2 किलो कौन सा विशेषण है? - 2 kilo kaun sa visheshan hai?

कुर्ते के लिए दो मीटर कपड़ा चाहिए।चाय में पचास ग्राम चीनी डालना।सैकड़ों लोग मारे गए।एक किलो आम से ज्यादा मत लाना

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Solution : दिये गये विकल्पों में से सैकड़ों लोग मारे गये. वाक्य में निश्चित संख्यावाचक विशेषण नहीं है। शेष सभी वाक्यों में निश्चित संख्यावाचक विशेषण है।

हिंदी व्याकरण में समास, संधि, मुहावरे, उपवाक्य, पर्यायवाची शब्द, वर्ण विच्छेद, विलोम शब्द,अनेकार्थी शब्द आदि हम पढ़ते हैं उनमें से एक टॉपिक है विशेषण इसके बारे में भी छोटी कक्षाओं से बड़ी कक्षाओं तक पूछा जाता है। विशेषण इन हिंदी से संबंधित प्रश्न SSC, NTPC, SSC CGL, UPSC, TET, SSC stenographer आदि जैसी और भी कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण ब्लॉग हम आपके लिए लेकर आए है तो आइए जानते हैं visheshan, विशेषण शब्द लिस्ट के बारे में।

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This Blog Includes:
  1. विशेषण Quiz
  2. विशेषण किसे कहते हैं? 
  3. विशेषण शब्द लिस्ट
  4. विशेष्य किसे कहते हैं?
  5. विशेषण की विशेषता
  6. विशेषण के भेद  
  7. प्रयोग की दृष्टि से विशेषण के भेद
    1. विशेष्य-विशेषण
    2. विधेय-विशेषण
  8. विशेषणों की तुलना
  9. विशेषणों की रचना
  10. विशेषण शब्द लिस्ट
  11. चित्र के साथ विशेषण शब्द लिस्ट
  12. विशेषण वर्कशीट
  13. 50+ विशेषण अभ्यास प्रश्न
  14. विशेषण PPT
  15. FAQs

विशेषण Quiz

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2 किलो कौन सा विशेषण है? - 2 kilo kaun sa visheshan hai?

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Question

Prashant Singh कहते हैं:

अगस्त 4, 2021 को 11:24 पूर्वाह्न पर

लेख बहुत अच्छा है। इसको समझने में आसानी हुई

प्रतिक्रिया

  1. Team Leverage Edu कहते हैं:

    अगस्त 20, 2021 को 2:51 अपराह्न पर

    धन्यवाद, इसी तरह हमारी वेबसाइट https://leverageedu.com/ पर बने रहिये।

    प्रतिक्रिया

  • पिंगबैक: Avyay in Hindi: अव्यय किसे कहते हैं हिंदी में, अव्यय के भेद - Leverage Edu

    1. Prashant Singh कहते हैं:

      अगस्त 4, 2021 को 11:24 पूर्वाह्न पर

      लेख बहुत अच्छा है। इसको समझने में आसानी हुई

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      1. Team Leverage Edu कहते हैं:

        अगस्त 20, 2021 को 2:51 अपराह्न पर

        धन्यवाद, इसी तरह हमारी वेबसाइट https://leverageedu.com/ पर बने रहिये।

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    2. पिंगबैक: Avyay in Hindi: अव्यय किसे कहते हैं हिंदी में, अव्यय के भेद - Leverage Edu

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    चार दिन, कुछ व्यक्ति, एक लीटर दूध आदि शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दो तो पता चलेगा कि इसमें चार, कुछ और एक लीटर शब्द से संख्या या परिमाण का आभास होता है, क्योंकि ये संख्यावाचक विशेषण हैं। इसमें भी चार दिन से निश्चित संख्या का बोध होता है, इसलिए इसको निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं और कुछ व्यक्ति से अनिश्चित संख्या का बोध होने से इसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। इसी प्रकार एक लीटर दूध से परिमाण का बोध होता है इसलिए इसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।

    अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो-
    (क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए।
    (ख) दो किलो अनाज दे दो।
    (ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं।
    (घ) सभी लोग हँस रहे थे।
    (ङ) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है।

    संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, परिमाण आदि) बताने वाले शब्द विशेषण कहलाते हैं। जैसे – बड़ा, काला, लंबा, दयालु, भारी, सुन्दर, कायर, टेढ़ा-मेढ़ा, एक, दो आदि।

    महत्वपूर्ण बिन्दु

    1. वाक्य में संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। जैसे – काला कुत्ता। इस वाक्य में ‘काला’ विशेषण है।

    2. जिस शब्द (संज्ञा अथवा सर्वनाम) की विशेषता बतायी जाती है उसे विशेष्य कहते हैं। उपरोक्त वाक्य में कुत्ता विशेष्य है।

    3. जिस विकारी शब्द से संज्ञा की व्याप्ति मर्यादित होती है, उसे भी विशेषण कहते हैं। जैसे- मेहनती विद्यार्थी सफलता पाते हैं। धरमपुर स्वच्छ नगर है। वह पीला है। ऐसा आदमी कहाँ मिलेगा? इन वाक्यों में मेहनती, नीला, लाल, अच्छा, स्वच्छ, पीला और ऐसा शब्द विशेषण हैं। जो क्रमशः विद्यार्थी, धरमपुर, वह और आदमी की विशेषता बताते हैं।

    4. विशेषण शब्द जिसकी विशेषता बताये, उसे विशेष्य कहते हैं, अतः विद्यार्थी, धरमपुर, वह और आदमी शब्द विशेष्य हैं।

    5. विशेषण सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है।

    6. व्याकरण में विशेषण एक विकारी शब्द है।

    विशेष्य

    जिस संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्द की विशेषता बताई जाए वह विशेष्य कहलाता है। जैसे –

    • गीता सुन्दर है। – इसमें सुन्दर- विशेषण है और गीता विशेष्य है।

    विशेषण शब्द विशेष्य से पूर्व भी आते हैं और उसके बाद भी।पूर्व में- जैसे-

    • थोड़ा-सा जल लाओ।
    • एक मीटर कपड़ा ले आना।

    बाद में- जैसे-

    • यह रास्ता लंबा है।
    • खीरा कड़वा है।

    विशेषण के प्रकार-

    विशेषण के 4 प्रकार हैं-

    1. गुणवाचक विशेषण

    2. संख्यावाचक विशेषण

    3. परिमाणवाचक विशेषण

    4. सार्वनामिक विशेषण

    1. गुणवाचक विशेषण

    जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम के गुण, रूप, रंग आदि का बोध होता है, उसे गुण वाचक विशेषण कहते हैं। जैसे-

    • बगीचे में सुंदर फूल हैं।
    • धरमपुर स्वच्छ नगर है।
    • स्वर्गवाहिनी गंदी नदी है।
    • स्वस्थ बच्चे खेल रहे हैं।

    उपर्युक्त वाक्यों में सुंदर, स्वच्छ, गंदी और स्वस्थ शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। गुण का अर्थ अच्छाई ही नहीं, किन्तु कोई भी विशेषता। अच्छा, बुरा, खरा, खोटा सभी प्रकार के गुण इसके अंतर्गत आते हैं।

    • समय संबंधी- नया, पुराना, ताजा, वर्तमान, भूत, भविष्य, अगला, पिछला आदि।
    • स्थान संबंधी– लंबा, चौड़ा, ऊँचा, नीचा, सीधा, बाहरी, भीतरी आदि।
    • आकार संबंधी– गोल. चौकोर, सुडौल, पोला, सुंदर आदि।
    • दशा संबंधी- दुबला, पतला, मोटा, भारी, गाढ़ा, गीला, गरीब, पालतू आदि।
    • वर्ण संबंधी– लाल, पीला, नीला, हरा, काला, बैंगनी, सुनहरी आदि।
    • गुण संबंधी– भला, बुरा, उचित, अनुचित, पाप, झूठ आदि।
    • संज्ञा संबंधी– मुंबईया, बनारसी, लखनवी आदि।

    2. संख्यावाचक विशेषण –

    जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध होता है, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे-

    • कक्षा में चालीस विद्यार्थी उपस्थित हैं।
    • दोनों भाइयों में बड़ा प्रेम हैं।
    • उनकी दूसरी लड़की की शादी है।
    • देश का हरेक बालक वीर है।

    उपर्युक्त वाक्यों में चालीस, दोनों, दूसरी और हरेक शब्द संख्यावाचक विशेषण हैं।

    संख्यावाचक विशेषण के भी दो प्रकार हैं-

    1. निश्चित संख्यावाचक विशेषण: निश्चित संख्यावाचक विशेषण जैसे- एक, पाँच, सात, बारह, तीसरा, आदि।
    2. अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण: अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण जैसे- कई, अनेक, सब, बहुत आदि।

    निश्चित संख्यावाचक विशेषण के 6 भेद हैं-

    1. पूर्णांक बोधक विशेषण

    जैसे- एक, दस, सौ, हजार, लाख आदि।

    • एक लड़का स्कूल जा रहा है।
    • पच्चीस रुपये दीजिए।
    • कल मेरे यहाँ दो मित्र आएँगे।
    • चार आम लाओ

    2. अपूर्णांक बोधक विशेषण

    जैसे- पौना, सवा, डेढ, ढाई आदि।

    • मेरी जेब मे ढाई रुपये हैं।
    • पापा ने मुझे सवा सौ रुपये दिये ।
    • दूधिया ने मुझे डेढ़ ग्राम दूध कम दिया।

    3. क्रमवाचक विशेषण

    जैसे- दूसरा, चौथा, ग्यारहवाँ, पचासवाँ आदि।

    • पहला लड़का यहाँ आए।
    • दूसरा लड़का वहाँ बैठे।
    • राम कक्षा में प्रथम रहा।
    • श्याम द्वितीय श्रेणी में पास हुआ है।

    4. आवृत्तिवाचक विशेषण

    जैसे- दुगुना, तिगुना, दसगुना आदि।

    • मोहन तुमसे चौगुना काम करता है।
    • गोपाल तुमसे दुगुना मोटा है।

    5. समूहवाचक विशेषण

    जैसे- तीनों, पाँचों, आठों आदि।

    • तुम तीनों को जाना पड़ेगा।
    • यहाँ से चारों चले जाओ।

    6. प्रत्येक बोधक विशेषण

    जैसे- प्रति, प्रत्येक, हरेक, एक-एक आदि।

    • प्रत्येक को प्रसाद मिला।
    • एक-एक व्यक्ति पनि मे डूब गया।

    अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

    अनिश्चित संख्यावाचक विशेषणों से अधिकतर बहुत्व का बोध होता है। जैसे-

    • सारे आम सड़ गए।
    • पुस्तकालय में असंख्य पुस्तकें हैं।
    • लंका में अनेक महल जल गए।
    • सुनामी में बहुत सारे लोग मारे गए।

    निश्चित संख्यावाचक के अंतर्गत आनेवाले पूर्णांक बोधक विशेषण के पहले- लगभग या करीब, बाद- में ‘एक ‘ या ‘ओं’ प्रत्यय लगाने से अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण हो जाता है। जैसे-

    • लगभग पचास लोग आएँगे।
    • करीब बीस रूपए चाहिए।
    • सैंकड़ों लोग मारे गए।

    कभी-कभी दो पूर्णांक बोधक साथ में आकर अनिश्चय वाचक बन जाते हैं। जैसे- 1. चालीस-पचास रूपये चाहिए। 2. काम में दो-तीन घंटे लगेंगे।

    3. परिमाणवाचक विशेषण

    जिस विशेषण से किसी वस्तु की नाप-तौल का बोध होता है, उसे परिमाण-बोधक विशेषण कहते हैं। जैसे-

    • मुझे दो मीटर कपड़ा दो।
    • उसे एक किलो चीनी चाहिए।
    • बीमार को थोड़ा पानी देना चाहिए।

    उपर्युक्त वाक्यों में दो मीटर, एक किलो और थोड़ा पानी शब्द परिमाण-बोधक विशेषण हैं।

    परिमाण-बोधक विशेषण के दो प्रकार हैं-

    1. निश्चित परिमाण-बोधकः

    जैसे- दो सेर गेहूँ, पाँच मीटर कपड़ा, एक लीटर दूध आदि।

    2. अनिश्चित परिमाण-बोधकः

    जैसे, थोड़ा पानी और अधिक काम, कुछ परिश्रम आदि।

    • परिमाण-बोधक विशेषण अधिकतर भाववाचक, द्रव्यवाचक और समूहवाचक संज्ञाओं के साथ आते हैं।

    4. सार्वनामिक विशेषण

    जब कोई सर्वनाम शब्द संज्ञा शब्द से पहले आए तथा वह विशेषण शब्द की तरह संज्ञा की विशेषता बताये, उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे-

    • वह आदमी व्यवहार से कुशल है।
    • कौन छात्र मेरा काम करेगा?

    उपर्युक्त वाक्यों में वह और कौन शब्द सार्वनामिक विशेषण हैं।

    पुरूषवाचक और निजवाचक सर्वनामों को छोड़ बाकी सभी सर्वनाम संज्ञा के साथ प्रयुक्त होकर सार्वनामिक विशेषण बन जाते हैं।

    जैसे-

    • निश्चयवाचक- यह मूर्ति, ये मूर्तियाँ, वह मूर्ति, वे मूर्तियाँ आदि।
    • अऩिश्चयवाचक– कोई व्यक्ति, कोई लड़का, कुछ लाभ आदि।
    • प्रश्नवाचक- कौन आदमी? कौन लौग?, क्या काम?, क्या सहायता? आदि।
    • संबंधवाचक– जो पुस्तक, जो लड़का, जो वस्तु

    व्युत्पत्ति की दृष्टि से सार्वनामिक विशेषण के दो प्रकार हैं-

    1. मूल सार्वनामिक विशेषण, 2. यौगिक सार्वनामिक विशेषण

    1. मूल सार्वनामिक विशेषणः

    जो सर्वनाम बिना किसी रूपांतर के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है उसे मूल सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

    जैसे-

    • वह लड़की विद्यालय जा रही है।
    • कोई लड़का मेरा काम कर दे।
    • कुछ विद्यार्थी अनुपस्थित हैं।

    उपयुक्त वाक्यों में वह,कोई और कुछ शब्द मूल सार्वनामिक विशेषण हैं।

    2. यौगिक सार्वनामिक विशेषणः

    जो सर्वनाम मूल सर्वनाम में प्रत्यय आदि जुड़ जाने से विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है उसे यौगिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

    जैसे-

    • ऐसा आदमी कहाँ मिलेगा?
    • कितने रूपये तुम्हें चाहिए?
    • मुझसे इतना बोझ उठाया नहीं जाता।

    उपर्युक्त वाक्यों में ऐसा, कितने और इतना शब्द यौगिक सार्वनामिक विशेषण हैं।
    यौगिक सार्वनामिक विशेषण निम्नलिखित सार्वनामिक विशेषणों से बनते हैं-

    • यह से- इतना, इतने, इतनी, ऐसा, ऐसी, ऐसे।
    • वह से- उतना, उतने, उतनी, वैसा, वैसी, वैसे।
    • जो से– जितना, जितनी, जितने, जैसा, जैसी, जैसे।
    • कौन से– कितना, कितनी, कितने, कैसा, कैसी, कैसे।

    संकेतवाचक विशेषण जो सर्वनाम संकेत द्वारा संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाते हैं वे संकेतवाचक विशेषण कहलाते हैं। विशेष – क्योंकि संकेतवाचक विशेषण सर्वनाम शब्दों से बनते हैं, अतः ये सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं। इन्हें निर्देशक भी कहते हैं।

    परिमाणवाचक और संख्यावाचक विशेषण में अंतर

    • जिन वस्तुओं की नाप-तोल की जा सके उनके वाचक शब्द परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे-‘कुछ दूध लाओ’। इसमें ‘कुछ’ शब्द तोल के लिए आया है। इसलिए यह परिमाणवाचक विशेषण है।
    • जिन वस्तुओं की गिनती की जा सके उनके वाचक शब्द संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे-कुछ बच्चे इधर आओ। यहाँ पर ‘कुछ’ बच्चों की गिनती के लिए आया है। इसलिए यह संख्यावाचक विशेषण है।
    • परिमाणवाचक विशेषणों के बाद द्रव्य अथवा पदार्थवाचक संज्ञाएँ आएँगी जबकि संख्यावाचक विशेषणों के बाद जातिवाचक संज्ञाएँ आती हैं।

    सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण में अंतर

    जिस शब्द का प्रयोग संज्ञा शब्द के स्थान पर हो उसे सर्वनाम कहते हैं। जैसे-वह मुंबई गया। इस वाक्य में वह सर्वनाम है। जिस शब्द का प्रयोग संज्ञा से पूर्व अथवा बाद में विशेषण के रूप में किया गया हो उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे-वह रथ आ रहा है। इसमें वह शब्द रथ का विशेषण है। अतः यह सार्वनामिक विशेषण है।

    विशेषण की अवस्थाएँ

    विशेषण शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाते हैं। विशेषता बताई जाने वाली वस्तुओं के गुण-दोष कम-ज़्यादा होते हैं। गुण-दोषों के इस कम-ज़्यादा होने को तुलनात्मक ढंग से ही जाना जा सकता है। तुलना की दृष्टि से विशेषणों की निम्नलिखित तीन अवस्थाएँ होती हैं-

    1. मूलावस्था
    2. उत्तरावस्था
    3. उत्तमावस्था

    मूलावस्था मूलावस्था में विशेषण का तुलनात्मक रूप नहीं होता है। वह केवल सामान्य विशेषता ही प्रकट करता है। जैसे-

    1. सावित्री सुंदर लड़की है।
    2. सुरेश अच्छा लड़का है।
    3. सूर्य तेजस्वी है।

    उत्तरावस्था जब दो व्यक्तियों या वस्तुओं के गुण-दोषों की तुलना की जाती है तब विशेषण उत्तरावस्था में प्रयुक्त होता है। जैसे-

    1. रवीन्द्र चेतन से अधिक बुद्धिमान है।
    2. सविता रमा की अपेक्षा अधिक सुन्दर है।

    उत्तमावस्था उत्तमावस्था में दो से अधिक व्यक्तियों एवं वस्तुओं की तुलना करके किसी एक को सबसे अधिक अथवा सबसे कम बताया गया है। जैसे-

    1. पंजाब में अधिकतम अन्न होता है।
    2. संदीप निकृष्टतम बालक है।

    विशेष – केवल गुणवाचक एवं अनिश्चित संख्यावाचक तथा निश्चित परिमाणवाचक विशेषणों की ही ये तुलनात्मक अवस्थाएँ होती हैं, अन्य विशेषणों की नहीं।

    विशेषण की अवस्थाओं के रूप

    अधिक और सबसे अधिक शब्दों का प्रयोग करके उत्तरावस्था और उत्तमावस्था के रूप बनाए जा सकते हैं। जैसे-

    मूलावस्थाउत्तरावस्थाउत्तमावस्थाअच्छीअधिक अच्छीसबसे अच्छीचतुरअधिक चतुरसबसे अधिक चतुरबुद्धिमानअधिक बुद्धिमानसबसे अधिक बुद्धिमानबलवानअधिक बलवानसबसे अधिक बलवान

    इसी प्रकार दूसरे विशेषण शब्दों के रूप भी बनाए जा सकते हैं।
    तत्सम शब्दों में मूलावस्था में विशेषण का मूल रूप, उत्तरावस्था में ‘तर’ और उत्तमावस्था में ‘तम’ का प्रयोग होता है। जैसे-

    मूलावस्थाउत्तरावस्थाउत्तमावस्थाउच्चउच्चतरउच्चतमकठोरकठोरतरकठोरतमगुरुगुरुतरगुरुतममहानमहानतर,महत्तरमहानतम,महत्तमन्यूनन्यूनतरन्यनूतमलघुलघुतरलघुतमतीव्रतीव्रतरतीव्रतमविशालविशालतरविशालतमउत्कृष्टउत्कृष्टरउत्कृटतमसुंदरसुंदरतरसुंदरतममधुरमधुरतरमधुतरतम

    विशेषणों की रचना

    कुछ शब्द मूलरूप में ही विशेषण होते हैं, किन्तु कुछ विशेषण शब्दों की रचना संज्ञा, सर्वनाम एवं क्रिया शब्दों से की जाती है-

    संज्ञा से विशेषण बनाना

    प्रत्ययसंज्ञाविशेषणकअंशआंशिकधर्मधार्मिकअलंकारआलंकारिकनीतिनैतिकअर्थआर्थिकदिनदैनिकइतिहासऐतिहासिकदेवदैविकइतअंकअंकितकुसुमकुसुमितसुरभिसुरभितध्वनिध्वनितक्षुधाक्षुधिततरंगतरंगितइलजटाजटिलपंकपंकिलफेनफेनिलउर्मिउर्मिलइमस्वर्णस्वर्णिमरक्तरक्तिमईरोगरोगीभोगभोगीईनकुलकुलीनईणग्रामग्रामीणईयआत्माआत्मीयजातिजातीयआलुश्रद्धाश्रद्धालुईर्ष्याईर्ष्यालुवीमनसमनस्वीतपसतपस्वीमयसुखसुखमयदुखदुखमयवानरूपरूपवानगुणगुणवानवती(स्त्री)गुणगुणवतीपुत्रपुत्रवतीमानबुद्धिबुद्धिमानश्रीश्रीमानमती (स्त्री)श्रीश्रीमतीबुद्धिबुद्धिमतीरतधर्मधर्मरतकर्मकर्मरतस्थसमीपसमीपस्थदेहदेहस्थनिष्ठधर्मधर्मनिष्ठकर्मकर्मनिष्ठ
    2 किलो कौन सा विशेषण है? - 2 kilo kaun sa visheshan hai?
    विशेषण

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    दो किलो में कौन सा विशेषण है?

    Answer. Explanation: मुझे दो किलो चाहिए । इस वाक्य में "२ किलो "संख्यावाचक विशेषण है।

    दो किलो चावल में कौन सा विशेषण है?

    चौकोर - गुणवाचक विशेषण ग) मेरी बहुत बहुत नटखट है। (घ) माँ बाजार से दो किलो चावल लाई है। दो किलो - परिमाणवाचक विशेषण है 5.)

    2 किलो अनाज में कौन सा विशेषण है?

    विशेषण - दो किलो । भेद - निश्चित परिमाणवाचक ।

    3 लीटर कौन सा विशेषण है?

    परिमाणवाचक विशेषण: जो शब्द नाप, तौल या परिमाण बतलाते हैं, उन्हें 'परिमाणवाचक विशेषण' कहते हैं; जैसे- दो लीटर दूध लाओ। इस वाक्य में 'दो लीटर' शब्द से दूध की नाप का बोध होता है। अतः 'दो लीटर' परिमाणवाचक विशेषण है।