सालिम अली ने किस घायल पक्षी को उठाया था उसकी पहचान मुश्किल क्यों थी? - saalim alee ne kis ghaayal pakshee ko uthaaya tha usakee pahachaan mushkil kyon thee?

सालिम अली बोध प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए
उत्तर
बूंखार = हिंसक, निर्दयी, अत्यधिक क्रूर; पर्यवेक्षण अच्छी तरह देखना; विलुप्त = गायब हुआ;प्रेक्षण= देखने की प्रक्रिया वरिष्ठ अपने से अधिक अनुभवी; बुलफ्रेमबुलफ्रम नामक कच्ची धातु की खनन।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए
(क) सालिम अली का पूरा नाम क्या था ?
उत्तर
सालिम अली का पूरा नाम सली भाई जुद्दीन अब्दुल अली था।

(ख) चाचा ने सालिम अली का परिचय किससे कराया था ?
उत्तर
चाचा अमीरुद्दीन तैयबजी ने सालिम अली का परिचय डब्लू. एस. मिलार्ड से कराया। श्री मिलार्ड “बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी” के अवैतनिक सचिव थे।

(ग) अपोलो स्ट्रीट पर किस सोसाइटी का कार्यालय था?
उत्तर
अपोलो स्ट्रीट पर “बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी” का कार्यालय था।

सालिम अली ने किस घायल पक्षी को उठाया था उसकी पहचान मुश्किल क्यों थी? - saalim alee ne kis ghaayal pakshee ko uthaaya tha usakee pahachaan mushkil kyon thee?

(घ) सालिम अली ने कौन-से पक्षी को खोज निकाला?
उत्तर
सालिम अली ने ‘बया’ नामक पक्षी को खोज निकाला।

(ङ) सालिम अली को पक्षी संरक्षण के लिए कौन-सा पुरस्कार मिला था ?
उत्तर
सालिम अली को पक्षी संरक्षण के लिए ‘जे. पॉल वाइल्ड लाइफ कंजरवेशन’ पुरस्कार मिला था।

(च) इस पाठ में कौन-कौन सी पुस्तकों का उल्लेख है ?
उत्तर
इस पाठ में-

  1. बुक ऑफ इण्डियन बर्ड्स
  2. हैंडबुक ऑफ द बर्ड्स ऑफ इण्डिया एण्ड पाकिस्तान आदि पुस्तकों का उल्लेख है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए
(क) सालिम अली ने जिस घायल पक्षी को उठाया था, उसकी पहचान मुश्किल क्यों थी ?
उत्तर
सालिम अली ने एक घायल पक्षी को उठाया। वह पक्षी गौरेया जैसा लगता था परन्तु उस पक्षी के गले पर पीला धब्बा था। असमंजस में पड़ा हुआ सालिम अली उस पक्षी को अपने चाचा अमीरुद्दीन तैयबजी के पास ले गया और पूछा कि यह पक्षी किस किस्म का है। उसके चाचा इस विषय में कुछ भी नहीं जानते थे। इसके बाद उसके चाचा उस बालक को ‘बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी’ के ऑफिस में ले गए। वहाँ डब्लू. एस. मिलार्ड से परिचय करवाया। श्री मिलाई उक्त सोसाइटी के अवैतनिक सचिव थे। मिलार्ड ने अपनी एक दराज से मरे हुए पक्षी को उठाया। वह पक्षी बिल्कुल वैसा ही था जैसा वह बालक अपने साथ लाया था। वह एक नर पक्षी था। वह केवल वर्षा ऋतु में ही पहचाना जा सकता है क्योंकि वर्षा ऋतु में उसके गले पर पीला धब्बा उभर आता है। इसकी पहचान केवल बरसात के मौसम में ही हो पाती है।

(ख) ‘बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसाइटी’ में सालिम अली ने क्या-क्या सीखा?
उत्तर
‘बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसाइटी’ में सालिम अली ने पक्षियों के शरीरों में भूसा भरकर रखे गये तरह-तरह के पक्षियों को देखा। वह अचम्भे में रह गया। श्री मिलार्ड ने किसी भी भारतीय वयस्क को इतने उत्साह से भरा नहीं देखा जो पक्षियों के बारे में जानना चाहता हो। उसने सीखना शुरू कर दिया कि पक्षियों को किस तरह पहचाना जाता है। साथ ही उसने यह भी सीख लिया कि मरे हुए पक्षी के शरीर में भूसा भरकर किस तरह सुरक्षित रखा जा सकता है।

सालिम अली ने किस घायल पक्षी को उठाया था उसकी पहचान मुश्किल क्यों थी? - saalim alee ne kis ghaayal pakshee ko uthaaya tha usakee pahachaan mushkil kyon thee?

(ग) एक भारतीय बालक द्वारा किसी पक्षी के बारे में सवाल किए जाने पर मिस्टर मिलार्ड को क्यों आश्चर्य हुआ?
उत्तर
मिस्टर मिलार्ड उस बालक को देखकर अचम्भे में पड़ गये कि वह एक पहला भारतीय लड़का है जो उस घायल हुई चिड़िया को देखकर पहचानना चाहता है। मिलार्ड उसे उस । कमरे में भी ले गए जहाँ तरह-तरह के पक्षियों के शरीरों में भूसा भरकर रखे गए थे। उस वयस्क सालिम अली ने इस तरह की कल्पना भी नहीं की थी कि पक्षी इतने प्रकार के होते हैं। उस लड़के ने असाधारण रूप से पक्षियों की पहचानने की कोशिश की। इस पक्षी विज्ञानी लड़के ने पक्षियों के संरक्षण के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया। एक भारतीय में इन पक्षियों को पहचानने की अद्भुत रुचि को देखकर मिस्टर मिलार्ड को आश्चर्य हुआ।

(घ) सालिम अली का अन्य पक्षी प्रेमियों से टकराव होने का क्या कारण था ?
उत्तर
सालिम अली ने बड़े धैर्यपूर्वक इन पक्षियों को अपने-अपने काम में लगे देखा। उन्होंने कई महीनों तक बया पक्षियों का अध्ययन किया। उन्होंने अनेक परीक्षण स्वयं ही किए। उन्होंने यह बात भी समझ ली कि किसी भी बात को आँखें बन्द करके स्वीकार नहीं करना चाहिए, चाहे वह बात कितने ही प्रसिद्ध व्यक्ति ने क्यों न की हो? वे अपने पर्यवेक्षण के परिणामों को बार-बार जाँचते थे और बहुत जल्दी ही किसी परिणाम पर नहीं पहुंच पाते थे। इसलिए उनके विचारों को और उनकी राय को आधिकारिक माना जाने लगा। यही कारण था कि उनका टकराव वरिष्ठ पक्षी प्रेमियों से हुआ।

(ङ) सालिम अली के पास कॉलेज की डिग्री नहीं थी परन्तु वे कौन-से गुण थे, जिन्होंने उन्हें असाधारण बनाया ?
उत्तर
सालिम अली के पास कॉलेज की डिग्री नहीं थी परन्तु दूसरे गुणों ने उन्हें असाधारण व्यक्ति बना दिया। वे बीजगणित से बहुत डरते थे। उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और बर्मा (म्यांमार) चले गए। बर्मा में इनके बड़े भाई रहते थे। वे वहाँ बुलफ्रेम की माइनिंग का काम करते थे। सालिम को माइनिंग के काम में भी सफलता नहीं मिली। वे वहाँ पक्षियों की खोज करने लगे। वहाँ से लौटकर प्राणिशास्त्र में एक कोर्स कर लिया और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के अजायबघर में गार्ड नियुक्त हो गए। वे अब इसका उच्च प्रशिक्षण लेने के लिए जर्मनी चले गए। लौटकर आए तब तक उनकी नौकरी भी चली गई। वे वर्डवाचिंग का काम जरूर करते थे। उन्होंने वर्डवाचिंग के अध्ययन के परिणाम को प्रकाशित किया जिससे उन्हें पक्षी विज्ञान में प्रसिद्धि मिली। उन्होंने विलुप्त पक्षियों की खोज की। इन कामों ने उन्हें असाधारण बना दिया।

प्रश्न 4.
सही जोड़ियाँ बनाइए

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उत्तर
(क) → (2), (ख) → (1), (ग) → (5), (घ) → (3), (ङ)→(4)

सालिम अली भाषा-अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का उच्चारण कीजिए और उनको वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
ऑफिस, अवैतनिक, विस्मित, वयस्क, प्राणिशास्त्र, कॉलेज।
उत्तर-

  1. ऑफिस-रवि 10-00 बजे अपने ऑफिस जाता है।
  2. अवैतनिक-विकास दो माह से अवैतनिक अवकाश पर है।
  3. विस्मित-वह अपने भाई को सामने देखकर विस्मित रह गया।
  4. वयस्क-18 वर्ष के वयस्क को मत देने का अधिकार
  5. प्राणिशास्त्र-डॉ. पी. के. मिश्रा प्राणिशास्त्र के प्रवक्ता
  6. कॉलेज-हमारे कॉलेज में इस समय खेलकूद प्रतियोगिताएं चल रही हैं।

सालिम अली ने किस घायल पक्षी को उठाया था उसकी पहचान मुश्किल क्यों थी? - saalim alee ne kis ghaayal pakshee ko uthaaya tha usakee pahachaan mushkil kyon thee?

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्ग लिखिए
विलुप्त, असाधारण, सम्मान, प्रशिक्षण, अनुपस्थिति, उपयोग, सौभाग्य।
उत्तर
शब्द – उपसर्ग + शब्द
विलुप्त = वि + लुप्त
असाधारण = अ + साधारण
सम्मान = सम् + मान
प्रशिक्षण = प्र + शिक्षण
अनुपस्थिति = अनु + उपस्थिति
उपयोग = उप + योग
सौभाग्य’ = सौ + भाग्य

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त प्रत्यय लिखिए
नारीत्व, राष्ट्रीय, भारतीय, विवाहित, पक्षीवाला।
उत्तर
पूर्ण शब्द शब्द + प्रत्यय
नारीत्व = नारी + त्व
राष्ट्रीय = राष्ट्र + ईय।
भारतीय = भारत + ईय
विवाहित, = विवाह + इत
पक्षीवाला = पक्षी + वाला

प्रश्न 4.
नीचे लिखे शब्द किन दो शब्दों के मेल से बने हैं, लिखिए
अजायबघर, पक्षी-विज्ञानी, महत्त्वपूर्ण, महाद्वीप, महत्त्वाकांक्षी, प्रस्तुतीकरण, प्राणिशास्त्र।
उत्तर
अजायब + घर
पक्षी + विज्ञानी
महत्त्व + पूर्ण
महा + द्वीप
महत्त्व + आकांक्षी
प्रस्तुती + करण
प्राणी + शास्त्र।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखिए
(1) जो बिना वेतन लिए काम करता है।
(2) जो मार्गदर्शन करता है।
(3) जहाँ पानी के जहाज आकर खड़े होते हैं।
(4) जो पक्षियों से प्रेम करता है।
(5) पक्षियों के सम्बन्ध में विशेष ज्ञान रखने वाला।
(6) जो बात मुख से कही गई है।
उत्तर

  1. अवैतनिक
  2. मार्गदर्शक
  3. बन्दरगाह
  4. पक्षी-प्रेमी
  5. पक्षी-विज्ञानी
  6. मौखिक।

सालिम अली परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या 

(1) आश्चर्य की बात यह है कि सालिम अली के पास किसी विश्वविद्यालय की डिग्री नहीं थी। यद्यपि उन्होंने कॉलेज में प्रवेश लिया था मगर बीजगणित से डरकर पढ़ाई छोड़कर भाग खड़े हुए। वह अपने भाई की बुलफ्रेम की माइनिंग में मदद करने बर्मा चले गए, लेकिन यहाँ भी वे असफल रहे। वह बर्मा के जंगलों में बुलफ्रेम के बदले पक्षियों की खोज करने लगे।

शब्दार्थ-आश्चर्य = अचम्भा; डिग्री = उपाधि प्रवेश दाखिला; बुलफ्रेम की माइनिंग = बुलफ्रेम नामक कच्ची धातु का खनन; मदद – सहायता; बर्मा – म्यांमार देश; असफल = सफलता न मिलना।

सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा-भारती’ के पाठ ‘सालिम अली’ से अवतरित है। इसके लेखक दिलीप मधुकर साल्वी हैं।

प्रसंग-इस गद्यांश में ‘सालिम अली’ के प्रारम्भिक जीवन के विषय में जानकारी दी जा रही है। वे असाधारण पक्षी-प्रेमी थे।

व्याख्या-लेखक स्पष्ट करते हैं कि यह बात बड़े अचम्भे की है कि सालिम अली ने विश्वविद्यालय स्तर की किसी भी संस्था से शिक्षा सम्बन्धी कोई भी उपाधि प्राप्त नहीं की। उन्होंने एक कॉलेज में पढ़ने के लिए दाखिला तो ले लिया था लेकिन बीजगणित बहुत ही कठिन विषय लगा। इससे वे भयभीत हो गये और उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। वह अपने भाई के पास बर्मा (आजकल म्यांमार) चले गये। वहाँ वे बुलफ्रम नामक कच्ची धातु के खनन में अपने भाई की सहायता करते थे, लेकिन बर्मा में उन्हें इस काम में भी रुचि नहीं लगी। वे वहाँ बर्मा के जंगलों में पक्षियों की खोज करने के काम में जुट गए।

सालिम अली ने किस घायल पक्षी को उठाया था उसकी पहचान मुश्किल क्यों थी? - saalim alee ne kis ghaayal pakshee ko uthaaya tha usakee pahachaan mushkil kyon thee?

(2) वह घर पेड़ों के बीच बना हुआ था और वहाँ शान्ति थी। जब वर्षा ऋतु आई तो सालिम अली ने देखा कि घर के पास ही बया पक्षियों ने एक पेड़ पर अपनी बस्ती बनाई है। तब बया पक्षी के बारे में लोगों को कुछ ज्यादा जानकारी नहीं थी। इन पक्षियों का अध्ययन करने का सालिम अली के लिए यह सुनहरा अवसर था। तीन-चार महीनों तक वे रोज घण्टों बैठे बड़े धैर्य से इन पक्षियों को वहाँ कार्यरत् देखते रहते। सन् 1930 ई. में उन्होंने अपने इस अध्ययन के परिणाम को प्रकाशित किया तो उन्हें पक्षी विज्ञान (ऑरनिथोलॉजी) में खूब ख्याति मिली।

शब्दार्थ-वर्षा ऋतु में = बरसात के मौसम में; बस्ती = घोंसले ज्यादा = अधिक; सुनहरा = बहुत अच्छा, महत्त्वपूर्ण; अवसर = मौका; रोज = प्रतिदिन; धैर्य = तसल्ली; कार्यरत् = काम में लगे हुए; परिणाम = नतीजे; प्रकाशित = किताब के रूप में छपवाया। ऑरनिथोलॉजी – पक्षी-विज्ञान; ख्याति = प्रसिद्धि।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-सालिम अली ने पक्षियों के विषयों में जानकारी । प्राप्त करने में बड़ी रुचि ली।

व्याख्या-सालिम अली जिस घर में रहते थे, वह घर ऐसे स्थान पर बना हुआ था जहाँ चारों ओर पेड़ ही पेड़ थे। वहाँ पूर्ण शान्ति थी। जब बरसात का मौसम आया तो सालिम अली ने देखा कि घर के आस-पास के पेड़ों में से एक पेड़ पर बया पक्षियों ने अपने रहने के लिए घोंसले बनाना शुरू कर दिया था। उस समय तक लोग बया पक्षी से सम्बन्धित अधिक जानकारी नहीं रखते थे। यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण अवसर था जबकि सालिम अली बया नामक पक्षियों के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते थे। उस समय (वर्षा ऋतु में) सालिम अली तीन से चार महीने तक प्रतिदिन कई घण्टे तक अकेले बैठे रहते थे और धैर्यपूर्वक. इन पक्षियों के काम को देखते रहते थे। उन्होंने सन् 1930 ई. में अपना अध्ययन पूरा किया और उसके जो नतीजे मिले, उन्हें उजागर कर दिया। इस तरह सालिम अली ने पक्षी-विज्ञान के क्षेत्र में बहुत बड़ी प्रसिद्धि हासिल की।

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