उदारीकरण का अर्थ ऐसे नियंत्रण में ढील देना या उन्हें हटा लेना है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले। उदारीकरण में वे सारी क्रियाएँ सम्मिलित हैं, जिसके द्वारा किसी देश के आर्थिक विकास में बाधा पहुँचाने वाली आर्थिक नीतियों, नियमों, प्रशासनिक नियंत्रणों, प्रक्रियाओं आदि को समाप्त किया जाता है या उनमे शिथिलता दी जाती है। Show
इस प्रक्रिया में विश्व के साथ व्यापार की शर्तो को उदार बनाया जाता है जिससे ना केवल अर्थव्यवस्था का विकास सुनिश्चित होता है बल्कि देश का व्यापक विकास तथा बहुमुखी उन्नति होती है। सन्दर्भ[संपादित करें]इन्हें भी देखें[संपादित करें]
उदारीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जहाँ आर्थिक गतिविधियों पर सरकारी नियंत्रण को कम कर दिया जाता है तथा बाजार की शक्तियों को इसका निर्धारण करने के लिए छोड़ दिया जाता है। सामान्य अर्थों में यह एक प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत सरकारी नियमों तथा कानूनों को पूँजी, श्रम तथा व्यापार में शिथिल कर देना, सरकारी उपक्रमों का निजीकरण (सार्वजनिक कंपनियों के निजी कंपनियों के हाथों बेच देना), आयात शुल्क में कमी करना, ताकि विदेशी वस्तुएँ सुगमतापूर्वक आयात की जा सके, शामिल होती हैं।
इसे सुनेंरोकेंउदारीकरण का अर्थ ऐसे नियंत्रण में ढील देना या उन्हें हटा लेना है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले। उदारीकरण में वे सारी क्रियाएँ सम्मिलित हैं, जिसके द्वारा किसी देश के आर्थिक विकास में बाधा पहुँचाने वाली आर्थिक नीतियों, नियमों, प्रशासनिक नियंत्रणों, प्रक्रियाओं आदि को समाप्त किया जाता है या उनमे शिथिलता दी जाती है। वैश्वीकरण एवं
उदारीकरण से आप क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकेंRegards सुधारों के इस नए मॉडल को सामान्यतः उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरणमाँडल (एलपीजी मॉडल) के रूप में जाना जाता है। इस मॉडल का मुख्य उद्देश्य दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को तेजी से विकसित अर्थव्यवस्था बनाना तथा दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के निकट पहुंचना या उनसे आगे निकलना था। उदारीकरण से क्या तात्पर्य है क्लास 10th? इसे सुनेंरोकेंसामान्य अर्थों में यह एक प्रक्रिया है, जिसके
अंतर्गत सरकारी नियमों तथा कानूनों को पूँजी, श्रम तथा व्यापार में शिथिल कर देना, सरकारी उपक्रमों का निजीकरण (सार्वजनिक कंपनियों के निजी कंपनियों के हाथों बेच देना), आयात शुल्क में कमी करना, ताकि विदेशी वस्तुएँ सुगमतापूर्वक आयात की जा सके, शामिल होती हैं। इसे सुनेंरोकेंउदारीकरण शिक्षा प्रणाली से तात्पर्य है कि शिक्षा संस्थाओ संचालन शिक्षक कार्यक्रम के नियोजन क्रियान्वयन एवं पर्यवकण के उदार दृष्टिकोण अपनाकर उन्हें परंपरागत रूढ़ियों दृष्टिकोण से
मुक्त करना है, जिससे कि सभी वर्गों के छात्र आसानी से शिक्षा प्रदान कर सके। वैश्वीकरण उदारीकरण तथा निजीकरण की नीतियों का परिणाम है कैसे? इसे सुनेंरोकेंनिजीकरण के फलस्वरूप अर्थव्यवस्था कीकुशलता में वृद्धि होगी, प्रतियोगिता बढेगी उत्पादन की गुणवता तथा विविधता में वृद्धि होगी। इसका उपभोगताओं को विशेषरूप से लाभ होगा। राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में निजी क्षेत्र व सार्वजनिक छेत्र को बड़ी भूमिका देने के उद्देश्य से आर्थिक सुधारों के नए संस्करण लागू किये गये! उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण क्या है Drishti IAS? इसे सुनेंरोकेंऔद्योगिक नीति का उदारीकरण: औद्योगिक लाइसेंस परमिट राज का उन्मूलन, आयात शुल्क में कमी आदि। निजीकरण की शुरुआत: बाज़ारों का विनियमन, बैंकिंग सुधार आदि। वैश्वीकरण: विनिमय दर में सुधार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और व्यापार नीतियों को उदार बनाना, अनिवार्य परिवर्तनीयता संबंधी कारण को हटाना आदि। आर्थिक उदारीकरण से क्या तात्पर्य है भारत में उदारीकरण पर एक निबंध?इसे सुनेंरोकेंउदारीकरण का तात्पर्य ‘उदार दृष्टिकोण’ से होता है फिर यह उदार दृष्टिको चाहे राजनैतिक क्षेत्र से सम्बंधित हो अथवा सामाजिक क्षेत्र से या फिर आर्थिक क्षेत्र से । यहाँ आर्थिक परिप्रेक्ष्य में उदारीकरण की नीति की चर्चा की जा रही है । इस नीति का तात्पर्य है : “सरकारों द्वारा आर्थिक क्रियाओं में न्यूनतम हस्तक्षेप” । उदारीकरण का भारतीय उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ा? इसे सुनेंरोकेंउदारीकरण के प्रभाव सकल घरेलू उत्पाद में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। विभिन्न प्रोजेक्टों की स्थापना में व्यापक निवेश और आधुनिकीकरण ने विशेष रूप से कपडा, ऑटोमोबाइल, कोयला खदान, रसायन एवं पेट्रो-रसायन, धातु, खाद्य प्रसंस्करण, सॉफ्टवेयर उद्योग इत्यादि को ऊंचा उठाया। अवसंरचना के विकास के साथ, रोजगार अवसरों में वृद्धि हुई। These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for
Class 10 Social Science Economics Chapter 4 Globalisation and the Indian Economy. प्रश्न अभ्यास पाठ्यपुस्तक से निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिएप्रश्न प्रश्न 1. वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों से स्पष्ट कीजिए। प्रश्न 2. भारत सरकार द्वारा विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाने के क्या कारण थे? इन अवरोधकों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी? सन् 1991 में आर्थिक नीति में परिवर्तन किया गया। सरकार ने निश्चय किया कि भारतीय उत्पादकों को विश्व के उत्पादकों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी जिससे देश के उत्पादकों के प्रदर्शन में सुधार होगा और वे अपनी गुणवत्ता में सुधार करेंगे। इसलिए विदेशी व्यापार एवं निवेश पर से अवरोधकों को काफी हद तक हटा दिया गया। इसका अर्थ है कि वस्तुओं का सुगमता से आयात किया जा सकेगा और विदेशी कंपनियाँ यहाँ अपने कार्यालय और कारखाने स्थापित कर सकेंगी। सरकार द्वारा अवरोधकों एवं प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया को ही उदारीकरण कहते हैं। प्रश्न 3. श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों को कैसे मदद करेगा? प्रश्न 4. दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किस प्रकार उत्पादन पर नियंत्रण स्थापित करती हैं? बहुराष्ट्रीय कंपनी ‘कारगिल फूड्स’ ने अत्यंत छोटी भारतीय कंपनी ‘परख फूड्स’ को खरीद लिया है। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ एक अन्य तरीके से उत्पादन नियंत्रित करती हैं। विकसित देशों में बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों को उत्पादन का आदेश देती हैं। वस्त्र, जूते-चप्पल एवं खेल के सामान ऐसे उद्योग हैं, जिनका विश्वभर में बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों द्वारा
उत्पादन किया जाता है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों को इनकी आपूर्ति कर दी जाती है, जो अपने प्रश्न 5. विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवेश का उदारीकरण क्यों चाहते हैं? क्या आप मानते हैं कि विकासशील देशों को भी बदले में ऐसी माँग करनी चाहिए? विकासशील देश समय-समय पर विकसित देशों की सरकार से प्रश्न पूछते हैं कि उन्होंने विश्व
व्यापार संगठनों के नियमों को ताक पर रखकर अपने देश में अवरोधक बना रखे हैं। क्या यह मुक्त और न्यायसंगत है?यदि विकासशील देश विश्व व्यापार संगठनों के नियमों को मानकर अवरोधकों को हटा रहे हैं तो विकसित देशों को भी अवरोधकों को हटाना प्रश्न 6. ‘वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है। इस कथन की अपने शब्दों में व्याख्या कीजिए। वैश्वीकरण से बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों और कर्मचारियों को कई चुनौतियों का सामना कंरना पड़ा है। बैटरी, प्लास्टिक, खिलौने, टायर, डेयरी उत्पाद एवं खाद्य तेल के उद्योग कुछ ऐसे उदाहरण हैं, जहाँ प्रतिस्पर्धा के कारण छोटे निर्माता टिक नहीं सके। कई इकाइयाँ बंद हो गईं। जिसके चलते अनेक श्रमिक बेरोजगार हो गए। वैश्वीकरण और प्रतिस्पर्धा के दबाव ने श्रमिकों के जीवन को व्यापक रूप से प्रभावित किया। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण श्रमिकों का रोजगार लंबे समय के लिए सुनिश्चित नहीं रहा। वैश्वीकरण के कारण मिले लाभ में श्रमिकों को न्यायसंगत हिस्सा नहीं मिला। ये सभी प्रमाण संकेत करते हैं कि वैश्वीकरण सभी के लिए लाभप्रद नहीं रहा है। शिक्षित, कुशल और संपन्न लोगों ने वैश्वीकरण से मिले नए अवसरों का सर्वोत्तम उपयोग किया है। दूसरी ओर अनेक लोगों को लाभ में हिस्सा नहीं मिला प्रश्न 7. व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण वैश्वीकरण प्रक्रिया में कैसे सहायता पहुँचाती है? प्रश्न 8. विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में किस प्रकार मदद करता है? यहाँ दिए गए उदाहरण से भिन्न उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
उदाहरण के लिए भारतीय कंप्यूटर बाजार में विदेशी कंपनियों के प्रवेश से
भारतीय तथा विदेशी कंपनियों में प्रतिस्पर्धा होगी। यदि विदेशी कंपनियों के कंप्यूटर बेहतर साबित होंगे तो भारतीय उपभोक्ता के सामने अधिक प्रश्न 9. वैश्वीकरण भविष्य में जारी रहेगा। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आज से बीस वर्ष बाद विश्व कैसा होगा? अपने उत्तर का कारण दीजिए। प्रश्न 10. मान लीजिए कि आप दो लोगों को तर्क करते हुए पाते हैं-एक कह रहा है कि वैश्वीकरण ने हमारे देश के विकास को क्षति पहुँचाई है, दूसरा कह रहा है कि वैश्वीकरण ने भारत के विकास में सहायता की है। इन लोगों को आप कैसे जवाब देगें? अब जबकि वैश्वीकरण अनिवार्य विकल्प है तो सरकार द्वारा वैश्वीकरण को अधिक न्यायसंगत और सर्वव्यापी बनाने की आवश्यकता है ताकि इसका लाभ कुछ लोगों तक ही सीमित न रहे। सरकार को छोटे उद्योगपतियों को सस्ते दामों पर ऋण देकर, बेहतर बिजली की सुविधाएँ देकर विदेशी प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाना चाहिए। विकासशील देशों को प्रश्न 11. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए प्रश्न 12. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए (क) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों से सस्ते दरों (अ) मोटर गाड़ियों पर खरीदती हैं। उत्तर (क) ब (ख) य (ग) द (घ) स (ङ) अ।। प्रश्न 13. सही विकल्प का चयन
कीजिए (क) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और लोगों का (आ) विश्व के देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निवेश का सबसे अधिक सामान्य मार्ग है (क) नए कारखानों की स्थापना (इ) वैश्वीकरण ने जीवन-स्तर के सुधार में सहायता पहुँचाई है (क) सभी लोगों के उत्तर (अ) (क) (आ) (ख) (इ) (ख)। अतिरिक्त परियोजना/कार्य कलाप प्रश्न 1. कुछ ब्रांडेड उत्पादों को लीजिए, जिनका हम रोजाना इस्तेमाल करते हैं (साबुन, टूथपेस्ट, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ इत्यादि)। जाँच कीजिए कि इनमें से कौन-कौन बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा उत्पादित
हैं। प्रश्न 2. अपनी पसंद के किसी भी भारतीय उद्योग या सेवा को लीजिए। उद्योग के निम्नलिखित पहलूओं पर लोगों के साक्षात्कारों, समाचार-पत्रों एवं पत्रिकाओं की कतरनों, पुस्तकों, दूरदर्शन एवं इंटरनेट से जानकारियाँ और फोटो संकलित कीजिए (क) उद्योग में विविध उत्पादक/कंपनियाँ। उत्तर विद्यार्थी इस परियोजना कार्य को भी स्वयं करें। Hope given NCERT Solutions for Class 10 Social Science Economics Chapter 4 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions.com try to provide online tutoring for you. उदारीकरण से क्या तात्पर्य है Class 10?इसका अर्थ है कि वस्तुओं का सुगमता से आयात किया जा सकेगा और विदेशी कंपनियाँ यहाँ अपने कार्यालय और कारखाने स्थापित कर सकेंगी। सरकार द्वारा अवरोधकों एवं प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया को ही उदारीकरण कहते हैं।
उदारीकरण से आप क्या तात्पर्य है?उदारीकरण का अर्थ ऐसे नियंत्रण में ढील देना या उन्हें हटा लेना है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले। उदारीकरण में वे सारी क्रियाएँ सम्मिलित हैं, जिसके द्वारा किसी देश के आर्थिक विकास में बाधा पहुँचाने वाली आर्थिक नीतियों, नियमों, प्रशासनिक नियंत्रणों, प्रक्रियाओं आदि को समाप्त किया जाता है या उनमे शिथिलता दी जाती है।
निजीकरण और उदारीकरण से क्या आशय है?भारत में आर्थिक उदारीकरण 24 जुलाई 1991 के बाद से शुरू हुआ जो जारी रखने के वित्तीय सुधारों को दर्शाता है। निजीकरण के रूप में अच्छी तरह से निजी क्षेत्र के लिए व्यापार और सेवाओं और सार्वजनिक क्षेत्र (या सरकार) से स्वामित्व के हस्तांतरण में निजी संस्थाओं की भागीदारी को दर्शाता है।
उदारीकरण से क्या लाभ है?उदारीकरण के लाभ
1- 1991 के बाद भारत की जीडीपी वृद्धि दर बढ़ी। 2- प्रतिस्पर्धा के कारण, वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार। 3- विनिर्माण क्षेत्र में निजी क्षेत्र की अधिक भागीदारी। 4- गुणवत्ता और सस्ते सामान और सेवाओं के कारण उपभोक्ता को लाभ।
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