15 मई को क्या तिथि है

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विनोद शुक्ला Updated Sat, 14 May 2022 05:58 PM IST

सार

शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। तिथि के नाम - प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।

15 मई को क्या तिथि है

पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

15 मई 2022 का दैनिक पंचांग

Aaj Ka Panchang: हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास एवं पक्ष आदि की जानकारी देते हैं। आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय।

तिथि    चतुर्दशी 12:43 तक
नक्षत्र   स्वाति

15:26 तक

करण

वणिजा
 विष्टि

12:43 तक
23:15 तक

पक्ष शुक्ल पक्ष  
वार    रविवार  
योग   व्यतिपाता 09:41 तक
सूर्योदय 05:34  
सूर्यास्त 19:00  
चंद्रमा    तुला 06:12 तक 
राहुकाल          17:19 − 19:00  
विक्रमी संवत्   2079  
शक सम्वत 1944   
मास वैशाख  
शुभ मुहूर्त अभिजीत 11:50 − 12:44

पंचांग के पांच अंग तिथि
हिन्दू काल गणना के अनुसार 'चन्द्र रेखांक' को 'सूर्य रेखांक' से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। तिथि के नाम - प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।

नक्षत्र: आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।

वार: वार का आशय दिन से है। एक सप्ताह में सात वार होते हैं। ये सात वार ग्रहों के नाम से रखे गए हैं - सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार।

योग: नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम - विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।

करण: एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं - बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।

राष्ट्रीय मिति वैशाख 25, शक संवत 1944, वैशाख, शुक्ल, चतुर्दशी, रविवार, विक्रम संवत 2079। सौर ज्येष्ठ मास प्रविष्टे 02, शव्वाल 13, हिजरी 1443 (मुस्लिम), तदनुसार अंग्रेजी तारीख 15 मई सन् 2022 ई॰।

सूर्य उत्तरायण उत्तर गोल, ग्रीष्म ऋतु। राहुकाल सायं 04 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक। चतुर्दशी तिथि मध्याह्न 12 बजकर 46 मिनट तक उपरांत पूर्णिमा तिथि का आरंभ।

स्वाति नक्षत्र अपराह्न 03 बजकर 35 मिनट तक उपरांत विशाखा नक्षत्र का आरंभ, व्यतिपात योग प्रातः 09 बजकर 48 मिनट तक उपरांत वरीयान योग का अरंभ। वणिज करण मध्याह्न 12 बजकर 46 मिनट तक उपरांत बव करण का आरंभ। चंद्रमा दिन रात तुला राशि पर संचार करेगा।

आज के व्रत त्योहार : श्री सत्यनारायण व्रत, श्री कूर्म जयंती।

सूर्योदय का समय 15 मई 2022 : सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर।

सूर्यास्त का समय 15 मई 2022 : शाम 07 बजकर 5 मिनट पर।

आज का शुभ मुहूर्त 15 मई 2022 :
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 50 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 33 मिनट से 03 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। निशीथ काल मध्य रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 38 बजे तक। गोधूलि बेला शाम 06 बजकर 51 मिनट से 07 बजकर 15 मिनट तक। अमृत काल सुबह 7 बजकर 28 मिनट से 8 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। रवि योग शाम 05 बजकर 30 मिनट से अगली सुबह 3 बजकर 35 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 15 मई 2022 :
राहुकाल शाम को 4 बजकर 30 मिनट से 6 बजे तक। दोपहर 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। दोपहर 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट यमगंड रहेगा। दुर्मुहूर्त काल शाम को 5 बजकर 16 मिनट से 6 बजकर 10 मिनट तक। भद्रा दोपहर में 12 बजकर 45 मिनट से रात के 11 बजकर 27 मिनट तक।

आज के उपाय : आज रविवार है। सूर्यदेव को जल चढ़ाएं और सफेद चंदन का तिलक लगाएं।

(आचार्य कृष्णदत्त शर्मा)

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15 मई को कौन सी तिथि है 2022?

Panchang 15 May 2022 Sunday: 15 मई 2022, दिन रविवार , वैशाख मास, शुक्ल पक्ष, चतुर्दशी तिथि 12.45 बजे तक फिर पूर्णिमा तिथि, स्वाति नक्षत्र 15.35 तक फिर विशाखा नक्षत्र की शुरुआत होगी. चंद्रमा तुला राशि में और भगवान सूर्य मेष राशि में सुबह 5.44 बजे तक फिर वृष राशि में व‍िराजमान रहेंगे.

15 मई को कौन सा त्यौहार है?

आज के व्रत त्योहार : श्री सत्यनारायण व्रत, श्री कूर्म जयंती। सूर्योदय का समय 15 मई 2022 : सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर।

15 मई को पूर्णिमा है क्या?

पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। आज 15 मई 2022 रविवार का दिन है। वैशाख की शुक्ल पक्ष चतुर्दशी 12:46 PM तक उसके बाद पूर्णिमा तिथि है।

16 मई 2022 को क्या है?

Panchang 16 May 2022 Monday: 16 मई 2022, दिन सोमवार , वैशाख मास, शुक्ल पक्ष, पूर्णिमा तिथि 09.43 बजे तक फिर प्रतिपदा, विशाखा नक्षत्र 13.18 तक फिर अनुराधा नक्षत्र की शुरुआत होगी. चंद्रमा तुला राशि तुला राशि में 7.54 बजे तक फिर वृश्चिक राशि व‍िराजमान रहेंगे और भगवान सूर्य वृष राशि में व‍िराजमान रहेंगे.