1911 की चीनी क्रांति के बाद चीन का प्रथम राष्ट्रपति कौन बना था? - 1911 kee cheenee kraanti ke baad cheen ka pratham raashtrapati kaun bana tha?

१९११ की चीन की क्रांति

1911 की चीनी क्रांति के बाद चीन का प्रथम राष्ट्रपति कौन बना था? - 1911 kee cheenee kraanti ke baad cheen ka pratham raashtrapati kaun bana tha?

वुहान में सन यात सेन की प्रतिमा चीन की 1911 की क्रांति के फलस्वरूप चीन के अन्तिम राजवंश (चिंग राजवंश) की समाप्ति हुई और चीनी गणतंत्र बना। यह एक बहुत बड़ी घटना थी। मंचू लोगों का शासन चीन पर पिछले तीन सौ वर्षों से चला आ रहा था जिसका अंत हो गया। बीसवीं शताब्दी में चीन एशिया का प्रथम देश था, जहाँ गणतांत्रिक सरकार की स्थापना हुई। चीन के क्रांतिकारियों ने फ्रांसवालों का अनुकरण किया और राजतंत्र का सदा के लिए अंत कर दिया। .

11 संबंधों: चिंग राजवंश, चीन, चीन की साम्यवादी क्रांति, एशिया, फ़्रान्स, बाढ़, बॉक्सर विद्रोह, रूस-जापान युद्ध, सुन यात-सेन, हूनान, अफ़ीम युद्ध।

चिंग राजवंश

अपने चरम पर चिंग राजवंश का साम्राज्य कांगशी सम्राट, जो चिंग राजवंश का चौथा सम्राट था चिंग राजवंश (चीनी: 大清帝國, दा चिंग दिगुओ, अर्थ: महान चिंग; अंग्रेज़ी: Qing dynasty, चिंग डायनॅस्टी) चीन का आख़री राजवंश था, जिसनें चीन पर सन् १६४४ से १९१२ तक राज किया। चिंग वंश के राजा वास्तव में चीनी नस्ल के नहीं थे, बल्कि उनसे बिलकुल भिन्न मान्छु जाति के थे जिन्होंने इस से पहले आये मिंग राजवंश को सत्ता से निकालकर चीन के सिंहासन पर क़ब्ज़ा कर लिया। चिंग चीन का आख़री राजवंश था और इसके बाद चीन गणतांत्रिक प्रणाली की ओर चला गया।, William T. Rowe, Harvard University Press, 2009, ISBN 978-0-674-03612-3 .

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चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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चीन की साम्यवादी क्रांति

माओ चीनी साम्यवादी दल की स्थापना १९२१ में हुई थी। सन १९४९ में चीनी साम्यवादी दल का चीन की सत्ता पर अधिकार करने की घटना चीनी साम्यवादी क्रांति कहलाती है। चीन में १९४६ से १९४९ तक गृहयुद्ध की स्थिति थी। इस गृहयुद्ध का द्वितीय चरण साम्यवादी क्रान्ति के रूप में सामने आया। चीन ने आधिकारिक तौर पर इस अवधि को 'मुक्ति संग्राम' (War of Liberation, सरल चीनी: 解放战争; परम्परागत चीनी: 國共內戰; फीनयिन: Jiěfàng Zhànzhēng) कहा जाता है। .

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एशिया

एशिया या जम्बुद्वीप आकार और जनसंख्या दोनों ही दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है, जो उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। पश्चिम में इसकी सीमाएं यूरोप से मिलती हैं, हालाँकि इन दोनों के बीच कोई सर्वमान्य और स्पष्ट सीमा नहीं निर्धारित है। एशिया और यूरोप को मिलाकर कभी-कभी यूरेशिया भी कहा जाता है। एशियाई महाद्वीप भूमध्य सागर, अंध सागर, आर्कटिक महासागर, प्रशांत महासागर और हिन्द महासागर से घिरा हुआ है। काकेशस पर्वत शृंखला और यूराल पर्वत प्राकृतिक रूप से एशिया को यूरोप से अलग करते है। कुछ सबसे प्राचीन मानव सभ्यताओं का जन्म इसी महाद्वीप पर हुआ था जैसे सुमेर, भारतीय सभ्यता, चीनी सभ्यता इत्यादि। चीन और भारत विश्व के दो सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश भी हैं। पश्चिम में स्थित एक लंबी भू सीमा यूरोप को एशिया से पृथक करती है। तह सीमा उत्तर-दक्षिण दिशा में नीचे की ओर रूस में यूराल पर्वत तक जाती है, यूराल नदी के किनारे-किनारे कैस्पियन सागर तक और फिर काकेशस पर्वतों से होते हुए अंध सागर तक। रूस का लगभग तीन चौथाई भूभाग एशिया में है और शेष यूरोप में। चार अन्य एशियाई देशों के कुछ भूभाग भी यूरोप की सीमा में आते हैं। विश्व के कुल भूभाग का लगभग ३/१०वां भाग या ३०% एशिया में है और इस महाद्वीप की जनसंख्या अन्य सभी महाद्वीपों की संयुक्त जनसंख्या से अधिक है, लगभग ३/५वां भाग या ६०%। उत्तर में बर्फ़ीले आर्कटिक से लेकर दक्षिण में ऊष्ण भूमध्य रेखा तक यह महाद्वीप लगभग ४,४५,७९,००० किमी क्षेत्र में फैला हुआ है और अपने में कुछ विशाल, खाली रेगिस्तानों, विश्व के सबसे ऊँचे पर्वतों और कुछ सबसे लंबी नदियों को समेटे हुए है। .

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फ़्रान्स

फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .

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बाढ़

बिहार में बाढ का प्रकोप बाढ से घिरे लोग बाढ के कारण पलायन को मजबूर ग्रामीण बाढ़ बहुतायत या अधिक मात्रा में पानी का एकत्र हो जाना है। सामान्यत: यह पानी बहता भी रहता है। .

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बॉक्सर विद्रोह

तियानजिन में बॉक्सर विद्रोहियों का दस्ता आठ-राष्ट्रिय गुट के नुमाइंदे - (बाएँ से) ब्रिटिश, अमेरिकी, रूसी, ब्रिटिश भारतीय, जर्मन, फ़्रांसिसी, ऑस्ट्रो-हंगेरियाई, इतालवी, जापानी सर क़लम कर के विद्रोहियों को सज़ा बॉक्सर विद्रोह या मुक़्क़ेबाज़ विद्रोह चीन में सन् 1898 से 1901 तक चलने वाला यूरोपियाई साम्राज्यवाद और इसाई धर्म के फैलाव के विरुद्ध एक हिंसक आन्दोलन था। इसका नेतृत्व एक "धार्मिक समस्वर संघ" (चीनी:義和團, यीहेतुआन) नाम के संगठन ने किया था, जिन्हें "धार्मिक और समस्वरीय मुक़्क़ों का संघ" भी कहा जाता था। मुक़्क़ेबाज़ को अंग्रेज़ी में "बॉक्सर" (boxer) कहते हैं इसलिए विद्रोहियों को यही बुलाया जाने लगा। .

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रूस-जापान युद्ध

1904-1905 रूस-जापान युद्ध रूस तथा जापान के मध्य 1904 -1905 के दौरान लड़ा गया था। इसमें जापान की विजय हुई थी जिसके फलस्वरूप जापान को मंचूरिया तथा कोरिया का अधिकार मिला था। इस जीत ने विश्व के सभी प्रेक्षकों को आश्चर्यचकित कर दिया और जापान को विश्वमंच पर लाकर खड़ा कर दिया। इस शर्मनाक हार के परिणामस्वरूप रूस के भ्रष्ट ज़ार सरकार के विरुद्ध असंतोष में भारी वृद्धि हुई। १९०५ की रूसी क्रांति का यह एक प्रमुख कारण था। .

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सुन यात-सेन

सन यात-सेन सुन् यात-सेन (Sun Yat-sen; उच्चारण: /ˈsʊn ˈjɑːtˈsɛn/; 12 नवम्बर 1866 – 12 मार्च 1925) चीन के क्रांतिकारी नेता तथा चीनी गणतंत्र के प्रथम राष्ट्रपति एवं जन्मदाता थे। पेशे से वे चिकित्सक थे। चीनी गणतंत्र में उन्हें 'राष्ट्रपिता' कहा जाता है जबकि चीनी जनवादी गणतंत्र में उन्हें 'लोकतांत्रिक क्रांति का अग्रदूत' कहा जाता है। किं राजवंश को उखाड़ फेंकने में उनकी महती भूमिका थी। १९१२ में जब चीनी गणतंत्र बना तो उन्हें अस्थायी राष्ट्रपति नियुक्त किया गया। .

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हूनान

चीन में हूनान प्रांत (लाल रंग में) हूनान (湖南, Hunan) जनवादी गणराज्य चीन के दक्षिण-मध्य भाग में स्थित एक प्रांत है। हूनान का अर्थ 'झील से दक्षिण' होता है, जो इस प्रांत की दोंगतिंग झील से दक्षिण की स्थिति पर पड़ा है। हूनान की राजधानी चांगशा (长沙, Changsha) शहर है। क्योंकि शिआंग नदी इस प्रान्त की एक प्रमुख नदी है इसलिए इस प्रान्त को चीनी भावचित्रों में संक्षिप्त रूप से 'शिआंग' (湘, Xiang) लिखा जाता है। यह प्राचीनकाल में शक्तिशाली चू राज्य का हिस्सा था। हूनान का क्षेत्रफल २,११,८०० वर्ग किमी है, यानि भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य से ज़रा कम। सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ६,५६,८३,७२२ थी, यानि भारत के झारखंड राज्य से ज़रा कम। हूनान का मौसम गरम और नम माना जाता है। सर्दियों में बर्फ़ कभी-कभार ही पड़ती है। मौसम में गर्मी और नमी के कारण खाना जल्दी ख़राब हो जाता है, इसलिए हुनानी खाना अपने मिर्च-मसालों के लिए प्रसिद्ध है जो इसे अधिक देर तक सुरक्षित रखते हैं।, Noelle Salmi, John Wiley & Sons, 2009, ISBN 978-0-470-38744-3,...

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अफ़ीम युद्ध

उन्नासवीं सदी के मध्य में चीन और मुख्यतः ब्रिटेन के बीच लड़े गये दो युद्धों को अफ़ीम युद्ध कहते हैं। उन्नीसवीं शताब्दी में लम्बे समय से चीन (चिंग राजवंश) और ब्रिटेन के बीच चल रहे व्यापार विवादों की चरमावस्था में पहुचने के कारण हुए। प्रथम युद्ध १८३९ से १८४२ तक चला और दूसरा १८५६ से १८६० तक। दूसरी बार फ़्रांस भी ब्रिटेन के साथ-साथ लड़ा। दोनो ही युद्धों में चीन की पराजय हुई और चीनी शासन को अफीम का अवैध व्यापार सहना पड़ा। चीन को नान्जिन्ग की सन्धि तथा तियान्जिन की सन्धि करनी पड़ी। इस द्वंद्व की शुरुआत ब्रिटेन की चीन के साथ व्यापार में आई कमी और ब्रिटेन द्वारा भारत से चीन मे अफ़ीम की तस्करी को ले कर हुई। चीन के कानून के अनुसार अफ़ीम का आयात करना प्रतिबंधित था। पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी द्वारा पटना में निर्मित तथा कलकत्ता में नीलाम किये गए अफ़ीम की तस्करी से चीन नाराज था। लेकिन ब्रिटिश साम्राज्य के बढ़ते खर्च तथा चीन से रेशम और चाय के भुगतान के लिए अफ़ीम एक ऐसा द्रव्य था जिसकी चीनी जनता में बहुत मांग थी। पर इसके नशीले प्रभाव के कारण चिंग शासक इसके विरुद्ध थे। युद्धों के परिणामस्वरूप चीन को अपने पाँच बंदरगाह (पत्तन) विदेशी व्यापार के लिए खोलने पड़े। हांगकाँग द्वीप पर ब्रिटेन का नियंत्रण हो गया और अफ़ीम का व्यापार भी होता रहा। युद्ध की वजह से चिंग राजवंश के खिलाफ़ चीनी जनता ने विद्रोह किये - इन विद्रोहों में चिंग वंश (यानि मंचू लोग) का पारंपरिक हान बहुमत से अलग संस्कृति और मूल का होना भी शामिल था। मंचूरिया पिछले राजवंशों के समय चीन का हिस्सा नहीं रहा था। .

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1911 को चीनी क्रान्ति के बाद चीन का प्रथम राष्ट्रपति कौन बना था?

सुन यात-सेन सन यात-सेन सुन् यात-सेन (Sun Yat-sen; उच्चारण: /ˈsʊn ˈjɑːtˈsɛn/; 12 नवम्बर 1866 – 12 मार्च 1925) चीन के क्रांतिकारी नेता तथा चीनी गणतंत्र के प्रथम राष्ट्रपति एवं जन्मदाता थे।

चीनी क्रांति के जनक कौन थे?

इस क्रांति के नायक थे माओ-त्से-तुंग जिन्हें आधुनिक चीन का जनक भी माना जाता है. 16 मई, 1966 को शुरू हुई यह क्रांति 10 वर्षों तक चली और इसने चीन के सामाजिक ढांचे में कई बड़े परिवर्तन किए.

चीनी क्रांति की शुरुआत कब हुई थी?

10 अक्तूबर 1911 – 12 फ़रवरी 1912१९११ की चीन की क्रांति / अवधिnull

चीन का अंतिम शासक कौन था?

1271 में मंगोल सरदार कुबलय खां ने युआन रादवंश की स्थापना की जिसने 1279 तक सोंग वंश को सत्ता से हटाकर अपना अधिपत्य कायम किया। एक किसान ने 1368 में मंगोलों को भगा दिया और मिंग राजवंश की स्थापना की जो 1664 तक चला। मंचू लोगों के द्वारा स्थापित क्विंग राजवंश ने चीन पर 1911 तक राज किया जो चीन का अंतिम वंश था