गेहूं की रोटी अच्छी क्यों नहीं होती है? - gehoon kee rotee achchhee kyon nahin hotee hai?

गेहूं की रोटी अच्छी क्यों नहीं होती है? - gehoon kee rotee achchhee kyon nahin hotee hai?
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गेहूं की रोटी खाने के क्या फायदे हैं और यह किस तरीके से हमारे शरीर मे असर करती है । इसे सभी नहीं जानते हैं। हम जो भी खाते हैं उन सभी वस्तुओं के बारे में हमे अवश्य जानकारी होनी चाहिए । ताकि हमें उन वस्तुओं का सही लाभ मिल सके और उसके नुकसानों से हम अपना बचाव कर सके।

अक्सर हमारी बीमारियों का मुख्य कारण हमारा भोजन ही होता है। क्योंकि अधिकांश व्यक्ति जो कुछ भी खा रहे हैं उसके बारे में उन्हें कोई ज्ञान ही नहीं होता । किन्तु हमारा यह प्रयास है कि प्रत्येक अनाज जो हम खा रहें हैं उसकी सामान्य जानकारी अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको दें । इसी श्रंखला में आज गेहूं की रोटी खाने के फायदे व उसके गुणों के बारे में बताएंगे ।

गेहूं के गुण !

  • हर आदमी को पता होना चाहिए कि वह क्या खा रहा है और उसका उसके शरीर पर क्या असर होगा।
  • गेहूं से बनी रोटी अधिकांश क्षेत्रों में अधिकांश लोगों द्वारा खाई जाती है।
  • यह एक तरह से हम भारतीयों का मुख्य आहार माना जाता है। इसीलिए इसके गुणों को जानना आवश्यक है।
  • गेहूं में तीन बातें मुख्य होती हैं। यह ठंडा, मीठा और भारी होता है।
  • यह पित्त नाशक तथा वात और कफ को बढ़ाने वाला होता है।
  • इसके इन्हीं गुणों के कारण यह हमारे शरीर में अलग अलग तरीके से असर करता है।

गेहूं की रोटी खाने के फायदे !

  • रोटी खाने के अनेक फायदे हैं । यह बहुत ही ताकतवर आहार है।
  • ठंडा होने के कारण गेहूं शरीर की गर्मी को शांत करता है अतः पित्त प्रकृति वालों के लिए यह अति उत्तम आहार है।
  • लेकिन इसकी ठंडी प्रकृति ही वात और कफ को बढ़ाती है।
  • इसीलिए वात प्रकृति के लोगों को इसे अदरक के साथ खाना चाहिए।
  • शरीर में कफ को बढ़ाकर यह मोटापे को भी बढ़ाता है।
  • इसीलिए जिनके पेट के आसपास चर्बी जमा हो गई है वे इसे दिन में कई बार ना खाएं।
  • आयुर्वेद में इसीलिए एक सा अन्न बार-बार खाने के लिए मना किया जाता है ।
  • क्योंकि यह हमारे शरीर के तीनों दोषों को बैलेंस करने के लिए आवश्यक होता है।
  • गेहूं की रोटी भारी होती है। जो वजन को बढ़ाती है। मल को बांधती है ।
  • मेहनत मजदूरी करने वाले लोगों के लिए यह उत्तम है।
  • किंतु जिनका वजन ज्यादा है वह रोटी को अदरक के साथ खाएं या कम खाएं। यह चर्बी को बढ़ाती है।
  • रोटी पर घी लगाने से यह और भारी हो जाती है ।
  • अतः जिन्हें जल्दी जल्दी भूख लगती है उन्हें रोटी पर घी लगाकर खाना चाहिये ।
  • यह मीठा होने से शुगर और मोटापा वालों को रोज या बार-बार रोटी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • रोटी से अच्छा गेहूं का दलिया होता है क्योंकि यह जल्दी पचता है ।
  • जिनका वजन ज्यादा है उन्हें दलिया खाना चाहिए । किंतु जो दुबले हैं उन्हें रोटी खाना चाहिए यह फैट को बढ़ाती है।

गेहूं की रोटी खाने के नुकसान !

  • यह अन्न ताकतवर होने से शारीरिक मेहनत करने वालों के लिए एक उत्तम आहार है।
  • किंतु इसके खाने का तरीका यदि गलत हो तो यह नुकसान भी पहुंचाता है ।
  • गेहूं का एक गुण पेट साफ करना भी है जो इसके छिलके में पाया जाता है। जिससे चोकर कहते हैं।
  • किंतु जैसे ही हम गेहूं के आटे से चोकर को छान कर अलग कर देते हैं, वैसे ही यह मैदा हो जाता है।
  • ऐसे आटे से बनी हुई रोटी खाने से पेट में चिपक जाती है, जिससे बुखार और कई तरह की बीमारियां होने लगती है।
  • सामान्यतः आटे से बनी रोटी खाने से बार बार पेट साफ होता है। इसीलिए रोटी दिन में कई बार नहीं खाना चाहिए ।
  • भोजन के अलग-अलग समय पर अलग-अलग अन्न को खाना चाहिए।

आयुर्वेद में आहार चर्या का बहुत महत्व है। बहुत सी बीमारियों की रोकथाम केवल सही आहार को सही तरीके से सही समय पर खाने से की जा सकती है। इसीलिए हम जो भी खाते हैं उसके बारे में हमें अवश्य जानकारी लेनी चाहिए कि यह किस प्रकृति का है और आपको इसका कितना सेवन करना चाहिए। हमारा शरीर ही हमारा डॉक्टर होता है । यह हमें स्वयं किसी भी चीज के फायदे और नुकसान के बारे में बता देता है। बस जरूरत है हमें उस संकेत को समझने की ।

अंत में !

आशा है आप को रोटी खाने के फायदे से संबंधित जानकारी अच्छी लगी होगी । अब आप स्वयं तय कर सकते हैं कि आपको कब, कितनी और कैसे रोटियां खानी चाहिए।

इसे अवश्य शेयर करें । ऐसी ही छोटी किंतु महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए देखते रहें आपकी अपनी वेबसाइट

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नमस्कार! मैं रेखा दीक्षित एडवोकेट, मैं एडवोकेट ब्लॉगर व युट्यूबर हूं । अपने प्रयास से अपने पाठकों के जीवन की समस्याओं को दूर कर ,जीवन में उत्साह लाकर खुशियां बांटना चाहती हूँ। अपने अनुभव एवं ज्ञान के आधार पर मैंने अपने ब्लॉक को सजाया संवारा है, जिसमें आपको योग ,धार्मिक, दर्शन, व्रत-त्योहार , महापुरुषों से संबंधित प्रेरक प्रसंग, जीवन दर्शन, स्वास्थ्य , मनोविज्ञान, सामाजिक विकृतियों, सामाजिक कुरीतियां,धार्मिक ग्रंथ, विधि संबंधी, जानकारी, स्वरचित कविताएं एवं रोचक कहानियां एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां उपलब्ध हो सकेंगी ।                  संपर्क करें : 

गेहूं की रोटी खाने से क्या नुकसान है?

दरअसल गेहूं की रोटी के अत्‍यधिक सेवन से शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स बढ़ सकते हैं और गेहूं में मौजूद ग्लूटन की मात्रा बढ़ने से शरीर मे फैट बन सकता है. रोटी में मौजूद कार्बोहाइड्रेट थकान बढा़ने का काम भी करता है. ज्यादा कार्बोहाइड्रेट के सेवन से शरीर में आलस बढ़ता है और हम थकान और आलस महसूस करने लगते हैं.

गेहूं का आटा क्यों नहीं खाना चाहिए?

ग्लूटेन प्रोटीन सीलिएक रोग से पीडि़त लोगों के लिए काफी खतरनाक होता है. सीलिएक रोग से पीड़ित लोगों को गेहूं की रोटी खाने से पेट में अफरा, गैस,डायरिया, उल्टी, माइग्रेन (सिर दर्द) और जोड़ों के दर्द की तकलीफ हो सकती है। सीलिएक रोग सीधे छोटी आंत की पाचनक्रिया को प्रभावित करता है।

सबसे अच्छा आटा किसका होता है?

गेहूं का आटा गेहूं को साबुत रूप में खाना सबसे अच्छा रहता है। इसे पीसने के बाद छानना नहीं चाहिए, चोकरयुक्त आटे का सेवन करें। व्हाइट ब्रेड की बजाय आटा ब्रेड या होल-ग्रेन ब्रेड खाना बेहतर है। बाजार में होल-ग्रेन नूडल्स, पास्ता और मैक्रोनी भी आसानी से उपलब्ध हैं।

कौन से आटे की रोटी खानी चाहिए?

बाजरे का आटा अगर आप ग्लूटेन फ्री रोटी खाना चाहते हैं तो बाजरे की रोटी को अपनी डाइट में शामिल करें. इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा होती है जो आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखता है. इसके अलावा इसमें मैंग्नीशियम और विटामिन्स की भरपूर मात्रा होती है.