तृतीय एस्टेट में कौन से लोग आते हैं? - trteey estet mein kaun se log aate hain?

तृतीय एस्टेट मे कौन से लोग आते थे? टैक्स कौन अदा करता था और किसको?


तृतीय एस्टेट में निम्नलिखित लोग आते थे;

  1. बड़े व्यवसायी, व्यापारी, वकील, किसान, कारीगर, छोटे किसान, भूमिहीन मजदूर और नौकर।
  2. तृतीय एस्टेट में कुछ लोग अमीर थे तो कुछ लोग गरीब। ये जनसंख्या के 95 प्रतिशत भाग मे थे। ये राज्य को टैक्स आदा करते थे।
  3. टैक्स का रूप था: टाइद, टाइल और कई प्रकार के अप्रत्यक्ष कर ।


फ्रांसीसी समाज के किन तबकों को क्रांति का फ़ायदा मिला? कौन-से समूह सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर हो गए? क्रांति के नतीजों से समाज के किन समूहों को निराशा हुई होगी?  


फ्रांस की क्रांति से सबसे अधिक लाभ पढ़े-लिखे धनी मध्य वर्ग को पहुंचा। राज परिवार, पादरी तथा कुलीन वर्ग को सत्ता छोड़ने के लिए विवश किया गया। क्रांति के परिणामों से वहां की महिलाओं को निराशा का सामना करना पड़ा।

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उन जनवादी अधिकारों की सूची बनाएँ जो आज हमें मिले हुए हैं और जिनका उद्ग्म फ्रांसीसी क्रांति में हैं।


ऐसे प्रजातांत्रिक अधिकार जिनकी उत्पत्ति फ्रांसीसी क्रांति में खोजी जा सकती है तथा जिनका उपभोग आज हम करते हैं वह निम्नलिखित है-
(i) समानता का अधिकार।
(ii) भाषण तथा विचार अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता का अधिकार।
(iii) मत देने तथा किसी खास कार्यालय के लिए चुने जाने का अधिकार।
(iv) संपत्ति का अधिकार।
(v) सुरक्षा का अधिकार। 
(vi) दमन के विरोध का अधिकार।

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उन्नीसवीं और बीसवीं सदी की दुनिया के लिए फ़्रांसिसी क्रांति कौन-से विरासत छोड़ गई?


(i) लोकतान्त्रिक अधिकारों के विचार, जैसे स्वतंत्रता और जनवादी अधिकारों के विचार फ्रांसीसी क्रांति की सबसे महत्वपूर्ण विरासत थे। ये विचार 19वीं सदी में फ़्रांस से निकल कर बाकी यूरोप में भी फैले।
(ii) इसके साथ ही इन्हे भारत और यू.एस.ए. जैसे देशो के सविधान में भी शामिल किया गया। मौलिक अधिकारों के रूप में ये भारत को मिले।
(iii) पुरुष और नागरिक अधिकरों ने भी विश्व में क्रन्तिकारी आंदोलनों पर प्रभाव डालाl जैसे एशिया, अफ्रीका आदि।
(iv) 'आदमी स्वतंत्र पैदा होते है, स्वतंत्र रहते है, और उनके अधिकार भी सामान होते है' इस कथन ने औपनिवेशिक लोगो को प्रभावित कियाl इसके परिणाम यह हुए की उन्होंने गुलामी के खिलाफ आवाज़ उठाई।
(v) ये नए क्रन्तिकारी प्रभाव बहुत जल्दी ही फ़्रांस अधिकृत यूरोपीय तथा विश्व के अन्य देशो में फैल गएl लोग ने संप्रभु राष्ट्रीय-राज्य की स्थापना के लिए विरोध करना शुरू किया।

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क्या आप इस तर्क से सहमत हैं कि सार्वभौमिक अधिकारों के संदेश से नाना अंतर्विरोध थे?


हां, यह सत्य है कि सार्वभौमिक अधिकारों का संदेश विभिन्न विरोधाभासों से भरा हुआ था-
(i) महिलाओं ने लिंग आधारित अधिकारों के घोषणा पत्र के विरुद्ध विरोध किया। 
(ii) ज्याँ-पॉल मरा ने इसका विरोध किया कि लोगों का प्रतिनिधित्व करने का संवैधानिक अधिकार सिर्फ उच्च वर्ग और अमीर लोगों को उपलब्ध था। गरीबों तथा दलितों को इस अधिकार से अलग रखा गया था।
(iii) डेस्मॉलिन्स ने आतंक के राज की आलोचना की जिसका उपयोग स्वतंत्रता के अधिकार की परिपक्वता तक इसको सीमित रखने के लिए किया गया था।

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फ्रांस में क्रांति की शुरुआत किन परिस्थितियों में हुई? 


निम्नलिखित परिस्थितियाँ फ्रांस में क्रांतिकारी प्रतिरोध को भड़काने में सहायक रही-
(i) पेरिस में 14 जुलाई, 1789 को खतरे की घंटी का बजाया जाना l
(ii) शहर में राजा द्वारा सेना को प्रवेश करने की आज्ञा देना l
(iii) राजा जल्दी ही नागरिकों पर गोली चलाने का आदेश देने वाला है जैसी अफवाहों को फैलाना l
(iv) जब 5 मई 1789 को राजा द्वारा एस्टेट के प्रतिनिधियों को बुलाया गया, तो दूसरे तथा पहले एस्टेटों के प्रतिनिधि तो बैठे हुए थे परन्तु, तीसरे एस्टेट के 600 प्रतिनिधियों को पीछे की ओर खड़ा रखा गया l साथ ही, तीसरे एस्टेट के प्रतिनिधियों को पहले तथा दूसरे एस्टेट के प्रतिनिधियों के बराबर मतदान का अधिकार नहीं दिया गया l इन्हीं कारणों से फ्रांस में क्रन्तिकारी प्रतिरोध की आग भड़की l

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तीसरी स्टेट में कौन कौन शामिल थे?

तृतीय एस्टेट में कौन से लोग आते थे? बड़े व्यवसायी, व्यापारी, वकील, किसान, कारीगर, छोटे किसान, भूमिहीन मजदूर और नौकर। तृतीय एस्टेट में कुछ लोग अमीर थे तो कुछ लोग गरीब। ये जनसंख्या के 95 प्रतिशत भाग मे थे।

तृतीय एस्टेट क्या है?

इसे सुनेंरोकेंपैम्फलेट के दौरान, सिएस का तर्क है कि पहली और दूसरी संपत्ति केवल अनावश्यक हैं, और यह कि तीसरा एस्टेट वास्तव में फ्रांस की एकमात्र वैध संपत्ति है, जो पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व करती है। इस प्रकार, वह जोर देकर कहते हैं, इसे अन्य दो सम्पदाओं को पूरी तरह से बदल देना चाहिए।

तृतीय एस्टेट में फ्रांस में स्वयं को कब राष्ट्रीय असेंबली घोषित किया?

17 जून 1789 को, कम्यून्स ने सियेस द्वारा किए गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जिसने खुद को नेशनल असेंबली घोषित कर दिया। तीसरी एस्टेट अब खुद को एक राजा के बराबर वैध अधिकार मानती थी। नेशनल असेंबली 13 जून, 1789 से 9 जुलाई, 1789 तक अस्तित्व में थी।

तृतीय एस्टेट में इनमें से कौन सा वर्ग शामिल नहीं था?

6• तृतीय एस्टेट में इनमें से कौन सा वर्ग शामिल नहीं था? अदालती कर्मचारी, बड़े व्यवसायी, किसान तृतीय एस्टेट के अंतर्गत शामिल थे। जबकि कुलीन वर्ग जो अमीर और संपन्न वर्ग के अंतर्गत जाने जाते हैं। द्वितीय एस्टेट के अंतर्गत शामिल किए गए थे।