चैत्र | वैशाख | ज्येष्ठ | आषाढ़ | श्रावण | भाद्रपद | आश्विन | कार्तिक | अग्रहायण | पौष | माघ | फाल्गुन Show हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह से प्रारंभ होने वाले वर्ष का चौथा महीना, जो ईस्वी कलेंडर के जून या जुलाई माह में पड़ता है। इसे वर्षा ऋतु का महीना भी कहा जाता है क्यों कि इस समय भारत में काफ़ी वर्षा होती है।
इस महीने मै हमे काफी गर्मी झेलने के बाद कुच्छ राहत मिलती है।इस मास मै हिन्दू मान्यतायो के अनुसार सभी देवी देवतायें विश्राम के लिये जाते हैं। आषाढ़ के महीने में कौन सा त्यौहार मनाया जाता है?अन्य : इस माह में 5 जुलाई को योगिनी एकादश, 7 जुलाई को प्रदोष व्रत, 8 जुलाई को शिव चतुर्दशी अर्थात मासिक शिवरात्रि, 13 जुलाई को विनायकी चतर्दशी व्रत, 18 जुलाई को गुप्त नवरात्रि पारण दिवस और भड़ली नवमी और 19 जुलाई को आशा दशमी का व्रत रहेगा। 28 जून से पंचक काल प्रारंभ होगा जो 3 जुलाई तक रहेगा।
आषाढ़ महीने को हिंदी में क्या कहते हैं?- आषाढ़ माह में श्रीहरि के साथ ही भगवान शिव की पूजा को भी काफी शुभ माना जाता है. इस माह में आने वाले प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. साथ ही इस महीने में गुप्त नवरात्रि भी आती है. आषाढ़ के महीने को वर्षा ऋतु का महीना भी कहा जाता है.
आषाढ़ के महीने की क्या विशेषता है?हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह से प्रारंभ होने वाले वर्ष का चौथा महीना, जो ईस्वी कलेंडर के जून या जुलाई माह में पड़ता है। इसे वर्षा ऋतु का महीना भी कहा जाता है क्यों कि इस समय भारत में काफ़ी वर्षा होती है।
आषाढ़ माह के समय कौन सी ऋतु होती है?नए महीने की 9 खास बातें:आषाढ़ से होती है वर्षा ऋतु की शुरुआत, माह में पूजा-पाठ और दान-पुण्य के साथ रखें खान-पान का ध्यान हिन्दी पंचांग का चौथा महीना आषाढ़ शुरू हो गया है। ये महीना 13 जुलाई तक रहेगा।
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