान जरूर सहायता करेंगे। समय जरूर लग सकता हैं पर भगवान अपने भक्त को निराश कभी नहीं करते हैं।वे अपने भक्त के लिए जो बहुत अच्छा होता हैं वही करते हैं। इसलिए आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि भगवान ने आपके साथ अच्छा नहीं किया।

गणेश भगवान के सामने रोना Ganeshji Ke Samne Rona

गणेश भगवान के सामने आप यदि रोते हैं। तो आपके मान सम्मान में वृद्धि होने के संकेत आपकों मिलते हैं। आपका अपमान जो भी करेगा उसका मान सम्मान मिट्टी में मिल जायेगा। भगवान गणेश जी प्रथम पूज्य है।कोई भी पूजा शुरू करने से पूर्व भगवान गणेश जी की पूजा पहले करना चाहिए।भगवान गणेश जी की पूजा करते यदि आप को रोना आता हैं तो आप मे बुद्धि का विकास होने लगेगा।आप जब अपनी जिन्दगी का सही फैसला नहीं ले पाते हैं तो भगवान गणेश जी कि कृपा से आपकों ज्ञान की प्राप्ति होती हैं। जिन्दगी में खुश रहने के लिए सिर्फ धन की ही नहीं जरूरत पड़ती व्यक्ती का परिवार की खुशी भी होती हैं।वह परिवार की खुशी के लिए हि कड़ी मेहनत करता रहता हैं। आपकी जो भी मनोकामना हो वह पूरी करने की भगवान से प्रार्थना करे। और विघ्नहर्ता पर विश्वास रखें।

माँ दुर्गा के सामने रोना Maa Durga Ke Samne Rona

जब आप देवी मां के सामने रोने लगते हैं। मां अपने बच्चों की पुकार जरूर सुनती है। आपकों जब मां के सामने रोना आने लगे तो आपको नियमित रूप से मां से प्रार्थना करना चाहिए और हो सके तो दुर्गा चालीसा या देवी को प्रसन्न करने के लिए देवी के मंत्रों को पढ़े जिससे आप पर मां बहुत जल्दी कृपा करेंगी।आप को मां के सामने एक दिन रोना आता हैं।और उस दिन आप मां को अपना दुख बता कर फिर याद नहीं करेंगे तो आपको लाभ नहीं होगा। आपको मां के सामने रोना आ रहा हैं तो मां पर आपकों विश्वास है आपको मां से रोज प्रार्थना करना चाहिए। जिससे मां आपकी पुकार सुन और आपका दुख दूर करे।आपको कम से कम तीन महीने तक मां से प्रार्थना करना होगी। बहुत से लोगों को मां दस दिन में हि चमत्कार दिखा देती हैं उसके साथ कुछ ना कुछ अच्छा होने लगता हैं उसे कुछ अच्छी खबर मिलने लगती हैं। दैवीय शक्तियों की कृपा प्राप्त करने के लिए हमे थोड़ा सा प्रयत्न तो करना हि पड़ेगा।आपके शत्रु काम , क्रोध लोभ मोह और समाप्त होने लगेंगे।और आप अपने मन को एकाग्र कर पाएंगे। साकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगेगा।

अगर आपको तीन बार मांगने के लिए कहा जाए तो आप क्या मांगेंगे - agar aapako teen baar maangane ke lie kaha jae to aap kya maangenge
Bhagwan Ke Samne Rone Se Kya Hota Hai? भगवान के सामने रोने से क्या होता हैं।

हनुमान जी के सामने रोना Hanumanji Ke Samne Rona

आप यदि हनुमान मंदिर में जाते हैं और वहा पर आप अपने दुखों को याद करके रोने लगते हैं तो यह शुभ संकेत होता हैं।भगवान से आपका कनेक्शन जुड़ रहा हैं।और भगवान ने आपकी पुकार सुनना प्रारंभ कर दी है अब आपको नियमित रूप से समय निकाल कर रोज भगवान से प्रार्थना करना चाहिए।और अपने दुखों को दूर करने के लिए उनसे प्रार्थना करना चाहिए। ऐसा आप जब कुछ दिनों तक लगातार करे जिससे भगवान आपके दुख दूर होने लगेंगे।

अगर आपको तीन वर माँगने के लिए कहा जाय तो आप क्या माँगेंगे?

अगर आपको तीन वर माँगने के लिए कहा जाय तो आप क्या माँगेंगे? उत्तर: अगर हमें तीन वर माँगने के लिए कहा जाय तो मैं निम्नलिखित वरदान माँगूगा। (स) सदैव नीरोग रहें ।

ईश्वर से प्रार्थना में क्या मांगे?

प्रार्थना में यदि अपने लिए कुछ मांग करे है तो परमात्मा को मांगिए लेकिन दूसरों के लिए भी सुख-शांति की कामना कीजिए। इस तरह की गई पूजा नि:स्वार्थ प्रार्थना कहलाती है। कोशिश करें कि कभी-कभार ईश्वर से किसी ऐसे इंसान के लिए भी कुछ मांगे जो आपसे जुड़ा नहीं है, इसका सीधे लाभ या हानि का कोई संबंध नहीं है।

क्या भगवान से कुछ मांगना चाहिए?

भगवान से माँगना नहीं चाहिए और अगर माँगना ही है तो माँगना आना चाहिए। “हे प्रभु मैं यह माँगता हूँ कि मेरी माँगने की इच्छा ही ख़त्म हो जाए।” “हे प्रभु मुझे बार बार विपत्ति दो ताकि आपका स्मरण होता रहे।” “हे प्रभु मुझे दस हज़ार कान दीजिये ताकि में आपकी पावन लीला गुणानुवाद का अधिक से अधिक रसास्वादन कर सकूँ।”