-घर के मुख्य द्वार पर गणपति को चढ़ाए गए सिंदूर से दायीं तरफ स्वास्तिक बनाएं।—–महत्वपूर्ण कागजात हमेशा आलमारी में रखें। मुकदमे आदि से संबंधित कागजों को गल्ले, तिजोरी आदि में नहीं रखें, सारा धन मुदमेबाजी में खर्च हो जाएगा।—–घर में जूते-चप्पल इधर-उधर बिखरे हुए या उल्टे पड़े हुए नहीं हों, अन्यथा घर में अशांति होगी।——सामान्य … Show
ऐसे करें बिना तोड़फोड़ करें दोष निवारण 1 – जानिए की केसे करें बिना तोड़-फोड़ के वास्तु सुधार – aise kare bina tod phod karna dosh nivaran 1 – janie lee kaise kare bina tod-fod ke vastu sudhaar Read More » Table of Contents
जब आप भूमि में निवेश करते हैं तो कानूनी सावधानियों और दस्तावेजों के अलावा वास्तु शास्त्र से जुड़े कई पहलू होते हैं, जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए. आपकी सफलता और स्वास्थ्य के लिए वास्तु शास्त्र की गाइडलाइंस काफी अहम हैं क्योंकि वे प्रकृति के अहम तत्वों का प्रतिनिधित्व करते है. इन्हीं में से एक जरूरी पहलू है प्लॉट का आकार, जिसे अधिकतर खरीदार नजरअंदाज कर देते हैं. वास्तु एक्सपर्ट्स के मुताबिक, प्लॉट्स की दो अहम आकृतियां हैं जो उनके उपयोग के आधार पर शुभ मानी जाती हैं, ये हैं: गोमुखी और शेरमुखी. गोमुखी या गाय जैसे चेहरे वाले प्लॉट्सइसे गोमुखी प्लॉट्स भी कहा जाता है, ये रहने के लिए काफी शुभ माने जाते हैं क्योंकि उनका आकार गाय का प्रतिनिधित्व करता है, जो हर चीज में सर्वश्रेष्ठ है. गोमुखी प्लॉट्स आगे से छोटे होते हैं और पीछे से विशाल. लेकिन खरीदारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि बड़ा हिस्सा उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए जबकि रोड दक्षिणी या फिर पश्चिम दिशा में होनी चाहिए. पूर्व में एक संकीर्ण भाग और सामने की सड़क के साथ गोमुखी प्लॉट को अशुभ माना जाता है. ऐसे प्लॉट्स का इस्तेमाल कमर्शियल यूज के लिए नहीं किया जाना चाहिए. शेखमुखी प्लॉट या फिर शेर जैसे मुख वाले प्लॉट्सऐसे प्लॉट्स गोमुखी प्लॉट्स से बिल्कुल विपरीत होते हैं. शेरमुखी प्लॉट्स आगे से बड़े और पीछे से छोटे. वास्तु के मुताबिक, प्लॉट का बड़ा हिस्सा उत्तर में होना चाहिए और सड़क पूर्वी या उत्तरी दिशा में होनी चाहिए. ऐसे प्लॉट्स कमर्शियल यूज के लिए मुफीद होते हैं क्योंकि ये शेर का प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसे प्लॉट्स पर बनी बिल्डिंग्स सभी तरह के बिजनेस के लिए काफी फायदेमंद होती हैं. प्लॉट्स में प्रोजेक्शन और रिट्रैक्शन के वास्तु प्रभाव
गोमुखी और शेरमुखी प्लॉट्स के लिए वास्तु टिप्स-कार्डिनल दिशाओं की ओर स्थित प्लॉट्स – उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम – शुभ माने जाते हैं. ऐसे प्लॉट्स में, भूमि का चुंबकीय अक्ष पृथ्वी के चुंबकीय अक्ष के समानांतर होता है. -भूखंड का अनुपात 1: 2 से अधिक नहीं होना चाहिए. आदर्श रूप में, स्क्वेयर प्लॉट्स को प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि यह सकारात्मकता और समृद्धि लाता है. -गोमुखी भूखंड आवासीय मकसदों के लिए मुफीद हैं जबकि शेरमुखी भूखंड व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए मुफीद हैं. -सभी चार कार्डिनल दिशाओं में सड़कों के साथ प्लॉट्स को आवासीय और वाणिज्यिक दोनों मकसदों के लिए शुभ माना जाता है. -प्लॉट का चयन करते वक्त सुनिश्चित करें कि प्लॉट के 100 मीटर के दायरे में कोई बरगद, पीपल या सफेद अंजीर का पेड़ न हो. पूछे जाने वाले सवालगोमुखी प्लॉट्स अच्छे होते हैं या बुरे?यह निर्भर करता है कि उसका इस्तेमाल किस चीज के लिए किया जा रहा है. गोमुखी और शेखमुखी प्लॉट्स में क्या फर्क होता है?गोमुखी और शेखमुखी प्लॉट्स आकार में एक दूसरे से अलग होते हैं. वास्तु के मुताबिक कौन से प्लॉट्स अच्छे होते हैं?उत्तर दिशा की ओर मुख वाले प्लॉट्स वास्तु के मुताबिक सर्वश्रेष्ठ होते हैं. Was this article useful?
शेर मुखी मकान का क्या उपाय है?शेरमुखी प्लॉट्स आगे से बड़े और पीछे से छोटे. वास्तु के मुताबिक, प्लॉट का बड़ा हिस्सा उत्तर में होना चाहिए और सड़क पूर्वी या उत्तरी दिशा में होनी चाहिए. ऐसे प्लॉट्स कमर्शियल यूज के लिए मुफीद होते हैं क्योंकि ये शेर का प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसे प्लॉट्स पर बनी बिल्डिंग्स सभी तरह के बिजनेस के लिए काफी फायदेमंद होती हैं.
कौन सा मकान शुभ होता है?इसी तरह से कई आकार के घर होते हैं। जिसमें से वास्तु में गौमुख घर को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। वास्तु के अनुसार गौमुख घर में रहने वालों को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। यह घर सुख समृद्धि प्रदान करने वाला रहता है।
नार मुखी क्या होता है?इसे सुनेंरोकेंभूखंड जो कि आगे की तरफ चौड़े और पीछे की तरफ संकीर्ण होते हैं, शेर मुखी भूखंड होते हैं। भूखंड का व्यापक हिस्सा उत्तर में होता है और सड़क पूर्वी या उत्तरी तरफ होती है।
वास्तु शास्त्र के हिसाब से घर कैसे बनाया जाए?वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार रसोई घर कुछ इस तरह बनाये:. आग्नेय कोण या दक्षिण पूर्वी दिशा सबसे उचित दिशा है रसोईघर के लिए।. इस दिशा के अलावा दूसरी उचित दिशा उत्तर पश्चिम दिशा है।. उत्तर पश्चिम दिशा मे भी आप रसोई घर बना सकते है।. भोजन करते वक़्त आपका मुख उत्तर या पूर्व की तरफ होना चाहिए।. |