मित्रों ! आज हम आपके लिए 150+ proverbs in hindi- हिंदी कहावतें अर्थ सहित नामक पोस्ट लाये हैं। इसमें 150 से अधिक आम बोलचाल में प्रयोग होने वाली लोकोक्तियों और कहावतों को अर्थ सहित प्रस्तुत किया गया है। Show
ये कहावतें (kahawat) प्रतियोगी परीक्षाओं एवं कक्षा 6 से 12 तक की विभिन्न परीक्षाओं में प्रायः पूछी जाती हैं। साथ ही यदि आप हिंदी भाषा सीख रहे हैं। तो भी ये आपके लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होंगी।
कहावत kahawat की परिभाषा- proverbs meaning in hindiकहावत का शाब्दिक अर्थ होता है- “कही हुई बात”। लेकिन हर कही हुई बात कहावत नहीं होती। कहावत की परिभाषा है- जिस पद समूह में अनुभव की कोई बात सुंदर, प्रभावशाली और चमत्कारिक ढंग से कही जाती है, उसे कहावत कहते हैं। कहावत को अंग्रेजी में proverb और उर्दू में ‘मसल‘ कहा जाता है। लोकोक्ति की परिभाषालोकोक्ति कहावत का ही एक रूप होती है। लोक का अर्थ है जनसामान्य और उक्ति का अर्थ है कथन। जनसामान्य में प्रचलित कहावतों को लोकोक्ति कहा जाता है। ये प्रायः जनसामान्य की भाषा में होती हैं। 1- घाट- घाट का पानी पीना– अनुभवी और होशियार होना। 2- अंधा क्या चाहे दो आंखें– मनवांछित वस्तु का प्राप्त होना। 3- अंधा बांटे रेवड़ी, फिर फिर अपने देय– सम्पूर्ण लाभ खुद उठाना। 4- नाच न आवै आंगन टेढ़ा– अपनी कमी का दूसरे को दोष देना। 5- अधजल गगरी छलकत जाय– ज्ञान कम प्रदर्शन अधिक। 6- अपना रख, पराया चख– अपना बचाकर दूसरे का उपयोग करना। 7- अंधे के आगे रोना, अपना दीदा खोना– संवेदनहीन को दुख सुनाना। 8- अपनी करनी, पार उतरनी– अपनी मेहनत से ही काम होना। 9- अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गयी खेत– समय निकल जाने पर पछताना व्यर्थ है। 10- अरहर की टट्टी, गुजराती ताला– छोटी वस्तु की सुरक्षा पर अधिक व्यय 11 से 20 # hindi proverbs11- अपनी अपनी ढपली, अपना अपना राग– सबका मत अलग होना। 12- अंधेर नगरी चौपट राजा, टका सेर भाजी, टका सेर खाजा– मूर्ख और गुणवान से समान व्यवहार। 13- अंत भला तो सब भला– अंत में ठीक तो सब ठीक। 14- अटका बनिया, देय उधार– दबाव पड़ने पर काम करना। 15- जैसा राजा, वैसी प्रजा– जैसा मालिक वैसे ही उसके कर्मचारी। 16- ज्यादा जोगी, मठ उजाड़– ज्यादा नेतृत्व करने वाले होने पर काम बिगड़ जाता है। 17- ज्यों ज्यों भीगे कामरी, त्यों त्यों भारी होय– समय के साथ जिम्मेदारी बढ़ जाती है। 18- जान है तो जहान है– जीवन ही सब कुछ है। 19- जिन खोजा तीन पाइयां, गहरे पानी पैठ– कठिन परिश्रम से सफलता मिलती है 20- जान मारे बनिया, पहचान मारे चोर– चोर और बनिया जान पहचान वालों को ही नुकसान पहुंचाते हैं। 21 से 30 # हिन्दी कहावतें अर्थ सहित वाक्य21- तुरंत दान महा कल्यान– लेन देन तुरंत चुकाना। 22- तू भी रानी मैं भी रानी, कौन भरेगा पानी– अहं का टकराव होना। 23- थोथा चना, बाजे घना– असमर्थ व्यक्ति बड़ी बड़ी बातें करता है। 24- तेतो पांव पसारिये, जितनी लम्बी सौर– सामर्थ्य के अनुसार व्यय करना। 25- चित भी मेरी, पट भी मेरी– सब तरह से लाभ ही होना। 26- दिनभर चले अढ़ाई कोस– अधिक समय में थोड़ा काम होना। 27- देसी कुतिया, विलायती बोली– अपने से बड़ों की नकल करना। 28- दूध का दूध पानी का पानी करना– निष्पक्ष एवं सटीक न्याय करना। 29- अभी दिल्ली दूर है– सफलता में अभी देर है। 30- दूर के ढोल सुहावने होते हैं– वास्तविकता से दूर। 31 से 40 # proverbs in hindi31- दुधारू गाय की लात सहनी पड़ती है– जिससे लाभ हो, उसका अप्रिय व्यवहार भी सहना पड़ता है। 32- दूध का जला छाँछ भी फूंक कर पीता है– एक बार धोखा खाने पर सचेत हो जाना। 33- धोबी का कुत्ता, न घर का न घाट का– जिसका कहीं सम्मान न हो। 34- नौ नकद, न तेरह उधार– नकद का कम लाभ उधार के अधिक लाभ से अच्छा है। 35- न रहे बांस न बजे बांसुरी– जड़ को खत्म करना। 36- नदी नाव संयोग– थोड़े समय का साथ। 37- नक्कारखाने में तूती की आवाज– बड़ों के सामने छोटों की आवाज दब जाना। 38- नौ की लकड़ी, नब्बे खर्च– मूल्य से अधिक रखरखाव पर खर्च। 39- नया नौ दिन, पुराना सौ दिन– नए से पुराना अच्छा। 40- नाई नाई बाल कितने, जजमान आगे आएंगे– परिणाम तुरंत मिलना। 41 से 50 # हिंदी कहावतें अर्थ और वाक्य प्रयोग41- नानी के आगे, ननिहाल की बातें– जानकर व्यक्ति को बहकाना। 42- नाम बड़े और दर्शन थोड़े– प्रसिद्धि के अनुसार गुण न होना। 43- निर्बल के बल राम– गरीब को भगवान का भरोसा। 44- नेकी और पूंछ पूंछ– उपकार करने में पूछने की जरूरत नहीं। 45- न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी– पूरी न हो सकने वाली शर्त रखना। 46- नीम हकीम खतरे जान– कम जानकार से खतरा होना। 47- न सावन सूखा, न भादो हरा– हमेशा एक जैसा रहना। 48- न ऊधौ का लेना, न माधो का देना– कोई मतलब न रखना। 49- नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली– दिखावे को धर्मात्मा बनना। 50- नंगा नहायेगा क्या, निचोड़ेगा क्या– निर्धन से आशा न रखना। 51 से 60 # hindi proverbs51- नेकी कर दरिया में डाल– भलाई कर के भूल जाना। 52- पढ़े फ़ारसी बेंचे तेल, यह देखो कुदरत का खेल– योग्यता के अनुसार काम न मिलना। 53- पूत कपूत तो क्या धन संचै, पूत सपूत तो क्या धन संचै– संतान चाहे योग्य हो या अयोग्य, धन संचय की जरूरत नहीं। 54- पीर, बावर्ची, भिश्ती, खर– सब काम करने वाला व्यक्ति। 55- फरेगा तो झरेगा– उन्नति के बाद अवनति जरूर होती है। 56- फिसल पड़े तो हरगंगा– मजबूरी में करना। 57- बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद– महत्व न जानना। 58- बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी– आपत्ति ज्यादा दिन नहीं टलती। 60- बद अच्छा बदनाम बुरा– बुराई की बजाय बुरे व्यक्ति से परहेज। 61 से 70 # हिन्दी कहावतें अर्थ सहित61- बाप न मारी मेंढकी, बेटा तीरंदाज– सामर्थ्य से बढ़ कर बातें करना, शेखी बघारना। 62- बासी बचे, न कुत्ता खाये– सोच समझकर प्रयोग करना। 63- बिल्ली के भाग से छींका टूटा– संयोग से काम हो जाना। 64- बैठे से बेगार भली– कुछ न कुछ करना । 65- बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख– मांगने से न मिलना, अपने आप सब मिल जाना। 66- बहरा सो गहरा– चुप्पा व्यक्ति बहुत होशियार होता है। 67- बीती ताहि बिसारि दे, पुनि आगे की सुधि लेय– भूतकाल की गलती या दुख को भूलकर भविष्य के लिए तैयार होना। 68- बूढ़ा तोता राम राम नहीं पढ़ता– बुढ़ापे में नई चीजें सीखना मुश्किल होता है 69- बोया पेड़ बबूल का, आम कहाँ से होय– जैसा कर्म करोगे, वैसा फल मिलेगा 70- बूढ़ी घोड़ी, लाल लगाम– उम्र के अनुसार साज श्रृंगार करना। 71 से 80 # proverb in hindi71- मन चंगा तो कठौती में गंगा– मन की शांति सबसे बड़ा सुख है। 72- मान न मान, मैं तेरा मेहमान– जबरदस्ती गले पड़ना। 73- मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक– सीमित पहुंच होना। 74- मुद्दई सुस्त, गवाह चुस्त– मुखिआ ढीला और सहायक तेजतर्रार। 75- मुंह में राम, बगल में छुरी– दिखावटी सज्जनता। 76- मरता क्या न करता– मजबूरी में सब कुछ करना। 77- माया से माया मिले, कर कर लम्बे हाथ– धन ही धन को खींचता है। 78- मियां की जूती मियां के सिर– खुद से हानि उठाना। 79- मेरी बिल्ली मुझी से म्याऊं– मालिक से ही अकड़ना। 80- मतलबी यार किसके, दम लगाए खिसके– स्वार्थी व्यक्ति काम निकल जाने पर भूल जाते हैं। 81 से 90 # लोक-कहावतें81- यह मुंह और मसूर की दाल– अपनी औकात से बढ़कर बातें करना। 82- रस्सी जल गई, पर ऐंठन न गयी– सब नष्ट हो जाने पर भी अकड़ कम न होना। 83- राम मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी– एक जैसे लोगों की जोड़ी बनना। 84- राम नाम जपना, पराया माल अपना– ऊपर से भक्त, अंदर से ठग 85- लेना एक, न देना दो– कुछ मतलब न रखना। 86- लातों के भूत बातों से नहीं मानते– दुष्ट व्यक्ति बिना दण्ड के नही मानते। 87- लिखे ईशा, पढ़े मूसा– गन्दी लिखावट। 88- लोहा लोहे को काटता है– बराबरी के लोग ही एक दूसरे से निपट सकते हैं। 89- लाल फीताशाही– सरकारी अड़ंगा। 90- वह गुड़ नहीं जो चींटी खाये– उतना आसान नहीं। 91 से 100 # kahawat91- सावन के अंधे को चारों ओर हरा ही हरा दिखता है– सुखी को सब जगह सुख ही दिखना। 92- सूप तो सूप चलनी भी बोले– खुद दोषी होकर दूसरों में दोष निकालना। 93- सिर मुंडाते ही ओले पड़े– शुरुआत में ही विघ्न पड़ना। 94- सब धान सत्ताईस सेर– सभी के साथ एक जैसा व्यवहार। 95- सस्ता रोवे बार बार, महंगा रोवे एक बार– सस्ती चीज खराब होती है। 96- साँच को आंच नहीं– सच्चे व्यक्ति को कोई डर नहीं। 97- सांप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे– काम भी निकल जाए एयर कोइ हानि भी न हो। 98- सीधी उंगली से घी नहीं निकलता– सीधेपन से काम नहीं होता। 99- सुनो सबकी करो अपने मन की– सलाह सबसे लेना लेकिन अपने विवेक से काम करना। 100- सूत न कपास जुलाहों के घर लठ्ठम लठ्ठा– बिना बात की लड़ाई। 101 से 110 # hindi proverbs101- सहज पके सो मीठा होय– आराम से किया गया काम अच्छा होता है। 102- सीधे का मुंह कुत्ता चाटे– सिधाई का अनुचित लाभ उठाना। 103- सूरदास की काली कमरी, चढ़ै न दूजो रंग– किसी में बदलाव का न होना। 104- सेर को सवा सेर मिलना– एक से दूसरा बढ़ कर होना। 105- सैयां भये कोतवाल, अब डर कहे का– प्रभावशाली या अधिकारी से संबंध का लाभ उठाना। 106- समरथ को नहीं दोष गुसाईं– सामर्थ्यवान के अपराध क्षम्य हैं। 107- सौ सुनार की, तो एक लुहार की– निर्बल की सौ चोटों की तुलना में बलवान की एक ही चोट काफी है। 108- हर्रै लगे न फिटकरी, रंग चोखा– बिना खर्च के बढ़िया काम। 109- हाथ कंगन को आरसी क्या– प्रत्यक्ष वस्तु के लिए प्रमाण की क्या जरूरत। 110- हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और– कहना कुछ और करना कुछ और। 111 से 120 # कहावतें अर्थ सहित111- होनहार बिरवान के होत चीकने पात– योग्य व्यक्ति के लक्षण शुरू में ही पता लग जाना। 112- हवन करते हाथ जले– भलाई के बदले में बुराई मिलना। 113- हंसा थे सो उड़ि गए कागा भये दिवान– भले लोगों के स्थान पर बुरे लोगों को अधिकार मिलना। 114- हर मर्ज की दवा पास होना– हर समस्या का उपाय होना। 115- अपनी टांग उघारिये, आपहि मरिये लाज– घर की बात बाहर कहने से अपनी ही बदनामी होती है 116- आधी धर पूरी को धावै, आधी रहै न पूरी पावै– ज्यादा के लालच में अपने पास का भी खोना पड़ता है। 117- आप न जाये ससुरे औरन को सिख देय– खुद गलत करना और दूसरों को शिक्षा देना 118- खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे– क्रोध या अपमान में अटपटा काम करना। 119- खोदा पहाड़ निकली चुहिया– अधिक मेहनत से थोड़ा लाभ। 120- खग जाने खग ही की भाषा– समान व्यक्ति ही एक दूसरे की बात या समस्या समझ सकते हैं। 120 से 130- हिन्दी कहावतें121- खेत खाये गदहा, मार खाये जुलहा– करे कोई और, भुगते कोई और। 122- गंगा गए गंगादास, जमुना गए जमुनादास– अवसरवादी व्यक्ति। 123- गए रोज छुड़ाने, नमाज गले पड़ी– एक मुसीबत दूर करने के चक्कर में दूसरी आ गयी। 124- गरीब की जोरू, सब की भौजाई– कमजोर का सब लाभ उठाते हैं। 125- घर में नहीं दाने, अम्मा चलीं भुनाने– योग्यता न होने पर भी बड़ी बड़ी डींगें हांकना। 126- उल्टा चोर कोतवाल को डांटे– गलती भी करे और आंख भी दिखाए। 127- एक तो चोरी, ऊपर से सीनाजोरी– गलत भी करे और अकड़े भी। 128- न खुदा ही मिला न विसाले सनम– किसी तरफ का न होना। 129- पर उपदेश कुशल बहुतेरे– दूसरों को शिक्षा देना आसान है, खुद पालन करना कठिन। 130- पिया गए परदेश, अब डर काहे का– निगरानी न होने पर स्वच्छंद हो जाना। 131 से 140 # proverbs in hindi131- राजहंस बिन को करै, नीर क्षीर बिलगाव– अनुभवी व्यक्ति के बिना सच्चा न्याय कठिन है। 132- वक्त पड़े पर जानिए, जो जन जैसो होय– व्यक्ति की परीक्षा संकट के समय ही होती है। 133- राम भरोसे जो रहें, पर्वत पर हरियाहिं– भगवान पर भरोसा रखने वाला कठिन परिस्थितियों में भी सुखी रहता है। 134- घर का जोगी जोगना, आन गांव का सिद्ध– घर के योग्य व्यक्ति का भी सम्मान नहीं और बाहर के व्यक्ति की बड़ी महत्ता। 135- आया है सो जाएगा, राजा, रंक, फकीर– एक दिन सबको मरना है। 136- हराम की कमाई, हराम में गंवाई– बेईमानी का धन बुरे कामों में खर्च। 137- हथेली पर सरसों जमाना- तुरंत काम होने की इच्छा रखना। 138- विधि का लिखा को मेटनहारा– भाग्य का लिखा नहीं बदलता, होनी नहीं टलती। 139- स्वारथ लागि करहिं सब प्रीती– स्वार्थवश ही सभी प्रेम करते हैं। 140- मार के आगे भूत नाचे– मार या दंड से सभी डरते हैं। 141 से 150 # proverbs meaning in hindi141- मरता क्या न करता– मजबूरी में आदमी सब कुछ करता है। 142- मरी बछिया बाभन के सिर– खराब वस्तु का दान करना। 143- मुंह चिकना, पेट खाली– केवल ऊपरी दिखावा। 144- मुफ्त की शराब काजी को भी हलाल– मुफ्त का माल सबको पसंद। 145- भूखे भजन न होय गोपाला- खाली पेट कुछ नहीं होता। 146- भैंस के आगे बीन बाजे, भैंस खड़ी पगुराय– मूर्ख से ज्ञान की बात करना। 147- बने के सब यार हैं– अच्छे दिनों के सब साथी। 148- पांचों उंगलियां घी में– चारों ओर से लाभ। 149- दाने दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम– सबका भाग्य निश्चित है। किसको क्या मिलेगा यह पूर्वनिर्धारित है। 150- दस की लाठी, एक का बोझ– सबके सहयोग से काम आसान हो जाना। 150 से अधिक proverbs in hindi151- दोनों हाथ में लड्डू– दोनों ओर से लाभ। 152- दो लड़े, तीसरा ले उड़े– दो की लड़ाई में तीसरे का फायदा। 153- दान की बछिया के दांत नहीं गिनते– मुफ्त की वस्तु की जांच पड़ताल नहीं की जाती। 154- दाल-भात में मूसलचंद– दो के बीच में तीसरे का घुसना। ये भी पढ़ें— अनेक शब्दों के लिए एक शब्द- one word substitution in hindi525+ हिंदी मुहावरे,अर्थ एवं वाक्य प्रयोग – hindi muhavareHindi barakhadi- हिंदी बारहखड़ी चित्र सहितहिन्दी वर्णमाला की पूरी जानकारीरस की परिभाषाअलंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरणतुलसीदास के दोहेहिन्दू धर्म, व्रत, पूजा-पाठ, दर्शन, इतिहास, प्रेरणादायक कहानियां, प्रेरक प्रसंग, प्रेरक कविताएँ, सुविचार, भारत के संत, हिंदी भाषा ज्ञान आदि विषयों पर नई पोस्ट का नोटिफिकेशन प्राप्त करने के लिए नीचे बाई ओर बने बेल के निशान को दबाकर हमारी वेबसाइट को सब्सक्राइब जरूर करें। 150+ proverbs in hindi– हिंदी कहावतें अर्थ सहित नामक यह पोस्ट आपको कैसी लगी ? कमेन्ट करके जरूर बताएं। कहावतों का चित्र सहित वाक्यों में प्रयोग कीजिए?गुदड़ी का लाल – गरीब घर में गुणवान का पैदा होना (वाक्य में प्रयोग– राष्ट्रपति कलाम गुदड़ी के लाल हैं।) मिट्टी में मिलना – नष्ट होना (वाक्य में प्रयोग – केदारनाथ में बाढ़ आने पर सब कुछ मिट्टी में मिल गया)। आँखों का तारा होना – बहुत प्रिय होना (वाक्य में। प्रयोग – इकलौती संतान माता – पिता की आँखों की तारा होती है)।
निम्नलिखित कहावतों का अपने वाक्यों में प्रयोग करो?मुहावरा : विशेष अर्थ को प्रकट करने वाले वाक्यांश को मुहावरा कहते है। मुहावरा पूर्ण वाक्य नहीं होता, इसीलिए इसका स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं किया जा सकता । मुहावरे का प्रयोग करना और ठीक-ठीक अर्थ समझना बड़ा कठिन है,यह अभ्यास से ही सीखा जा सकता है।
कहावत क्या है अर्थ और उदाहरण?(1) अधजल गगरी झलकत जाय-थोड़ी विद्या अथवा धन पाकर इतराना, घमंड करना । (2) अंधे के आगे रोना, अपना दीदा खोना-जो अत्याचारी और निर्दयी होते हैं उनके आगे अपना दुखड़ा सुनाना व्यर्थ होता है। (3) अंधों में काना राजा-यदि बहुत-से मूर्ख हों तो उनमें से किसी एक को पंडित मानना ।
किन्हीं 10 मुहावरों को उनके अर्थ सहित वाक्यों में प्रयोग कीजिए?९. आसमान से बातें करना - (बहुत ऊँचा होना) - आजकल ऐसी ऐसी इमारते बनने लगी है ,जो आसमान से बातें करती है। १० . ईंट से ईंट बजाना - (पूरी तरह से नष्ट करना) - राम चाहता था कि वह अपने शत्रु के घर की ईंट से ईंट बजा दे।
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