शुक्र 12 भाव में होने पर क्या होता है? - shukr 12 bhaav mein hone par kya hota hai?

Jaipur: शुक्र को विलासता और धन का प्रतीक कहा जाता है. ये कुंडली के किस भाव में बैठता है और क्या असर करता है, यहां जानिए

पहले भाव पर शुक्र का प्रभाव
कुंडली के पहले भाव को लग्न भाव कहते हैं
पहले भाव में शुक्र बैठा हो तो व्यक्ति शानदार कपड़े पहनना पसंद करता है 
ऐसे लोग ब्यूटी बिजनेस में अधिक कमाई करते हैं
ऐसे लोगों के पास धन की कभी कमी नहीं रहती
शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति को मीठा पसंद होता है
ऐसे लोग कलाप्रिय होते हैं, चतुर और अच्छे वक्ता होते हैं
 
दूसरे भाव पर शुक्र का प्रभाव
कुंडली के दूसरे भाव में शुक्र के होने से जातक कला के क्षेत्र में प्रसिद्ध होता है
ऐसा जातक धन कमाता भी है और बजत भी करता है
ऐसा जातकों के लिए दोस्त लाभकारी होते हैं
ऐसा जातक दोस्तों के साथ साझेदारी में अच्छा काम करता है
ऐसे लोगों में धैर्य और संयम की कमी देखी जाती है
ऐसे जातक बिना सोचे समझे निर्णय लेते हैं और अनेक कष्ट उठाते हैं
 
तीसरे भाव पर शुक्र का प्रभाव
कुंडली के तीसरे भाव में शुक्र के होने से जातक धनवान बनता है
ऐसे लोग मनोरंजन प्रिय, हंसमुख, सामान्यतौर पर सुखी होते हैं 
ऐसे जातक घूमना फिरना पसंद करने वाले और आर्ट लवर होते हैं
ऐसे लोगों को बहनों का सहयोग मिलता है 
ऐसे लोगों को रंगमंच, होटल व्यवसाय, मनोरंजन के क्षेत्र में सफलता मिलती है
ऐसे लोग लंबी यात्राएं पसंद करते हैं
 
शुक्र कुंडली के तीसरे भाव में हो तो
ऐसे लोग आमतौर पर सुखी, लंबी उम्र, सुसंतानों से युक्त, आर्ट लवर, धनवान औऱ प्रकृति प्रेमी होते हैं. ऐसे लोग को सजावट और सुंदरता हमेशा पसंद आती है. व्यक्ति कला, रंगमंच, जुआ, बीयर बार, सौन्दर्य प्रसाधन व महिलाओं के सामान संबंधी व्यापार व व्यवसाय में सफल होता है.
 
चौथे भाव पर शुक्र का प्रभाव 
ऐसे लोग दिल से उदार, आर्ट लवर, विद्वान और संगीत प्रेमी होते हैं
ये आमतौर पर मीठा बोलते हैं 
और दिल से लोगों का भला करना चाहते हैं। ऐसे लोगों का  जातक का स्त्रियों की सहायता से धनार्जन होता है।
 
पांचवे भाव पर शुक्र का प्रभाव
ऐस लोग स्वभाव से उदार, आर्ट लवर और बड़े परिवार वाले होते हैं
इन्हें दो से ज्यादा संतानों के योग होते है
ऐसे लोगों को महिलाओं की वजह से आय में वृद्धि और बिजनेस में मुनाफा होता है
 
छठे भाव पर शुक्र का प्रभाव
ऐसे लोग यूं तो धनवान होते हैं लेकिन इनकी मनोवृत्ति संकीर्ण होती है
ये आमतौर पर गुप्त रोगों से ग्रसित होते हैं
ऐसे जातक स्त्री सुख से हीन और फिजूल खर्चीले होते हैं 
ऐसे जातकों को मामा पक्ष की तरफ से लाभ प्राप्त होता है 

सातवें भाव पर शुक्र का प्रभाव
ऐसे लोग परम स्नेही, धनवान, ब्यूटी लवर और जीवन में सुखी होते हैं
ऐसे लोगों की दोस्ती का दायरा बड़ा होता है 
इन्हें पारिवारिक सुख मिलता है और ये मिलनसार होते हैं
ये व्यवसायिक जीवन में बुद्धिमान होते हैं और स्वभाव से चंचल होते हैं
 
आठवें भाव पर शुक्र का प्रभाव
ऐसे लोग स्वभाव से आलसी होते हैं 
ऐसे जातक अपने कामकाज से जल्द ही प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं
प्रेम संबंधों में इन्हें आमतौर पर असफलता प्राप्त होती है
इन्हें परिवार का सुख और धन धान्य प्राप्त होता है
समय आने पर ऐसे लोग क्रोधी एवं निर्दयी भी हो जाते हैं
 
नौवें भाव पर शुक्र का प्रभाव
ऐसे लोग भगवान में विश्वास करने वाले होते हैं
ऐसे जातक कई गुणों से संपन्न और मनोरंजन प्रिय होते है
ऐसे लोग प्रतिभाशाली होते हैं और दूसरों के लिए सहानुभूति रखते है
ऐसे जातक भाग्यशाली होते हैं 
ऐसे लोग स्वभाग से चंचल और प्रशंसा सुनने के शौकीन होते हैं
 
दसवें भाव पर शुक्र का प्रभाव
ऐसे लोग विद्वान और तर्क वितर्क में कुशल होते है
ऐसे लोग धार्मिक कार्यो में रूचि रखने वाले होते हैं
ऐसे जातक विलासी, भाग्यशाली, धनवान होते हैं
ऐसे लोगों को माता से उत्तम सुख और कृपा की प्राप्ति होती है
ऐसे जातक घर जमीन पैसा सब कुछ पाते हैं
 
ग्यारहवें भाव पर शुक्र का प्रभाव
ऐसे लोग गुणवान, धनवान और यशस्वी होते हैं
ऐसे जातक कई संतान वाले, प्रभावशाली, उदार और आर्ट लवर होते हैं
ये भगवान में विश्वास करते है
इनके पास धन संपत्ति की कमी नहीं रहती है
ऐसे लोगों को कर्म क्षेत्र में महिला पक्ष का विशेष सहयोग मिलता है 
इन्हें आय के क्षेत्र में विशेष उन्नति होती है
 
बारहवें भाव पर शुक्र का प्रभाव 
ऐसे लोग अत्यंत विलासी पर भाग्यशाली होते हैं
ऐसे जातक मनोरंजन पर जमकर खर्च करते हैं
ऐसे जातक नए और एडवेंचरस काम करना पसंद करते हैं
ऐसे जातक आय से व्यय अधिक करते हैं
ऐसे लोग कई प्रकार के कष्ट उठाते हैं
ऐसे जातकों को मानसिक तनाव होता हैं
ऐसे लोग क्षणिक आवेश में बिना सोचे समझे कार्य करते हैं

Jaipur: शुक्र को विलासता और धन का प्रतीक कहा जाता है. ये कुंडली के किस भाव में बैठता है और क्या असर करता है, यहां जानिए

पहले भाव पर शुक्र का प्रभाव
कुंडली के पहले भाव को लग्न भाव कहते हैं
पहले भाव में शुक्र बैठा हो तो व्यक्ति शानदार कपड़े पहनना पसंद करता है 
ऐसे लोग ब्यूटी बिजनेस में अधिक कमाई करते हैं
ऐसे लोगों के पास धन की कभी कमी नहीं रहती
शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति को मीठा पसंद होता है
ऐसे लोग कलाप्रिय होते हैं, चतुर और अच्छे वक्ता होते हैं
 
दूसरे भाव पर शुक्र का प्रभाव
कुंडली के दूसरे भाव में शुक्र के होने से जातक कला के क्षेत्र में प्रसिद्ध होता है
ऐसा जातक धन कमाता भी है और बजत भी करता है
ऐसा जातकों के लिए दोस्त लाभकारी होते हैं
ऐसा जातक दोस्तों के साथ साझेदारी में अच्छा काम करता है
ऐसे लोगों में धैर्य और संयम की कमी देखी जाती है
ऐसे जातक बिना सोचे समझे निर्णय लेते हैं और अनेक कष्ट उठाते हैं
 
तीसरे भाव पर शुक्र का प्रभाव
कुंडली के तीसरे भाव में शुक्र के होने से जातक धनवान बनता है
ऐसे लोग मनोरंजन प्रिय, हंसमुख, सामान्यतौर पर सुखी होते हैं 
ऐसे जातक घूमना फिरना पसंद करने वाले और आर्ट लवर होते हैं
ऐसे लोगों को बहनों का सहयोग मिलता है 
ऐसे लोगों को रंगमंच, होटल व्यवसाय, मनोरंजन के क्षेत्र में सफलता मिलती है
ऐसे लोग लंबी यात्राएं पसंद करते हैं
 
शुक्र कुंडली के तीसरे भाव में हो तो
ऐसे लोग आमतौर पर सुखी, लंबी उम्र, सुसंतानों से युक्त, आर्ट लवर, धनवान औऱ प्रकृति प्रेमी होते हैं. ऐसे लोग को सजावट और सुंदरता हमेशा पसंद आती है. व्यक्ति कला, रंगमंच, जुआ, बीयर बार, सौन्दर्य प्रसाधन व महिलाओं के सामान संबंधी व्यापार व व्यवसाय में सफल होता है.
 
चौथे भाव पर शुक्र का प्रभाव 
ऐसे लोग दिल से उदार, आर्ट लवर, विद्वान और संगीत प्रेमी होते हैं
ये आमतौर पर मीठा बोलते हैं 
और दिल से लोगों का भला करना चाहते हैं। ऐसे लोगों का  जातक का स्त्रियों की सहायता से धनार्जन होता है।
 
पांचवे भाव पर शुक्र का प्रभाव
ऐस लोग स्वभाव से उदार, आर्ट लवर और बड़े परिवार वाले होते हैं
इन्हें दो से ज्यादा संतानों के योग होते है
ऐसे लोगों को महिलाओं की वजह से आय में वृद्धि और बिजनेस में मुनाफा होता है
 
छठे भाव पर शुक्र का प्रभाव
ऐसे लोग यूं तो धनवान होते हैं लेकिन इनकी मनोवृत्ति संकीर्ण होती है
ये आमतौर पर गुप्त रोगों से ग्रसित होते हैं
ऐसे जातक स्त्री सुख से हीन और फिजूल खर्चीले होते हैं 
ऐसे जातकों को मामा पक्ष की तरफ से लाभ प्राप्त होता है 

सातवें भाव पर शुक्र का प्रभाव
ऐसे लोग परम स्नेही, धनवान, ब्यूटी लवर और जीवन में सुखी होते हैं
ऐसे लोगों की दोस्ती का दायरा बड़ा होता है 
इन्हें पारिवारिक सुख मिलता है और ये मिलनसार होते हैं
ये व्यवसायिक जीवन में बुद्धिमान होते हैं और स्वभाव से चंचल होते हैं
 
आठवें भाव पर शुक्र का प्रभाव
ऐसे लोग स्वभाव से आलसी होते हैं 
ऐसे जातक अपने कामकाज से जल्द ही प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं
प्रेम संबंधों में इन्हें आमतौर पर असफलता प्राप्त होती है
इन्हें परिवार का सुख और धन धान्य प्राप्त होता है
समय आने पर ऐसे लोग क्रोधी एवं निर्दयी भी हो जाते हैं
 
नौवें भाव पर शुक्र का प्रभाव
ऐसे लोग भगवान में विश्वास करने वाले होते हैं
ऐसे जातक कई गुणों से संपन्न और मनोरंजन प्रिय होते है
ऐसे लोग प्रतिभाशाली होते हैं और दूसरों के लिए सहानुभूति रखते है
ऐसे जातक भाग्यशाली होते हैं 
ऐसे लोग स्वभाग से चंचल और प्रशंसा सुनने के शौकीन होते हैं
 
दसवें भाव पर शुक्र का प्रभाव
ऐसे लोग विद्वान और तर्क वितर्क में कुशल होते है
ऐसे लोग धार्मिक कार्यो में रूचि रखने वाले होते हैं
ऐसे जातक विलासी, भाग्यशाली, धनवान होते हैं
ऐसे लोगों को माता से उत्तम सुख और कृपा की प्राप्ति होती है
ऐसे जातक घर जमीन पैसा सब कुछ पाते हैं
 
ग्यारहवें भाव पर शुक्र का प्रभाव
ऐसे लोग गुणवान, धनवान और यशस्वी होते हैं
ऐसे जातक कई संतान वाले, प्रभावशाली, उदार और आर्ट लवर होते हैं
ये भगवान में विश्वास करते है
इनके पास धन संपत्ति की कमी नहीं रहती है
ऐसे लोगों को कर्म क्षेत्र में महिला पक्ष का विशेष सहयोग मिलता है 
इन्हें आय के क्षेत्र में विशेष उन्नति होती है
 
बारहवें भाव पर शुक्र का प्रभाव 
ऐसे लोग अत्यंत विलासी पर भाग्यशाली होते हैं
ऐसे जातक मनोरंजन पर जमकर खर्च करते हैं
ऐसे जातक नए और एडवेंचरस काम करना पसंद करते हैं
ऐसे जातक आय से व्यय अधिक करते हैं
ऐसे लोग कई प्रकार के कष्ट उठाते हैं
ऐसे जातकों को मानसिक तनाव होता हैं
ऐसे लोग क्षणिक आवेश में बिना सोचे समझे कार्य करते हैं

बारहवें भाव में शुक्र क्या फल देता है?

यानि, इस भाव से जातक को विषयक बातों का लाभ होगा, जिस भाव का कारक लग्न से द्वादश भाव में स्थित हो शुक्र जाया (पत्नी) भाव का कारक ग्रह है, अत: जिन जातकों के बारहवें भाव में शुक्र रहता है, उन्हें स्त्री सुख में कभी कमी नहीं होगी, प्राय: ऐसे व्यक्तियों की पत्नी दीर्घजीवी हुआ करती है।

शुक्र उच्च का कब होता है?

2, 3, 4, 7 एवं 12 वें खाने में शुक्र श्रेष्ठ होता है जबकि 1, 6, 9 वें खाने में मंदा। मीन राशि में यह उच्च होता है और कन्या में नीच, मिथुन राशि में यह योग कारक होता है।

उच्च का शुक्र क्या फल देता है?

कुंडली में अगर शुक्र अगर उच्च स्थान पर हैं तो सुख-समृद्धि, मनोवांछित फल की प्राप्ति, मान-सम्मान आदि शौहरत की प्राप्ति होती है और अगर वह निम्न स्थान पर हैं तो पति-पत्नी के बीच मतभेद, झूठे आरोप, कोर्ट-कचहरी के चक्कर और हर क्षेत्र में समस्याएं, किडनी संबंधित कई रोगों से सामना करना पड़ता है।

शुक्र कमजोर होने के क्या लक्षण है?

कुंडली में कमजोर शुक्र का जातकों पर प्रभाव - अगर किसी जातक की कुंडली में शु्क्र ग्रह कमजोर हो तो जातक भौतिक सुख-सुविधाओं से वंचित रहता है। - कमजोर शुक्र होने पर व्यक्ति धर्म और अध्यात्म की तरफ जाता है। भोग विलासिता में उसका मन नहीं लगता। - कुंडली में शु्क्र ग्रह के कमजोर होने पर यौन सुख नहीं प्राप्त होता है।