26 नवंबर 1949 को भारत ने इनमें से क्या अपनाया था? - 26 navambar 1949 ko bhaarat ne inamen se kya apanaaya tha?

26 नवंबर 1949 को भारत ने इनमें से क्या अपनाया था? - 26 navambar 1949 ko bhaarat ne inamen se kya apanaaya tha?

भारत में संविधान (Constitution of India) लागू तो 26 जनवरी 1950 को हुआ था, लेकिन उसे 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था. (तस्वीर: Wikimedia Commons)

Constitution Day : भारतीय संविधान के लिए 26 नवंबर का दिन बहुत महत्वपूर्ण है. इस दिन 1949 में इस पर संविधान सभा के चेयरमैन ने हस्ताक्षर करके इसे स्वीकार किया था. आज ही के दिन ये तय हो गया कि देश में पहली बार एक संविधान लागू होगा और देश पूरी तरह गणतंत्र में बदल जाएगा. लेकिन इसे लागू करने की बजाए दो महीने तक इसका अध्ययन किया गया.

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  • News18Hindi
  • Last Updated : November 26, 2021, 08:23 IST

    26 नवंबर का दिन भारत (India) के लोकतांत्रिक इतिहास में बहुत विशेष दिन माना जाता है. इस दिन भारतीय लोकतंत्र की नींव पड़ी थी. यही वह दिन था जब भारत की आजादी के बाद बनी संविधान सभा ने 1949 को संविधान अपनाया था. इसे हर साल भारत में संविधान दिवस (Constitution Day of India) या संवत् दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन का राष्ट्रीय कानून दिवस (National Law Day) के रूप में भी मनाया जाता है. लेकिन यह संविधान लागू 26 जनवरी 1950 को मनाया जाता है. ये दो दिन अलग अलग क्यों हैं इसकी भी एक कहानी है.

    दो महीने का अंतर क्यों
    भारत का संविधान लागू होने से ठीक दो महीने पहले कई चर्चाओं और संशोधनों के बाद अंगीकार किया गया था. सवाल यह उठता है कि 26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया गया तो दो महीने बाद ही 26 जनवरी को लागू क्यों हुआ? इन दो महीनों का वक्त क्यों लिया गया? क्या यह पहले से तय कर दिया गया था कि यह 26 जनवरी को ही लागू किया जाएगा.

    1946 से हुई थी शुरुआत
    भारत को आजादी देने का फैसला अंग्रेजों ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ही ले लिया था. उन्होंने 1946 में इस प्रक्रिया को शुरू करने की संभावनाएं टटोलने के इरादे से भारत में कैबिनेट मिशन भेजा. इसका मकसद भारत के विभिन्न प्रतिनिधियों से मिलकर आजादी देने की रूपरेखा तैयार कर  एक संविधान सभा के निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू करना था. मिशन का उद्देश्य  संविधान सभा के साथ एक एक्जीक्यूटिव काउंसिल को बनाना भी था.

    कैसे बनी थी संविधान सभा
    तमाम तरह के चर्चाओं के बाद एक संविधान सभा बनाने की बात तय हुई जिसके बाद प्रांतीय सरकारों से 278 प्रतिनिधि और 15 महिलाओं का अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव हुआ है. सभा में बहुमत वाली कांग्रेस के अलावा मुस्लिम लीग, अनुसूचित जाति फेडरेशन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और यूनियन पार्टी के प्रतिनिधि थे. संविधान सभा की पहली बैठक दिसंबर 1946 में हुई थी.

    26 नवंबर 1949 को भारत ने इनमें से क्या अपनाया था? - 26 navambar 1949 ko bhaarat ne inamen se kya apanaaya tha?

    26 नवंबर को ही भारत में संविधान (Constitution of India) का अंतिम प्रारूप स्वीकार किया गया था. (तस्वीर: Wikimedia Commons)

    पहली बैठक के  बाद ही बंटवारा
    सभा की पहली बैठक के बाद ही भारत पाकिस्तान का बंटवारा तय हो गया था. इसलिये बंटवारे के बाद मूल सभा के कुल 389 सदस्यों में से भारत में 299 ही रह गए थे. इनमें से 229 चुने हुए और 70 सदस्य मनोनीत थे. इसमें अनुसचित जाति के 26, अनुसूचित जनजाति के 33 सदस्य थे.

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    कुल 13 समितियां बनी थीं
    संविधान के लिए बनी कुल 13 समितियां बनी थीं इनमें से एक प्रमुख समिति प्रारूप समिति थी. प्रारूप समिति ने छह महीने के अंदर ही संविधान का प्रारूप संविधान सभा को सौंप दिया था. इस समिति ने ड्राफ्ट कर काम किया था. इसके बाद संविधान को अंतिम रूप देने केलिए संविधान सभा में औपचारिक चर्चाएं शुरु हुई.

    26 नवंबर 1949 को भारत ने इनमें से क्या अपनाया था? - 26 navambar 1949 ko bhaarat ne inamen se kya apanaaya tha?

    बंटवारे के बाद मूल संविधान सभा (Constitution Assembly) के कुल 389 सदस्यों में से भारत में 299 ही रह गए थे. (तस्वीर: Wikimedia Commons)

    प्रारूप को अंतिम रूप
    संविधान सभा के सदस्यों ने आठ महीनों तक इस प्रारूप के अध्ययन किया. संविधान प्रारूप पर सभा में तीन स्तरों पर बहस हुई जो नवम्बर 1948 से 17 अक्टूबर 1949 तक कई बैठकों तक चली. तीसरे और अंतिम प्रारूप पर 14 नवम्बर 1949 को चर्चा शुरू हुई जिसके बाद 26 नवम्बर 1949 को संविधान को पारित कर दिया गया. चर्चाओं में पेश किए गए सुझावों पर विचार करने के बाद संविधान के प्रारूप को अंतिम रूप दिया गया.

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    बताया जाता है कि इन दो महीनों के दौरान नए संविधान का अध्ययन किया गया और इसे अंग्रेज़ी से हिंदी में अनुवाद किया गया था. संविधान को पूरी तरह अपनाए जाने से पहले संविधान सभा ने 166 बार सभा की थी. और यह भी तय किया था कि चूंकि 1930 के कांग्रेस अधिवेशन में 26 जनवरी को ही पूर्ण स्वराज की मांग करने का फैसला किया गया था, इसलिए 26 जनवरी 1950 को ही संविधान लागू करना ऐतिहासिक रूप से ज्यादा प्रासंगिक होगा.

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    Tags: Constitution of India, History, India, Research

    FIRST PUBLISHED : November 26, 2021, 08:23 IST

    26 नवंबर 1949 को कितने अनुच्छेद को लागू किया गया?

    व्याख्या : 26 नवंबर 1949 को लागू हुए अनुच्छेदों में अनुच्छेद 5, 6, 8, 9, 60, 324, 366, 372, 388, 391, 392 और 393 शामिल हैं। अनुच्छेद 388 अनंतिम में आकस्मिक रिक्तियों को भरने से संबंधित है। संसद और प्रांतीय राज्य विधानमंडल। इस संविधान के शेष प्रावधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुए, जिस दिन संविधान लागू हुआ था।

    26 नवंबर 1949 को क्या हुआ था?

    ऐसे में जब 26 नवंबर, 1949 को भारत ने अपना संविधान तैयार कर भी लिया तो फिर दो महीने का इंतजार और किया गया. और फिर पूर्ण स्वराज की 22वीं वर्षगांठ पर संविधान को लागू करके पूर्ण स्वराज दिवस को गणतंत्र दिवस के रूप में घोषित कर दिया गया.

    २६ नवंबर १९४९ को भारत ने इनमें से क्या अपनाया था?

    26 नवंबर का दिन भारत (India) के लोकतांत्रिक इतिहास में बहुत विशेष दिन माना जाता है. इस दिन भारतीय लोकतंत्र की नींव पड़ी थी. यही वह दिन था जब भारत की आजादी के बाद बनी संविधान सभा ने 1949 को संविधान अपनाया था. इसे हर साल भारत में संविधान दिवस (Constitution Day of India) या संवत् दिवस के रूप में मनाया जाता है.

    26 नवंबर के दिन क्या हुआ था?

    26 नवंबर ही के दिन 1949 में भारत की संविधान सभा ने अपने संविधान को अपनाया था. हालांकि इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था. भारत के नागरिकों में संविधान के प्रति जागरूक करने और संवैधानिक मूल्यों को याद दिलाने के लिए हर साल 26 नवंबर को Constitution Day मनाया जाता है.