वर्तमान पर्यावरण पक्षियों के लिए घातक क्यों है? - vartamaan paryaavaran pakshiyon ke lie ghaatak kyon hai?

पक्षियों के लिए घातक है रेडिएशन

संवाद सहयोगी, सतनाली : करीब एक दशक पूर्व तक पेड़-पौधों व घर आंगन में तरह-तरह के पक्षियों को चहकते

संवाद सहयोगी, सतनाली : करीब एक दशक पूर्व तक पेड़-पौधों व घर आंगन में तरह-तरह के पक्षियों को चहकते आसानी से देखा जाता था, लेकिन अब ये मात्र किताबों के पन्नों तक ही सिमटकर रह गए हैं। कोई ऐसा नहीं होगा जिसने बचपन में चिड़ियों के घोंसलों को न निहारा हो व इनको देखने में उत्सुकता न दिखाई हो और इन्हें पकड़ने की कोशिश न की हो। बदलते परिवेश में सब कुछ बदल रहा है। अब इन पक्षियों का घर आंगन में सुबह-सुबह चहचहाना अब कम हो गया है। इन पक्षियों की सुरीली आवाजें सुनकर ही लोग सुबह सवेरे उठ जाया करते थे।

दशक पूर्व तक अनेक प्रकार के पक्षियों की तदाद काफी थी। घर आंगन में चिड़िया, तोते व कोयल इत्यादि अनेक प्रकार के पक्षी चहचहाते थे। अलग-अलग प्रकार की बोली के पक्षी लोगों को खूब अच्छे लगते थे। लेकिन समय के साथ पक्षियों की संख्या नाममात्र की ही रह गई है। ये पक्षी आसमान में उड़ते तो दिखाई देते हैं लेकिन पहले की तुलना में अब केवल सीमित संख्या में। पक्षियों की मीठी चहचहाने वाली आवाजों को सुनने के लिए अब कान तरस जाते हैं।

क्षेत्र में पक्षियों का चहचहाना, भोजन की तलाश में एक घर से दूसरे घर में फुदकते रहना, छत पर सुखाए अनाज से अपना पेट भरना व आंगन में इन पक्षियों की मधुर किलकारियों की गूंज रहती थी। लेकिन अब दूर-दूर तक ये पक्षी दिखाई नही देते। पक्षियों की आबादी घटने का एक प्रमुख कारण मोबाइल टावरों का जाल बिछना भी है। इनसे निकलने वाले रेडिएशन पक्षियों के लिए बहुत घातक हैं। इस भीषण गर्मी की मार से पशु-पक्षी भी बच नहीं पा रहे हैं। आसमान में उड़कर अठखेलियां करने वाले पंछी गर्मी के चलते आसमान में कम ही दिखाई देते हैं। विज्ञान के आधुनिक दौर में मोबाइल व इंटरनेट का प्रचलन काफी बढ़ गया है जिसके चलते मोबाईल कंपनियों के टावर हर क्षेत्र में लगाए जा रहे हैं।

रेडिएशन हैं पक्षियों के लिए घातक

इन टावरों से खतरनाक रेडिएशन वातावरण में फैलती हैं। लोगों को इसी कारण से दूरसंचार सेवाओं का लाभ मिल पाता है, लेकिन जानकारों के अनुसार ये तरंगे पक्षियों के लिए काफी घातक होती हैं। इसका सीधा असर इन पक्षियों पर पड़ता है और उनके लुप्त होने का कारण भी प्राय: यही है। पक्षी मौत के आगोश में समाते जा रहे हैं। यह सिलसिला तेज होता जा रहा है जिस कारण इन पक्षियों की चहचहाहट कम होती जा रही है।

गौरतलब है कि मोबाइल टावरों के चुंबकीय तरंग इन पक्षियों को बुरी तरह से प्रभावित कर रही है। यहां यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी की बढ़ते आधुनिक मोबाइल के दौर में व टावरों से निकलने वाली तरंगे इन पक्षियों को लुप्त करने का काम कर रही है। यही नहीं मानव भी इन टावरों से निकलने वाली खतरनाक तरंगों के चलते गंभीर बीमारियों की ओर अग्रसर हो रहा है।

इस बारे में चिकित्सकों की मानें तो मोबाइल टावरों की तरंगों से उत्पन्न रेडिएशन के प्रभाव के कारण पशु पक्षियों पर ही नहीं मनुष्य की त्वचा पर भी बुरा असर पड़ रहा है। ये हानिकारक तरंगे शरीर की त्वचा के साथ शरीर के अंगों पर भी बुरा प्रभाव डाल रही है तथा पक्षी जैसे कौआ, कोयल, तोते, गोरैया प्रजाति के पक्षी इन तरंगों के प्रभाव के कारण लुप्त होते जा रहे हैं।

Edited By: Jagran

Paryavaran Me Pakshiyon Ka Mahatva

Pradeep Chawla on 12-05-2019

पक्षी प्रकृति का हिस्सा हैं वे पारिस्थितिकी तंत्र और पर्यावरण में योगदान करते हैं। वे प्रकृति के निम्नलिखित तरीकों में सहायक होते हैं

1. खाद्य श्रृंखला: पक्षी खाद्य श्रृंखला का हिस्सा हैं। वे मांसाहारी हैं वे कृन्तकों, कीड़े और यहां तक ​​कि सांपों के अधिक जनसंख्या पर एक जांच करते हैं। छोटे पक्षी, सामान्य रूप से, कीड़े और उनके लार्वा को खाएं। जबकि ईगल्स जैसे बड़े लोग भोजन के लिए कृन्तकों और साँप (सरीसृप) का शिकार और मारते हैं

2. स्वैच्छिक: हम जानवरों की एक लाश पर चक्कर लगा सकते हैं। एक जंगल में भी, एक बार शेरों और बाघों द्वारा एक जानवर छोड़ दिया जाता है, शेष पक्षियों द्वारा खाया जाता है पक्षी प्राकृतिक स्वैच्छिक हैं वे प्रकृति मृत और क्षय बातों के साफ रखने में मदद करते हैं। यहां तक ​​कि वे बिना अनाज या फलों को छोड़ देते हैं जो खुले स्थानों में फेंक दिए जाते हैं।

3. बीज प्रसार: बीज प्रसार में पक्षियां महत्वपूर्ण हैं। इसलिए हम पौधों को जमीन पर विभिन्न स्थानों पर अनायास बढ़ते हुए देखते हैं। पक्षी पौधे के फल या बीज खाते हैं। उनमें से कुछ अधीर होते हैं और इस तरह से उत्सर्जित होते हैं। जब ये बीज जमीन पर पहुंचते हैं, तो वे अनुकूल परिस्थितियों में अंकुरण कर सकते हैं। इस प्रकार पक्षी प्राकृतिक बीज फैलाव और पौधे के प्रचार में मदद करते हैं।

4. प्रकृति के लिए सौंदर्य: पक्षी कुछ जीव हैं जो पर्यावरण के लिए आकर्षण जोड़ते हैं। इसलिए हम सुंदरता को प्रतिबिंबित करने के लिए पक्षियों की तस्वीरों और यहां तक ​​कि पक्षियों की तस्वीरें भी देखते हैं।

इस प्रकार पक्षियों मनुष्य और प्रकृति के लिए बहुत मददगार हैं। प्रदूषण के कारण, कीटनाशकों का अधिक उपयोग, आधुनिकीकरण और व्यापक विकिरण कई पक्षी विलुप्त हो रहे हैं। हमें उन्हें बचाने और उन पर प्रौद्योगिकी के खतरों को कम करने की जरूरत है।

सम्बन्धित प्रश्न



Comments Anushka Kumari on 08-05-2021

Birds to bohot important hoti hai environment ke liye hame unhe nuksan nahi pohchana chahiye.

Manshi korram on 04-10-2020

Pryavaran santulan me pakshiyo ka vikash

Shivanya Rai on 19-06-2020

Pakshiyon ke paryavaran mahatva per ek lekh likhiye

दीपांशु goyal on 10-06-2020

पक्षी उन्मुक्त रहकर भी अपनी कौन कौन सी इच्छाएं पूरी करना चाहते है

Sanika on 10-02-2020

Panchi Aur Hum Is vishai par please ek nibandh uplpad kijey

123 on 27-09-2019

123

Rohit on 23-05-2019

What problems we can face if there are no birds.

manav on 12-05-2019

what is important to birds for enviroment ?

saarthak on 12-05-2019

where are go to uttarakhand?

sneha on 12-05-2019

goooddddd

Sandeep on 12-05-2019

Paryavaran ke Santulan me pashu pakshiyo ka bhi vises yogdan Hai uske upar sachitra lake

Sneha on 12-05-2019

How can we help birds?

मयंक on 12-05-2019

पक्षी किस प्रकार पर्यावरण को संरक्षित करते है तथा हमे किस प्रकार उनका संरक्षण करना चाहिए?

Rashi on 12-05-2019

Pariyavran me pashuo ka mehtav

pratishruti hazarika on 12-05-2019

agar ham panchi ko kad karka rakha to hamara prakati mai kiya prabhap parta hai???

maina. on 12-05-2019

i like this.

ritvik on 12-05-2019

good

Vikas on 12-05-2019

Yadi ham pakshiyon ko pinjre me kaid kr de to paryavaran pr Kya prabhav padega

amit on 12-05-2019

dilli main pradushan ki badti samsya par vichar batain

Shubham on 12-05-2019

Aacha laga

Parneet on 10-04-2019

Pakshiyon se rehat vatavaran mein anek samasyaein

NILOTTAM VEA on 02-01-2019

Mere winter vacation mai yahi work mila tha to mai search mara to yahi mila or mai likh liya or mere teacher ne jab padha to mujhe sabasi di
THANKS

Vasu Anand on 07-12-2018

gjvv haaa bhaii

Atiya naz on 05-10-2018

Hmare aarthik jiwan mein pakshiyo ka kya mahtav hai???

HARSHIT Harshit on 06-09-2018

Nice

furkan sheikh on 05-09-2018

very nice

Anurag raj Anurag raj on 10-08-2018

Kya kar rahe ho kab tak aayega



वर्तमान पर्यावरण पक्षियों के लिए क्यों घातक है?

This is an Expert-Verified Answer पक्षियों की आबादी घटने का एक प्रमुख कारण मोबाइल टावरों का जाल बिछना भी है। इनसे निकलने वाले रेडिएशन पक्षियों के लिए बहुत घातक हैं। इस भीषण गर्मी की मार से पशु-पक्षी भी बच नहीं पा रहे हैं। आसमान में उड़कर अठखेलियां करने वाले पंछी गर्मी के चलते आसमान में कम ही दिखाई देते हैं।

आजकल पक्षियों का पर्यावरण से क्या खतरा है?

आजकल पक्षियों को पर्यावरण से खतरा प्रतिदिन बढ़ता प्रदुषण , वायु प्रदुषण , जल प्रदुषण, ध्वनी प्रदुषण , मृदा प्रदूषण,तापीय प्रदूषण, समुद्री प्रदूषण जिसके कारण अन्य जंतुओं, पेड़-पौधों, औद्योगिक तथा दूसरे कच्चे माल इत्यादि को किसी भी रूप में हानि पहुंचाता है।

पर्यावरण के लिए पक्षियों का क्या महत्व है?

आकाश में उडते हुए ये पक्षी पर्यावरण की सफाई के बहुत बड़े प्राकृतिक साधन हैं। गिद्ध,चीलें,कौए,और इनके अतिरिक्त कई और पशु पक्षी भी हमारे लिए प्रकृति की ऐसी देन हैं जो उनके समस्त कीटों,तथा जीवों तथा प्रदूषण फैलाने वाली वस्तुओं का सफाया करते रहते हैं जो धरती पर मानव जीवन के लिए खतरा उत्पन्न कर सकते हैं।

पक्षी पर्यावरण को कैसे प्रभावित करते हैं?

पक्षी पौधे के फल या बीज खाते हैं। उनमें से कुछ अधीर होते हैं और इस तरह से उत्सर्जित होते हैं। जब ये बीज जमीन पर पहुंचते हैं, तो वे अनुकूल परिस्थितियों में अंकुरण कर सकते हैं। इस प्रकार पक्षी प्राकृतिक बीज फैलाव और पौधे के प्रचार में मदद करते हैं