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खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं? खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? इंडियन एयरफोर्स का मल्टीरोल फाइटर जेट डैसो राफेल (Dassault Rafale) को उड़ाने के लिए एक या दो क्रू की जरूरत होती है. लंबाई 50.1 फीट, विंगस्पैन 35.9 फीट, ऊंचाई 17.6 फीट और खाली वजन 10, 300 किलोग्राम है. इसमें 4400 से 4700 किलोग्राम फ्यूल आता है. यह अधिकतम 1912 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ता है. इसकी कॉम्बैट रेंज 1850 किलोमीटर है. यह अधिकतम 51,952 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है. राफेल जब सीधे आसमान की ओर उड़ान भरता है तब इसकी गति 304.8 मीटर प्रति सेकेंड होती है. इसमें 30 मिलिमीटर की एक 125 राउंड वाली ऑटोकैनन लगी है. इसके अलावा 14 हार्डप्वाइंट्स होते हैं वायुसेना के वर्जन के लिए और 13 नौसैनिक वर्जन के लिए. यानी सेनाओं के हिसाब से हथियार लगाने की सुविधा. इसमें हवा से हवा, हवा से जमीन, हवा से शिप और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. इसके अलावा इसमें कई तरह के बम लगा सकते हैं. (फोटोः PTI) नई दिल्ली, एजेंसी। America's Deadly Weapons: दुनिया का सबसे ताकतवर कहा जाने वाला देश अमेरिका जिसे हमेशा से खुद को बड़ा और खतरनाक बनाने की चाहत रहती है, जिसके चलते उसने कई ऐसे हथियार बनाए हैं जिन्होंने अमेरिका को अकेले ही कई युद्ध में जीत हासिल करने में मदद की है। ये हथियार जिस जमाने में खोजे गए थे, उस समय इनके सामने आने से पहले दुश्मन की रूह भी कांप जाती थी। आप इन हथियारों की मारक क्षमता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अमेरिकी एटम बम ने ही जापान के हिरोशिमा-नागासाकी को बर्बाद कर दिया था। आइए जानते हैं अमेरिका के बनाए ऐसे 7 खतरनाक हथियारों के बारे में जिन्होंने दुश्मनों को नाको चने चबाने पर मजबूर कर दिया। Earthquake in America: उत्तरी कैलिफोर्निया में महसूस किए गए भूकंप के झटके, 6.4 रही तीव्रता यह भी पढ़ेंये हैं अमेरिका के बनाए 7 सबसे खतरनाक हथियार, जो कई बार मचा चुके हैं तबाही द गैटलिंग गन (The Gatling Gun)अमेरिकी गृहयुद्ध (American Civil War) के दौरान इस बंदूक को तैनात किया गया था। अमेरिका ने उस समय कई युद्ध इसी बंदूक के बलबूते जीते गए। यह पहली रैपिड फायर गन थी। गैटलिंग गन को अमेरिकी वैज्ञानिक रिचर्ड गैटलिंग ने बनाया था। शुरुआती बंदूक के चारों ओर छह नाल होती थीं, जो एक मिनट में 350 गोलियां दागती थीं। बाद में अमेरिकी सेना ने शोध करके इस बंदूक को और विकसित कर लिया। अमेरिका ने कहा- भारत-पाक के बीच हो रचनात्मक संवाद, न कि वाकयुद्ध; हमारे लिए दोनों देश महत्वपूर्ण यह भी पढ़ेंइसमें 6 की जगह 10 नाल लगाए गए, जो एक मिनट में 400 गोलियां दागती थीं। समय बदलने के साथ-साथ गैटलिंग गन की जगह द मैग्जिम मशीन गन (The Maxim Machine Gun) ने ले ली। जिसने प्रथम विश्व युद्ध (First world war) में कहर बरपाया था। परमाणु बम (Atomic Bomb)द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने परमाणु बम (Atomic Bomb) विकसित किया था। 1939 की इस योजना को मैनहट्टन प्रोजेक्ट का नाम दिया गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट को यूरेनियम कमेटी ने बताया था कि यह दुनिया का सबसे खतरनाक बम है। परीक्षण के बाद उन्होंने यह भी बताया था कि अब तक ऐसी तबाही किसी बम ने नहीं की है। PM मोदी के खिलाफ बिलावल भुट्टो की टिप्पणी पर जानें क्या बोला अमेरिका यह भी पढ़ेंद्वितीय विश्व युद्ध में जब जापान ने अमेरिका के पर्ल हार्बर पर हमला किया, तो अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा-नागासाकी पर वही परमाणु बम गिराकर उसे तबाह कर दिया था। इस बम को जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने बनाया था। इन्हें फादर ऑफ एटॉमिक बॉम्ब कहा जाता है। इन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एटम बम को विकसित करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। America News: हवा में विमान लहराने से थमी रहीं 278 यात्रियों की सांसें, 36 घायल; 11 की हालत गंभीर यह भी पढ़ेंप्रिसिजन गाइडेड वेपन्स (Precision-guided Weapons)ये वो हथियार होते हैं जो पहले से तय किए गए लक्ष्य पर अचूक हमला करते हैं। 70 के दशक में अमेरिका ने ऐसे हथियारों का बेहतरीन जखीरा खड़ा कर दिया था। उदाहरण के लिए - अमेरिका ने 1943 में 400 बी-17 बॉम्बर लॉन्च किए थे, जिन्होंने जर्मनी के बॉल-बियरिंग प्लांट्स की धज्जियां उड़ा दी थीं। 1972 के वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिका ने लेजर गाइडेड बम बनाए और दागे। इससे अमेरिका की ताकत में बेहतरीन इजाफा हुआ। पिछले 40 सालों में अमेरिका के प्रिसिजन गाइडेड वेपन्स ने उसे हर तरह के युद्ध में बढ़त और जीत दिलाई है। इन हथियारों का फायदा उसे अब भी मिल रहा है। स्टेल्थ (Stealth)स्टेल्थ यानी चुपके से वार करना। रूस ने जब 1960-70 के दशकों में जमीन से हवा में मार करने की तकनीक विकसित कर ली, तब अमेरिका ने स्टेल्थ तकनीक की खोज की। रूस के वैज्ञानिक प्योर उफिमेत्सेव स्टेल्थ तकनीक की खोज कर ही रहे थे कि उनका फॉर्मूला अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन के वैज्ञानिक डेनिस ओवरहोल्सर को मिल गया। उन्होंने उसे और विकसित करके रूस से पहले ही स्टेल्थ विमान बना लिया और जिसका नाम होपलेस डायमंड था। होपलेस डायमंड ही बाद में लॉकहीड F-117 लड़ाकू विमान में विकसित हो गया। यह 1981 में दुनिया का पहला ऑपरेशनल स्टेल्थ एयरक्राफ्ट था। बाद में बी-2, एफ-22, एफ-35 जैसे स्टेल्थ लड़ाकू विमान बनाए गए। ये विमान राडार की पकड़ में नहीं आते हैं, क्योंकि इनकी गति और एंटी-इंफ्रारेड तकनीक इसे राडार की नजर में आने से बचाती है। B-2 स्पिरिट स्टील्थ बाम्बर US B-2 Spirit Stealth bomber दुनिया में सबसे खतरनाक बाम्बर के तौर पर जाना जाता है। यह स्टील्थ एयरक्राफ्ट है। इसे कोई भी रडार ट्रैक नहीं कर सकता। ऐसे में यह दुश्मन को चकमा देने और लक्ष्य को भेदने में अत्यधिक सक्षम होता है। B-2 स्पिरिट स्टील्थ एक साथ 16 परमाणु बमों को अपने साथ लेकर उड़ सकता है। यह बाम्बर अपनी एक ही उड़ान में किसी भी देश के बड़े इलाके को तहस-नहस कर सकता है ड्रोन्स (Drones)जब आबे कारेम ने पहली बार जीनैट बनाया था, तब उन्होंने सोचा भी नहीं था कि यह आगे चलकर 1990 में एमक्यू-1 प्रीडेटर नामक खतरनाक ड्रोन बनेगा, जो युद्ध की परंपरा को ही बदलकर रख देगा। इसके बाद अगले 15 सालों में मानवरहित विमान बनाने के मामले में अमेरिका ने काफी तरक्की कर ली। एमक्यू-9सी रीपर ड्रोन बनाया गया, जो एमक्यू-1 प्रीडेटर से ज्यादा मारक और तेज था। इसके बाद नॉर्थरोप ग्रुमेन एक्स-47बी बनाया गया। यह फाइटर जेट है जिसे पायलट नहीं उड़ाते, बल्कि रिमोट के जरिए उड़ाया जाता है। यह बेहद खतरनाक अमेरिकी ड्रोन है। ड्रोन्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे उड़ाने के लिए किसी पायलट की जरूरत नहीं होती। ये रिमोट से चलते हैं। ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी को मारने के लिए अमेरिका ने ड्रोन का ही उपयोग किया। GBU-28 लेजर गाइडेडजीबीयू-28 लेजर गाइडेड बंकर बस्टर है। इसकी रेंज इतनी है कि ये प्लेन से पांच मील की दूरी पर निशाना साधा जा सकता है। ये कंक्रीट जमीन के 20 फीट तक के अंदर घुस सकता है। विस्फोटक क्षमता की बात की जाए तो 630 एलीबीज हाई एक्सप्लोसिव है। यह बंकर नष्ट करने वाला एक बड़ा हथियार है। एक्टिव डेनियल सिस्टम (Active Denial System) इसको इंसानों को टार्गेट करने के लिए बनाया गया है। इससे इंसान को दर्द होता है। इसको अमेरिकी एयरफोर्स ने बनाया है। इसे रेथिओन कंपनी ने बनाया है जिसे हीट रे भी कहा जाता है। इस हथियार से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव निकलती हैं। इसका इस्तेमाल भीड़ को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है। सबसे खतरनाक हथियार कौन से देश में है?परमाणु बम (Atomic Bomb)
अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट को यूरेनियम कमेटी ने बताया था कि यह दुनिया का सबसे खतरनाक बम है।
दुनिया की सबसे खतरनाक हथियार कौन सा है?1- जार बम दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु बम है।
भारत के 5 सबसे खतरनाक हथियार कौन सा है?आइए हम आपको बताते हैं भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना के उन घातक हथियारों के बारे में, जिससे दुश्मन देश थर्राते हैं.. 1- ब्रह्मोस मिसाइल मल्टी मिशन बैलिस्टिक मिसाइल ब्रह्मोस (Multi mission Ballistic Missile Brahmos) की मारक क्षमता 290 किलोमीटर तक है. ... . फाल्कन अवाक्स ... . पिनाक ... . आईएनएस विक्रमादित्य ... . सुखोई एसयू-30 एमकेआई. भारत का सबसे खतरनाक हथियार कौन?भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के पास मौजूद राफेल (Rafale) लड़ाकू विमान कई घातक हथियारों से लैस है. राफेल में तीन तरह की मिसाइल लगाई जा सकती हैं, जिसमें हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल के अलावा हैमर मिसाइल शामिल हैं.
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