दादी माँ पाठ में हमें क्या कठिन लगा? - daadee maan paath mein hamen kya kathin laga?

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'दादी माँ' पाठ लेखक और उसकी दादी माँ के बीच घनिष्ट आत्मीय संबंध की कहानी है। लेखक की दादी माँ ममता, स्नेह, दया, की मूर्ति थी। लेखक की यह कहानी उनकी दादी माँ के प्रेम और सम्पर्ण को समर्पित है। दादी माँ लेखक के परिवार के हर कठिन दौर में उनके साथ छाया के समान रहती थीं।

दादी माँ पाठ में हमें क्या कठिन लगा? - daadee maan paath mein hamen kya kathin laga?

आइये दादी माँ पाठ के प्रश्न-उत्तर देखें

प्रश्न-अभ्यास

कहानी से

प्रश्न.1. लेखक को अपनी दादी माँ की याद के साथ-साथ बचपन की और किन-किन बातों की याद आ जाती है?
उत्तर: लेखक को जब पता चला कि उसकी दादी माँ की मृत्यु हो गयी है तो उनके सामने दादी माँ के साथ बिताईं गई कई यादें जीवित हो उठीं। उसे अपने बचपन की स्मृतियाँ-गंधपूर्ण झाग्भारे जलाशयों में कूदना, बीमार होने पर दादी का दिन-रात सेवा करना, किशन भैया की शादी पर औरतों द्वारा किए जानेवाले गीत और अभिनय के समय चादर ओढ़कर सोना और पकड़े जाना आदि भी याद आ जाती हैं।


प्रश्न.2. दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति खराब क्यों हो गयी थी?
उत्तर: दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति इसलिए ख़राब होने लगी क्योंकि उनके पिताजी व भैया ने धन का सही इस्तेमाल नही किया। ग़लत मित्रों की संगति से सारा धन नष्ट कर डाला। दादा के श्राद्ध में भी दादी माँ के मना करने पर भी लेखक के पिताजी ने अपार संपत्ति व्यय की।


प्रश्न.3. दादी माँ के स्वभाव का कौन सा पक्ष आपको सबसे अच्छा लगता है और क्यों?
उत्तर: दादी माँ के स्वभाव का सेवा, संरक्षण, परोपकारी व सरल स्वभाव आदि का पक्ष हमें सबसे अच्छा लगता है। दादी माँ भले ही कटु वचन बोलती थीं परन्तु घर के सदस्यों तथा दूसरों की आर्थिक मदद के लिए हर समय तैयार रहती थी। रामी चाची का कर्ज माफ़ कर उसे नकद रूपए भी दिए ताकि उसकी बेटी का विवाह निर्विघ्न संपन्न हो जाए। इन्हीं के कारण ही वे दूसरों का मन जीतने में सदा सफल रहीं।

कहानी से आगे

प्रश्न.1. आपने इस कहानी में महीनों के नाम पढ़ें, जैसे - क्वार, आषाढ़, माघ। इन महीनों में मौसम कैसा रहता है, लिखिए। 
उत्तर: क्वार - इस महीने में बारिश समाप्त हो चुकी होती है और हल्की-हल्की ठंड रहती है। आकाश साफ रहता है।
आषाढ़ - इस महीने में वर्षा आरम्भ हो जाती है। कभी-कभी ना हो तो गर्मी बढ़ जाती है।
माघ - इस महीने में अत्यधिक ठंड होती है।

प्रश्न.2. अपने-अपने मौसम की अपनी-अपनी बातें होती हैं’-लेखक के इस कथन के अनुसार, यह बताइए कि किसे मौसम में कौन-कौन सी चीजें विशेष रूप से मिलती हैं?
उत्तर: मौसम तीन होते हैं-सरदी, गरमी और बरसात
सरदी: सरदी के मौसम में अत्यधिक ठंड पड़ती है। लोग गर्म पेय पीना पसंद करते हैं। फलों में सेब, अमरूद, केले व अंगूर तथा सब्जियों में पालक, बथुआ, सरसों, मटर, फूलगोभी व मूली अधिक मात्रा में मिलते हैं।
गरमी: गरमी के मौसम में आम, लीची, खरबूजा, तरबूज, खीरा, ककड़ी, अंगूर जैसे फल पाए जाते हैं। सब्जियों में भिंडी, टिंडा, तोरई, घीया, कटहल, खीरा, ककड़ी आदि अधिक मिलते हैं।
बरसात: बरसात के मौसम में अत्यधिक वर्षा होती है। फलों में कई प्रकार के आम, आलूबुखारा, खुरमानी के अलावे इस मौसम के सब्जियों में बैंगन, करेले, परवल, फलियाँ आदि काफ़ी मात्रा में पाए जाते हैं।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न.1. इस कहानी में कई बार ऋण लेने की बात आपने पढ़ी। अनुमान लगाइए, किन-किन पारिवारिक परिस्थितियों में गाँव के लोगों को ऋण लेना पड़ता होगा और यह उन्हें कहाँ से मिलता होगा? बड़ों से बातचीत कर इस विषय में लिखिए।
उत्तर:
गाँव के लोग प्रायः आर्थिक तंगी से परेशान रहते हैं। कई बार ऐसी परिस्थितियाँ आ जाती हैं जब लोग ऋण शादी-विवाह के खर्च के लिए मकान बनवाने के लिए, बच्चों की फ़ीस जमा करने के लिए, फसलों की बुआई के लिए, बच्चों की पढ़ाई के लिए, पशु खरीदने के लिए, किसी पारिवारिक सदस्य की मृत्यु के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए, प्रायः लोग ऋण लिया करते हैं।
यह ऋण उन्हें गाँव के ज़मीदारों व साहूकारों से मिलता है। इसके अलावे यह ऋण सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, सरकार के विभागों, डाकघर से तथा सहकारी समितियों से लोगों को विभिन्न प्रयोजनों के लिए ऋण मिलने लगा है।

प्रश्न.2. घर पर होनेवाले उत्सवों/समारोहों में बच्चे क्या-क्या करते हैं? अपने और अपने मित्रों के अनुभवों के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
घर पर होनेवाले उत्सवों/समारोहों में बच्चे नए-नए कपड़े पहनकर, नाना प्रकार के व्यंजनों का आनंद लेकर व नाच-गाकर खूब मस्ती करते हैं। इसके अतिरिक्त मित्रों से भी इस विषय में बातचीत कीजिए।

भाषा की बात

प्रश्न.1. नीचे दी गई पंक्तियों पर ध्यान दीजिए - 
जरा-सी कठिनाई पड़ते 
अनमना-सा हो जाता है 
सन-से सफेद 
समानता का बोध कराने के लिए सा, सी, से का प्रयोग किया जाता है। 
ऐसे पाँच और शब्द लिखिए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए। 
उत्तर: मिश्री-सी: बच्चों की मिश्री-सी बातें कानों को बहुत आनंद देती हैं।
नीला-सा: आकाश नीला-सा हो गया है।
कछुए-सी: शिक्षक को सामने देखकर उसकी चाल कछुए-सा हो गयी।
सागर-सा: कबीर के दोहों में सागर-सा गहरा ज्ञान है।
रुई-से: दादीजी के बाल रुई-से सफ़ेद हो गए थे।


प्रश्न.2. कहानी में 'छू-छूकर ज्वर का अनुमान करतीं, पूछ-पूछकर घरवालों को परेशान कर देतीं' - जैसे वाक्य आए हैं। किसी क्रिया को ज़ोर देकर कहने के लिए एक से अधिक बार एक ही शब्द का प्रयोग होता है। जैसे वहाँ जा-जाकर थक गया, उन्हें ढूँढ़-ढूँढ़कर देख लिया।
इस प्रकार के पाँच वाक्य बनाइए। 
उत्तर:

  1. वे जोकर के करतबों को देख-देखकर हँस रहे थे।
  2. बच्चे अपने पाठ को बोल-बोलकर याद कर रहे थे। 
  3. वह अपनी बात को सच साबित करने के लिए जोर-जोर से चिल्ला रहा था।
  4. उसके बार-बार के मूर्खतापूर्ण कार्यों से सब तंग आ गए।
  5. भीड़ ने अपराधी को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया।

प्रश्न.3. बोलचाल में प्रयोग होनेवाले शब्द और वाक्यांश 'दादी माँ' कहानी में हैं। इन शब्दों और वाक्यांशों से पता चलता है कि यह कहानी किसी विशेष क्षेत्र से संबंधित है। ऐसे शब्दों और वाक्यांशों में क्षेत्रीय बोलचाल की खूबियाँ होती हैं। उदाहरण के लिए - निकसार, बरह्मा, उरिन, चिउड़ा, छौंका इत्यादि शब्दों को देखा जा सकता है। इन शब्दों का उच्चारण अन्य क्षेत्रीय बोलियों में अलग ढंग से होता है, जैसे - चिउड़ा को चिड़वा, चूड़त्र, पोहा और इसी तरह छौंका को छौंक, तड़का भी कहा जाता है। निकसार, उरिन और बरह्मा शब्द क्रमशः निकास, उऋण और ब्रह्मा शब्द का क्षेत्रीय रूप हैं। इस प्रकार के दस शब्दों को बोलचाल में उपयोग होनेवाली भाषा/बोली से एकत्र कीजिए और कक्षा में लिखकर दिखाइए।
उत्तर: बन्दा, लच्छन, भनक, किरपा, लक्षमण, रिसतेदार, लच्छमी, आदि।

दादी मां कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

पाठ 'दादी माँ' हमें यह प्रेरणा देता है कि बड़ों की सीख सदैव महत्त्वपूर्ण होती है। हमें अपने बुजुर्गों की भावनाओं को समझकर उनका सम्मान करना चाहिए। हमें सदैव उनका पूरा खयाल रखना चाहिए। जिस प्रकार उन्होंने हमारी चिंता व परवाह की, वैसे ही हमें उनकी बुढ़ापे में करनी चाहिए।

लेखक द्वारा दादी माँ पाठ लिखने का उद्देश्य क्या है?

लेखक द्वारा 'दादी माँ' कहानी लिखने का उद्देश्य है कि जीवन की ऐसी मधुर यादें होती हैं जो कभी भी नहीं भूलती और कई यादें हमें प्रेरणा देती हैं। इस पाठ से भी यही सीख मिलती है कि जब लेखक को अपनी दादी की मृत्यु का संदेश मिलता है तो वह अपने बचपन की यादों में खो जाता है जो दादी के साथ जुड़ी थी।

दादी माँ के स्वभाव की विशेषताएं क्या क्या है?

दादी माँ का स्वभाव दयालु है। उनके स्वभाव का यही पक्ष सबसे अच्छा लगता है। दादी माँ अपने घर के सदस्य से लेकर गरीबों तक की मदद करने से पीछे नहीं हटती हैं। जैसे - (i) रामी चाची के उधार न चुकाने पर भी दादी माँ उनकी बेटी की शादी में आर्थिक सहायता करती हैं।

दादी माँ पाठ में लेखक बारात में क्यों नहीं गया *?

लेखक के किशन भैया की शादी थी| लेखक को बुखार आ रहा था इसलिए वह बारात में नहीं गयादादी माँ ने लेखक को उसके पास ही चारपाई पर सुला दिया। घर में औरतें विवाह की रात को अभिनय करती हैं।