दीपक देख्या में कौन सा अलंकार है? - deepak dekhya mein kaun sa alankaar hai?

दीपक देख्या में कौन सा अलंकार है? - deepak dekhya mein kaun sa alankaar hai?
Deepak Alankar

दीपक अलंकार

परिभाषा– जहाँ पर प्रस्तुत और अप्रस्तुत का एक ही धर्म स्थापित किया जाता है वहाँ पर दीपक अलंकार होता है। यह अलंकार, Hindi Grammar के Alankar के भेदों में से एक हैं।

दीपक अलंकार के उदाहरण

उदाहरण 1.

चंचल निशि उदवस रहें, करत प्रात वसिराज।
अरविंदन में इंदिरा, सुन्दरि नैनन लाज।।

दीपकालंकार, संस्कृत

जिस अलंकार में उपमान तथा उपमेय का क्रियादिरूप धर्म जो एक ही बार ग्रहण किया जाता है, वह एक जगह स्थित भी समस्त वाक्य का दीपक होने से ‘दीपकालंकार’ होता है। जैसे – दरवाजे की देहलीज पर रखा दीपक कमरे के बाहर और भीतर दोनों जगह प्रकाश करता है।

उदाहरणस्वरूप:

उदाहरण 1.

कपणानां धनं नागानां फणमणिः केसराः सिंहानाम् ।
कुलबालिकानां स्तनाः कुतः स्पृश्यन्तेऽमृतानाम् ।।

उदाहरण 2.

स्वियति कूणति वेल्लति विचलति निमिषति विलोकयति तिर्यक ।।
अन्तर्नन्दति चुम्बितुमिच्छति नवपरिणया वधूः शयने ।।।

स्पष्टीकरण – प्रथम उदाहरण में एक ही क्रियापद ‘स्पृश्यन्ते’ है और उसके साथ धन, फणमणि, केसर और स्तनादि अनेक कारकों का सम्बन्ध स्थापित हुआ है।

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दीपक अलंकार

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अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार

  • दे
  • वा
  • सं

रस, छन्द, अलंकार

रस

शृंगार रस • हास्य रस • करुण रस • रौद्र रस • वीर रस • भयानक रस • वीभत्स रस• अद्भुत रस • शांत रस

छन्द

कवित्त • सोरठा • दोहा • चौपाई • रोला • हरगीतिका • वरबै • कुण्डलिया • घनाक्षरी • हरगीतिका

सवैया के प्रकार

दुर्मिल सवैया • किरीट सवैया • सुन्दरी सवैया • मत्तगयन्द सवैया

अलंकार (अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार)

उपमा अलंकार• अनन्वय अलंकार • रूपक अलंकार • परिनाम अलंकार • गुंफ अलंकार • कारन अलंकार • भ्रान्ति अलंकार • संदेह अलंकार • अपन्हुति अलंकार • उत्प्रेक्षा अलंकार • अतिशयोक्ति अलंकार • उपमानोपमेय अलंकार • संभावना अलंकार • व्यतिरेक अलंकार • विरोधाभास अलंकार • असंभव अलंकार • अल्प अलंकार • अन्योन्य अलंकार • यथासंख्य अलंकार • श्लेष अलंकार • परिवृत्त अलंकार • सहोक्ति अलंकार • विशेषोक्ति अलंकार • लेस अलंकार• अत्युक्ति अलंकार • लोकोक्ति अलंकार • व्याजोक्ति अलंकार • गूढ़ोक्ति अलंकार • जुक्ति अलंकार • प्रतीप अलंकार • परिकर अलंकार • परिकरांकुर अलंकार • प्रहर्षन अलंकार • तुल्ययोगिता अलंकार • दीपक अलंकार • दीपकवृत्ति अलंकार • निदर्शना अलंकार • प्रतिवस्तूपमा अलंकार • समासोक्ति अलंकार • आक्षेप अलंकार • विभावना अलंकार • विषम अलंकार • अधिक अलंकार • मीलित अलंकार • उन्मीलित अलंकार • सामान्य विशेष अलंकार • तद्गुण अलंकार • अतद्गुण अलंकार • अनुगुन अलंकार • पूर्वरूप अलंकार • समुच्चय अलंकार • वक्रोक्ति अलंकार • एकावलि अलंकार• मालादीपक अलंकार • क्रम अलंकार • पर्याय अलंकार • विनोक्ति अलंकार • परिसंख्या अलंकार• विकल्प अलंकार • समाधि अलंकार • काव्यलिंग अलंकार • अर्थान्तरन्यास अलंकार • ललित अलंकार • अनुज्ञा अलंकार • रत्नावलि अलंकार• गुढ़ोत्तर अलंकार • भाविक अलंकार • उदात्त अलंकार • निरुक्ति अलंकार • प्रतिषेध अलंकार• विधि अलंकार • हेतु अलंकार • दृष्टान्त अलंकार• प्रस्तुतांकुर अलंकार • अप्रस्तुतांकुर अलंकार • असंगति अलंकार • सम अलंकार • विचित्र अलंकार • व्याघात अलंकार • प्रत्यनीक अलंकार• अनुप्रास अलंकार•

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श्रेणी:

  • हिन्दी साहित्य

प्रभुजी तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरे दिन राती में कौनसा अलंकार है?

प्रश्न – प्रभुजी तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरे दिन राती में कौनसा अलंकार है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।

उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है क्योंकि यहाँ अंतिम वर्णों की समानता के कारण काव्य पंक्ति में चमत्कार उत्पन्न हो रहा है।

इस पंक्ति में अनुप्रास अलंकार का कौन सा भेद हैं?

पंक्ति में बाती तथा राती में तुक मिल रहा है इसलिए यहाँ अंत्यानुप्रास है। ज वर्ण की आवृत्ति के कारण यहाँ वृत्यानुप्रास भी है।

जैसा कि आपने इस उदाहरण में देखा जहां पर किसी वर्ण के विशेष प्रयोग से पंक्ति में सुंदरता, लय तथा चमत्कार उत्पन्न हो जाता है उसे हम शब्दालंकार कहते हैं।

अनुप्रास अलंकार शब्दालंकार का एक प्रकार है। काव्य में जहां समान वर्णों की एक से अधिक बार आवृत्ति होती है वहां अनुप्रास अलंकार होता है।

प्रभुजी तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरे दिन राती में अलंकार से संबन्धित प्रश्न परीक्षा में कई प्रकार से पूछे जाते हैं। जैसे कि – यहाँ पर कौन सा अलंकार है? दी गई पंक्तियों में कौन सा अलंकार है? दिया गया पद्यान्श कौन से अलंकार का उदाहरण है? पद्यांश की पंक्ति में कौन-कौन सा अलंकार है, आदि।

पंक्ति में अन्य अलंकार की उपस्थिति-

दीपक और बाती में रुपक अलंकार है।

दीपक में कौन सा अलंकार है?

दीपकालंकार, संस्कृत जिस अलंकार में उपमान तथा उपमेय का क्रियादिरूप धर्म जो एक ही बार ग्रहण किया जाता है, वह एक जगह स्थित भी समस्त वाक्य का दीपक होने से 'दीपकालंकार' होता है। जैसे – दरवाजे की देहलीज पर रखा दीपक कमरे के बाहर और भीतर दोनों जगह प्रकाश करता है।

दीपक देख्या में कौन सा अलंकार है * 1 Point उत्प्रेक्षा अलंकार अनुप्रास अलंकार रूपक अलंकार?

Deepak Dekhiya Kaun Sa Alankar Hai.

जरै बिरह ज्यों दीपक बातों में कौन सा अलंकार है?

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कुंतल जाल में कौनसा अलंकार है?

प्रस्तुत पंक्ति में अनुप्रास अलकांर है क्योंकि यहा अंतिम वर्णो की समानता के कारण काव्य पंक्ति में चमत्कार उत्पन्न हो रहा है ।