दो बैलों की कथा कहानी क्या संदेश देती है? - do bailon kee katha kahaanee kya sandesh detee hai?

विषयसूची

  • 1 दो बैलों की कथा पाठ क्या संदेश देता है?
  • 2 दूसरे दिन गया बैलों को कैसे ले गया?
  • 3 दो बैलों की कथा की मूल संवेदना क्या है?
  • 4 सांड को मार गिराने की घटना से आपको क्या शिक्षा मिलती है?
  • 5 झूरी के साले का नाम क्या था?

दो बैलों की कथा पाठ क्या संदेश देता है?

इसे सुनेंरोकें’दो बैलों की कथा’ प्रेमचंद द्वारा लिखित रचना है। समाज को अपनी रचनाओं के माध्यम से कैसे जगाया जाए, यह उन्हें बहुत अच्छी तरह आता है। यह कहानी सांकेतिक भाषा में यह संदेश देती है कि मनुष्य हो या कोई भी प्राणी हो, स्वतंत्रता उसके लिए बहुत महत्व रखती है। स्वतंत्रता को पाने के लिए लड़ना भी पड़े, तो बिना हिचकिचाए लड़ना चाहिए।

दो बैलों की कथा से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

इसे सुनेंरोकेंइस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। जैसे हीरा और मोती ने अपनी आज़ादी को पाने के लिए हर कष्ट सहे।

दूसरे दिन गया बैलों को कैसे ले गया?

इसे सुनेंरोकेंदूसरे दिन गया बैलों को कैसे ले गया? (D) गाड़ी में जोत कर। उत्तर. गाड़ी में जोत कर।

बैल का जन्म लिया है तो मरने से कहां तक बचेंगे दो बैलों की कथा कहानी में यह कथन किसका है?

इसे सुनेंरोकें’बैल का जन्म लिया है तो मरने से कहाँ तक बचेंगे’ यह कयन किसका है? यह कथन मोती का है।

दो बैलों की कथा की मूल संवेदना क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसारांश यह कहानी दो बैलों के बारे में है जो अपने मालिक से बेहद प्यार करते थे और जिनमे आपस में भी गहरी मित्रता थी। दोनों बैल स्वाभिमानी, बहादुर और परोपकारी हैं। यह कहानी बड़ी ही रोचक है और सरल भाषा में लिखी गई है।

दो बैलों की कथा पाठ का मूल भाव क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमुंशी प्रेमचंद्र द्वारा लिखित पाठ दो बैलों की कथा की विधा कहानी है। इस कहानी में भावात्मक कथा के माध्यम से लेखक प्रेमचंद जी ने किसान और पशुओं का भावात्मक संबंध स्थापित किया है। लेखक ने यहां बताया है कि स्वतंत्रता सबको प्रिय होती है और जब स्वतंत्रता सहज रूप से प्राप्त नहीं होती तो उसके लिए अनेक बार संघर्ष करना पड़ता है।

सांड को मार गिराने की घटना से आपको क्या शिक्षा मिलती है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: इससे यह सन्देश मिलता है की एकता में बल होता है. अगर हम एकता में रहें तो हमसे ताकतवर शत्रु भी हमारा कुछ बिगाड़ नहीं सकता।

साँड क्या करता चला आ रहा था?

इसे सुनेंरोकेंअवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है. दोनों एक-दूसरे को चाटकर सूँघकर अपना प्रेम प्रकट करते, कभी-कभी दोनों सींग भी मिला लिया करते थे, विग्रह के नाते से नहीं, केवल विनोद के भाव से, आत्मीयता के भाव से, जैसे दोनों में घनिष्ठता होते ही धौल-धप्पा होने लगता है.

झूरी के साले का नाम क्या था?

इसे सुनेंरोकें’झूरी’ के साले का नाम ‘गया’ था। गया ही वह व्यक्ति था जो झूरी के यहां से दोनों बैल हीरा और मोती को अपने यहां ले गया था।

दो बैलों की कथा में झूरी के साले का क्या नाम था?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर ३:- हीरा का।

दो बैलों की कथा 1931 में मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित हिन्दी कहानी है।

सारांश

'दो बैलों की कथा' प्रेमचंद द्वारा लिखित रचना है। प्रेमचंद अपनी रचनाओं के माध्यम से संदेश देने में माहिर हैं। समाज को अपनी रचनाओं के माध्यम से कैसे जगाया जाए, यह उन्हें बहुत अच्छी तरह आता है। यह कहानी सांकेतिक भाषा में यह संदेश देती है कि मनुष्य हो या कोई भी प्राणी हो, स्वतंत्रता उसके लिए बहुत महत्व रखती है। स्वतंत्रता को पाने के लिए लड़ना भी पड़े, तो बिना हिचकिचाए लड़ना चाहिए। जन्म के साथ ही स्वतंत्रता सबका अधिकार है, उसे बनाए रखना सबका परम कर्तव्य है। दो बैलों की कथा में बैलों के माध्यम से लेखक अपने विचार समाज के समक्ष रखता है। इस कहानी में दो मित्र बैल अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए संघर्ष करते हैं। यह कहानी दो बैलों के बीच में घनिष्ठ भावात्मक संबंध को दर्शाती है। यह कहानी मनुष्य और जानवर के बीच में उत्पन्न परस्पर संबंध का सुंदर चित्र भी प्रस्तुत करती है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • द एनिमल फॉर्म (जॉर्ज ओर्वेल का लघु अंग्रेजी उपन्यास)

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • दो बैलो की कथा (हिन्दी विकिस्रोत पर)
  • कुछ श्रेष्ठ कृतियां समुचित प्रकाश-प्रसार में नहीं (प्रेसनोट)
  • दो बैलों की कथा मुंशी प्रेमचंद की कहानी

दो बैलों की कथा में क्या संदेश देती है?...


चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

नमस्कार भाइयों आपका सवाल है दो बैलों की कथा में क्या संदेश देती है देखिए दो बैलों की कथा प्रेमचंद द्वारा रचित कहानी है यह ग्रामीण अंचलों में एक किसान और 1000 और जानवर इन दोनों के बीच में कैसा संबंध होता है यही दिखलाता है हम लोग जो है गोवंश जो बैल वगैरह है उसको जो है क्योंकि वह हमारे कृषि में काम आता है इसीलिए हम लोग उन्हें क्या कहेंगे रिस्पेक्टफुली अपने घर में बंद करके रखते हैं पाकिस्तान लोग बंद करके रखते हैं और यह आपका बैल भी जो है उसी घर को जो है अपना घर समझ लेता है तो इसमें आप संदेश के रूप में रिया मान सकते हैं कि जो जानवर है उनके साथ जो है गलत व्यवहार नहीं होना चाहिए उनके साथ मारपीट गलत व्यवहार से मेरा मतलब यह है कि उनको जहां मन तहां जो है आप बेच देते हैं बांध देते हैं जबकि उनकी भावनाएं होती हैं यही मेरा घर है और दोनों भाइयों मैंने खुद देखा है मैं गांव से बिलॉन्ग करता हूं और मेरे जो स्वर्गीय दादाजी थे वह गांव में खेती किसानी करते थे बचपन में मैंने देखा था कि जब हुए एक बैल को बेच रहे थे तो मोबाइल में जाने का नाम ही नहीं ले रहा था वहां से और मैं रोने लगा बचपन में तो मुझे यह सारी बातें जब इस कहानी पढ़ने को मिलती है तो मैं समझता हूं प्रेमचंद ग्रामीण व्यवस्था पर और यहां आओ जो बात है कि वह जानवर जो है जानवर भी इंसानों से अपने किसान से प्यार करने लगते हैं मोहब्बत करने लगते हैं उन्हीं को अपना सब कुछ समझते हैं और हम लोगों को उनके साथ एकदम एक परिवार के सदस्य की तरह व्यवहार करना चाहिए हमें सिखाता है आर्यभट्ट के बारे में होंगे तो यही सब बात उसमें छिपी हुई है और यह हमारी उस महान परंपरा पर है कि जानवरों के साथ यह सब बाहर निकल कर के आती है इन सभी चीजों का हम लोग परित्याग करते हैं जो जानवर हमें खेतों में काम करके हमारे कुटुंब का भरण पोषण करता है और उसके प्रति हम लोग बेरुखी नहीं करें एक बात सिखलाती है हम लोगों को और बहुत ही अच्छी कहानी है इसको पढ़ने पर जो है जो किसान परिवार से बिलॉन्ग करते होंगे उनको अपना घर का वह किसानी का काम याद आ जाता होगा तो बहुत ही अच्छी कहानी है अच्छा हुआ इसमें धन्यवाद

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दो बैलों की कथा पाठ क्या संदेश देता है?

यह कहानी सांकेतिक भाषा में यह संदेश देती है कि मनुष्य हो या कोई भी प्राणी हो, स्वतंत्रता उसके लिए बहुत महत्व रखती है। स्वतंत्रता को पाने के लिए लड़ना भी पड़े, तो बिना हिचकिचाए लड़ना चाहिए। जन्म के साथ ही स्वतंत्रता सबका अधिकार है, उसे बनाए रखना सबका परम कर्तव्य है।

दो बैलों की कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

दो बैलों की कथा से हमें क्या शिक्षा मिलती है? इसे सुनेंरोकेंइस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। जैसे हीरा और मोती ने अपनी आज़ादी को पाने के लिए हर कष्ट सहे।

दो बैलों की कथा का सारांश क्या है?

दो बैलों की कथा का सारांश यह कहानी दो बैल हीरा और मोती की है जिनको झुरी ने बड़े ही प्यार से पाला था। एक बार किसी कारण वर्श झुरी को उन बैलों को अपने ससुराल में झुरी के साले गया के पास छोड़ना पड़ता है। लेकिन हीरा और मोती को लगता है कि उनके मालिक ने उन्हें गया को बेच दिया है।

दो बैलों की कथा पाठ की विधा क्या है?

*1 point. एकांकी