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फिल्म लाल सिंह चड्ढा से आमिर खान 4 साल बाद स्क्रीन पर वापसी कर रहे हैं. रिलीज से पहले वे नर्वस हैं. लाल सिंह चड्ढा हॉलीवुड की आइकॉनिक मूवी फॉरेस्ट गंप की रीमेक है. इसके राइट्स मिलने में सालों लगे फिर बनने में. पर आप ये बात नहीं जानते होंगे कि आमिर को पहले लाल सिंह चड्ढा बनाने का आइडिया पसंद नहीं आया था. उन्होंने 2 साल तक मूवी की स्क्रिप्ट नहीं सुनी थी. ऐसा क्यों इसकी वजह आमिर ने कॉफी विद करण 7 में बताई.

कैसे पॉसिबल हुआ लाल सिंह चड्ढा बनाना?
आमिर खान ने लाल सिंह चड्ढा कैसे बनी इस पर बोलते हुए कहा-14 साल पहले की बात है. 'जाने तू या जाने ना' मूवी के प्रीमियर के बाद मैं और अतुल कुलकर्णी घर पर आए. अतुल ने मेरी फेवरेट फिल्म पूछी तो मैंने कहा फॉरेस्ट गंप उनमें से एक है. दो हफ्तों बाद अतुल का फोन आया और बताया कि मैंने फॉरेस्ट गंप के हिंदी अडैपटेशन का स्क्रीनप्ले लिख दिया है. तब मैं हैरान था. मैंने सोचा इतनी आइकॉनिक मूवी कौन बनाएगा? 6 ऑस्कर जीतने वाली मूवी जिसे लोगों ने बहुत प्यार दिया, ऐसी मूवी का रीमेक बनाना बहुत हिम्मत की बात होती है. मैंने उसकी स्क्रिप्ट सुनी ही नहीं. मैं श्योर था ये मूवी नहीं बननी है. हम कहां बना सकते हैं ये हिमाकत होगी. 2 साल तक मैंने कहानी नहीं सुनी. पर जब सुनी तो मुझे इससे प्यार हो गया.

लाल सिंह चड्ढा को लेकर नर्वस आमिर
आमिर ने बताया फिल्म कंप्लीट होने में पूरे 14 साल लगे. राइट्स लेने में 8-9 साल लगे. ऐसा पहली बार हो रहा है जब इतनी बड़ी आइकॉनिक मूवी का रीमेक बनाया गया है. ऐसा कर आमिर ने पहले ही हिस्ट्री क्रिएट कर दी है. अब ये मूवी बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रचती है या नहीं, ये आने वाले दिनों में पता चल जाएगा. आमिर इस फिल्म की रिलीज को लेकर नर्वस भी हैं. उन्होंने कहा- अगर ये फिल्म लोगों को पसंद नहीं आई तो उनका दिल टूट जाएगा. 

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लाल सिंह चड्ढा को अद्वैत चंदन ने डायरेक्ट किया है. उनके डायरेक्शन की एक्टर ने तारीफ की है. लाल सिंह चड्ढा में आमिर खान और करीना कपूर की जोड़ी एक बार फिर बनी है. आमिर खान और करीना फिल्म का जबरदस्त प्रमोशन कर रहे हैं. उधर, सोशल मीडिया पर फिल्म को बायकॉट करने की मांग हो रही है. लाल सिंह चड्ढा के लिए काफी चुनौतियां हैं, देखना होगा फिल्म इन सभी मुश्किलों को पार कर लोगों का दिल जीत पाती है या नहीं .

बिहार में नवंबर 2020 में विधानसभा चुनाव हुए थे. नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी. लेकिन अब 21 महीने के बाद बिहार में सियासी तौर पर एक फिर सब कुछ ठीक नहीं है. चर्चा है कि नीतीश कुमार की जदयू और बीजेपी का गठबंधन टूट सकता है. इतना ही नहीं नीतीश कुमार आरजेडी, लेफ्ट और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं. इसके लिए विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं. विपक्षी पार्टियों के खेमे में बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है. नीतीश कुमार एनडीए में बीजेपी के पुराने सहयोगी रहे हैं. 2020 में वे पहली बार बीजेपी के साथ गठबंधन में सीएम बने थे. हालांकि, बहुमत न होने के चलते उन्हें सिर्फ 7 दिन में इस्तीफा देना पड़ा था. इन 22 साल में 2 नीतीश कुमार दो बार बीजेपी के नाता तोड़ चुके हैं. खास बात ये है कि पिछली बार नीतीश कुमार 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी से अलग हुए थे. अब एक बार फिर 2024 लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ये कदम उठाने जा रहे हैं.

बिहार विधानसभा का नंबर गेम

बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं. इनमें एक सीट खाली है. अभी आरजेडी के पास सबसे ज्यादा 79 विधायक हैं. वहीं, बीजेपी के पास 77, जदयू के पास 45, कांग्रेस के पास 19, लेफ्ट के पास 16 विधायक हैं. जदयू राज्य की तीसरी बड़ी पार्टी है. 2020 में कम सीटों के बावजूद बीजेपी ने नीतीश कुमार को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था. लेकिन अब चर्चा है कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़कर आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो महागठबंधन के पास आसानी से बहुमत होगा. वहीं, बीजेपी विपक्ष में होगी. 

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कब-कब नीतीश कुमार ने छोड़ा बीजेपी का साथ? 

यह पहला मौका नहीं है, जब नीतीश कुमार इस तरह का बड़ा कदम उठाने का संकेत दे रहे हैं. इससे पहले नीतीश कुमार ने 2014 लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी को एनडीए का पीएम उम्मीदवार घोषित किए जाने के विरोध में बीजेपी से नाता तोड़ लिया. इसके बाद लोकसभा चुनाव में जदयू का प्रदर्शन बेहद निराशजनक रहा, पार्टी सिर्फ 2 सीटें जीत पाई. नीतीश कुमार ने पार्टी के निराशजनक प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद जीतन राम मांझी राज्य के सीएम बने. 

2 साल बाद फिर बीजेपी के साथ आए नीतीश कुमार

इसके बाद बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ बिहार में महागठबंधन बना. इसमें जदयू, कांग्रेस, आरजेडी समेत तमाम पार्टियां शामिल हुईं. महागठबंधन को बहुमत मिला. लेकिन ये गठबंधन दो साल भी नहीं चला. नीतीश कुमार ने आखिर में नैतिकता का हवाला देकर 2017 में सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. 

इसके बाद नीतीश कुमार बीजेपी के साथ गठबंधन कर सीएम बने. नीतीश कुमार ने अपना कार्यकाल पूरा किया. 2020 में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा. चुनाव में बीजेपी को 77 और जदयू को 45 सीटें मिलीं. इसके बावजूद बीजेपी ने नीतीश कुमार को सीएम बनाया. लेकिन अब एक बार फिर चर्चा है कि नीतीश कुमार बीजेपी से अलग हो सकते हैं. 

लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार का होता है मोहभंग

- 2014 लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हुए. 
- 2019 लोकसभा से डेढ़ साल पहले यानी 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी में शामिल हुए.
- अब जब पार्टियां 2024 की तैयारियों में जुट गई हैं, तो नीताश कुमार ने एक बार फिर बीजेपी से अलग होने का मन बना लिया है.

22 साल में 7 बार सीएम बने नीतीश कुमार, 6 बार बीजेपी रही साथ

- नीतीश कुमार साल 2000 में सबसे पहले सीएम बने थे. तब जदयू और बीजेपी गठबंधन को 151 सीटें मिली थीं. हालांकि, 324 सीटों वाले राज्य में बहुमत के लिए 163 सीटें चाहिए थीं. नीतीश कुमार को समझ आ गया था कि वे बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे. ऐसे में उन्होंने इस्तीफा दे दिया. वे तब 7 दिन सीएम रहे थे. 

- 2005 में की सत्ता में वापसी- नीतीश कुमार ने 2005 में सत्ता में वापसी की. वे बीजेपी के साथ गठबंधन में बहुमत हासिल करने में सफल रहे. उन्होंने 2010 तक अपना कार्यकाल पूरा किया. 

- 2010 में नीतीश कुमार पर जनता ने एक बार फिर भरोसा किया. उन्होंने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली. 

- 2014 में नीतीश कुमार ने लोकसभा में पार्टी के बुरे प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. 

- NDA से अलग होने और 2014 के लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद नीतीश कुमार ने CM पद से इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था. फरवरी 2015 को नीतीश कुमार से नाराज जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. बाद में JDU छोड़ उन्होंने हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) नाम से अपनी पार्टी बनाई. उसके बाद जीतन राम मांझी NDA में चले गए थे. बाद में NDA छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए, लेकिन ज्यादा तरजीह मिलता देख फिर से NDA में शामिल हो गए थे. 

- 2015 में विधानसभा चुनाव हुआ तो नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ चुनाव लड़े. नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन को बहुमत मिला. नीतीश कुमार सीएम बने. 

- 2017 में नीतीश कुमार ने नैतिकता का हवाला देकर महागठबंधन सरकार से इस्तीफा दे दिया. नीतीश कुमार ने इसके बाद बीजेपी के साथ आकर सरकार बनाई. नीतीश 6वीं बार सीएम बने. 

- 2020 में विधानसभा चुनाव हुए. जदयू और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा. एनडीए की सरकार बनी. हालांकि, जदयू 45 सीटों पर सिमट गई. इसके बावजूद नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए सरकार बनी. 

साल 2000 से जदयू का प्रदर्शन
 

विधानसभा चुनाव सीटें जीतीं
2000 21
2005 (अक्टूबर) 88
2010 115
2015 71
2020 43