Special Tax Benefit for Senior Citizen: सीनियर सिटीजन को ज्यादा टैक्स देने से बचाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कई तरह के स्पेशल बेनिफिट देता है. इसके साथ ही वह बिना किसी परेशानी के ई-फाइलिंग का लाभ भी उठा सकते हैं. तो चलिए हम आपको अलग-अलग बेनिफिट के बारे में बताते हैं.
आम लोगों को जहां 2.5 लाख रुपये की इनकम तक टैक्स नहीं देना पड़ता है वहीं सीनियर सिटीजन को 50 हजार रुपये की अतिरिक्त छूट मिलती है. वहीं 80 साल के अधिक के लोगों को 2.5 लाख रुपये की अतिरिक्त छूट मिलती है.
इसके साथ ही ब्याज द्वारा कमाई गई इनकम पर भी सीनियर सिटीजन को 50 हजार रुपये के अतिरिक्त छूट का लाभ मिलता है.
अगर कोई वरिष्ठ नागरिक हेल्थ इंश्योरेंस खरीदता है तो उसे आम लोगों को मुकाबले 25,000 रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट का लाभ मिलता है. आन लोगों को केवल 25,000 रुपये तक की छूट मिलती है. यह छूट इनकम टैक्स की धारा 80डी के तहत मिलती है.
अगर कोई सीनियर सिटीजन फ्रीलांसर का काम करता है और TDS के रूप में टैक्स स्लैब के अलावा 50,000 रुपये की अतिरिक्त कमाई पर छूट का लाभ मिलता है.
अगर किसी व्यक्ति को बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होने पड़े तो ऐसी स्थिति में उसे इनकम टैक्स की धारा 80DDB के तहत 1 लाख रुपये की अतिरिक्त छूट मिलती है.
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Tax Benefits To Senior Citizens: सीनियर सिटिजन के आय के स्त्रोत सीमित होते हैं इसे देखते हुये सामान्य टैक्सपेयर्स के मुकाबले कई सारी टैक्स से जुड़ी रिआयतें दी जाती है. एक निश्चित सीमा तक आयकर में छूट (Income Tax Limit for Senior Citizens) तो मिलती ही है, साथ ही कई तरह के डिडक्शन के फायदे (Income Tax Deduction benefits to senior citizen) भी मिलते हैं. इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिये भी उन्हें कुछ सुविधा दी जाती है आईए जानते हैं ऐसे ही टैक्स बेनेफिट्स के बारे में जो सीनियर सिटिजन के लिये है.
इनकम टैक्स छूट की सीमा
मौजूदा समय में सामान्य टैक्सपेयर्स को 2.5 लाख रुपये के इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है. लेकिन सीनियर सिटीजन के लिये ये सीमा 3 लाख रुपये हैं. यदि 3 से 5 लाख रुपये के इनकम पर कोई टैक्स बना तो 87ए के तहत टैक्स रिबेट मिलता है. वहीं 80 साल से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटिजन्स को 5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट हासिल है.
एफडी के ब्याज से कमाई पर छूट
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ज्यादातर सीनियर सिटीजन ऐसी जगह निवेश करते हैं जो सुरक्षित हो. फिक्स्ड डिपॉजिट उनके लिये निवेश का सबसे बेहतर जरिया है. उसमें निवेश कर उन्हें ब्याज के रुप में फिक्स रकम मिलती है जिससे उनकी आय बढ़ती है. ऐसे में सीनियर सिटिजन को 80TTB के तहत एक वित्त वर्ष में 50 हजार रुपये तक की आय पर टैक्स छूट मिलती है. अगर इससे ज्यादा ब्याज से कमाई हुई तो उन्हें अतिरिक्त ब्याज पर टैक्स चुकाना पड़ता है. सामान्य टैक्सपेयर्स के लिये ये सीमा 10 हजार रुपये प्रति वर्ष है.
मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम का डिडक्शन
सीनियर सिटीजन को स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा खर्च करना पड़ता है. ऐसे में इंश्योरेंस के जरिये वे भार मुक्त हो सकते हैं. इसलिये एक वित्त वर्ष में 50 हजार रुपये तक के मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर सीनियर सिटीजन डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं. सीनियर सिटिजन को ये डिडक्शन आयकर अधिनियम के सेक्शन 80D के तहत मिलता है. 50 हजार रुपये तक के डिडक्शन का ये फायदा सिर्फ सीनियर सिटिजन ही नहीं, बल्कि बाकी टैक्सपेयर्स भी ले सकते हैं जो अपने सीनियर सिटिजन माता पिता का मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम भरते हैं.
मेडिकल खर्चों पर टैक्स छूट
वृद्धा अवस्था में स्वास्थ्य पर खर्च काफी बढ़ जाता है. सीनियर सिटीजन का इलाज में जो खर्च होता है उस पर भी टैक्स छूट का फायदा लिया जा सकता है. आयकर अधिनियम के सेक्शन 80 DDB के तहत सीनियर सिटिजन 1 लाख रुपये तक के मेडिकल खर्च पर डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं. लेकिन इसके लिये जरुरी है भुगतान नगद में नहीं बल्कि नेट बैकिंग, डेबिट - क्रेडिट कार्ड या चेक से किया गया हो.
ऑफलाइन इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग
सभी टैक्सपेयर्स के लिये इनकम टैक्स रिटर्न ऑनलाइन फाइल करना जरूरी है, लेकिन सीनियर सिटिजन को इसमें भी रियायत दी जाती है. आयकर अधिनियम के तहत सीनियर सिटिजन चाहे तो ऑफलाइन भी आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. दरअसल, ये सुविधा इसलिए दी जाती है, ताकि जिन सीनियर सिटिजन को ऑनलाइन आईटीआर भरने में असुविधा होती है वे ऑफलाइन रिटर्न दाखिल कर सकते हैं.
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