14 अप्रैल को क्या-क्या मनाया जाता है

Author: Poonam MehtaPublish Date: Thu, 14 Apr 2022 09:00 AM (IST)Updated Date: Thu, 14 Apr 2022 09:00 AM (IST)

14 अप्रैल को क्या-क्या मनाया जाता है

Ambedkar Jayanti 2022 हर साल 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती मनाई जाती है। यही वह दिन है जब देश के संविधान निर्माता डा. भीम अंबेडकर का जन्म हुआ था। उनके संघर्षपूर्ण जीवन को याद करते हुए हर साल भीम जयंती मनाई जाती है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Ambedkar Jayanti 2022: देशभर में हर साल बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को मनाई जाती है। डॉ. भीमराव अंबेडकर जिन्हें बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था। भारत में उनकी कड़ी मेहनत और योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है।

भीमराव अंबेडकर का पूरा जीवन संघर्षपूर्ण रहा। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के बाद देश के संविधान के निर्माण में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया। भीमराव अंबेडकर ने जीवन भर कमजोर लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।

डॉ. भीमराव अंबेडकर एक राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, दार्शनिक, मानवविज्ञानी और समाज सुधारक थे, जिन्होंने जाति व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाकर दलित समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। डॉ. अंबेडकर शिक्षा के माध्यम से समाज के कमजोर, मजदूर और महिला वर्ग को सशक्त बनाना चाहते थे।

अंबेडकर जयंती का इतिहास (Ambedkar Jayanti History)

जनार्दन सदाशिव रणपिसे, अंबेडकर के एक प्रबल अनुयायी और एक सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने 14 अप्रैल, 1928 को पुणे में पहली बार डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई। उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती को मनाने की परंपरा शुरू की और तब से भारत हर साल 14 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश के रूप में अंबेडकर जयंती मनाई जाती है।

अंबेडकर जयंती का महत्व (Ambedkar Jayanti Significance)

अंबेडकर जयंती का महत्व इसलिए भी खास है क्योंकि यह जाति आधारित कट्टरता की ओर ध्यान आकर्षित करती है, जो आजादी के 75 साल बाद भी हमारे समाज में कायम है। हम इस दिवस को मनाकर वंचितों के उत्थान में बाबासाहेब के योगदान को याद करते हैं। उन्होंने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया जो जाति, धर्म, नस्ल या संस्कृति की परवाह किए बिना सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है। अंबेडकर ने अछूतों के बुनियादी अधिकारों और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय संस्था बहिष्कृत हितकारिणी सभा का गठन किया, साथ ही दलितों को सार्वजनिक पेयजल आपूर्ति और हिंदू मंदिरों में प्रवेश करने का अधिकार प्रदान करने के लिए भी आंदोलन किया।

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Edited By: Poonam Mehta

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बिशारतगंज। नगर के अंबेडकर पार्क में भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जन्मोत्सव समिति की बैठक हुई। जिसमें 14 अप्रैल को बाबा साहब की जयंती मनाने की...

14 अप्रैल को क्या-क्या मनाया जाता है

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,बरेलीThu, 31 Mar 2022 03:22 AM

नगर के अंबेडकर पार्क में भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जन्मोत्सव समिति की बैठक हुई। जिसमें 14 अप्रैल को बाबा साहब की जयंती मनाने के लिए कमेटी का गठन हुआ। सर्वसम्मति से धीरज बाबू बाल्मीकि को अध्यक्ष, दीनदयाल को कोषाध्यक्ष और महामंत्री मोर सिंह को चुना गया। ब्रजेश आजाद, विक्की, रामकिशोर, प्रेमपाल, संजीव मौजूद रहे।

14 अप्रैल को क्या-क्या मनाया जाता है

Ambedkar Jayanti 2022: भीमराव अंबेडकर का जीवन काफी संघर्ष पूर्ण और प्रेरणादायक रहा है. अंबेडकर साहेब ने भारत की स्वतंत्रता के बाद देश के संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इन्होंने ना केवल पिछड़े वर्ग के अधिकारों के लिए लड़ाई की बल्कि यह एक समाज सुधारक भी थे, जिन्होंने पक्षपात और जाति व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई. हर साल अंबेडकर जयंती 14 अप्रैल को मनाई जाती है. ऐसे में अंबेडकर जयंती के महत्व और इतिहास के बारे में पता होना जरूरी है. आज का हमारा लेख इस विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि भीमराव अंबेडकर की जयंती क्यों मनाई जाती है. इसका क्या महत्व है. पढ़ते हैं आगे…Also Read - Ambedkar Jayanti 2022: बॉलीवुड की बेहतरीन फिल्में जो जातिवाद और उससे जुड़े अत्याचार को दिखाती हैं - देखें पूरी सूची

अंबेडकर जयंती का इतिहास

बता दें कि 14 अप्रैल 1928 को पुणे में पहली बार जनार्दन सदाशिव रणपिसे ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई थी. जनार्दन सदाशिव रणपिसे अंबेडकर साहेब के सबसे बफादार अनुयायियों में से एक थे. इसके बाद से हर साल 14 अप्रैल के दिन ही अंबेडकर जयंती मनाने की परंपरा शुरू हो गई. भारत में हर साल 14 अप्रैल के दिन आधिकारिक सार्वजनिक अवकाश होता है. Also Read - Share Market Holiday: एनएसई, बीएसई अगले चार दिन तक बंद रहेंगे, यहां देखें छुट्टियों की पूरी सूची

अंबेडकर जयंती का महत्व

अंबेडकर साहिब दलित समुदाय के लिए समान अधिकारों के लिए संघर्ष करते थे. इससे अलग इन्होंने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार कर जाति, धर्म, संस्कृति, पंथ आदि की परे रखकर सभी नागरिकों को समान अधिकार देने दिया. अंबेडकर साहेब को दो बार राज्यसभा से सांसद के रूप में चुना गया. डॉ. भीमराव अंबेडकर का निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ था. सन् 1990 में, बाबासाहेब को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. Also Read - Ambedkar Jayanti 2022 Hindi Wishes: इन प्रेरणादायक संदेशों से भेजें अंबेडकर जयंती की बधाई

14 अप्रैल को कौन दिवस मनाया जाता है?

14 अप्रैल को हर साल देश भर अंबेडकर जयं‍ती के रूप में मनाया जाता है । देश के पहले कानून मंत्री डॉ भीमराव अंबेडकर की जन्‍मदिन के उपलक्ष्‍य में अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है । इनके जयंती के अवसर पर कई देशों में समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में भी मनाते हैं । इस वर्ष डॉ.

14 तारीख को किसकी जयंती है?

Ambedkar Jayanti 2022: 14 अप्रैल को हर साल अंबेडकर जयंती मनाई जाती है. इस दिन की शुरुआत जनार्दन सदाशिव रणपिसे ने की थी. 14 अप्रैल 1928 को पुणे में पहली बार डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई थी.

15 अप्रैल को क्या मनाया जाता है?

विश्‍व कला दिवस (World Art Day) हरेक साल 15 अप्रैल को विश्‍व भर में मनाया जाता है । यह दिवस कला के विकास, प्रचार-प्रसार और कला को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है ।

13 अप्रैल को कौन सा डे मनाया जाता है?

सिखों को अपने धर्म के अनिवार्य हिस्से के रूप में पगड़ी लगाने की सख्त आवश्यकता के बारे में जागरूकता लाने के लिए 2004 से हर साल 13 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय पगड़ी दिवस (International Turban Day) मनाया जाता है।