शब्द व्याकरणिक नियमों में बँधकर क्या बनता है? - shabd vyaakaranik niyamon mein bandhakar kya banata hai?

विषयसूची

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  • 1 शब्द कब तक शब्द रहते है?
  • 2 शब्द जब तक कोश में रहते हैं क्या कहलाते हैं?
  • 3 शब्द कब तक शब्द ही रहता है पद नहीं कहलाता शब्द तथा पद के एक एक उदाहरण दीजिए?
  • 4 शब्द पद कब बन जाता है class 9?
  • 5 शब्द का वाक्य में प्रयोग किया जाता है तो उसे क्या कहते हैं?
  • 6 4 शɨ पद कब बनता है?
  • 7 शब्द पद कब बन जाता है उदाहरण के आधार पर स्पष्ट कीजिए?
  • 8 शब्द कब पद बन जाते है?

शब्द कब तक शब्द रहते है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer : जब तक वाक्य में शब्द का इस्तेमाल नहीं करते तब तक शब्द, शब्द ही रहता है, पद नहीं कहलाता।

शब्द जब तक कोश में रहते हैं क्या कहलाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंकोशीय शब्द-वे शब्द जो शब्दकोश में मिलते हैं और जिनका अर्थ कोश में प्राप्त हो जाए; जैसे-बाल, क्षेत्र, कृषक, पुष्प, शशि, रवि आदि। 2. व्याकरणिक शब्द-वे शब्द जो व्याकरणिक कार्य करते हैं, उन्हें व्याकरणिक शब्द कहते हैं।

शब्द कब तक शब्द ही रहता है पद नहीं कहलाता शब्द तथा पद के एक एक उदाहरण दीजिए?

इसे सुनेंरोकेंशब्द का स्वतंत्र रूप में शब्द तब तक बना रहता है, जब तक उसे किसी वाक्य में प्रयोग नही किया जाता। किसी वाक्य में प्रयुक्त होते है, वो शब्द एक पद बन जाता है, और उस पर व्याकरणीय नियम लागू होते हैं। ‘राम’ एक स्वतंत्र शब्द है, जो किसी व्यक्ति का नाम हो सकता है। अब राम को एक वाक्य के साथ जोड़ देते हैं…

शब्द कब पद बन जाता है जब स्वतंत्र होता है जब वाक्य में प्रयोग होता है जब संज्ञा से मिलता है जब सर्वनाम से जुड़ता है?

इसे सुनेंरोकें’जब वह वाक्य में व्याकरण के नियमों के साथ प्रयुक्त हो। ‘ तब शब्द पद बन जाता है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही विकल्प ‘जब वह वाक्य में व्याकरण के नियमों के साथ प्रयुक्त हो’ है।

शब्द पद कब बनता है?

इसे सुनेंरोकेंशब्द पद कब बन जाता है जब किसी भी प्रकार का सार्थक शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है तब वह ‘ पद’ कहलाता है। परंतु जब शब्द का प्रयोग वाक्य में होता है तब उसका रूप बदल जाता है, इसी कारण से वाक्य में प्रयुक्त होने पर शब्द ‘ पद ‘ बन जाता है।

शब्द पद कब बन जाता है class 9?

इसे सुनेंरोकेंजब कोई शब्द स्वतंत्र न रहकर व्याकरण के नियमों में बँध जाता है, तब वह शब्द ‘पद’ बन जाता है। इस प्रकार वाक्य में प्रयुक्त शब्द ही ‘पद’है। कारक, वचन, लिंग, पुरुष इत्यादि में बँधकर शब्द ‘पद’बन जाता है।

शब्द का वाक्य में प्रयोग किया जाता है तो उसे क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंशब्द का अस्तित्व स्वतंत्र रूप में शब्द ही के रूप में ही रहता है, लेकिन जब वह किसी वाक्य में प्रयुक्त किया जाता है तो वह व्याकरण के नियमों से बंध जाता है और पद बन जाता है।

4 शɨ पद कब बनता है?

शब्ि कब से बन िाता है?

शब्द पद कब बन जाता है उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंExpert-verified answer शब्द= दो या दो से अधिक वर्णो से बने समूह को ‘शब्द’ कहते है, जिसका कोई न कोई अर्थ जरुर होता है । जैसे ‘सेब’ एक शब्द है। पर, वाक्य में – मोहित सेब खाता है, इस प्रकार से प्रयुक्त होने पर पद कहलाता है। जब शब्द वाक्य में प्रयोग होता है तब वह पद बन जाता है।

शब्द पद कब बन जाता है उदाहरण के आधार पर स्पष्ट कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंजब क‌इ वर्णों का सार्थक समूह अर्थात शब्द किसी वाक्य में प्रयुक्त होता है, तब वह शब्द पद बन जाता है। जैसे ‌‌‌‌‌‌‌‌‌- मेहनत – (शब्द) मेहनत सफल जीवन नहीं चुराना चाहिए । मेहनत एक शब्द है। लेकिन जब वह वाक्य में प्रयुक्त हो जाता है, तो वह पद बन जाता है।

शब्द कब पद बन जाते है?

विषयसूची

  • 1 व्याकरणिक इकाइयों से कौन बंधा होता है?
  • 2 शब्द व्याकरणिक नियमों में बाँधकर क्या बनता है क वाक्य ख वर्ण ग पद घ इनमें से कोई नही?
  • 3 सर्वनाम से क्या तात्पर्य है?
  • 4 संस्कृत में कारक और लिंग कितने प्रकार के होते हैं?
  • 5 सर्वनाम शब्द स्त्रीलिंग और पुल्लिंग में कितने रूपों में प्रयुक्त होते हैं?

व्याकरणिक इकाइयों से कौन बंधा होता है?

इसे सुनेंरोकेंसामान्यतः संसक्ति का अर्थ चिपकना, एक दूसरे से गुंथ जाना, अथवा कसकर एक दूसरे अवयवों को पकड़ना है। भाषा की दृष्टि से संसक्ति का संबंध विभिन्न रूपात्मक भाषिक इकाइयों के संबंध से है। जिसे हम उपयुक्त, अन्वित या अनुकूल होना कहते हैं। संक्षेप में, संसक्ति वाक्य के विभिन्न शब्दों/पदों में औचित्यपूर्ण मेल है।

शब्द व्याकरणिक नियमों में बाँधकर क्या बनता है क वाक्य ख वर्ण ग पद घ इनमें से कोई नही?

इसे सुनेंरोकेंशब्द स्वतंत्र होते हैं परंतु यही शब्द व्याकरण के नियमों में बाँधकर जब वाक्य में प्रयोग किए जाते हैं तब वे पद बन जाते हैं।

व्याकरणिक नियमों में बंधकर शब्द क्या कहलाता है *?

इसे सुनेंरोकेंव्याकरण के नियमों में बँधे, वाक्य में प्रयुक्त शब्द पद कहलाते हैं। जब कोई शब्द वाक्य में प्रयोग किया जाता है तो पद कहलाता है। जैसे – ‘परिश्रम’ एक शब्द है, जब इस शब्द को वाक्य में प्रयोग कर दें जैसे ‘परिश्रम का फल मीठा होता है, तो यह पद कहलाता है।

सर्वनाम से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंसर्वनाम की परिभाषा है “जो शब्द संज्ञा की जगह पर प्रयुक्त होता है उसे सर्वनाम कहते हैं”। जैसे राम अच्छा लड़का है, वह बहुत होशियार है, वह बड़ों का आदर करता है ।”उपर्युक्त वाक्यों में “वह ” शब्द सर्वनाम है क्योंकि इनका प्रयोग संज्ञा के लिए हुआ है। “किसी शहर में एक लड़का रहता था। उसका नाम राम था।

संस्कृत में कारक और लिंग कितने प्रकार के होते हैं?

संस्कृत में लिंग कितने प्रकार के …

  • पुल्लिंग- जिस शब्द में पुरुष जाति का बोध होता है, उसे पुलिंग कहते हैं।( जैसे रामः, बालकः, सः आदि) स: बालकः अस्ति।
  • स्त्रीलिंग- जिस शब्द से स्त्री जाति का बोध होता है, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं। ( जैसे रमा, बालिका, सा आदि) सा बालिका अस्ति।
  • नपुंसकलिंग (जैसे: फलम् , गृहम, पुस्तकम , तत् आदि)

रूपसाधन की प्रक्रिया में किसका बोध होता है?

इसे सुनेंरोकेंरूपसाधन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोशीय शब्दों के उन रूपों को प्रजनित किया जाता है जो वाक्य में प्रयुक्त होते हैं। भारतीय वैयाकरणों द्वारा इन्हें ही ‘पद’ कहा गया है। इसीलिए रूपसाधन को पदसाधन भी कहा गया है।

सर्वनाम शब्द स्त्रीलिंग और पुल्लिंग में कितने रूपों में प्रयुक्त होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसर्वनाम शब्द स्त्रीलिंग तथा पुल्लिंग दोनों में समान रहते हैं। लड़का – वह जा रहा है। लड़की – वह जा रही है। सर्वनाम के एकवचन तथा बहुवचन रूप होते हैं।

शब्द व्याकरणिक नियमों में बंधकर क्या बनता है?

जब कोई शब्द स्वतंत्र न रहकर व्याकरण के नियमों में बँध जाता है, तब वह शब्द 'पद' बन जाता है। इस प्रकार वाक्य में प्रयुक्त शब्द ही 'पद'है। कारक, वचन, लिंग, पुरुष इत्यादि में बँधकर शब्द 'पद'बन जाता है।

व्याकरणिक नियमों का परिचय क्या कहलाता है?

व्याकरणिक परिचय क्या है? वाक्य में प्रयोग हुआ कोई पद व्याकरण की दृष्टि से विकारी है या अविकारी, यदि बिकारी है तो उसका भेद, उपभेद, लिंग, वचन पुरुष, कारक, काल अन्य शब्दों के साथ उसका संबंध और अविकारी है तो किस तरह का अव्यय है तथा उसका अन्य शब्दों से क या संबंध है आदि बताना व्याकरणिक परिचय कहलाता है।

व्याकरण के नियमों के अनुसार शब्द और पद में क्या अंतर है?

शब्द का लिंग, वचन या कारक से कोई संबंध नही होता। शब्द सार्थक भी हो सकते हैं और निरर्थक भी हो सकते हैं। शब्द का केवल उसके अर्थ के रूप में परिचय होता हैपद : जब किसी शब्द को वाक्य में प्रयुक्त किया जाता है तो वो पद में बदल जाता है, इस पर व्याकरणीय नियम लागू हो जाते हैं, और उस पद का एक व्याकरणीय परिचय हो जाता है

शब्द किसे कहते हैं कोई शब्द पद कब बनता है उदाहरण सहित बताइए?

एक से अधिक वर्णों के मिलने से बने सार्थक वर्ण-समूह जो बनता है वह शब्द कहलाता हैं। जैसे -सोहन, खीर, मीरा, खेलता। जब किसी भी प्रकार का सार्थक शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है तब वह पद कहलाता है।